बच्चों के बोलने की होम्योपैथिक दवा एव उपचार

bachcho ke bolane ki homeopathic dawa.

बच्चों के बोलने की होम्योपैथिक दवा । छोटे बच्चों के speech में देरी सबसे सामान्य प्रकार की शारीरिक व मानसिक विकास की प्रॉब्लम है। बच्चा अन्य लोगों पर ध्यान नहीं दे रहा है और न हीं उनके सवालों का जवाब देना आदि संभवत बोलने मे देरी की पहली चेतावनियों में से एक है । स्पीच में देरी के मामलों में, सुनवाई परीक्षण आयोजित करना इस कड़ी पहला कदम है । वर्तमान होम्योपैथी अच्छी तरह से उन्नत और अत्यधिक सफल विज्ञान है । छोटे बच्चों के इलाज में विशेष रूप से उपयोगी है, जो कि देरी के लिए आशाजनक परिणाम देने के लिए जाना जाता है ।

छोटे बच्चों का देरी से बोलना, तुतलाना, हकलाना या साफ न बोलना एक आम प्रॉब्लम हैं । जो जीभ व तालु मे अटकाव के कारण होता हैं । एक्सपर्ट का मानना है कि कुछ बच्चे देरी से बोलने का कारण अनुवशिकता भी हो सकता है । कुछ बच्चे जन्मजात गूंगे होते है । जिन्हे दवाओं एव स्पीच थेरेपी से ठीक किया जा सकता हैं ।

एक बच्चे को बोलने में देरी के लिए Homyopethic उपचार के रूप मे मार्केट मे अनेको दवाएं उपलब्ध है । जो कि सुरक्षित मानी जाती है । छोटे बच्चों मे बोलने में देरी के लिए होम्योपैथी दवा को अपनाने का मुख्य लाभ यह है कि यह किसी भी विषाक्त दुष्प्रभाव से मुक्त है । तो चलिए जानते हैं – साफ बोलने की दवाओं के बारे में  –

बच्चो को बोलने में देरी के कारण –

छोटे बच्चों के बोलने मे देरी के कारणों की बात करें तो सुनने की समस्याएं, जीभ या तालू के साथ कठिनाइयाँ, एक छोटी फ्रेनुलम, सेरेब्रल पाल्सी और सीखने की अक्षमताएं शामिल हैं । बोलने में देरी के पीछे मौखिक मोटर की शिथिलता एक और कारण भी है । मौखिक मोटर शिथिलता मस्तिष्क क्षेत्रों में अक्षम संचार को संदर्भित करती है जो गूंगे के लिए जिम्मेदार हैं, आत्मकेंद्रित स्पेक्ट्रम विकार जैसे विकास संबंधी विकारों का एक हिस्सा हो सकता है ।

हालांकि, बच्चों में बोलने में देरी के कई मामलों में, सटीक कारण की पहचान करना संभव नहीं है । इनके के लिए होम्योपैथिक व आयुर्वेदिक उपचार सुरक्षित, प्राकृतिक और बिना किसी दुष्प्रभाव के बहुत प्रभावी साबित हुआ है ।

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बच्चों के बोलने की होम्योपैथिक दवा एव उपचार –

Homeopathic दवा बच्चों के स्पीच के लिए एक असरदार इलाज है। इसमें सबसे अधिक उपयोगी दवाएं अनुसंधान व अनुभव के आधार पर तय की गई हैं। बच्चों के बोलने को बढ़ाने के लिए उनमें उत्तेजना पैदा करने वाली होम्योपैथी दवाएं हैं। यहां बहुत सी दवाओं का उल्लेख किया गया है ।

एक्सपर्ट के अनुसार यहां यह तय करने की आवश्यकता है कि स्पीच में देरी के लिए कौन सी होम्योपेथी दवा बेस्ट है ? साथ ही बच्चे को सूट करता है । इनके लिए बच्चे के बारे में गहन अध्ययन की आवश्यकता है । साथ ही बच्चे की पारिवारिक इतिहास यानी अनुवशिकता के बारे में जानना होगा । इन सब जानकारी के लिए सबसे पहले योग्य डॉक्टर से सम्पर्क करना आवश्यक समझे । यहां हम कुछ होम्योपेथी मेडिसिन के बारे में बता रहे है जो आपके लिए उपयोगी हो सकती हैं –

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Baryta carb ( बैरिटा कार्ब ) – बच्चों के बोलने की होम्योपैथिक दवा –

यह होम्योपेथी की सबसे बेस्ट दवाओं मे से एक है । जो गूंगापन, हकलाना, तुतलाना एव साफ बोलने के लिए बहुत ही उपयोगी है । वही अति शांत और शर्मीले बच्चों के लिए इस दवा का उपयोग किया जाता है। मूक विद्रोही और अति मुखर होने वाले बच्चों के लिए भी यह उपयोगी होता है।

इस दवा को लेने से बच्चों का सामान्य ज्ञान बढ़ता है और वे समाज में भलीभांति घुल मिल जाते हैं । इस दवा का कोई दुष्प्रभाव नही है मगर योग्य डॉक्टर की सलाह से अनुशासित खुराक का सेवन करें ।

Calcarea carb ( कैल्केरिया कार्ब ) – बच्चों के बोलने की होम्योपैथिक दवा –

यह दवा बच्चों के मानसिक विकास के लिए जानी जाती है । इस दवा का सेवन करने से बच्चों की समझ विकसित होती हैं । जिससे बोलने मे आसानी होती है । साथ ही साथ साफ बोलने के लिए प्रेरित करती है ।

यह दवा बालकों को अधिक अस्त-व्यस्त करने वाली जो के फर्श में गोड़ों का शोध करते हैं ऐसे बच्चों के लिए बड़ी मदद करती है। इस दवा को लेने से उन्हें बड़ी अवधारणाएं समझ में आने लगती हैं और वे सोच के साथ बोलना सीखते हैं।

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Silicea ( सिलिसिया ) – बोलने की दवा Homeopathic.

यह होम्योपेथी की एक ऐसी दवा हैं जो बच्चे के दिमाग़ व समझ का विकास करती है । यह बच्चों के तेज दिमाग को ठंडा करने वाली दवा है। इसे लेने से बच्चों के उत्साह व उत्तेजना भर देने का असर होता है। इस दवा को लेने से बच्चों का बोलना सुधारता है।

इस दवा का सेवन से करने से बच्चे का गूंगापन, हकलाना, तुतलाना, साफ बोलने मे मदद मिलती हैं । वही मुक बाधिरता से भी राहत मिलती हैं । इस का साइड इफ़ेक्ट न के बराबर है फिर भी योग्य डॉक्टर की सलाह से सेवन करें ।

Lycopodium ( लिकपोडियम ) – साफ बोलने की दवा –

इस दवा का उपयोग उन बच्चों के लिए किया जाता है जो बोलने से डरते हैं। इस दवा को लेने से उनका अधिकतर भय दूर हो जाता है और वे शुद्ध वाक्य बोलना सीखते हैं। इनके अलावा बोलने के विकास के करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाली अन्य होम्योपैथिक दवा में एगारिकस मस्कैरियस, कैल्केरिया फॉस, नैट्रम मुर शामिल हैं । भाषण में देरी के लिए ट्यूबरकुलिनम बोरिनम प्रत्येक होम्योपैथिक दवा में कुछ अद्वितीय गुण होते हैं ।

उपयोग विधि – औषधि को उचित माता में उपयोग करने से पहले एक होम्योपैथिक डॉक्टर से परामर्श लेना अनिवार्य है। अधिकतम दवा मात्रा और उपयोगांक सभी दृष्टिकोणों से नियंत्रित किए जाने चाहिए। दवा का उपयोग समय पर और निरंतर रूप से किया जाना चाहिए। दवा को थोड़े पानी के साथ लेना चाहिए क्योंकि इससे उसके अवशिष्ट टॉनिक अधिक से अधिक पेट से निकल जाएंगे।

गूंगे बच्चों के लक्षण –

बच्चों के बोलने के विकास में पिछड़ने के पीछे मुख्य कारण खोजने के लिए उचित मूल्यांकन करने की आवश्यकता होती हैं । । मूल्यांकन इसलिए आवश्यक है ताकि उचित उपचार, उचित उम्र के साथ शुरू हो सके । बोलने में देरी या गूंगेपन के लिए कुछ उम्र से संबंधित रेडफ्लैग जो मूल्यांकन की आवश्यकता की ओर इशारा करते हैं –

  • नौ महीने में कोई बड़बड़ा नहीं लगता ।
  • 15 महीने में पहला शब्द नहीं ।
  • बच्चा 18 महीने में 3 से 6 शब्द बोलने में असमर्थ है ।
  • 2 साल की उम्र में, बच्चा शब्दों को संयोजित करने में असमर्थ है और बच्चे के भाषण को समझना मुश्किल है ।

साथ ही साथ बच्चे की समझ व सुनने की क्षमता पर भी गौर करना चाहिए । यह ध्यान भी ध्यान देना चाहिए कि इशारो से उनकी समझ कितनी है ।

अंतिम शब्द – होम्योपैथी दवाएं अत्यधिक सुरक्षित हैं और यदि उन्हें मुख्य निर्देशों के अनुसार लिया जाए तो उनमें कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। इन दवाओं में कुछ बिना उपयोग के जो सामग्री होती है उनके कोई सामान्य दुष्प्रभाव नहीं होते। उनका उपयोग होम्योपैथी के प्रशिक्षित डॉक्टर द्वारा ही अनुशंसित किया जाना चाहिए ।

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