पुत्र प्राप्ति के लिए नारियल का बीज कब खाना चाहिए

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पुत्र प्राप्ति के लिए नारियल का बीज कब खाना चाहिए । धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नारियल बीज का इस्तेमाल काफी कार्यो को सिध्द करने मे किया जाता है। नारियल का बीज को शिवजी का आशीर्वाद माना जाता है। ऐसी भी मान्यता है कि, नारेल के बीज के सेवन से पुत्र रत्न प्राप्त होती है। लेकिन सही समय और विधी सहित खाने से संतान प्राप्त होती है। इस के बारे मे हम आपको इस बारे मे विस्तार से जानकारी देंगे ।

भारतीय धर्म और संस्कृति मे नारियल का बहोत महत्व है। नारियल को श्री फल भी कहा जाता है। नारियल फोडने का या चढाने की परंपरा है। दक्षिण भारत मे नारियल को अनन्य साधारण महत्व है। वहा इनके के पेड ज्यादा पाये जाते है। नारियल का पेड लगभग 80 साल तक जीवित रहता है। 15 साल के बाद फल आते है। नारियल के पेड़ का हर हिस्सा काम मे आता है । -putra prapti ke liye nariyal.

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नारियल बीज़ शुभ या अशुभ –

नारियल एक प्रकार फल है । जो कि पोष्टिक तत्वों से भरपुर होता है । इनका धार्मिक दृष्टि बहुत अधिक महत्व है जबकि आयुर्वेदिक मे भी इनका महत्व है । नारियल मे से बीज़ निकलना एक कॉमन बात है । इसलिए इसे शुभ या अशुभ की दृष्टि से देखने का कोई औचित्य नहीं है ।

नारियल जैसे फलो मे से बीज़ निकलना एक सामान्य बात है । यह बीज़ नारियल के बिचोबीच स्थित होता हैं । जो कि कच्चे नारियल मे भी होता हैं और पक्के हुए नारियल मे भी होता हैं । आयुर्वेदिक व धार्मिक टोटके के अनुसार नारियल बीज़ का सेवन करने से पुत्र प्राप्ति होने की सम्भवना हो सकती है ।

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पुत्र प्राप्ति के लिए नारियल का बीज कब खाना चाहिए

संतान प्राप्ति के लिए नारियल बीज़ का काफी महत्व है । विज्ञान इस विषय पर सहमति नही देता है जबकि आयुर्वेदिक इसे टोटके के रूप मे सुरक्षित मानता है । असल में कभी कभी संतान प्राप्ति मे विलंब होने पर कई प्रकार से टोने टोटके किये जाते हैं । जिनमे से नारियल बीज़ का टोटका भी एक है ।

आयुर्वेद के अनुसार पुत्र रत्न के लिए नारियल बीज़ ओवुलेशन पीरियड्स से पहले देशी गाय के दूध के साथ सेवन करना चाहिए । धार्मिक मान्यता के अनुसार नारियल बीज़ को गर्भ धारण से पहले और बाद के दूसरे व तीसरे माह मे भी सेवन करना चाहिए । जिसे 9 महीने बाद आने वाला मेहमान पुत्र ही होगा ऐसी संभावना रहती हैं ।

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पुत्र प्राप्ति के लिए नारियल का बीज कब खाना चाहिए ? जाने विधि –

पुत्र रत्न प्राप्ति के नारियल बीज़ का सेवन करना फायदेमंद होता है । लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इनका सेवन विधिपुर्वक करना आवश्यक होता है जो इस प्रकार है –

  • सोमवार के दिन सबसे पहले प्रात काल मे उठकर स्नानादी कर के साफ कपडे पहने ।
  • फिर शिवजी के प्रतिमा के आगे आसन बिछाकर बैठ जाये।
  • अब “ओम नम:शिवाय” मंत्र का एक माला जाप करे।
  • अब आप शिवजी से अपनी मन की बात करे और अपनी इच्छा पूर्ती की प्रार्थना करे।
  • इसके बाद नारियल के बीज को शिवलिंग के उपर अर्पित करे।
  • बीज अर्पित करने के बाद घी का दिया जलाये ।
  • दीप जलाने के बाद आप अपनी इच्छा नुसार अधिक से अधिक “ओम नम:शिवाय” का जाप करना।
  • इच्छा अनुसार मंत्र जाप पूरा होने उपरांत शिव जी को अर्पित किया नारियल का बीज गंगाजल मे डालकर रखे।
  • अब अगले दिन उस बीज को निकाल लि जाये।

अब इस नारियल के बीज को निहार मुंह गाय के दूध के साथ ले लिजिये । अगर आप साबुत लेते है तो बढ़िया है।

पुत्र प्राप्ति के लिये किस करवट सोना चाहिये ?

हिंदू धर्म मे किसी दंपती को पुत्र की चाह होतो पहले के समय से ही पुत्र कुल को आगे बढाने वाला होता है और मा पिता वो बुढ़ापे का साहारा होता है। ऐसी मान्यता है। इसलिये महर्षि वात्सायन मे एक खास शारीरिक संबंध के बारे मे बताया गया है जिससे पुत्र प्राप्ति होती है। महर्षि ने पुत्र प्राप्ति के लिये अनोखा तरिका बताया है। इस तरीके अनुसार महिला को अपने पती के दायने तरफ (लेफ्ट साइड) सोना है। जबकि पति को राइट साइड मे सोना चाहिए ।

थोडी देर बाद बाये करवट सोने से दाया स्वर चालू होता है तथा दाई करवट सोने से बा़या स्वर चालू होता है। ऐसे मे दाई और सोने से पुरुष का दायी स्वर चलने लगेगा तथा बाई और सोई महिला का बाया स्वर चलने लगेगा जब ऐसा हो तब दंपती को शारीरिक संबंध बनाना चाहिये इससे गर्भाधान हो जाता है।

एक मान्यता के अनुसार पुत्र प्राप्ति के लिए पीरियड के बाद 4, 6, 8, 10 व 12 वी रात्रि मे किसी भी शुभ समय मे रतिक्रिया से होने वाला गर्भधारण से पुत्र रत्न प्राप्ति होती हैं । जबकि पुत्री रत्न के लिए 5, 7 व 9 वी रात्रि मानी जाती हैं ।

गर्भावस्था मे पुत्र प्राप्ति के लिए नारियल के फायदे

नारियल पौष्टिक तत्वो का खजाना होता है। यह गर्भवती के लिये काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। नीचे हम गर्भावस्था मे नारियल खाने के फायदे बताने जा रहे है।
नारियल वसा रहित और जीरो कोलेस्ट्रॉल युक्त होता है। यह महिलाओं मे अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढाने मे मददगार होता है।

  • नारियल मे प्राकृतिक नमक होता है अगर गर्भवती महिला प्राकृतिक नमक खाना चाहे तो नारियल खा सकती है।
  • नारियल मे एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल और एंटी वायरल तत्व पाये जाते है।
  • नारियल खाने से गर्भ वती को फायबर मिलता है, जिससे पाचनशक्ति अच्छी होती है। पेट के समस्याओ से राहत मिलती है।
  • नारियल गर्भावस्था मे गर्भवती के हार्मोन के बदलाव को और चिडचिडाहट को कम करने मे सहायक होता है।

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गर्भावस्था मे कौन कौनसे फल खाने चाहिए –

इस अवस्था मे ताजा फलों का सेवन करना फायदेमंद होता है। इन फलों की वजह से गर्भवती महिला और शिशु को जीवन सत्व और पोषण मिलता है । चलिये फिर देखते है ऐसे कोनसे फल है जो पोषण तत्वों से भरे है।

  • किवी – ये फल गर्भावस्था के दौरान काफी अच्छा माना जाता है। इस मे विटामिन सी, इ, ए, पोटैशियम, फॉलिक अँसिड होता है। इस को खाने से खासी और घबराहट की समस्या दूर होती है।
  • चीकू – प्रेग्नेसी के वक्त चक्कर आना और जी मचलाना से बचने के लिये ये फल महत्वपूर्ण किरदार निभाता है। ये फल पेट से जुडी बीमारियो को दूर करता है।
  • सेब – साधारण सेहत की तरह गर्भावस्था मे भी सेब फायदेमंद है। विटामिन ए, सी और फायबर से भरपूर से बच्चे मे किसी तरह का एलर्जी होने से रोकता है।
  • अनार – विटामिन के, कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन से भरपूर अनार शक्ति का बेहतरीन स्त्रोत है। वो हड्डियों को मजबूत बनाता है।
  • संतरे – विटामिन सी, फॉलेट और पानी से परिपूर्ण संतरे आयरन को सोखने मे सहायक होता है। फॉलेट होनेवाले बच्चो मे किसी भी प्रकार की जन्मजात विषमता को दूर भगाता है।

निष्कर्ष – पाठकों आज हमने इस लेख मे पूरी जानकारी देने का प्रयास किया है हम आशा करते है इस लेख से आपको नारियल के बीज के बारे मे शंका नही रही होगी ।। अभिलाषा देशपांडे ।।

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