Stri bhog in hindi. कुदरत ने सृष्टि की रचना करते समय समस्त प्राणियों में दो चीजों को सबसे अहम बनाया जो उस वंश के संचालक होते हैं । सरल शब्दों में उन्हें नर एवं मादा कहते है । सांसारिक जगत में नर मादा यानी स्त्री पुरूष का बोलबाला चलता रहता है । दोनों के बीच आकर्षण सदैव बना रहेगा । इन आकर्षण को इतना भृमित करके स्त्री भोग में बदल दिया ।
मध्यकालीन अवधि में स्त्री को भोग विलास की वस्तु समझकर स्त्री को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था । लोग इस बात को भूल गए थे स्त्री ही इस जगत की जननी है । स्त्री ही उनकी सच्ची जीवन साथी हैं । स्त्री की इच्छा जाने वगैरह उनके भोग विलास की कामना करना एक अनैतिक कार्य है । तो चलिए जानते है Stri bhog in hindi. के बारे में –
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स्त्री भोग | what is stri bhog in hindi.
विज्ञान के अनुसार किशोरावस्था में जब टेस्टोस्टेरोन एवं एस्ट्रोजन हार्मोन स्रावित होने के बाद स्त्री पुरूष में कामुकता में वृद्धि होती है । और वही से स्त्री भोग की परिकल्पना होती हैं । मगर हमारे धर्म शास्त्रों में स्त्री भोग, स्त्री प्रसंग, स्त्री धन, स्त्री हरण जैसे कार्यो में लिप्त रहने वाले लोगों को पापी बताया गया है । जो कि परम् सत्य हैं स्त्री को किसी प्रकार से प्रताड़ित करने वाले हश्र बहुत बुरा होता है । शरीर की भूख मिटाने के लिए बार बार स्त्री गमन करना गलत है ।
आम तौर स्त्री भोग का अर्थ शारीरिक संबंध ( sex ) से लिया जाता हैं । स्त्री भोग का आशय वासना से लिया जाता है । इसी क्रम में कोठे जैसे शब्दों का इस्तेमाल हुआ । यानी स्त्री भोग को वैश्यावृत्ति के साथ जोड़कर देखने लगे । मगर स्त्री भोग का मतलब यह कतई नहीं होता है कि स्त्री की इच्छा के विरुद्ध कोई कार्य करें । शुद्ध शब्दों में कहे तो स्त्री भोग वंश उत्पत्ति के लिए किया गया एक ऐसा कार्य है जिसे शरीर को संतुष्टि मिलती हैं ।
स्त्री भोग का अर्थ | Stri bhog meaning in hindi.
मनुष्य जीवन में स्त्री – पुरूष एक दूसरे के लिए आकर्षण का केन्द्र है । इनमें से स्त्री की सुंदरता मुख्य बिंदु है । जिसे देखकर पुरुष भोग की ओर बढ़ता हैं । यही से स्त्री भोग की सार्थकता हुई ।
- स्त्री – ( संज्ञा ) मनुष्य जाति का एक स्त्रीलिंग हैं जिसे मादा भी कहते है । स्त्री उत्पत्ति की खान हैं ।
- भोग – उपभोग करने वाला, भोगने वाला, मौज मस्ती करना ।
इन्ही शब्दों के संदर्भ में स्त्री + भोग का अर्थ – मैथुन हैं, स्त्री का उपभोग करना, उनके साथ शारिरिक गतिविधियों करना आदि । साधारण शब्दों में बात करें तो स्त्री भोग शरीर की तृप्ति के लिए किया गया जिसे दोनो को आंनद के साथ शरीर को संतुष्टि मिलती हैं ।
स्त्री को क्या चाहिए । Stri ko kya chahiye.
सांसारिक जगत सवालो की भरमार होती है जैसे – स्त्री को क्या चाहिए ? पुरूष को क्या चाहिए ? नैतिक मूल्यों के अनुसार सोचे तो दोनों की ख्वाहिश एक जैसी ही है । लेकिन सेक्सी सोच वाले लोग इन सवाल के उत्तर कुछ गलत ही सोचते है । पर ऐसा नहीं है । एक शादीशुदा कपल्स को चाहिए वफ़ादारी । एक स्त्री को चाहिए सच्चा जीवन साथी जो ताउम्र साथ निभा सके । सामाजिक मूल्यों के आधार पर स्त्री की चाहत इस प्रकार है –
● सच्चा जीवनसाथी ।
● उनकी भावनाओ की कद्र करने वाला ।
● उनके स्वास्थ्य की परवाह करने वाला पति ।
● स्त्री इच्छा पूर्ति करने वाला सच्चा लाइफ पार्टनर ।
● उनके नखरे उठाने वाला, सौंदर्यता की नुमाइश करने वाला सच्चा प्रेमी ।
● स्त्री की हर ख्वाहिश को पूरी करने वाला सच्चे साथी की हमेशा तलाश होती हैं ।
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स्त्री से संबंध बनाना । Stri se sambndh banana.
गृहस्थी बसाने एवं पीढ़ी को आगे बढ़ाने के लिए स्त्री ( पत्नी ) से संबंध बनाना सबसे अहम कार्य है । स्त्री संबंध यानी संभोग वह क्रिया है जिसमें महिला पुरूष दोनो मिलकर भोग – विलास में बहकर अपने शरीर की तृप्ति को पूर्ण करते है । अपने जीवन को आनंदमय बनाने के लिए, स्व संतुष्टि के लिए किया वह कार्य है जिसे रतिक्रीड़ा भी कहते है ।
उनकी मर्जी के विरुद्ध बनाया गया स्त्री संबंध अनैतिक कार्यों में गिना जाता है । भारतीय संस्कृति के विरुद्ध आचरण माना जाता है । लेकिन दोनों की रजामंदी से बनाया गया संबंध को स्त्री संबंध कहा जाता है । यदि यही संबंध पति पत्नी के बीच होता है तो इसमें पूर्ण शुद्धता आ जाती हैं ।
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बीवी को तैयार कैसे करें । wife ko Razi kaise karen.
स्त्री भोग ( Stri bhog in hindi. ) की नीयत रखने वाले, हमेशा सेक्स आचरण करने वालो के दिमाग में एक ही सवाल घूमता है – स्त्री को कैसे पटाए ? स्त्री को कैसे राज़ी करें ? किसी कारण से पत्नी अगर नाराज़ हो जाए तो एक ही सवाल खड़ा होता हैं कि – पत्नी को कैसे राज़ी करें ? तो मेरे मित्रों इनका जबाब भी आपके पास है । अगर नहीं है तो हम आगे बताने वाले हैं ।
चूँकि स्त्री भोग विलास की वस्तु नहीं है । जिनका आप आसानी से इस्तेमाल करके छोड़ दें ।
स्त्री एक सवेदनशील एवं कोमल हृदय वाली प्राणी है । जिनके साथ खिलवाड़ करने के बजाय उन्हें समझे । सोचे कि आप स्त्री के साथ कैसा व्यवहार कर सकते है ? स्त्री की इच्छा के विरुद्ध या उनकी सहमति से । जरा सोचिए उनकी नजरो में हीरो बनना चाहते हैं या ज़ीरो ?
तो शायद आपको आपके प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा । मानवीय संवेदना के आधार पर कुछ सुझाव इस प्रकार से है –
● स्त्री की भावनाओं का सम्मान करें ।
● स्त्री की ख्वाहिशो को समझे एवं उन्हें पूरा करने का प्रयास करें ।
● उनकी तारीफ करें ।
● स्त्री को अपनापन का अहसास कराए ।
● उनके मूड के अनुसार बात करें ।
● किसी प्रकार की मनमानी करने से बचे ।
● उनकी नजरों में उच्च आदर्शो का निर्माण करें ।
● उन्हें यकीन दिलाए कि आप एक अच्छे दोस्त हैं और उनके साथ कोई गलत नहीं करेंगे ।
स्त्री-पुरुष का भोग विलास दिखाइए । Purush stri bhog in hindi.
स्त्री पुरूष का भोग विलास शायद प्राकृतिक प्रक्रिया है । मानव स्वभाव का हिस्सा है जो एक निश्चित उम्र के पड़ाव में शुरू होता है । गृहस्थी बसाने की शुरुआत पति पत्नी के बीच भोग विलास से शुरू होती हैं । और शरीर में इम्युनिटी खत्म होने तक चलता है ।
स्त्री पुरूष भोग विलास यानी संभोग । जहां दोनों मिलकर आपसी सहमति से एक दूजे के साथ पूरे तन मन और आत्मा के साथ मिलते है । एक ऐसी काम कीड़ा जिससे एक दूसरे के साथ इस कदर प्रेम पास में बुनी हुई होती है। जिससे उनका तन मन आनंद के चरम सुख तक ले जाती है ।
स्त्री पुरूष को भोग विलास सामाजिक मूल्यों के दायरे में रहकर एक निश्चित उम्र 18+ के बाद करना चाहिए । सम्भव हो तो शादी के बाद ही करें तो बेहतर होता हैं । साथ ही साथ काम शिक्षा भी अवश्य ग्रहण करें ।
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भोग आसन । Best 5 Bhog Asan in hindi.
स्त्री भोग करने के लिए कुछ आसन की आवश्यकता होती है । हालांकि कामसुत्र नामक शास्त्र में कुल 64 प्रकार के आसनों के बारे में बताया गया है । आज के लेख के अंतिम पार्ट में कुछ बेस्ट आसन के बारे में बता रहे हैं –
- मेड्ररिन डक्स – भोग आसन में यह आसन एक ऐसा आसन हैं जिसे आप अपने पार्टनर के साथ अधिक समय तक टिके रह सकते है । इस आसन में आप पार्टनर को लेटा कर पीछे से संभोग कर सकते है ।
- प्यार एवं अंतरंगता – इस आसन से स्त्री पुरूष के बीच गहरी कामोत्तेजना बढ़ती है । यह सेक्स लाइफ का आनंद लेने के लिए सबसे बेस्ट आसन है । इस आसन के तहत दोनों स्त्री पुरूष साथ लेटकर भोग करते हैं ।
- गोट एंड ट्री – यह आसन थोड़ा मुश्किल है लेकिन इसे आरामदायक आसन कहा जा सकता है । इस आसन में स्त्री पुरूष बैठे बैठे सेक्स करते हैं । असल स्त्री पुरूष की जांघों पर बैठकर संभोग का आनंद लेती हैं ।
- डॉगी आसन – इस आसन में स्त्री को घुटनों के बल बैठाकर पीछे से पुरूष संभोग करता है । यह पोजिशन थोड़ी मुश्किल होती है लेकिन दोनों के लिए आनन्दायक होती हैं ।
- स्लीप आसन – यह सबसे आरामदायक आसन होता है । इंटरकोर्स के दौरान यह आसन सबसे बेस्ट हैं क्योंकि इसे दर्द कम होता है । इस आसन में महिला को सीधी लेटाकर ऊपर से संभोग क्रिया को अंजाम दिया जाता है । बीच बीच में जांघों को ऊपर करके भी पोजीशन को बदला जाता है ।
अंतिम शब्द
भोग, योग और आसन तीनो ही एक दूसरे से पूर्ण है । क्योंकि ये सभी बॉडी को संतुष्टि देते है । मगर भोगी बनने के बजाय योगी बनाना बेहतर होता है । अपने ह्रदय में स्त्रियों को उच्च स्थान दे । जबर्दस्ती स्त्री भोग विलास में डूबने के बजाय स्त्री इच्छा की कद्र करें ।
एक इंसान स्त्री सुख के लिए जीता है । पुत्ररत्न की कामना करता है और उनके लिए बहुत सारा धन अर्जित करने के लिए दिन रात प्रयास करता है । यह आवश्यक है उस इंसान को भी स्थान मिले ।
स्त्री – पुरूष के मिलन से परिवार बनता है और उनसे ही आगे बढ़ता है । हमारी संस्कृति में महिलाओं को दैवीय स्थान प्राप्त है । उन्हें जगतजननी का गौरव प्राप्त है । माँ, बहन व पत्नी के रूप में स्त्री हमेशा अपना ओहदा बनाये रखती हैं । अतः उनके साथ किसी प्रकार का कुकृत्य करने से बचे ।