सिजेरियन डिलीवरी के फायदे | Cesarean Delivery in hindi.

Cesarean Delivery in hindi.
Cesarean Delivery in hindi.

Cesarean Delivery in hindi. जीवन कितना प्यारा शब्द है ना, और इस जीवन को देंते है हमारे माता पिता। माता और पिता से मिलकर बनता है हमारा जीवन। इस जीवन को ही अनेक कड़ियों में बांटा गया है, जैसे गर्भधारण, गर्भावस्था, प्रसव आदि । गर्भधारण और गर्भावस्था दोनों ही चरण माता के गर्भ में सम्पन्न होते हैं, किन्तु प्रसव वह अवस्था होती है, जिनमे शिशु का जन्म होता है।

प्रसव अर्थात जँचकी या डिलीवरी। डिलीवरी दो तरह की होती है, एक सामान्य या नॉर्मल डिलीवरी और दूसरा सिजेरियन डिलीवरी। आज हम आपको सिजेरियन डिलीवरी के बारे मैं बताने वाले हैं कि इस तरीके से डिलीवरी के बाद आपको किस तरह खुद का ध्यान रखना चाहिए। वर्तमान में नॉर्मल डिलीवरी के अपेक्षा सिजेरियन डिलीवरी अधिक होने लगी है, इसलिए इसके बारे में जानना अति आवश्यक है। तो चलिए जानते है Cesarean Delivery in hindi.

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सिजेरियन डिलीवरी क्या है ? What is Cesarean Delivery in hindi.

जब महिलाएँ सामान्य तरीके से शिशु को जन्म देती हैं, तब ऐसी डिलीवरी सामान्य डिलीवरी कहलाती है। किन्तु जब किन्ही कारणों से महिलाएँ सामान्य तरीके से शिशु को जन्म देने में असमर्थ होती हैं, तब ऐसी परिस्थिति में माता के पेट में चीरा लगाकर ऑपरेशन के जरिये शिशु को बाहर निकाला जाता है, इसे सिजेरियन या सी-सेक्शन डिलीवरी कहते हैं।

इस प्रकार की डिलीवरी में शिशु को निकालें जाने के बाद माता के पेट पर लगे चीरे को टाँके लगाकर बंद कर दिया जाता है। इस डिलीवरी में कोई खतरा नही होता है, लेकिन फिर भी महिलाएँ सिजेरियन डिलीवरी से डरती हैं।

सिजेरियन डिलीवरी के कारण | Causes of Cesarean Delivery in hindi.

ऐसे बहुत से कारण होते हैं, जब सिजेरियन डिलीवरी करवानी पड़ती है। यह निर्णय डॉक्टर माता और शिशु की कंडीशन देखकर बताते हैं कि सिजेरियन डिलीवरी करनी होगी या नॉर्मल। निम्न कारणों के चलते सिजेरियन डिलीवरी करवाई जाती है –

● माता के गर्भ में जुड़वाँ संतान होने पर।
● शिशु की धड़कन असामान्य होने की स्थिति में।
● शिशु के गले में नाल फंस जाने पर।
● यदि पहला शिशु ऑपरेशन से हुआ हो या अन्य कोई ऑपरेशन हुआ हो तब।
● शिशु को ऑक्सीजन ना मिलने की स्थिति में।
● शिशु उल्टा या तिरछा होने पर।
● माता को पहले से कोई बीमारी होने पर।
● माता या शिशु की जान को खतरा होने पर।
● शिशु के सांतवें या आठवे माह में जन्म लेने पर।

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सिजेरियन डिलीवरी के बाद टांको में दर्द क्यों होता है ?

टांको में दर्द होना आम बात है। डॉक्टर पहले ही मरीज को बता देते हैं कि उन्हें टांको का ध्यान कैसे रखना है। आमतौर पर टांके 4-5 दिन में सूख जाते हैं, लेकिन पूरी तरह ठीक होने में एक या डेढ़ महीने लग सकते हैं। टांको की बार बार ड्रेसिंग भी करवानी पड़ती हैं, ताकि वे पक ना जाये।

टांको पर खुजली भी होती है और यदि आप नाख़ून से वहाँ खुजलाते है, तो आपको इन्फेक्शन का खतरा अधिक हो जाता है। डॉक्टर आपको साफ सफाई से रहने की हिदायत देते हैं, क्योंकि आपकी जरा सी लापरवाही से टाँके पक सकते हैं और आपको दुबारा सर्जरी की जरूरत हो सकती हैं।

 

सिजेरियन डिलीवरी के बाद खान पान। After Cesarean Delivery diet in hindi.

नार्मल डिलीवरी के मुकाबले सिजेरियन में ज्यादा देखरेख की जरूरत होती है। खान पान में डॉक्टर द्वारा बताई गयी चीजो को शामिल करना चाहिए। जैसे

● गर्म एवं ताजा भोजन करें।
● सूखे मेवे का सेवन करे।
● हरी सब्जियां और फलों को भोजन में शामिल करें।
● अंकुरित अनाज खाएं।
● दाल का पानी और चावल का पानी पियें।
● गर्म पानी पियें।
● सोंठ के लड्डू, अलसी के लड्डू और ताकत बढ़ाने वाली चीजों का सेवन करें।
● अजवायन, तिल का सेवन करें।

 

सिजेरियन डिलीवरी के बाद क्या ना खाएं । Sijeriyan delivery ke kya nahin khana chahiye.

● खट्टे पदार्थो का सेवन ना करें।
● टमाटर या इससे बनी कोई भी चीज ना खाएं।
● दूध या दूध से बनी कोई भी चीज ना खाएं।
● ठंडी तासीर वाली चीजों से दूर रहें।
● ठंडे पेय पदार्थों से दूर रहे।
● मादक पदार्थो का सेवन ना करें।
● दही से दूर रहें।
● तली भुनी या ज्यादा मसालेदार चीजे ना खाएं।
● गैस बनाने वाली चीजें ना खाएं।

 

सिजेरियन डिलीवरी के बाद कमजोरी क्यों होती है ?

प्रसव के बाद माताओं को अत्यंत शारीरिक पीड़ा से गुजरना पड़ता है। प्रसव के कारण उनका पुरा शरीर टूट जाता है और शरीर को फिर से मजबूती दिलाने के लिए जरूरी है कि संयमित खान पान और उचित मात्रा में पोषक पदार्थो का सेवन करें। अगर वे ध्यान नही देंगी तो मांसपेशियों में बहुत दर्द होगा और अत्यंत कमजोरी भी महसूस करेंगी।

सिजेरियन डिलीवरी को ठीक होने में कितना समय लगता है ?

आमतौर पर सिजेरियन डिलीवरी को ठीक होने में तीन महीने लगते हैं, लेकिन किन्ही कारण से घाव ना भरा हो, तो पाँच या छः महीने भी लग सकते हैं। टाँके पक जाने पर दुबारा सर्जरी की जाती हैं, तब भी ठीक होने में समय लग सकता है।

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सिजेरियन डिलीवरी में कितना खर्च होता है ?

नोर्मल डिलीवरी की बजाय सिजेरियन डिलीवरी थोड़ी महंगी होती है। सरकारी हॉस्पिटल में 6-7 हजार के आस पास लग जाते हैं, जबकि प्राइवेट हॉस्पिटल में 15 से 20 हजार तक खर्च हो सकते हैं। अलग अलग हॉस्पिटल में डिलीवरी चार्ज अलग अलग होते है।

सिजेरियन डिलीवरी के बाद मासिक धर्म चक्र ? Cesarean Delivery in hindi.

गर्भावस्था के 9 महीने तक मासिक धर्म नही होते हैं, किन्तु डिलीवरी के सात या आठ हफ़्तों में फिर से शुरू हो जाते हैं। मासिक धर्म चक्र का आना आपके बॉडी के हार्मोन्स पर निर्भर करता है। शारीरिक बदलाव के कारण हो सकता है कि आपके मासिक धर्म अनियमित हो या देर से आये।

अगर आप शिशु को शुरुआत से स्तनपान करा रही है तो सम्भव है कि अभी मासिक धर्म ना आये। डिलीवरी के बाद पहला मासिक धर्म थोड़ा हैवी हो जाता है, किन्तु बाद में सब सामान्य हो जाता है।

सिजेरियन डिलीवरी से कितने बच्चे हो सकते है ?

सिजेरियन या सी सेक्शन एक हार्ड डिलीवरी हैं । जिसमे पेट पर चीरा लगाकर शिशु को बाहर निकाला जाता है । ऐसी स्थिति में बार बार सिजेरियन डिलीवरी कराने का मतलब बच्चे व माँ को खतरा बढ़ सकता है । गर्भाशय में इंफेक्शन हो सकता है । कभी कभी ब्लेडिंग अधिक होती है जिसे रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है । बार बार सी सेक्शन डिलीवरी कराने से गर्भाशय को बाहर निकलना पड़ सकता है ।

डॉक्टर्स का मानना है कि इन खतरों से बचने के लिए अधिकतम 3 सिजेरियन डिलीवरी कराई जा सकती है । चौथी डिलीवरी में इन सब खतरों के चांस बढ़ जाते है । एक शोध के अनुसार 10 में से 7 महिलाओं को सिजेरियन डिलीवरी के बाद नॉर्मल डिलीवरी कराने सफल होती हैं ।

Cesarean Delivery benefits.

सिजेरियन डिलीवरी के फायदे क्या है ? Cesarean Delivery benefits.

● यदि माता और शिशु को जान का खतरा हो, तब सिजेरियन डिलीवरी ही सबसे उपयुक्त होता है।
● यदि माँ को पहले से कोई बीमारी है, तो सिजेरियन डिलीवरी ही सबसे अच्छा माना जाता है।
● समय से पहले जन्म लेने वाले शिशु के लिए सिजेरियन ही सबसे उत्तम होता है।
● यदि सिजेरियन डिलीवरी करवानी हो, तो बेहतर है आप पहले से शुभ दिन, तिथि, वार निश्चित कर लें।
● डिलीवरी के समय होने वाली भयंकर पीड़ा से आप बच जाते हैं।

सिजेरियन डिलीवरी के नुकसान क्या है ? Side effects of Cesarean Delivery in hindi.

● इसमें बहुत ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ती है।
● सिजेरियन डिलीवरी के बाद शिशु को कभी कभी पीलिया भी हो जाता है।
● माता को खून की कमी हो जाती है।
● इस डिलीवरी की रिकवरी बहुत देर से होती है, नॉर्मल की अपेक्षा।
● उठने, बैठने में समस्या होती हैं।
● पेट के निचले हिस्से में दर्द रहता है।
● इस डिलीवरी का खर्च बहुत अधिक होता है।
● पहली डिलीवरी सिजेरियन से करवाने पर दूसरी डिलीवरी भी सिजेरियन से करवानी पड़ती है।

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सिजेरियन डिलीवरी में क्या सावधानी रखनी चाहिए ?

सिजेरियन डिलीवरी भी नार्मल डिलीवरी की तरह ही होती है, बस थोड़ा ध्यान देने की जरूरत होती हैं। यदि हम थोड़ा सावधानी रखेंगे तो सिजेरियन डिलीवरी भी सामान्य लगेगी।

● संतुलित एवं पोषक तत्वों से युक्त भोजन लें।
● नियमित हल्का फुल्का व्यायाम करें।
● ठंडी हवा से स्वयं को बचाकर रखें।
● समय समय पर डॉक्टर से चेकउप करवाते रहें।
● नियमित दवाइयां लें।
● साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें।
● इन्फेक्शन से बच कर रहें।
● गर्म तासीर की वस्तुएं खाएं एवं ताकत बढ़ाने वाली वस्तुएं खाएं।
● स्वयं और शिशु दोनों का ही समुचित ध्यान रखें।

सिजेरियन डिलीवरी के बाद शारीरिक सम्बंध । When should we have a relationship after C – Section ?

सी सेक्शन या सिजेरियन डिलीवरी एक हार्ड डिलीवरी में से एक है । जिसे वापस सामान्य स्थिति में आने में समय लगता है । डॉक्टर्स के अनुसार गर्भाशय ग्रीवा बंद होने में लगभग 6 सप्ताह तक का समय लगता है । यानी गर्भाशय को नॉर्मल स्थिति में आने के लिए लगभग दो महीने का समय लगता है । हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक डिलीवरी के बाद जब तक गर्भाशय की स्थिति सामान्य न हो तब तक शारिरिक सम्बंध नहीं बनाने चाहिए ।

सी सेक्शन डिलीवरी के 2 माह बाद अपने पार्टनर के साथ सम्बंध बनाने से पहले एक डॉक्टर से चेकअप अवश्य कराए । साथ ही साथ पोजिशन का विशेष ध्यान रखें । शारिरिक सम्बंध बनाने के दौरान हार्ड पोजिशन का इस्तेमाल न करें । अन्यथा नुकसान होने की आशंका रहती है जैसे टांके में दर्द, ब्लेडिंग आदि ।

उपयुक्त बातों पर यदि हम अमल करेंगे तो सिजेरियन डिलीवरी से हमें डर नही लगेगा। वैसे भी आज की जनरेशन की मदर सी सेक्शन डिलीवरी को ज्यादा सही मानती है और इसके लिए वह पूरी तैयारी कर लेती है कि कैसे क्या करना है, क्या खाना है या क्या नही खाना है। तो अब चिंता छोड़िये और मदरहुड का आनंद लीजिये।। शिखा गोस्वामी “निहारिका” छत्तीसगढ़ ।।

About Gudala Balaji

मै जी.बालाजी Global Health Tricks का संस्थापक हुँ । हम एक भावुक स्वतंत्र लेखक और ब्लॉगर है । जो हमेशा पाठकों को प्रेरित करने वाले शब्दों को बुनने के लिए समर्पित हूं। लेखन के प्रति मेरा प्रेम विभिन्न विषयों तक फैला हुआ है, जिसमें स्वास्थ्य से जुड़ी रोचक व बहुमूल्य जानकारी पर ध्यान केंद्रित किया गया है। एक शब्दकार के रूप में, आकर्षक और जानकारीपूर्ण ब्लॉग पोस्ट लिखने का उद्देश्य ज्ञानवर्धन और मनोरंजन करना है। जटिल अवधारणाओं को सुलभ सामग्री में अनुवाद करने की क्षमता के साथ, हम ब्लॉगिंग की दुनिया में रचनात्मकता और विशेषज्ञता का एक अनूठा मिश्रण लाने का प्रयास कर रहे है।

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