
Ovulation in hindi. मातृत्व प्रत्येक महिला का अधिकार है। दांपत्य जीवन को पूर्णता प्रदान करता है संतानोत्पत्ति | मां बनने का सुखद एहसास हर महिला चाहती है, किंतु वर्तमान परिस्थितियों में जहां कैरियर सर्वोपरि हो गया है। महिला उम्र के एक मोड़ तक उसी में लगी रह जाती है।
जब वह संतान के लिए प्रयास करती है तो कुछ जानकारियां आवश्यक हो जाती है ताकि वह शीघ्र संतान सुख प्राप्त कर सके। ओवुलेशन इस पूरी प्रक्रिया का प्रथम चरण है जहां से गर्भ धारण की प्रक्रिया शुरू होती हैं तो चलिए जानते है – Ovulation in hindi.
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क्या है ओवुलेशन | what is ovulation in hindi.
किसी स्त्री के गर्भाशय से अंडा परिपक्व होकर बाहर आने का संपूर्ण चक्र ओवुलेशन कहलाता है। यह चक्र प्रत्येक माह चलता है। स्त्री शरीर में परिपक्व अंडा पुरुष वीर्य से संपर्क से ही गर्भधारण होता है।
प्रत्येक माह मासिक धर्म के पश्चात कि कुछ दिन जब स्त्री शरीर सबसे ज्यादा उपयुक्त होता है गर्भधारण के लिए। इस चक्र को ध्यान में रखकर संसर्ग करने से गर्भ धारण आसानी से किया जा सकता है एवं इस आसानी से बचा भी जा सकता है ।
ओवुलेशन का हिंदी अर्थ | ovulation kya hai.
स्त्री के अंडाशय से अंडे का परिपक्व होकर बाहर आने का चक्र आवुलेशन कहलाता है । स्त्री के शरीर में परिपक्व अंडे का पुरुष वीर्य से मिलकर ही गर्भधारण प्रक्रिया होती है।
क्या है ओवुलेशन पीरियड | ovulation period in hindi.
गर्भधारण करने के लिए अपने मासिक चक्र को समझना आवश्यक है। यह प्रत्येक स्त्री में थोड़ा बहुत ऊपर नीचे होता है। सामान्यतः यह 25 से 30 दिन के मध्य होता है। ओवुलेशन का सर्वाधिक उपयोगी समय मासिक चक्र के 9 दिन से 18 दिन के मध्य होता है ।
इन दिनों गर्भधारण की संभावना अधिक होती है। गर्भधारण करने के लिए इन दिनों में किया गया प्रयास सर्वाधिक फलदायी होता है।
ओवुलेशन के संकेत | sings of ovulation in hindi.
अब हम जानते हैं उन प्रमुख संकेतों के बारे में जिन्हें जानकर हम ओवुलेशन चक्र को समझ सकते हैं ।
● पेड़ू में मामूली दर्द महसूस होना एवं ऐंठन होना।
● श्रौणी क्षेत्र में भारीपन आना ।
● शरीर के तापमान में वृद्धि होना ।
● सफेेद पारदर्शी स्त्राव होना ।
● एलएच हार्मोन का बढ़ जाना ।
● स्तनों का मुलायम हो जाना ।
ओवुलेशन में कमर दर्द | Pain in ovulation in hindi.
मासिक चक्र के बीच के दिनों में अर्थात मासिक धर्म से 15 -16 दिन पहले यह दर्द होता है । जब अंडाशय में से मासिक चक्र के रूप में अंडा बाहर आता है । यह दर्द मासिक चक्र का ही एक अतिरिक्त परिणाम है।

ओवुलेशन दर्द के लक्षण | ovulation pain ke lakshan in hindi.
ओवुलेशन दर्द में शरीर में कुछ भारीपन, सुस्ती, ऐंठन, तेज और मध्यम दर्द की लहर महसूस होती है । यह दर्द कुछ मिनट से लेकर कुछ घंटों तक असर रख सकता है। बहुत कम में यह एक या दो दिन तक असर भी रह सकता है।
ओवुलेशन प्रेडिक्टर किट | ovulation OPK kit in hindi
ओपीके मतलब ओवुलेशन प्रिडिक्टर किट यह सुविधा प्रदान करता है कि स्त्री आसानी से अपनी ओवुलेशन स्थिति पर नजर रख सकती है । यह किट बढ़े हुए एलएच हार्मोन की स्थिति को दर्शाता है। जिससे गर्भधारण की संभावना बढ़ती है ।
प्रत्येक किट को उपयोग करने का तरीका थोड़ा बहुत भिन्न हो सकता है ।
किंतु सामान्यतः दिन के मध्य के समय अर्थात उठने की कम से कम 2 घंटे पश्चात का पेशाब लेकर उसका उपयोग टेस्ट के लिए किया जा सकता है।
किसी साफ कंटेनर में पेशाब लेकर उसमें किट का स्ट्रिप 1 से 2 मिनट सीधा रखकर उसका नतीजा देख सकते हैं। उसमें उभरती दो लाइन बढ़े हुए एलएच हार्मोन को दर्शाती है । अर्थात ओवुलेशन का सही समय है।
2 से 3 दिन तक लगातार ओवुलेशन पर नजर रखकर प्रयास किया जा सकता है। इस टेस्ट को करने से पहले तीन से चार घंटे तक कम मात्रा में तरल पदार्थ लेना चाहिए । तरल से हारमोंस डाइल्यूट हो जाते हैं और नतीजा सही नहीं आता है।
मासिक धर्म के कितने दिन बाद ओवुलेशन होता हैं ? Period ke kitne din baad ovulation hota hai.
महिलाओं पीरियड्स आना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है । उसी प्रकार ओवुलेशन भी एक प्रक्रिया है जो महिला को माँ बनने का सपना पूरा करता है । जो आमतौर पर पीरियड्स के 15वे दिन से होता है । यानी कि अगले पीरियड से 14 दिन पहले होता है ।
हालांकि हर महिला में ओवुलेशन की प्रक्रिया अलग अलग होती है । जैसे 35 वर्ष तक की महिलाओं में पीरियड के 10 से 19 दिन तक का होता है । यहाँ यह बात ध्यान रखने योग्य है कि ओवुलेशन की प्रक्रिया पूरी तरह से पीरियड्स पर निर्भर करती है ।
ओवुलेशन के पश्चात गर्भधारण | After ovulation pregnancy.
यह पता करने के लिए कि ओवुलेशन का सही समय है । गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है । अंडे के फर्टिलाइज होने का सही समय 24 घंटे के भीतर होता है। उसके पश्चात यह धीरे-धीरे अपना असर होने लगते हैं ।
वही यह वो समय है जिसमें महिलाओं में सेक्स उत्तेजना भी बहुत अधिक पाई जाती हैं । यह वो समय है जिसमे महिला गर्भवती होने के चांस बहुत ज्यादा होते है ।
ओवुलेशन में क्या खाना चाहिए | ovulation diet in hindi.
● ज्यादा पानी पीने से अनेक फायदे हैं हम सभी जानते हैं। यह हमारे शरीर को भीतर से मजबूत करता है शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और तरलता से प्रजनन क्षमता भी बढ़ती है ।
● विटामिन सी से भरपूर आहार भी ओवुलेशन में मदद करते हैं और प्राकृतिक पोषण से प्रजनन अंगों की क्षमता में वृद्धि होती है।
● दूध और दूध से बने भोज्य पदार्थों को भोजन में शामिल करके हम ओवुलेशन को बढ़ा सकते हैं।
● बादाम अखरोट आदि ओमेगा 3, फैटी एसिड से भरे होते हैं। यह शरीर के लिए इस समय आवश्यक तत्व होते हैं।
● हल्दी में प्रजनन क्षमता को बढ़ाने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के गुण होते हैं अतः हल्दी का सेवन भी उपयोगी होता है ।
● लहसुन में सेलेनियम एंजाइम होता है यहां भी गर्भधारण की संभावना को बढ़ाता है ।
● ऑलिव ऑयल में मोनोसैचुरेटेड फैट होता है और यह गर्भधारण के लिए लाभदायक होता है ।
● हरी सब्जियों में आयरन, एंटीऑक्सीडेंट्स, फोलिक एसिड आदि तत्व पाए जाते हैं । ये शरीर को प्राकृतिक रूप से मजबूत बनाते हैं ।
सारांश – ओवुलेशन के पश्चात 24 घंटों में गर्भधारण की प्रबल संभावना होती है। उसे ही ध्यान में रखकर प्लानिंग करनी चाहिए।। भावना शर्मा ।।