पतंजलि किडनी मेडिसिन । गुर्दे की आयुर्वेदिक दवा Patanjali

Patanjali kidney Medicine

Patanjali kidney Medicine. आज की बदलती लाइफ स्टाइल एवं गलत खानपान की बदौलत कई तरह की बीमारियों ने पाव पसारे हैं उनमें से किडनी की प्रॉब्लम भी एक है । असल मे जब बॉडी में क्रेटिनन की मात्रा अधिक बढ़ जाती हैं तो रक्त में हीमोग्लोबिन का लेवल कम होने लगता है । जो एक kidney खराब होने का एक संकेत है । इनके लिए पतंजलि में कई किडनी मेडिसिन उपलब्ध है ।

अनहेल्दी किडनी के लिए पतंजलि मेडिसिन किफायती होने के साथ साथ उपयोगी भी होती है । गुर्दे हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग हैं जो विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का कार्य करती हैं । दुनिया भर में कई लोग इसे पीड़ित होते हैं । इसे लंबी बीमारी भी कह सकते हैं ।

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किडनी रोग क्या है ? Kidney rog kya hai.

गुर्दे शरीर के विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने, ब्लड प्रेशर को सामान्य रखने और शरीर में एसिड के स्तर को सामान्य रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब गुर्दे सामान्य रूप से काम न कर पाएं तो इस स्थिति को गुर्दे की बीमारी कहा जाता है।

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स्वामी रामदेव के अनुसार किडनी का इलाज

बाबा रामदेव निरोगी जीवन के लिए निरंतर योग व्यायाम, दवा को लेकर हमेशा चर्चा में रहते है । इसी प्रकार किडनी रोग के लिए कुछ घरेलू नुस्खे बताये गए है जो इस प्रकार है –

  • किडनी को स्वस्थ्य रखने के लिए हफ्ते में कम से कम एक बार उड़द की दाल का सेवन ज़रूर करना चाहिए |
  • गोखरू का पानी महीने में एक बार पीने से किडनी रोग एवं गुर्दे की पथरी होने के चांस कम होते है ।
  • एक मुट्ठी जौ, कुल्थी की दाल आदि को रात में चार कप पानी में भींगो कर अगले दिन उसे पकाएं और जब एक चौथाई रह जाए तो खाली पेट सुबह, दोपहर और शाम को लें ।

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पतंजलि किडनी मेडिसिन इन हिंदी ।

पतंजलि में ढेरों ऐसी दवाएं मौजूद हैं जिनका सेवन कर किडनी रोग से छुटकारा पाया जा सकता है। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि ये दवाएं किडनी रोग का स्थायी इलाज नहीं है। कई बार इन दवाओं का सेवन करने से किडनी रोग की समस्या खत्म हो जाती है, लेकिन कुछ समय के बाद यह समस्या फिर से दोबारा पैदा हो जाती है। निम्नलिखित किडनी रोग की पतंजलि दवाएं है।

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पतंजलि वरुणादि वटी । Patanjali Varunadi Vati.

वरुणादि वटी एक आयुर्वेदिक दवा है । जो मुख्यतः गुर्दे की बीमारी, गुर्दे की पथरी, यूरिन इन्फेक्शन, गुर्दे का संक्रमण के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। किडनी के रोगी को इस दवा का सेवन भोजन के बाद 2 गोलियां रोजाना तीन बार लेनी चाहिए । या वैध के दिशा निर्देश का पालन करें । वरुणादि वटी की सामग्री इस प्रकार है –

  • गोखरू – यह दर्द, सूजन एवं बॉडी में से अतिरिक्त पानी बाहर निकालने में उपयोगी हैं ।
  • गुग्गुल – यह भी दर्दनाशक एवं सूजन के लिए कारगर होता हैं ।
  • पुनर्नवा – यह बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने के लिए विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में उपयोगी होता है । यह मासिक धर्म के दौरान रक्त प्रवाह बढ़ता है ।
  • वरुण – यह दर्द व सूजन कम करने के साथ साथ यूरिन इंफेक्शन, किडनी स्टोन, गुर्दे में संक्रमण रोकने एवं अन्य बैक्टिरियल सक्रमण रोकने के लिए कारगर होता हैं ।

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पतंजलि किडनी मेडिसिन – मूत्रक्रीचनतक चूर्ण | Patanjali Mutrakrichanatak Churna.

मूत्रक्रीचनतक चूर्ण बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है । जो मुख्यतः गुर्दे की पथरी के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। मूत्रक्रीचनतक चूर्ण के मुख्य घटक हैं गोखरू, अपामार्ग, कासनी, पुनर्नवा, वरुण, भूम्यामलकी, शिरीष जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। किडनी के रोगी को एक चम्मच चूर्ण को पानी के साथ रोजाना दिन में दो बार लेनी चाहिए । मूत्रक्रीचनतक चूर्ण की सामग्री इस प्रकार है –

  • गोखरू – यह किडनी में पथरी का गठन रोकने के साथ साथ दर्द, सूजन एवं अतिरिक्त पानी को बॉडी से बाहर निकालने में यूज़ फूल होता हैं ।
  • अपामार्ग – बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता हैं ।
  • कासनी – यह मुक्त कणों को साफ करके ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता हैं एवं लिवर के कार्य में सुधार करने के लिए उपयोगी होता है ।
  • पुनर्नवा – यह यूरिन सुधार, कब्ज एवं मल त्याग की प्रक्रिया में सुधार करता है । जिससे लिवर बेहतर ढंग से कार्य करता है ।
  • वरुण – यह दर्द व सूजन की रोकथाम करने के साथ साथ पथरी निर्माण में रोकथाम करता है ।
  • भूम्यामलकी – यह पाचन क्रिया को दुरुस्त करके पेट को राहत देने के साथ साथ भूख भी बढ़ता है । इसी प्रकार दर्द व बेहोशी पर नियंत्रण करता है । बैक्टीरिया को भी बढ़ने से रोकता है ।
  • शिरीष – यह रोगी की जागृत अवस्था को प्रभावित किए बिना दर्द को कम करने के साथ साथ सूजन को भी कम करता है ।

पतंजलि पुनर्नवा मंडूर । Patanjali Divya Punarnavadi Mandoor.

यह किडनी की बीमारी की सबसे अच्छी पतंजलि दवा हैं । इनका उपयोग किडनी रोग के अलावा लिवर का बढ़ना एवं तिल्ली बढ़ने में किया जाता हैं । इसमें उपस्थित विभिन्न प्रकार के घटक जैसे दांती, बहेड़ा, पुनर्नवा, मंडूर भस्म, काली मिर्च आदि जो रोगी के दर्द एवं सूजन में राहतकारी होते हैं । यह तत्व एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते है जो तनाव को भी कम करते हैं ।

इनका कोई साइड इफेक्ट्स नहीं है फिर भी सेवन करने से पहले वैध की सलाह अवश्य लें । किडनी के रोगी को रोजाना दो गोलियों को खाना खाने के बाद दिन में 1 से 3 बार सेवन करना चाहिए ।

पतंजलि दिव्य रिनोग्रेट टेबलेट । Divya Renogrit tablet.

यह किडनी की सबसे अच्छी पतंजलि मेडिसिन हैं । इनका उपयोग किडनी कीविभिन्न प्रकार की प्रॉब्लम के लिए किया जाता है । इसमे उपस्थित घटक जैसे पलाश, वरुण, कासनी, अपामार्ग, पाषाणभेद, पुनर्नवा मूल व गोखरू जो बॉडी को डिटॉक्स करने के साथ दर्द व सूजन को कम करने के लिए सहायक है ।

यह एक आयुर्वेदिक टेबलेट हैं । जो गुर्दे के विभिन्न प्रकार के रोगों रीनल डिसऑर्डर, क्रोनिक किडनी डिसीज आदि के लिए लाभदायक है । इनका उपयोग वैध / डॉक्टर के परामर्श से या सुबह शाम एक एक टेबलेट का सेवन करें । इनका कोई साइड इफेक्ट्स नहीं है फिर भी अनुशासित खुराक सेवन करें ।

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पतंजलि किडनी मेडिसिन ।

  • दारूहल्दी घन – किडनी के रोगी अगर वयस्क हैं तो भोजन के बाद इस दवा की एक गोली का दिन में 1 बार सेवन करना चाहिए ।
  • हिमज घन – किडनी के रोगी को भोजन के बाद एक गोली को दिन में एक या दो बार सेवन करना चाहिए ।
  • चन्द्रप्रभा वटी – किडनी के रोगी को चंद्रप्रभा वटी की औसत खुराक एक दिन में 500 मिलीग्राम की 2 गोलियां लेनी चाहिए।

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गुर्दे की आयुर्वेदिक दवा नीरी-केएफटी । Aimil Neeri KFT Syrup.

नीरी केएफटी गुर्दे ( किडनी ) की सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा है । जो किडनी में पथरी, यूरिन इंफेक्शन, ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस एवं किडनी में सूजन के लिए उपयोगी हैं । एक प्रकाशित समाचार के मुताबिक हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार यह दवा किडनी के लिए उपयोगी हैं । जिन रोगी समूहों को दवा दी गई थी उनके गुर्दे सही तरीके से कार्य कर रहे थे । उनमें क्रिएटिनिन, प्रोटीन व यूरिया की मात्रा कंट्रोल में थी ।

डॉक्टर्स का मानना है कि यह दवा तब तक कारगर है जब तक रोगी डायलिसिस पर नहीं है । इसमे मौजूद घटक जैसे पपीता, धनिया, आंवला, गिलोय, कासनी, पुनर्नवा, मकोय, वरुण, रेवन्दचीनी, मकोय, गोखरू, पुनर्नवा, पत्थरपुरा आदि जो किडनी की विभिन्न प्रॉब्लम के उपचार के लिए कारगर है । इनका उपयोग योग्य वैध / डॉक्टर की सलाह के अनुसार करें ।

किडनी का योगासन ।

किडनी को स्वस्थ रखने के लिए किडनी के रोगी को उचित आहार के साथ इन योगासनों का करना चाहिए ताकि किडनी का संचालन बेहतर होता हैं । गुर्दे के लिए मुख्य रूप से योगासन इस प्रकार से है –

  • भुजंगासन,
  • नौकासन और
  • हलासन आदि का रोजाना अभ्यास करना चाहिए ।

अंतिम शब्द – आज के लेख पतंजलि किडनी की दवा ( Patanjali kidney Medicine ) गुर्दे की विभिन्न प्रकार के विकारों के लिए कारगर हो सकती हैं लेकिन इनका उपयोग योग्य डॉक्टर के परामर्श के उपरांत करे । किसी प्रकार के साइड इफेक्ट्स होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह ले ।

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