सफेद दाग की क्रीम पतंजलि । अव्यवस्थित खानपान के कारण अनेको प्रॉब्लम हो जाती हैं । मे से सफेद दाग (Leukoderma) एक है । यह स्किन से संबंधित रोग है जिसमे त्वचा के किसी भाग मे सफेद दाग उत्पन्न हो जाते है। यह दाग सामान्यतः हाथ, पाव और चेहरे को प्रभावित करते है, हालांकि सफेद दाग त्वचा के किसी भी स्थल पर हो सकते है।
सफेद दाग एक त्वचा मे होने वाला रोग है, जो शरीर की त्वचा मे सफेद दाग और धब्बे पैदा करता है । सफेद दाग शरीर की किसी भी स्थल मे उत्पन्न हो सकते है। सफेद दाग एक ऑटो- इम्यून रोग है। जिस मे हमारा इम्यून सिस्टम हमारे शरीर मे मेलानोसाइटस कोशिकाओं को खत्म करने लगता है। तो बॉडी को सामान्य रुप से प्रभावित करता है। शुरुआती तौर पर सफेद दाग छोटे-छोटे शरीर के अन्य हिस्सो मे वक्त के साथ फैलते है।
पढ़े – धातु रोग की आयुर्वेदिक दवा पतंजलि – वीर्य पतलेपन की दवा
सफ़ेद दाग़ होने के कारण
जब हमारा शरीर प्रचुर मात्रा मे मेलानिन का उत्पादन नही करता है। तो त्वचा मे सफेद दाग होने के मुख्य कारण निम्न लिखित है। इनका प्रमुख कारण इस प्रकार है –
* विटामिन डी की कमी
* मेलानिन की कमी
* जेनेटिक और अनुवांशिक
* सोरा़यसिस
* अलसर या सफेद आदि ।
इनके अलावा दूध के साथ नमकीन चीज़ो का सेवन करने से भी सफ़ेद दाग़ जैसी प्रॉब्लम हो सकती हैं । इसलिए खानपान का विशेष ध्यान रखें ।
पढ़े – फोड़ा फुंसी सुखाने की टेबलेट, दवा, cream एव घरेलु उपाय
सफेद दाग की क्रीम पतंजलि –
सफेद दाग जिसे श्विन भी कहा जाता है और इसे इंग्लिश मे ल्यूकोडर्मा अथवा विटिलिगो के नाम से भी जाता है । ल्यूकोडर्मा किसी भी इंसान के लिये एक चिंताजनक स्थिति होती है। जो कि पिडीत व्यक्ति के त्वचा के साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है।
ल्यूकोडर्मा के लिये प्रत्येक चिकित्सा पद्धति मे ट्रीटमेंट के रूप मे दवा उपलब्ध है चाहे वो आयुर्वेदिक हो या एलोपेथिक हो । इन दवाई़यो का सेवन किस प्रकार से किया जाता है । इसके इस्तेमाल के दौरान कोनसी सावधानियां रखनी चाहिये ।
पढ़े – लिंग बढ़ाने की आयुर्वेदिक oil, tablet एव देसी दवा
पतंजलि दिव्य कायाकल्प वटी – सफेद दाग की क्रीम पतंजलि
मौसम बदलने पर या मानसून सीजन मे त्वचा से जुडी बी मारिया काफी बढ जाती है । आमतौर पर बढते प्रदूषण और गलत खानपान की कारण त्वचा की चमक धीरे धीरे खत्म होने लगती है।
पतंजलि दिव्य कायाकल्प वटी उत्पाद पतंजलि आयुर्वेद द्वारा निर्मित एक आयुर्वेदिक दवा है जो टेबलेट के रुप मे मिलती है। यह दवा त्वचा से जुडी समस्याओं के इलाज मे काफी उपयोगी है । इसका उपयोग पुरुष और महिलाये दोनो कर सकते है।
कायाकल्प लेप – इस दवा का स्किन पर लेप भी किया जा सकता है । इनके लिए गौमूत्र, मुल्तानी मिट्टी, हल्दी, एलोवरा, नीम व अपमार्ग का लेप तैयार करके स्किन पर लगाया जाता है । हा यह आवश्यक हैं इनका लेप कम से कम एक महीना तक योग्य बैध की सलाह से करें ।
दिव्य बकुची चूर्ण – सफेद दाग की क्रीम पतंजलि
यह एक ऐसा चूर्ण है जो स्किन पर होने वाले सभी विकारो को दूर करने मे कारगर है । यह सफ़ेद दाग़ की प्रॉब्लम दूर करने के साथ साथ रक्त शोधक भी है । इसमे उपस्थित प्राकृतिक तत्व स्किन पर होने वाले नुकसान को भी कंट्रोल करता है । इनका मुख्य घटक बाक़ूची है जो सोरायसिस, कुष्ठ रोग, चर्म रोग के ट्रीटमेंट के लिए लाभकारी है ।
यह एक बहुत ही शक्तिशाली बिज़ है जो समस्त स्किन विकारो एव संक्रमण से बचाता है । यह एंटीऑक्सीडेंट्स और फ्री रेडिकल्स के असंतुलन को संतुलित करने का कार्य करता है । यह चोट व सूजन को भी कम करता है । इनका उपयोग योग्य वैध की सलाह से करें । इनका कोई साइड इफ़ेक्ट नही है फिर जी मिचलना व हल्की मतली हो सकती है ।
सफेद दाग की दवा पतंजलि दिव्य गिलोय सत (Divya Giloy Sat) –
गिलोय एक ऐसा औषधिय पौधा है जो हमारी बॉडी मे होने वाली गड़बड़ी को रोकने मे मदद करती हैं । इसमे एंटी ऑक्सीडेंट्स नामक तत्व प्रचूर मात्रा में पाया जाता है । जो विभिन्न प्रकार के संक्रमण को रोकने मे कारगर है । यह रक्त शोधक होने के साथ साथ एंटी संक्रमण भी है । इनका उपयोग कुष्ठ रोग, चर्म रोग, सफ़ेद दाग़ को रोकने के लिए उपयोगी है ।
इनका उपयोग करने के लिए गिलोय की टाली को तोड़कर उसे पानी मे रातभर भींगोकर रखें । ध्यान रखे कि पानी केवल उतना ही डाले जितना भींग सके । सुबह उस टाली को बाहर निकालकर धूप मे सुखा दे । अब उनका पॉवडर बनाकर सेवन कर सकते हैं । या पतंजलि से खरीद सकते हैं ।
दिव्य मेलानोग्रिट टेबलेट – सफेद दाग की टेबलेट पतंजलि
पतंजलि मेलानोग्रिट पतंजलि दिव्य फार्मेसी उत्पाद है जोकि गोलियाे के रुप मे आता है। इस मे बकूची खदीर, मजिष्ट जैसी औषधीया सम्मिलित होती है जो सफेद दाग के उपचार मे बेहद लाभकारी और सहायक होती है तथा सफेद दाग के उपचार हेतू इसका इस्तेमाल किया जाता है।
उपयोग कैसे करे – इनका उपयोग अक्सर सफ़ेद दाग़, चर्म रोग के लिए किया जाता है । मेलानोग्रिट का लाभ लेने के लिये इसकी 2- 2 गोलियाँ सुबह शाम भोजन के बाद सामान्य जल के साथ करे। ध्यान रखे की इनका उपयोग योग्य वैध की सलाह से करे । गर्भवती महिलाओ एव बच्चो से दूर रखे ।
पढ़े – पतंजलि सोरायसिस की दवा । छालरोग की 5 आयुर्वेदिक क्रीम
कैशोर गुग्गुल – सफेद दाग की टेबलेट पतंजलि –
यह टेबलेट सफेद दाग की प्रॉब्लम से निजात पाने के लिए लाभकारी मानी जाती हैं । यह टेबलेट ल्यूकोडर्मा के अलावा कैशोर गुग्गुल अन्य त्वचा संबंधी समस्याओं मे भी लाभकारी होती है। इनका उपयोग घाव, खांसी, घुटनो का दर्द, कोढ, सफ़ेद दाग़ जैसे रोगो के लिए बहुत उपयोगी है ।
उपयोग कैसे करे – कैशोर गुग्गुल का लाभ लेने के लिये इसकी 2-2 गोलियाँ सुबह शाम भोजन के बाद सामान्य जल के साथ लिजिये। हमारे रिसर्च के अनुसार दिव्य कैशोर गुग्गुल सफ़ेद दाग़ के लिए उपयोगी है । इनके अलावा आप योग्य वैध की सलाह से सेवन करें ।
सफेद दाग किस विटामिन की कमी से होता है ?
त्वचा पर सफेद दाग होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं । मगर विटामिन की कमी भी एक बड़ा कारण है । हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार जब शरीर मे vit B 12 की कमी हो जाती है। जी इस विटामिन का कार्य न केवल मूड को बेहतर करना होता है बल्कि यह शरीर मे रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन मे भी मददगार साबित होती है । ऐसे में यदि शरीर में इस Vitamin की कमी हो जाये तो मूड स्विंग्स होने लगते है। साथ ही सफेद दाग की समस्या भी हो जाती है ।
पढ़े – शुक्राणु बढ़ाने की अंग्रेजी दवा कैप्सूल – स्पर्म बढ़ाने की मेडिसिन
सफ़ेद दाग़ रामबाण इलाज घरेलु –
सफ़ेद दाग़ जैसी स्किन संबंधी प्रॉब्लम को दूर करने के लिए कुछ घरेलु रामबाण इलाज भी है । जिससे आप घर पर रहकर भी कर सकते हैं । ध्यान रखे इनका उपयोग सही तरीके से करें –
- हल्दी और सरसो का तेल – हल्दी और सरसो का तेल को मिलाकर बनाया गया मिश्रण दाग वाली जगह लगाने से दाग कम होने लगता है। इस के लिये आप एक चमच हल्दी पावडर ले। अब इसे 2 चम्मच सरसो के तेल मे मिलाये अब इस पेस्ट को सफेद चकतोवाली जगह पर लगाये और 15 मिनट तक रखने के बाद उस जगह को गुनगुने पानी से धोले। ऐसा दिन मे 3-4 बार करे।
- गोमुत्र अर्क – सफ़ेद दाग़ जैसी प्रॉब्लम दूर करने के लिए गौमूत्र भी एक उपयोगी है । इनका रोजाना सुबह सुबह खाली पेट सेवन करना फायदेमंद है । इनके अलावा तुलसी, अदरक एव नारियल तेल भी सफ़ेद दाग़ के लिए बहुत ही कारगर औषधिया है । इनका उपयोग भी फायदेमंद है ।
- प्राणायाम – योग करना सेहत के लाभकारी होता है । लेकिन कपालभाती सफ़ेद दाग़ के लिए उपयोगी हो सकता हैं ।
अंतिम शब्द – इस रोग की प्रारंभिक अवस्था मे इलाज करवाने से रोग को बढने से रोका जा सकता है। वही नीम और गिलोय, खाली पेट कायाकल्प वटी का सेवन करे। इनके अलावा खानपान का भी ध्यान रखे । जैसे स्किन एलर्जी वाले पदार्थो का सेवन न करें । दूध के साथ नमकीन चीज़ो का सेवन न करें । इनके अलावा योग्य डॉक्टर से अवश्य परामर्श करें ।