सरसों तेल से बच्चे को गोरा करने का तरीका, फायदे नुकसान

sarso ke tel se baby ko gora karane ka tarika.

सरसों तेल से बच्चे को गोरा करने का तरीका । पीले रंग का दिखाई देने वाला सरसों का तेल अर्थात मस्टर्ड आयल । जो कि यह लाभकारी होता है । खास तौर नन्हें मुन्ने बच्चो के लिए यह न केवल स्किन केयर करता है बल्कि हड्डियों को भी मजबूत करता है । यह तेल घरों में खाना बनाने में इस्तेमाल किया जाता है । इससे तेल मालिश करने की पौराणिक प्रथा है मान्यता यह है किस आयल से शिशुओ की मालिश करना फायदेमंद होता हैं । चाहे वह बुजुर्ग हो या फिर बच्चे आमतौर पर सरसो के तेल से की जाती है। इसे करवा तेल भी कहते हैं जिसमें अजीब सी खुशबू होती हैं जो कड़वाहट जैसा प्रतीत होता है यह शरीर को मजबूती प्रदान करने के साथ-साथ स्कीम में भी बहुत फायदा पहुंचाता है ।

बड़ो की स्किन प्रॉब्लम जैसे रिंकल्स, पीपल्स, टैनिंग, डार्क स्पॉट के साथ फटे होठों को भी ठीक होने में मदद करता है। इसके अलावा शरीर की खूबसूरती को भी यह तेल निकालता है और साथ ही हड्डी को भी मजबूती प्रदान करता है आमतौर पर सभी घरों में और मार्केट में यह तेल सहज ता पूर्वक उपलब्ध होता है । सरसों के तेल सरसों के बीज जो कि काले रंग का होता है उसी से तेल निकाला जाता है यह जाड़े के मौसम में इसके बीज की उत्पत्ति होती हैं ।

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बच्चे को गोरा करने के लिए कौन सा तेल लगाएं ?

वैसे तो बाजार में बहुत सारे तेल मौजूद हैं जो बच्चे के लिए किसी ना किसी रूप में फायदेमंद है लेकिन जहां तक बच्चे को गोरा करने की बात है । तो बादाम आयल या सरसो का तेल बेबी मालिश के लिए बहुत ही लाभदायक होता है । इस देर से रोजाना मालिश करने से उसके स्कीम अर्थात त्वचा में निखार आती है और वह गोरा लगने लगता है।

घरेलू आयल के रूप मे नारियल तेल, जैतून का तेल, सरसो का तेल बेहतर विकल्प है क्योकि इनमे प्राकृतिक रूप से शुद्धता पाई जाती है ।

इसे बेबी मसाज ऑयल कहते हैं बाजार में कई तरह के तेल मौजूद हैं जिसमें केमिकल और टॉक्सिंस होते हैं यह तेल बच्चों की स्किन को नुकसान करते हैं।
या तेल डॉक्टरों के निर्देशानुसार शिशु को दिया जाता है जिस की मालिश हाथ पैर और बेबी के बदन में किया जाता है उन्हें अच्छी नींद आती है।

बच्चों को गोरा करने और उसे हष्ट पुष्ट बनाने में बादाम का तेल सर्वोपरि है‌ । जिन शिशुओ के सर में बाल नहीं होते हैं उस baby को इस आयल से सर से लेकर पैर तक मालिश किया जाता है । वैसे बादाम जैसे आयल में भरपुर मात्रा में विटामिन ई होता है जो आपके बेबी की हड्डियों को स्ट्रांग बनाने मे मददगार है।

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सरसों तेल से बच्चे को गोरा करने का तरीका –

सरसों के तेल में औषधीय गुण है जो बच्चे को गोरा तो बनाता ही है साथ-साथ उसके हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है । जिससे बच्चे स्वस्थ और हिंदी बनते हैं लेकिन कुछ बच्चों में रंग साफ होता है तो किसी बच्चे में रंग थोड़ा सावला या काला होता है । सभी चाहते हैं कि उनके बच्चे शिशु साफ और सुंदर और स्वस्थ दिखे इसके लिए सरसों तेल का मालिश किया जाता है।

  • सरसों तेल से मालिश करने के कई तरीके हैं आइए हम कुछ ऐसे पॉइंट को जाने जिससे मालिश करने के बाद बच्चे में गोरापन आ जाता है।
  • अगर किसी बेबी का रंग सावला या काला है तो उसकी स्किन में निखार लाने के लिए सरसों तेल की मालिश करने से पहले उसमे बेसन के साथ थोड़ा सा पानी मिलाकर बढ़िया सा पेस्ट तैयार कर लें । इस इस पेस्ट बच्चे के शरीर में पूरी तरह लगाएं।
  • बच्चे के शरीर में बनाए गए पेस्ट को 10 से 15 मिनट तक लगाकर छोड़ दें । जब यह पेस्ट सूखने की स्थिति हो जाए तो किसी मुलायम कॉटन के कपड़े से बॉडी की सफाई कर दें ।
  • इसके उपरांत बेबी के शरीर में सरसों तेल से हल्के हाथो से मालिश करें । नियमित रूप से मालिश करने से दबा हुआ सावला रंग धीरे-धीरे हटने लगता है और बच्चे के शरीर में गोरापन खेलने लगता है।
  • इस तेल का उपयोग अन्य तेल जैसे नारियल, जैतून या घी के साथ मिलाकर भी आप फायदा उठा सकते है । इस बात का ध्यान रखे की अनुशासित मात्रा में उपयोग करे ।

सरसों तेल से बच्चे को गोरा करने से फायदा –

सरसो का तेल शिशुओ के लिए बहुत फायदेमंद हैं । Sarso ke tel की नियमित रूप से मालिस करने पर न हड्डिया मजबूत होती बल्कि बेबी गोरा व मोटा तगड़ा होता हैं । स्किन सॉफ्ट एव कालेपन से मुक्त होती हैं । रोजाना इस तेल की मालिश करने से बहुत सारे फायदे है जो इस प्रकार है –

  • सरसों का तेल शिशु की बॉडी को गर्म रखने मे सहायक होता हैं । यह स्किन को नर्म व चिकनी रखने मे कारगर है । जिससे कीड़े मकोड़े पास आने की संभावना बहुत कम हो जाती हैं ।
  • इस तेल (Mustard oil ) की रोजाना मालिश करने से शिशु की स्किन मॉश्चराइज हो जाती हैं जिससे त्वचा मुलायम एव गोरी होती हैं । यानी सावलेपन मे कमी होती हैं ।
  • सरसो के तेल (Mustard oil ) से नियमित से बेबी की मालिश करने से बॉडी की थकान दूर होती हैं । यही नहीं मासापेशियों का विकास होता हैं । हड्डिया स्ट्रांग होती हैं । शरीर में ब्लड सरकुलेशन बढ़ता है जिससे बेबी हष्ट पुष्ट एव सुंदर बनता है ।
  • सर्दी हो या गर्मी का मौसम हो लेकिन Mustard oil से मालिस करने पर शिशु की ड्राई स्किन, फ़टी हुई स्किन, कुहनियों, घुटने एव अंगुलियों के पीछे डार्कनेस दूर होता है ।

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छोटे बच्चों को सरसों का तेल लगाने का नुकसान।

कुछ पेरेंट्स अपने बच्चे को पारंपरिक तरीके से सरसों का तेल लगाना मानसिक रूप से उन्हें कभी-कभी झक जोड़ता है क्योंकि उनका मान्यता यह होता है कि इसे लगाने से बच्चे स्वस्थ होंगे या नहीं या रंगत उनका सावला होगा लेकिन डॉक्टर की माने या बुजुर्गों का कहना है तो सरसों के तेल में 60 परसेंट मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड होता है जोकि 10 में से 9 स्किन टाइप के लोगों को सूट कर जाता है।

यह स्किन इन्फेक्शन से राहत दिलाने के साथ-साथ बच्चों को कीड़े मकोड़े से दूर रखता है। अत: यह किसी भी टाइप से बच्चों के लिए नुकसान देह नहीं होता। क्योंकि सरसों का तेल चिपचिपा होता है इसीलिए हमेशा इसे गर्म कर ले हल्का गर्म करके ही अर्थात गुनगुने करके ही बच्चों के स्क्रीन पर लगाएं इससे बच्चे में किसी तरह के नुकसान नहीं होंगे और उसके बाद दो-तीन घंटे के बाद बच्चे को स्नान करा दें तो कोई भी तर्क नहीं बनता कि सरसों का तेल जो होता है वह बच्चों के लिए नुकसानदेह हैं।

अंतिम – सरसो का तेल न केवल शिशुओ के लिए बल्कि बड़ो के लिए भी लाभकारी है । जिनका उपयोग सदियों से घरेलू उपाय के रूप मे हो रहा हैं । इनका फायदा तभी हो सकता हैं जब आप नियमित रूप से करे । यह एक ऐसा तेल है जिनके साथ अन्य तेलो को मिलाकर भी उपयोग कर सकते हैं ।

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