हार्ट के लिए पतंजलि की दवा – 7 सबसे अच्छी दिल की दवा

heart ke liye patanjali ki dawa.

हार्ट के लिए पतंजलि की दवा । heart ke liye patanjali ki dawa. मानव शरीर के आंतरिक अंगों में हृदय सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। यह शरीर के भीतर छाती के मध्य बायीं ओर स्थित होता है। हृदय शरीर के अंदर चारों ओर रक्त का प्रवाह करता है। इसका आकार लगभग एक व्यक्ति की मुट्ठी के बराबर होता है। महिलाओं के हृदय की धड़कन पुरुषों की अपेक्षा तेज होती है। स्वस्थ हृदय एक मिनट में 60 – 90 बार धड़कता है।

स्वस्थ जीवन जीने के लिए ह्रदय का स्वस्थ होना बहुतआवश्यक है । आज की इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में मानव स्वास्थ्य की प्रति लापरवाह होता जा रहा है। आहार की आदतें भी बदलती जा रही हैं, जो स्वास्थ्य के हित में नहीं है। इसके परिणाम स्वरूप दिल की कमजोरी, दिल का दौरा इत्यादि समस्याएं अधिकता से सामने आ रही हैं। व्यक्ति को दिल का दौरा किसी भी उम्र में कभी भी पड़ सकता है, अतः अति आवश्यक है कि हृदय को हमेशा स्वस्थ और सुरक्षित रखा जाए।

व्यक्ति को चाय, कॉफी के अत्याधिक सेवन से बचना चाहिए। फास्ट फूड का सेवन भी सेहत के लिए हानिकारक है। हृदय को स्वस्थ रखने के लिए खाने में अंकुरित अनाज, दलिया, गेहूं, करेला, काली मिर्च, अनार का सेवन अवश्य करना चाहिए ।

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हार्ट का देसी इलाज क्या है ?

ह्रदय रोग के देसी इलाज काफी हद तक कारगर हो सकता है । यह इलाज घर पर रहकर योग, खानपान एवं जड़ी बूटियों के सेवन करके सकते हैं । वही कुछ परहेज भी रखना आवश्यक है । देसी इलाज करने के लिए कुछ जड़ी बूटियों का सेवन करना चाहिए जैसे –

  • ह्रदय रोग के लिए अर्जुन की छाल एक रामबाण औषधि है । जिनके साथ दालचीनी का उपयोग करके काढ़ा बनाकर सेवन कर सकते हैं ।
  • लहसुन दिल को स्वस्थ रखने में एक कारगर औषधि है । इनका उपयोग सब्जियों में किया जाता है । कच्चे लहसुन की कलियों ( Lahsun ke fayde ) का भी सेवन कर सकते हैं ।
  • इसी प्रकार मुक्ता वटी भी ह्रदय रोग की उपयोगी औषधि है ।
  • गाजर का जूस हार्ट को सेहतमंद रखने में रामबाण दवा है । इनका उपयोग शहद के साथ करने लो बीपी ( Low BP ) की समस्या खत्म होती हैं । वही केवल गाजर का जूस पीने से उच्च रक्तचाप से राहत मिलती है । साथ ही साथ दिल को भी स्वस्थ एवं मजबूती देता है ।
  • इसी पर सर्पगंधा भी हार्ट के लिए उपयोगी होता है । इनके पाउडर को नियमित रूप से सेवन कर सकते है ।
  • इसी प्रकार तले भुने चीज़ों एवं फ़ास्ट फ़ूड, जंक फूड खाने से परहेज़ करे ।

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हार्ट के लिए पतंजलि की दवा । Heart ke liye patanjali ki dawa.

आज पतंजलि आयुर्वेद में अनेक प्रकार की दवाएं हैं जो दिल ( Heart ) को स्वस्थ रखने के लिए काफी कारगर सिद्ध हो रही हैं। यह ह्रदय रोग में भी लाभकारी हैं – तो आइए जानते है – दिल के लिए पतंजलि की दवा ।

पतंजली दिव्य हृदयामृत वटी एक्स्ट्रा पावर । Patanjali Divya Hridyamrit Vati Extra Power.

यह पतंजलि आयुर्वेद की दिल के लिए एक महत्वपूर्ण दवा है । जिसका उपयोग हृदय रोग के इलाज के लिए किया जाता है। इस दवा में मुख्य रुप से अर्जुन, निर्गुंडी, पुनर्नवा, मुक्ताशुक्ति भस्म, मकोय, मोहरा भस्म इत्यादि का प्रयोग होता है।

सेवन – यह वटी खाने के बाद दूध के साथ दिन में 2 बार सेवन करना चाहिए। यह सभी प्रकार के हृदय रोगों में उपयोगी है। यह रक्त में मौजूद कोलेस्ट्रोल के स्तर को नियंत्रित रखती है। दिल को मजबूत बनाती है। हृदय की सूजन को भी कम करके स्वस्थ रखती है। अंदरूनी विकार पदार्थों की सफाई भी करती है। इन दवाओं को सीधे प्रकाश में नहीं रखना चाहिए। सदा सूखे व स्वच्छ स्थानों पर रखना चाहिए।

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हार्ट के लिए पतंजलि की दवा – दिव्य अर्जुनारिष्ट । Patanjali Divya Arjunarishta.

यह सबसे अच्छी दिल की दवा ( Dil ki dawa. ) है । इसमें उपस्थित आयुर्वेदिक घटक जैसे अंगूर, गुड़, धवई फूल, अर्जुन, महुआ आदि जो हार्ट को सेहतमंद रखने में कारगर है । यह दवा ह्रदय रोग के अलावा ब्लड प्रेशर एवं मंद नाड़ी जैसे प्रॉब्लम के लिए कारगर है ।

इनका सेवन नियमित रूप से सुबह शाम 20 से 24ml तक कर सकते हैं । या वैध की सलाह के अनुसार उपयोग कर सकते हैं । इनका कोई साइड इफेक्ट्स नहीं है फिर भी योग्य डॉक्टर/वैध की सलाह अंतिम समझे ।

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हार्ट के लिए पतंजलि की दवा – अर्जुन क्वाथ । Patanjali Divya Arjun Kwath.

यह सबसे अच्छी दिल के लिए पतंजलि की दवा है । इनका उपयोग ह्रदय रोग एवं उच्च रक्तचाप के लिए किया जाता है । यह अर्जुन की छाल से निर्मित होता है जो तनाव कम करने के साथ साथ ह्रदय की रक्तवाहिनियों में रक्त संचार को बेहतर बनाने में कारगर है । यह दवा रक्त में लिपिड की मात्रा को कम करते हैं जिसे कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिलती है ।

इस दवा का सेवन 10g भोजन करने के उपरांत सेवन करें । इसे सेवन करने की अवधि रोग ठीक होने तक या वैध की सलाह के अनुसार करें । इनका कोई साइड इफेक्ट्स नहीं है फिर भी अनुशासित खुराक सेवन करें ।

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हार्ट के लिए आयुर्वेदिक दवा । Heart ke liye Ayurvedic dawa.

नसों में ब्लॉकेज से हृदय संबंधी समस्या उत्पन्न होती है, जिनकी वजह से ही हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। सीने में दर्द, पीठ व पेट में दर्द, सांस फूलना, ज्यादा पसीना आना भी दिल की कमजोरी के लक्षण होते हैं। हार्ट को मजबूत एवं स्वस्थ रखने के लिए भी कुछ आयुर्वेदिक दवाएं हैं जो काफी कारगर सिद्ध होती हैं जैसे –

  • हृद्यामृत गोली – इसे खाने के बाद सुबह-शाम दो-दो गोली के रूप में प्रयोग करना चाहिए। ध्यान रहे इसे खाने के बाद ही उपयोग करें । इससे हार्ट के ब्लॉकेज दूर होते हैं।
  • मुक्तावटी – मुक्तावटी की दो गोली को खाली पेट खाने से भी बीपी कंट्रोल होता है। हृदय भी स्वस्थ रहता है।
  • मेघावटी – इस गोली को भी सुबह शाम खाने के बाद २-२ की मात्रा में लेने से स्वास्थ्य लाभ होता है।
  • अश्वगंधा गोली –  इसकी एक – एक गोली सुबह – शाम प्रयोग करने से हृदय रोग में काफी आराम मिलता है। हार्ट को मजबूत एवं स्वस्थ रखने के लिए कुछ अन्य उपाय हैं जो मुख्य रूप से खानपान से संबंधित है।
    बादाम की गिरी का उपयोग अवश्य करें इससे ह्रदय बहुत मजबूत होता है।
  • अलसी का प्रयोग भी दिल को स्वस्थ रखता है।
  • सेब का जूस, आंवले का रस का सेवन भी हृदय रोग में बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा हल्दी, दालचीनी, नींबू, अनार, तुलसी, अलसी, लौकी, इलायची का उपयोग भी करना चाहिए।
  • हरड़ के उपयोग से गैस नहीं बनती है।
  • शहद दिल को मजबूत बनाती है।

आयुर्वेद इलाज के लिए बनाये काढ़ा | Heart ke liye kadha.

हृदय रोगों में आराम पाने के लिए आयुर्वेद के इलाज में काढ़ा भी बहुत उपयोगी सिद्ध होता है। अर्जुन की छाल 5 ग्राम दालचीनी 2 ग्राम को 400 ग्राम पानी में डालकर उबालें जब तक यह पानी 100 ग्राम न रह जाये। फिर दूध के साथ मिलाकर सेवन करें। इससे हृदय सेहतमंद होता है ।

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हार्ट के लिए योग | heart ke liye yoga.

मोटापा, खानपान एवं तनाव का भी हमारे हृदय पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है । योग के द्वारा भी हम दिल को स्वस्थ और सुरक्षित रख सकते हैं। योग से श्वसन प्रणाली अच्छी होती है, शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन भी मिलती है। योग से मानसिक व शारीरिक दोनों स्थितियों पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं, इससे हृदय को भी स्वस्थ रखा जा सकता है और इसके लिए कई आसन उपयोगी सिद्ध होते हैं-

  • भुजंगासन – इससे हृदय स्वस्थ होता है। वजन भी तेजी से कम होता है।
  • ताड़ासन – यह आसन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखकर हृदय गति को ठीक रखता है । दिल की बीमारी वाले मरीजों के लिए यह एक उपयुक्त आसन है।
  • वृक्षासन – इस आसन के करने से भी हृदय गति एवं ब्लड प्रेशर में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है।
    इसके अतिरिक्त वीरभद्रासन, उत्कटासन भी उपयुक्त माने गए हैं। एक अन्य प्राणायाम में हम सांस को अंदर बाहर करके भी हृदय को मजबूत रख सकते हैं।

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हार्ट के लिए एक्सरसाइज | Heart ke excersize.

दिल को स्वस्थ रखने के लिए कई प्रकार की एक्सरसाइज भी कारगर सिद्ध होती हैं, किंतु यह भी उचित स्थिति, उचित मार्गदर्शन में करनी चाहिए। क्योंकि आजकल फिट लोगों को भी दिल का दौरा पड़ रहा है। इन एक्सरसाइज में जागिंग, ट्रेडमिल पर चलना, साइक्लिंग इत्यादि उपयुक्त मानी जाती हैं। रोज सुबह शाम कुछ देर तेजी से चलना भी दिल के लिए फायदेमंद होता है।

अंतिम शब्द – आज अनियमित दिनचर्या एवं उचित खानपान के अभाव से मानव के स्वास्थ्य पर खराब असर पड़ रहा है, जिसके काफी दुष्परिणाम देखने को मिल रहे हैं और जिस में मुख्य रुप से हृदय भी शामिल है। आज सबसे अधिक दुष्प्रभाव मानव के हृदय पर ही देखने को मिल रहा है जिसमें महिलाएं, पुरुष, बच्चे सब शामिल हैं। ऊपर लिखित हार्ट के लिए पतंजलि की दवा, आयुर्वेदिक दवाओं, उचित खानपान एवं योग के द्वारा अपने हृदय को स्वस्थ एवं सुरक्षित रख सकते हैं तथा कई बीमारियों से और हृदय रोगों से दूर रह सकते हैं

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