स्तनपान ( ब्रैस्टफीडिंग ) के 5 फायदे । Breastfeeding in hindi.

Breastfeeding in hindi.

Breastfeeding in hindi. स्तनपान नवजात शिशु को स्वस्थ रखने का 100% सही तरीका है । माँ के दूध में एंटीबोडीज एवं विटामिन्स होते हैं । माँ का दूध शिशु के लिए पोष्टिक आहार होता है । जो बच्चे को पोषण देने के साथ साथ ही कुपोषण से भी बचाता है ।

WHO के अनुसार हर साल करीब करीब साठ से सत्तर लाख नवजात से 5 वर्ष के बच्चे कालगस्त हो जाते हैं उनमें से 40 से 50 % बच्चे कुपोषण के कारण अपनी जान गवाँ देते हैं । कुपोषण का कारण या तो माँ कुपोषित है या वह अपने बच्चे को ठीक तरफ से स्तनपान नहीं करा पा रही है या फिर वे माँ के दूध से वंचित रह जाते हैं ।

दूसरी तरफ यह भी देखा गया है कि स्तनपान  ( Breastfeeding ) से नवजात से 5 वर्ष के करीब सात से आठ लाख बच्चों को जीवन दान मिलता है । नवजात के जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान कराना बहुत जरूरी होता है । माँ का यह दूध उसे सुरक्षा कवच देता है । उसके बाद करीब 2 वर्ष तक़ स्तनपान कराना चाहिए और धीरे धीरे स्तनपान कम कर कुछ दूसरी पोष्टिक खाद्य पदार्थ भी उसे देना शुरू करना चाहिए ।

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नवजात शिशु को स्तनपान कैसे कराएँ । How to breastfeeding in hindi.

स्तनपान को नवजात के साथ नई माँ को भी सीखना जरूरी होता है । एक नवजात बहुत ही छोटा होता है उसे अच्छे तरीके से फीड करने के कुछ उपाय हैं ।

  • अपने हाथ को कुहनी से मोड़िये । जहाँ हाथ मुड़ रहा है उस जगह अपने नवजात शिशु का सिर रखना है । और उसी हाथ के पंजे से अपने शिशु को सहारा देना है ।
  • माँ ने आलती पालथी मार कर बैठना है। जिस तरफ से स्तनपान करवाना है उस घुटने के नीचे तकिया रखना है ।
  • ब्रेस्ट को खोल कर रखना है और अपने नवजात के मुँह के पास अपनी ब्रेस्ट लें जानी है । हाथ की ऊँगली और अगूठे से दबाकर अपने निपल ओ पकडें । अपने निपल से नवजात के होठों को छुए । ऐसा करने से वह नवजात अपना मुँह खोलेगा । जैसे ही वह मुँह खोले वैसे ही अपने निपल को उसके मुँह में रख दीजिए । और नवजात को उसके सिर से थोड़ा सा ऊपर रखना है ।
  • कभी भी लेट कर अपने बच्चे को स्तनपान न करें क्यूंकि इससे बच्चे को खतरा हो सकता है ।

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तकनीक ऑफ ब्रैस्टफीडिंग । Breastfeeding technique in hindi.

  • स्तनपान कराते समय आपको बच्चे पर झुकना नहीं है बल्कि उसे सहारा देकर अपने स्तन तक़ लाना है ।
  • स्तनपान कराते समय आप जिस तरफ से उसे स्तन पान करा रहीं हैं उसके दूसरे हाथ से नवजात को पकड़ना है ।
  • स्तनपान कराते समय नवजात का पेट और ऊपरी भाग आपसे सटा हुआ हो ।
  • स्तनपान कराते समय नवजात के सिर के नीचे नरम सा तकिया रखें ताकि वह आसानी से आपके स्तन तक़ पहुँच सके ।
  • नवजात को पहले बिस्तर पर लेटा दें । अब आप उसके पास लेटें । अब उसे अपनी तरफ चिपका लें ताकि उसका मुँह आपके स्तन से सटा रहे । आप कुहनी का स्पोर्ट लेकर लेटें ।
  • आप आराम कुर्सी पर लेट जाएँ । नवजात को अपने ऊपर लिटा रखें । अब उसे अपने स्तन तक़ लें आएं ।
  • नवजात को गोद में लिटा दें । अब अपने पास मुलायम रजाई रखें । नवजात का मुँह अपने स्तन से लगाए रखें और बाकी के शरीर को उस रखैल पर रखें ।
  • आप कुर्सी पर बैठ जाएं । अब नवजात को अपने घुटने पर बैठाएं । अब उसे अपने स्तन तक़ लाकर गर्दन को सहारा देकर स्तनपान करवाएं ।

स्तनपान कराने का तरीका । breastfeeding position in hindi.

जब पहली बार आप माँ बनती है तो आपके मन में कई तरह के सवाल होते हैं जैसे नवजात शिशु को स्तनपान कब, कैसे कराये । क्योंकि नवजात शिशु को अच्छे से स्तनपान कराने की सख्त जरूरत होती है । स्तनपान ही शिशु के लिए जीवन अमृत होता है । बेहतर स्तनपान कराने के लिए सही पोजिशन का होना जरूरी है । तो चलिए जानते हैं सही तरीके के बारे में –

  • क्रैडल होल्ड ( Cradle Hold ) – यह नई माताओ के लिए सबसे बेस्ट पोजीशन में से एक है । इस पोजीशन के शिशु को अपनी गोद मे लेकर अपनी बांह को तकिये के रूप में रखकर आँचल में छुपाकर स्तनपान कराया जाता हैं । इसे गोद टू पोजीशन भी कहा जाता है ।
  • क्रॉसओवर होल्ड ( Crossover Hold ) – इस पोजीशन में शिशु को स्तन के विपरीत हाथ पकड़कर स्तन वाले कंधे के सहारे स्तनपान कराया जाता है । दूसरे विपरीत हाथ से बच्चे को सहलाया जा सकता है ।
  • साइड लाइंग पोजीशन ( Side – Lying Position) – इसे एक तरफी पोजीशन कहते है । इनका इस्तेमाल रात्रिकाल में किया जाता है क्योंकि जब आपका शिशु करवट लेकर लेटा हो । इसमें शिशु के पास लेटकर दूध पिला सकते है । ऐसी स्थिति में शिशु के आस पास अन्य सामग्री को दूर हटा दें ।

अगर एक्सपर्ट की माने तो गोद में लेकर स्तनपान कराना शिशु के लिए सबसे बेस्ट हैं । क्योंकि इस पोजीशन में स्तन को भी आसानी से बदला जा सकता जिसे शिशु पर्याप्त मात्रा में दूध की प्राप्ति होती है ।

स्तनपान कराने का महत्व एवं लाभ । Advantage of breastfeeding in hindi.

स्तनपान नवजात के साथ माँ के लिए भी आवश्यक है । यह बच्चे व माँ दोनों के लिए फायदेमंद होता है । माँ का दूध शिशु के लिए अमृत के समान हैं । एक नवजात शिशु के लिए जीवन अमृत हैं जो जीवन भर बीमारियों से लड़ने की क्षमता देता है । वही माँ के लिए भी स्तनपान का बहुत महत्व है । स्तनपान कराने के साथ शिशु के प्रति ममतात्त्व की शुरुआत होती है । स्तनपान से माँ को हेल्दी बनाये रखने में मदद करता है तो चलिए जानते stanpan ke fayde के बारे में –

1. ब्रैस्ट से निकला दूध बच्चे के विकास में मदद करता है l क्यूंकि इसमें प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइडरेट और मिनरल्स की प्रचुर मात्रा पाई जाती है l

2. Breastfeeding से घातक बीमारियों से बचाता है ।

3. यह आसानी से पचनीय होता है ।

4. बच्चे का आईं क्यू लेवल भी इससे बढ़ता है ।

5. यह सभी प्रकार की एलर्जी से भी बचाता है ।

6. ब्रैस्ट फीडिंग माँ बच्चे के बीच एक प्रेम, सदभावना, ममत्व स्थापित करता है ।

7. ये एंटीऑक्सीडन्ट से भरपूर होता है l

8. स्तनपान कान, इन्फेक्शन, फंगल इन्फेक्शन, फेफड़ों के इन्फेक्शन, सर्दी से होने वाले इन्फेक्शन, डायबिटिस, कैंसर जैसी बीमारियों से बचाए रखता है ।

9. बच्चे की प्रतिरक्षा को मज़बूत करता है ।

10. पेट दर्द एवं अन्य परेशानियों से बचता है ।

11. यह नवजात का पूरा संतुलित पोषण आहार होता है ।

12. नवजात और माँ में प्यार और सुरक्षा रुपी बांड को मज़बूत करता है ।

ब्रैस्ट फीडिंग टिप्स इन हिंदी । Tips for Breastfeeding in hindi.

नई माँ को स्तनपान कराते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है ।

1. स्तनपान कराते समय आगे से खुलने वाले कपड़े पहनना चाहिए ।

2. स्तनपान कराते समय ढीले कपड़े पहनना चाहिए ।

3. स्तनपान कराते समय बच्चे को एक बहुत ही महीने कपड़े से ढक लेना चाहिए ।

4. स्तनपान कराते समय यदि माँ आलथी पालथी में बैठ रही है तो माँ नें अपने घुटने के नीचे एक तकिया रख लेना चाहिए ।

5. स्तनपान कराते समय नवजात को सिर और पीठ से सहारा देना चाहिए ।

6. स्तनपान कराते समय अपने घर की बुजुर्ग महिला को पास में बैठा लेना चाहिए ।

7. स्तनपान कराते समय स्त्री ने अपने ब्रैस्ट साफ कर लेना चाहिए ।

8. यदि स्तनपान कराने वाली स्त्री को कीमो दिया हो, वह स्त्री एच आईं वी पॉजिटिव हो, टी. बी की मरीज हो और कोई ड्रग्स लेने वाली हो तो उसे स्तनपान नहीं कराना चाहिए ।

9. फीडिंग हमेशा दोनों ब्रैस्ट से बारी बारी से करवाना चाहिए ।

10. फीडिंग के बाद ब्रैस्ट को थोड़ा हवा लगने देना चाहिए ।

स्तनपान कराते समय कठिनाईयाँ । Stanpan ke nuksan.

स्तनपान कराते समय कई बार कुछ कठिनाईयो का सामना करना पड़ सकता है ।

  • यदि माँ का शरीर पूर्ण तरह स्वस्थ नहीं होने पर उसके स्तन में दूध कम आता है । जिससे बच्चे का पेट भी पूरा नहीं भरता । उसे ऊपर का दूध देना पड़ता है । जिसके कारण उसे कुछ बीमारिया हो सकती हैं ।
  • यदि बच्चे को सही तरीके से स्तनपान नहीं कराया जाता तो निप्पल खुरदरे से हो जाते हैं । और बच्चे को दूध पीने में दिक्क़त होती है । साथ ही माँ के निप्पल में भी दर्द होने लगता है ।
  • कई स्त्रियों के निप्पलस उम्र के साथ पूर्ण रूप से उभर नहीं पाते । इसके कारण बच्चा दूषित नहीं पी पाता ।
  • कई बार फीडिंग करने से ब्रैस्ट में गठान बन जाती है जिससे माँ बच्चे को feed नहीं करवा पाती क्यूंकि माँ को निप्पल सिर्फ छूने भर से दर्द होता है ।
  • एक्पर्ट के अनुसार रोजाना एक स्तन से स्तनपान कराने से माँ व बच्चे को नुकसान होता है । एक तरफ स्तनपान कराने से बच्चे को कान की प्रॉब्लम, एलर्जी की शिकायत हो सकती हैं जबकि माँ का एक स्तन भारी हो सकता है ।
  • अधिक समय तक एक तरफा लेटकर स्तनपान कराने से भी माँ व बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकता है ।

पढे – 2 महीने शिशु की देखभाल कैसे करें । 2 month baby care tips.

ब्रैस्ट फीडिंग को कैसे बंद करें । How to stop Breastfeeding in hindi.

जैसे बच्चा बड़ा होता है तो उसका पेट सिर्फ ब्रैस्ट फीडिंग से नहीं भरता । उसे और भी पोषक पदार्थों कई जरूरत होती है । ब्रैस्ट फीडिंग छुड़ाने के कुछ उपाय हैं ।

  • यदि ब्रैस्ट फीडिंग का समय 45 मिनट का है तो आप 30 मिनट ही करवाएं ।
  • यदि ब्रेस्ट फीडिंग दिन में 6 बार हो रहा है तो उसे 4 बार कर दीजिए ।
  • ब्रैस्ट फीडिंग का समय आने से पहले ही आप बच्चे को किसी सदस्य को सौंप दें ।
  • ब्रैस्ट फीडिंग के समय उसे खिलोने से खेलने दें ।
  • ब्रैस्ट फीडिंग का समय आने से पहले ही बच्चे का पेट भर दें ।

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माँ का दूध बढ़ाने के घरेलू उपाय । Maa ka dudh badhane ke gharelu upay.

प्रेग्नेंसी के बाद विशेष खानपान की आवश्यकता होती है । चूँकि इस खानपान की तब तक जरूरत होती हैं जब तक बच्चा 6 से 8 महीने  का न हो । माँ का दूध बढ़ाने के लिए निम्न उपाय किए जा सकते है –

  1.  8 – 10 बदाम, 8 -10 खजूर को अलग अलग बाउल में रखेल अब इनमें पानी इतना डालें कि ये डूब जाएँ । इन्हें दिनभर ऐसे ही रखना होगा । रात को इनका पानी निकाल लें । सभी बादाम का छिलका निकाल लें । और सभी खजूरों में से गुठलियाँ निकाल लें l अब इन्हें मिलाकर पीस लें । इस पेस्ट को एक गिलास दूध में डालकर एक उबाली लें । थोड़ा गुण गुनगुना होने पर रात में खजूर पीने से शरीर का प्रोलेक्टिन हार्मोन बढ़ जाता है । बादाम कैल्सियम और प्रोटीन का भंडार होता है । ये दोनों माँ के दूध को बढ़ाने में सहायक होते है ।
  2. मेथीदाना खाने से भी माँ को दूध आता है । पढ़े – मेथी खाने के फायदे । Methi ke fayde nuksan.
  3. ओट्स भी माँ के दूध को बढ़ाने में मदद करता है ।
  4. नवजात शिशु कि माँ को प्रचुर वमात्र में पानी पीना चाहिए ।
  5. आधा चम्मच भुना जीरे का पाउडर को आधे गिलास पानी के साथ पीने से भी फायदा होता है ।
  6. सुबह उठते ही ब्रश से पहले एक कली लहसुन को एक गिलास पानी के साथ निगलने से भी माँ को दूध ज्यादा आता है ।
  7. तिल और सोंफ को एक प्रमाण में लें । दोनों को अलग अलग थोड़ा भून लें । ठंडा होने पर मिलाकर पाउडर बना लें और सुबह शाम खाना खाने के बाद खाएं ।
  8. एक मुठ्ठी ड्राइफ्रूट्स रोज खाएं ।। मंजिरी ‘निधि’ ।।
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