मेथी से गर्भ कैसे गिराए – अनचाहे गर्भ गिराने के घरेलू उपाय

Methi se garbh kaise girate. 

मेथी से गर्भ कैसे गिराए । कभी कभी अनचाहे गर्भ ठहरने के बाद घरेलू उपाय के रूप मे मेथी दाना इस्तेमाल करते है । मेथी दाना जिसका इस्तेमाल हर एक घर में किया जाता है । मसाले से लेकर औषधि, सौंदर्य प्रसाधन के तौर पर भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। सर्दियों के मौसम में बहुत ज्यादा तादाद में मेथी के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है जो कि हर एक रुप में फायदेमंद है। खाने के तौर पर इसका इस्तेमाल सब्जियों में चौके लगाने और चटनी के तौर पर किया जाता है । इसके अलावा यह साबुन और सौंदर्य प्रसाधन की चीजों में मिलाया जाता है जोकि शरीर में सौंदर्य और चमक लाती है।

आयुर्वेदिक में इसका इस्तेमाल मधुमेह जैसी बीमारियों के निवारण में किया जाता है । इसके अलावा इसकी लड्डू को बनाकर प्रसूति स्त्रियों को दिया जाता है। पेट के रोग में जैसे कब्ज और उल्टी इन सब परेशानियों में मेथी के दाना का इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है। इतना ही नहीं स्त्रियों के गर्भावस्था के दौरान अनेक तरह से इसका इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है जिसकी विवेचना हम नीचे कर रहे हैं ।

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क्या मेथी से गर्भ गिराया जा सकता हैं –

यह स्वीकार करना कठिन है कि मेथी के दाने से गर्भपात हो सकता है लेकिन कुछ ऐसे तत्व हैं जो इसका कारण बन सकता है । मेथी में ऐसे तत्व होते हैं जिसके इस्तेमाल से गर्भाशय में एक तरह से कंस्ट्रक्शन निर्माण होता है जिससे गर्भपात होता है ऐसा कुछ लोगों का मानना है। हालांकि मेडिकल साइंस की हो रहे दिनों रातों की तरक्की के दौरान यह घरेलू उपचार कोई मायने नहीं रखता लेकिन फिर भी बहुत सारे लोग इसका इस्तेमाल घरेलू उपचार के तौर पर करते हैं।

लेकिन इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि अनचाहे गर्भ गिराने के लिए घरेलू उपाय के बजाय योग्य डॉक्टर से सलाह ले । गर्भापात के बाद खुद का ख़्याल रखे ।

मेथी दाना से तो गर्भपात किया जा सकता है यह तभी संभव है जब कोई भी गर्भवती महिला इसका अत्यधिक रूप में सेवन करें । इसका कारण यह है कि मेथी के दाना में सेंस नामक तत्व होता है जो कि गर्भपात का कारण बनता है। गर्भपात होने के लिए एक चम्मच मेथी के दाना ही काफी है बसर्ते की यह निर्भर करता है की गर्भवती महिला की अवस्था और समय अवधि कितनी है। तो चलिए जानते हैं – मेथी से गर्भ कैसे गिराएं –

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मेथी से गर्भ कैसे गिराए / कराया जाता हैं –

अनचाहे गर्भ को गिराने के लिए अनेक प्रकार के घरेलु उपाय किए जाते है । उनमे से मेथी दाना भी एक है । वैसे मेथी का सेवन करना जितना फायदेमंद है उतना ही प्रेग्नेंसी मे नुक्सानदेह हो सकता है । क्योकि इसमें सैपोनिन्स नाम से तत्व पाया जाता है जो गर्भव्यस्था को नुकसान पहुंचा सकता है । इनका अधिका मात्रा में सेवन करने से बच्चेदानी मे सिकुड़न पैदा करता है । जिससे गर्भपात होने की संभावना बढ़ जाती है ।

मेथी का इस्तेमाल उन गर्भवती स्त्रियों में किया जाता है जो गर्भपात कराना चाहती हैं । इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक में बहुत ही सरल तौर पर किया जाता है। गर्भपात करने के दौरान उन महिलाओं के लिए यह सुझाव है कि वह बहुत ही सतर्क रहकर इसका इस्तेमाल करें । इसके इस्तेमाल करने की एक बहुत ही सरल विधि है । रात में एक चम्मच मेथी के दाने को एक गिलास पानी में भिगोकर रख दें और अगली सुबह पानी और मेथी के दाने दोनों को चबाकर पानी सहित निकल जाएं या फिर पानी को भी पी लेने से फायदा होता है।

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मेथी और गुड़ से गर्भ कैसे गिराए –

अबोर्ट के लिए मेथी का सेवन कई तरिके से किया जाता हैं । इसी तरह दूसरे तरीके के तौर पर इसे कड़वे होने के कारण गुड़ मिलाकर भी खाया जा सकता है या फिर सलाद के ऊपर इस केबीजे को मिक्स करके छिड़क दें।
तीसरा तरीका और भी सुगम है । मेथी के पाउडर को फ्रेश तरबूज के रस में थोड़ा-सा नींबू मिक्स करके मिलाकर गर्म दूध में मिलाकर सेवन करें । इस बात का ध्यान रखे मेथी का सेवन अधिक मात्रा में करने पर नुकसान हो सकता है ।

गर्भावस्था के प्रारंभिक अवस्था में महिलाओं को मेथी के पत्ते या बीज का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो कि गर्भपात के लिए मुख्य कारण बन सकते हैं। मेथी में हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव ज्यादा पाया जाता है साथ ही यह ऑक्सीटॉसिन के स्राव को तेज करता है जिसके कारण गर्भवती स्त्रियों का गर्भपात हो सकता है।

वैसे तो मेथी मसाले के रूप में हर घर में इस्तेमाल की जाती है लेकिन इसके बीजों को गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक भी माना जाता है क्योंकि वह गर्भपात को ट्रिगर कर सकते हैं उसके पास वह गुण है, जो मजबूत संकुचित को उत्तेजित कर सकता है जिसका कारण गर्भपात के रूप में हो सकता है। इसलिए इसका सेवन सोच समझकर और सतर्क रखकर ही अपनी अवस्था देखकर करें।

क्या गर्भावस्था में मेथी का सेवन कर सकते हैं।

सूखी मेथी का सेवन मसाले के तौर पर हर घर में होता है । सामान्य रूप से और कम मात्रा में इसका सेवन सही तरीके से करना फायदेमंद हो सकता है । मात्रा की अधिकता के कारण इसका दुष्प्रभाव भी देखा जाता है। मेथी के पत्तियों का सेवन पराठे के तौर पर गर्भवती महिलाएं कर सकती हैं। लेकिन गर्भावस्था के 37 में सप्ताह के पहले मेथी का सेवन न करने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह प्रीटर्म बर्थ का कारण बन सकता है।

  • पाचन संबंधी समस्याओं में मेथी का इस्तेमाल किया जाता है । इसके इस्तेमाल से गर्भवती महिलाओं में पाचन तंत्र पर असर पड़ने लगता है । वैसे यह वजन को भी कम करता है और भोजन के अवशोषण को भी कम करता है । इन्हीं गतिविधियों के कारण गर्भवती महिलाओं को मेथी ना खाने की सलाह दी जाती हैं ।
  • गर्भवती महिला को साफ, सुरक्षित और स्वस्थ जगह में रहने की हिदायत दी जाती है । ऐसे में मेथी का इस्तेमाल करने से पेशाब में गर्भवती स्त्रियों के बदबू आ जाते हैं जिसके कारण उन्हें समस्या हो सकती हैं।
  • मेथी से एलर्जी की भी समस्या हो सकती है ऐसे में गर्भवती महिलाओं की अवस्था अति संवेदनशील होती है जिसके कारण इसके सेवन से बचने की सलाह दी जाती है।
  • गर्भावस्था के दौरान इसका इस्तेमाल से विकृतियां भी पैदा हो सकती है बच्चे में क्योंकि इसमें हाइड्रो से फर्ज और एना सेफ्ली स्पाइना बिफिडा जैसे जन्मजात विकारों के तौर पर जो जोखिम दे सकता है।

इसलिए मेथी से गर्भ कैसे गिराए यह सोचने के बजाय प्रेग्नेंसी मे मेथी दाना का सेवन करने से बचे ।

अनचाहे गर्भ गिराने के घरेलू उपाय –

बहुत सारे ऐसे उपचार हैं जो घरेलू तौर पर गर्भवती महिलाएं कर सकती हैं जो इस प्रकार है –

  • कच्चा पपीता – कभी-कभी ज्यादा मात्रा में कच्चे पपीते का सेवन करने से गर्भवती महिलाओं में लेटेक्स की उपस्थिति के कारण गर्भावस्था में संकुचन हो सकता है जो गर्भपात का कारण बन सकती है।
  • अजमोद – अजमोद के पत्तों या बीजों को जमाइन के तेल में मिलाकर गर्भवती स्त्रियां इसका इस्तेमाल करती है इसमें एमपी रोल और मेरी सिस्टर दिन होता है यह दोनों योगी जहरीले होते हैं जोर गर्भाशय के संकुचन का कारण बन सकती है।
  • अनानास इसमें ब्लू में लैंड होता है जो उत्तर को को नरम बनाता है और गर्भाशय के संकुचन का कारण बनती है जिसके कारण गर्भपात होता है।
  • करेला – वैसे तो यह सब्जी बहुत ही फायदेमंद है लेकिन इसके करे लेपन के कारण गर्भवती महिलाओं में गर्भ संकुचन का कारण बन सकता है।
  • तिल के बीज – तिल का बीज गर्भावस्था के दौरान सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह बहुत ही हानिकारक होता है।
  • बैगन – इसमें फाइटो हार्मोन होना होता है जो गर्भपात को घटा सकता है।
  • एलोवेरा – इसके खाने से अत्यधिक रक्तस्राव हो सकता है जिसके कारण गर्भपात की समस्या उत्पन्न हो सकती है क्योंकि इसमें हानिकारक तत्व मौजूद होते हैं।
  • कैफ़ीन – यह कॉफी और चाय में मौजूद होता है कुछ एनर्जी ड्रिंक होते हैं जिसका इस्तेमाल 200 मिलीग्राम प्रतिदिन किया जा सकता है इसके अलावा अत्यधिक लेने से यह जोखिम भरा हो सकता है।

जैसा कि कहा जा चुका है की गर्भपात कराना कानूनी और नैतिक रूप से अपराध है लेकिन किसी कारण बस अगर ऐसी समस्या आती है तो इसका इस्तेमाल किया जा सकता है जिसके कारण गर्भवती स्त्रियां सुरक्षित हो और उसके गर्भ में पल रहे नवजात भी सुरक्षित हो ।। कल्पना झा ।।

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