लेप्रोस्कोपी के कितने दिन बाद पीरियड आता है ? जाने फायदे व नुकसान

Laparoscopy in hindi.

लेप्रोस्कोपी के कितने दिन बाद पीरियड आता है ? यह  सर्जरी का वह तरीका है जिसमें डॉक्टर छोटे कट की सहायता से मरीज के पेट या पेट के आसपास भीतर तक इलाज करने में सक्षम हो पाते हैं। लेप्रोस्कोपी को ‘डे केयर सर्जरी’ ‘की होल सर्जरी’ या हिंदी में ‘न्यूनतम चीरा सर्जरी’ या ‘दूरबीन शल्य चिकित्सा’ भी कहते हैं। ऐसा लेप्रोस्कोप नामक उपकरण के कारण कहते हैं।

यह एक ऐसी शल्य चिकित्सा हैं बॉडी के भीतर के अंगों की जाँच करती है । जिससे बीमारी की जड़ तक आसानी से पहुँचा जा सकता है । हलाकि इनके बाद महिलाओ को पीरियड्स संबंधी मामलो मे थोड़ी परेशानी होती है । क्योंकि पीरियड्स देरी से आते हैं । तो चलिए जानते हैं – लेप्रोस्कोपी के कितने दिन बाद पीरियड आता है ?

पढ़े – ब्रेस्ट बढ़ाने की  दवा हिमालय । स्तन बढ़ाने की  5 टेबलेट व क्रीम

लेप्रोस्कोप सर्जरी क्या है ? Laparoscopy in hindi.

लेप्रोस्कोपिक सर्जरी को हम जांच सर्जरी कह सकते हैं । इसमें मरीज के पेट में छोटा कट लगाकर लेप्रोस्कोप उपकरण को भीतर उतारा जाता है । अंदर इसकी दिशा बदल बदल कर देखा जाता है। इसके लिए एक लंबा पतला ट्यूब नुमा यंत्र जिसके आगे कैमरा और प्रकाश होता है, इससे पेट के भीतर के अंगों की तस्वीर बाहर स्क्रीन पर देखकर रोग की पहचान की जा सकती है।

लेप्रोस्कोपी से बिना बड़ा ऑपरेशन किए भीतर के अंगों को उसी समय देख सकते हैं । यह एक ऐसा ऑपरेशन है जिसमे 2 से 3 छोटे कट लगाकर महिला के पेट मे एक छोटा सा उपकरण डालकर भीतर की पुरी स्थिति का पता किया जाता है । फिर इलाज शुरु किया जाता है । इनके 3 से 5 दिन तक अस्पताल में रहना भी पड़ सकता है ।

पढ़े – महिलाओ के लिए जोशी की  गोली का नाम प्राइस । 5 असरकारी दवा

लेप्रोस्कोपी के कितने दिन बाद पीरियड आता है ।

लेप्रोस्कोपी के बाद महिलाओं में पीरियड के बारे में कोई सटीक बात नहीं कह सकते। कुछ जल्दी तो कुछ-कुछ चार से 6 सप्ताह तक अगला महावारी नहीं होता है। इस सर्जरी के पश्चात अगले दो-तीन महीनों के पीरियड्स अधिक दर्द, अधिक रक्त स्त्राव और अधिक परेशानी वाले हो सकते हैं ।

डॉक्टर्स का मानना है कि आमतौर पर सर्जरी के हार्मोनल असंतुलन, तनाव व चिंता के कारण पीरियड्स मे देरी हो सकती है । और यह देरी 4 से 6 सप्ताह तक हो सकती है । इसके बाद पीरियड्स आ सकते है जो धीरे धीरे सामान्य चक्र का रूप लेते है । सर्जरी के बाद पहले पीरियड्स मे हैवी ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है । लेकिन घबराये नहीं अगर ज्यादा ब्लीडिंग हो रही हो तो डॉक्टर से सम्पर्क अवश्य करें ।

एक्सपर्ट का कहना है कि लेप्रोस्कोपी सर्जरी के बाद लगभग योनि से रक्त स्त्राव महसूस हो सकता है । यह एक सामान्य बात हैं । कई महिलाओ मे यह 4 से 6 सप्ताह तक पीरियड्स की प्रक्रिया को रोक सकता है ।

पढ़े – आईवीएफ पद्धति क्या है । IVF process  in hindi. 

लेप्रोस्कोपी क्यों की जाती है ?

पेट या पेल्विक क्षेत्र में किसी पीड़ा के लिए क्या स्थिति जिम्मेदार है, यह जानने के लिए लेप्रोस्कोपी सर्जरी की जाती है । जटिल स्थितियों में रोग का कारण ना समझ आ रहा हो तब यह आवश्यक हो जाती है, जैसे –

  • पेट या पेल्विक क्षेत्र में किसी गांठ या उभार को परखने के लिए।
  • किसी और अस्वास्थ्य कर स्थिति का सही पता लगाने के लिए, जैसे एंडोमेट्रियोसिस प्रेगनेंसी या पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज आदि ।
  • गर्भधारण करने में मुश्किल होने पर गर्भाशय में पानीदार छाले (सिस्ट) का पता लगाने के लिए या फाइब्रॉयड संक्रमण आदि का पता लगाने के लिए।
  • बांझपन की सामान्य जांच करने के लिए ।
  • शरीर के किसी हिस्से का कैंसर कहीं पेट तक ना पहुंच गया हो, यह जानने के लिए ।
  • किसी दुर्घटना में भीतर के अंगो की जांच करने के लिए।
  • पेट के निचले हिस्से में अचानक उठे दर्द को जानने के लिए।
  • बायोप्सी प्रक्रिया के लिए ।
  • ट्यूबल लिगेशन की जांच में भी लेप्रोस्कोपी की जाती है।
  • लीवर की परेशानी के परीक्षण के लिए।

पढ़े – पीसीओडी का घरेलु उपचार । PCOD ka  gharelu upay 

लेप्रोस्कोपी सर्जरी के टांके, टेस्ट एव खर्च –

इसके लिए कम से कम 8 घंटे पहले से खाना पीना बंद करना होता है और किसी भी दवा आदि का सेवन भी डॉक्टर की सलाह से करना चाहिए सामान्यतः लेप्रोस्कोपी के कुछ समय बाद अर्थात 12 से 72 घंटे आराम के बाद मरीज को छुट्टी दे दी जाती है। उसे रात भर भी रुकने की आवश्यकता कई बार नहीं पड़ती है।

मरीज को बेहोश करके इस सर्जरी को किया जाता है मरीज के नाभि के नीचे वाले भाग में एक छोटा सा कट लगाकर कैनुला की मदद से पेट में कार्बन डाइऑक्साइड गैस भरकर पेट को फुलाया जाता है। उसके बाद लेप्रोस्कोप की सहायता से पेट के भीतर की स्थिति को मॉनिटर पर देखा जाता है बाद में कार्बन डाइऑक्साइड को पेट से बाहर निकाल कर पेट को फिर से टांके के द्वारा बंद कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया में 30 से 60 मिनट तक का समय लगता है । इस पूरी प्रक्रिया में 2 से 4 टांके आते हैं।

लेप्रोस्कोपी में खर्च – किसी भी निजी अस्पताल में लेप्रोस्कोपी सर्जरी का खर्च 25000 से 50000 तक हो सकता है। वही किसी सरकारी अस्पताल में यह बिल्कुल निशुल्क उपलब्ध है। लेप्रोस्कोपी के कितने दिन बाद पीरियड आता है ?

लेप्रोस्कोपी के फायदे इन हिंदी –

इस सर्जरी से महिलाओं के जनन अंगों की कमियों या रोगों को कम खर्च कम समय व कम शारीरिक परेशानी में उपचार किया जा सकता है । गंभीर रोगों का पता भी आसानी से लगाया जा सकता है । आईवीएफ तकनीक में गर्भधारण के लिए हर बार लेप्रोस्कोपी की सहायता ली जाती है ।

  • पित्ताशय की थैली – पित्ताशय में होने वाली पथरी के इलाज के लिए लेप्रोस्कोपी सर्जरी या की होल सर्जरी सबसे सही इलाज माना जाता है। पित्ताशय की पथरी के लिए यह सबसे सटीक उपचार है जिसमें मरीज को शीघ्र आराम और सही इलाज मिलता है।
  • बाझपन का इलाज – यह सर्जरी महिलाओ के बाझपन के लिए लाभदायक है । इस सर्जरी के माध्यम डॉक्टर पेट के भीतर पुरी जानकारी ले सकते है जिससे प्रजजन क्षमता को बढ़ाने मे आसानी होती हैं ।

यह ओपन सर्जरी के मुकाबले काफी हद फायदेमंद होती है क्योंकि यह कम चिर फाड़ की होती है जिससे बहुत ही कम ब्लीडिंग होती है । साथ ही साथ कम समय के लिए अस्पताल मे रुकना पड़ता है । यह कम पीड़ादायक होती है ।

लेप्रोस्कोपी के बाद सावधानियां –

यह बड़ा ऑपरेशन नहीं होता है। जल्दी ही सामान्य जीवन शैली अपना सकते हैं । इसमें 12 से 72 घंटे आराम के बाद ही मरीज अपना सामान्य जीवन जी सकता है। किंतु सर्जरी और लगे कट के साथ सावधानी रखनी चाहिए। डॉक्टर के द्वारा दी की दवाई और भोजन के परहेज का पूरा पालन करना चाहिए और किसी भी संक्रमण से खुद को बचाना चाहिए ।

पढ़े – बेस्ट 9 महिलाओ के लिए टॉनिक Patanjali,  आयुर्वेदिक

सर्जरी के बाद लेप्रोस्कोपी साइड इफ़ेक्ट्स –

लेप्रोस्कोपी सर्जरी के बाद त्वचा संक्रमण और खून के बहाव की समस्या सामने आ सकती है। वहीं कई और अन्य असामान्य शारीरिक प्रभाव जैसे पेट दर्द होना, बुखार आना, ठंड लगना आदि भी हो सकता है इसके लिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए । इसके अतिरिक्त सर्जरी की जगह खुजली, लाल हो जाना, सूजन आना, खून बहना आदि भी हो सकता है। कई बार लोगों को गले में संक्रमण, मूत्र त्याग में परेशानी, उल्टी, जी घबराना आदि भी हो सकता है जिसके लिए तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

लेप्रोस्कोपी सर्जरी के बाद आहार –

सामान्यतः लेप्रोस्कोपी सर्जरी के बाद डॉक्टर 1 दिन में सामान्य भोजन की सलाह देते हैं। जिसमें दाल चावल, मौसमी फल, सब्जी आदि ले सकते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से ताजा, हल्का, सुपाच्य भोजन करना चाहिए साथ ही दूध और नारियल पानी लेना स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहता है ।

अस्वीकरण – यह लेख ( लेप्रोस्कोपी के कितने दिन बाद पीरियड आता है ? ) मे दी गई समस्त जानकारी शैक्षणिक हैं । इस जानकारी के आधार पर किसी प्रकार का ठोस निर्णय लेने से पहले आप योग्य डॉक्टर की राय या परामर्श लेना अनिवार्य समझे । हमारी साइट किसी जानकारी का पुष्टीकरण नही करती हैं  ।

Share