पतंजलि कमर दर्द की दवा । 5 दर्दनाशक आयुर्वेदिक दवा Patanjali.

patanjali kamar dard ki dawa.

पतंजलि दवा – आम तौर पर कमर का दर्द घंटों ऑफिस की कुर्सी पर बैठने, या खड़े होकर घर का काम करने या दौड़ भाग का कोई काम करने के कारण हो सकता है। इसके अलावा मांशपेशियों में तनाव के कारण भी सम्भव है । patanjali kamar dard ki dawa. है जिनका उपयोग वैध की सलाह से किया जा सकता है ।

किसी को यह दर्द तेज हो सकता है तो कभी धीमा। पहले यह समस्या उम्र बढ़ने पर होती थी परंतु अब यह परेशानी लगभग 10 में से 8 लोगों में पाई जाती है।वही कमर दर्द का सही से समय पर इलाज न किया जाए तो आगे चलकर यह Pain चिंता का कारण बन सकता है। ऐसे में हल्के-फुल्के दर्द के लिए कमर दर्द के कुछ घरेलू इलाज भी किए जा सकते हैं परंतु चिकित्सक का परामर्श अत्यंत महत्वपूर्ण है। तो चलिए जानते है – पतंजलि की दवा के बारे में –

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कमर दर्द के कारण

एक्सपर्ट के अनुसार कमर दर्द के प्रमुख कारण में रीढ़ की हड्डी का सिकुड़ना ( स्पाइनल स्टेनोसिस ) या स्लिप डिस्क स्पाइन को सहारा देने वाली डिस्क में से किसी एक का क्षतिग्रस्त होकर अपनी जगह से निकलना जैसी सामान्य समस्याओं के कारण भी दर्द हो सकता है । यह दर्द आमतौर पर 4 से 6 हफ्ते तक रह सकता है ।

इनके अलावा इन्फ्लेमेशन के कारण, विशेष रूप से सूजन के कारण (spondyloarthropathies) यानी रीढ़ की हड्डी में सूजन जैसी प्रॉब्लम के कारण भी हो सकता है। इसी प्रकार Marrow cancer नसों के संकुचन या मैरो कैंसर के कारण भी कमर दर्द हो सकता है। रीढ़, डिस्क से जुड़े किसी संक्रमण और स्पाइन में घाव की वजह से भी कमर दर्द हो सकता है। कमर दर्द के कुछ सामान्य कारण निम्नलिखित है

  • गलत मुद्रा में बैठना अर्थात सही तरीके से ना खड़ा होना या सही तरीके से न बैठना।
  • वजनदार वस्तुओं को बार बार उठाना ।
  • अचानक या झटके से उठना या झटके से बैठना ।
  • मांसपेशियों में किसी प्रकार का तनाव या खिंचाव ।
  • किसी प्रकार की एक्सीडेंट के कारण चोट।

कुछ बीमारियों के कारण भी कमर दर्द होता है जैसे रीढ़ की हड्डी का सिकुड़ना स्पाइनल स्टेनोसिस हड्डियों की कमजोर होने की समस्या ओस्टियोपोरोसिस, साइटिका, एक नस होती है जब इसमें दर्द होता है तो उसे साइटिका कहते हैं वह कमर दर्द में कमर से नीचे पैर तक जाती है इसके अलावा गठिया आदि।

पतंजलि कमर दर्द की दवा

कमर दर्द की समस्या किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है. ऐसा लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे रहने, डेस्क वर्क करने व कम फिजिकल एक्टिविटी की वजह से हो सकता है । इसके अलावा, मांसपेशियों में खिंचाव, भारी समान उठाने और कमर की मांसपेशियों में दबाव पड़ने से भी कमर में दर्द हो सकता है ।

वहीं, बढ़ती उम्र में कमर का दर्द स्लिप डिस्क, रीढ़ की हड्डी व पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों से जुड़ा हो सकता है । ऐसे में इस दर्द को दूर करने के लिए Patanjali की चंद्रप्रभा वटी व वातारि चूर्ण जैसी आयुर्वेदिक दवाइयां असरदार साबित हो सकती हैं । इस लेख में आप कमर दर्द में फायदेमंद Patanjali की दवा इस प्रकार से है –

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पतंजलि दिव्य चंद्रप्रभा वटी ।

यह दवा जोड़ो के दर्द, मांशपेशियों के दर्द व कमर दर्द के लिए उपयोगी हैं । इसमे उपस्थित आयुर्वेदिक घटक जैसे काली मिर्च, पिपली, नागरमोथा, तेजपत्ता, कपूर, छोटी इलायची आदि जो बॉडी से टोंक्सिस को बाहर निकालने में सहयोगी होते हैं ।

इसमे उपस्थित तत्व बॉडी के विभिन्न हिस्से में मांशपेशियों का दर्द, जोड़ो के दर्द से राहत प्रदान करने के साथ साथ रोग प्रतिरोधक शक्ति को भी बढ़ाते हैं । इनका सेवन सुबह शाम या योग्य वैध / डॉक्टर के परामर्श से किया जा सकता है ।

पतंजलि पीड़ान्तक क्रीम

यह एक आयुर्वेदिक क्रीम हैं इनका उपयोग बाहरी तौर पर मालिस के रूप में किया जाता हैं । दर्द वाले स्थान पर नियमित रूप से मसाज करने पर नसों व मांशपेशियों में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है । जिसे जोड़ो के दर्द व कमर दर्द से राहत मिलती है ।

इसमे उपस्थित प्राकृतिक घटक जैसे दिव्य धारा तेल, निर्गुडी अर्क, गढ़पुरा तेल, लहसुन, मालकांगनी, गुग्गुल तेल आदि दर्द से राहत देने के लिए उपयोगी होते हैं । इनका नियमित रूप से हल्के हाथों से मसाज करने पर नसों की कमजोरी दूर होती हैं । वही गर्माहट के कारण रक्त संचार बढ़ता है जिससे दबी हुई नस से भी राहत मिलती है ।

पतंजलि दर्द निवारक दवा – दिव्य पीड़ान्तक तेल

पतंजलि  का यह दर्द निवारक आयुर्वेदिक तेल हैं । इनका उपयोग सूजन, जोड़ो का दर्द, मांशपेशियों का दर्द, पीठ दर्द एवं कमर दर्द के लिए किया जाता हैं । इनका इस्तेमाल बाहरी तौर पर मालिश हेतु किया जाता हैं ।

इसमे उपस्थित विभिन्न प्रकार के आयुर्वेदिक तत्व जैसे शतावरी, भृंगराज, पिपली की जड़, रॉक साल्ट, तेजपत्र, सुगंध बेला आदि जो विभिन्न प्रकार के दर्द निवारक के लिए उपयोगी हैं । इस तेल इस्तेमाल सुबह शाम कर सकते है ।

पतंजलि घुटनों के दर्द की दवा – दिव्य निर्गुंडी क्वाथ

पतंजलि की यह दर्द नाशक के लिए जानी जाती है । यह मांशपेशियों के दर्द, जोड़ो के दर्द, घुटनों के दर्द एवं कमर दर्द के लिए लाभदायक है । इनका सेवन योग्य डॉक्टर की सलाह से सुबह शाम अनुशासित खुराक के रूप में किया जा सकता है ।

इसमे उपस्थित आयुर्वेदिक घटक निर्गुडी हैं । जो विभिन्न प्रकार के दर्द के साथ साथ डिप्रेशन से राहत देती है । इस बात का ध्यान रखें कि इनका अधिक सेवन करने से बचे ।

पतंजलि कमर दर्द की दवा – दिव्य पीड़ान्तक वटी

यह Patanjali की आयुर्वेदिक दवा है जिनका उपयोग विभिन्न प्रकार के मांशपेशियों के दर्द, जोड़ो का दर्द, कमर दर्द आदि के लाभकारी सिद्ध होती हैं । इनके अलावा इनका उपयोग साइटिका दर्द के लिए भी किया जाता है ।

इसमे उपस्थित विभिन्न प्रकार के आयुर्वेदिक घटक जैसे निर्गुडी, शिलाजीत, सौठ, हल्दी, गिलोय, बबूल, अश्वगंधा, सुरंजन मेथी आदि जो विभिन्न प्रकार के दर्द से राहत देती हैं । इनका उपयोग डॉक्टर की सलाह से सुबह शाम सेवन किया जा सकता है ।

पतंजलि कमर दर्द की दवा – दिव्य वातारि चूर्ण

इस आयुर्वेदिक दवा का उपयोग जोड़ो के दर्द, बॉडी के विभिन्न हिस्सों में होने वाले दर्द जैसे पीठ दर्द, बदन दर्द, कमर दर्द के लिए किया जाता है । यह शुद्ध आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से तैयार की जाती है ।

इसमे उपस्थित आयुर्वेदिक घटक जैसे अश्वगंधा, दिव्य वतारि चूर्ण, कुटकी, सुरंजना मेथी आदि जो विभिन्न प्रकार के दर्द के लिए उपयोगी होती है । इनका उपयोग योग्य वैध की सलाह से करे ।

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कमर दर्द के लक्षण – Symptoms of back pain in hindi.

  • दर्द गर्दन से नितंब तक हो सकता है।
  • यह दर्द कमर या पीठ या बॉडी के अन्य हिस्सों जैसे रीढ़ की हड्डी में भी हो सकता है।
  • कुछ मामलों में दोनों पैरों में भी दर्द हो सकता है।
  • लगातार कमर दर्द होने के कारण मूड बदलाव जैसे डिप्रेशन चिड़चिड़ापन उलझन जैसी समस्या भी हो सकती है।
  • शरीर की गति के कारण भी पेट दर्द हो सकता है।

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कमर दर्द का घरेलू उपाय | Back pain home remedies.

कमर दर्द का इलाज और इससे बचने के लिए, सोने के कौन से तरीके अपनाएं, कमर दर्द से बचने के लिए बैठने का कौन सा सही तरीका होगा, कमर और पीठ दर्द के लिए कौन कौन से योगासन किए जा सकते हैं। डॉक्टर की सलाह से कमर दर्द के बचाव से बचा जा सकता है।

  • पिपरमेंट का तेल लैवेंडर का तेल। अरंडी का तेल सरसों का तेल जैतून का तेल, अदरक का तेल, तुलसी के पत्ते का रस, लहसुन आदि का वाह्य उपयोग कर के मालिश कर के लाभ उठाया जा सकता है।
  • सेंधा नमक, एप्सम साल्ट आदि से गुनगुना कर के धोना चाहिए ।
  • कैमोमाइल चाय का उपयोग किया जा सकता है।
  • हाई स्पाइक गरम सिकाई, हीटिंग पैड से सिंकायी की जा सकती है।
  • अनार का जूस, अनानास जूस, हल्दी का सेवन किया जा सकता है। यह सारी चीजें कमर दर्द में उपयोग करने पर लाभप्रद होती हैं।
  • एलोवेरा का जूस पीने से भी कमर दर्द में लाभ मिलता है।

अंतिम शब्द – खराब पोश्चर में बैठे रहने या फिर रीढ़ की हड्डी की कोई समस्या होने पर किसी भी व्यक्ति को कमर में दर्द महसूस हो सकता है । कमर में दर्द होने पर व्यक्ति को रोजाना के कार्यो में भी मुश्किल हो सकती हैं । ऐसे में पंतजलि की दवा दर्द से राहत दिलाने में असरदार साबित हो सकती हैं । किसी भी दवा को लेने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर से दवा की डोज व समय जरूर पता कर लें । बिना डॉक्टर की राय के कोई भी दवा लेने से बचें ।। डॉक्टर सगीर अहमद सिद्दीकी खैरा बाजार बहराइच यूपी ।।

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