ढीलापन की दवा पतंजलि – सख्त करने की 5 आयुर्वेदिक दवा

Dheelepan ki dawa patanjali.

ढीलापन की दवा पतंजलि । एक पुरुष के लिए पेनिस का सख्त होना बहुत ही आवश्यक हैं । यदि इंद्री मे ढीलापन हो तो न तो पार्टनर संतुष्ट होता है न ही मर्दानगी नजर आती है । ऐसे मे एक पुरुष के लिए शर्मिंदगी एव परेशानी भरा सफर होता हैं । वैवाहिक जीवन मे बिस्तर पर बेहतरीन पारी खेलने के लिए लिंग मे कड़कपन होना अति आवश्यक है ।

मगर वर्तमान की बदलती हुई जीवन शैली एव गलत खानपान की बदौलत 35 वर्ष की उम्र पार होते होते पुरुषो मे प्रजनन से जुड़ी समस्या घर कर लेती हैं । जिससे वे पार्टनर को चरम सुख की अनुभूति नहीं दे पाते हैं । कुछ कम उम्र मे भी इंद्री मे ढीलेपन की समस्या पाई जाती है । फलस्वरूप आयुर्वेदिक, Patanjali, होम्योपेथिक दवाओं का सहारा लेना पड़ता हैं । एक्सपर्ट के अनुसार खानपान व जीवन शैली मे बदलाव करके बेहतर जीवन जिया जा सकता हैं – तो चलिए जानते हैं – इंद्री मे ढीलापन की आयुर्वेदिक पतंजलि दवा के बारे में –

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पेनिस मे ढीलापन क्यो आता हैं ?

लिंग मे ढीलापन की प्रॉब्लम आम है । यह समस्या आमतौर पर 35 – 40 वर्ष की उम्र के बाद आती है । एक्सपर्ट के अनुसार इन प्रॉब्लम का मुख्य कारण खानपान एव लाइफ स्टाइल है । इसी हस्तमैथुन भी इस कमजोरी का एक कारण है । तो चलिए जानते हैं –

  • शारीरिक कमजोरी व थकान,
  • कामेच्छा की कमी,
  • शीघ्र सख्लन या शीघ्रपतन,
  • पेनिस की नसों की कमजोरी,
  • लिंग मे इरेक्शन की कमी,
  • मोटापा आदि ।

इसी प्रकार किसी भी गंभीर बीमारी जैसे बीपी, ह्रदय, मधुमेह आदि से पीड़ित होने की स्थिति में भी इंद्री मे ढीलेपन की प्रॉब्लम होती हैं । वही शारीरिक श्रम यानी योग / व्यायाम न करने पर भी ढीलेपन की प्रॉब्लम हो सकती हैं ।

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ढीलापन की दवा पतंजलि आयुर्वेदिक –

पेनिस मे ढीलापन की समस्या को लेकर मार्केट में अनेको दवाइया उपलब्ध है । इन दवाओं मे आयुर्वेदिक, पतंजलि, बैद्यनाथ व होम्योपेथिक मुख्य है । ये दवाए न केवल किफायती होती बल्कि स्थायी प्रभाव देने वाली होती है । इन दवाओं का सेवन योग्य वैध या डॉक्टर की सलाह सेवन करें ।

आज कल योग गुरु बाबा रामदेव द्वारा निर्मित पतंजलि मेडिसिन एक सबसे किफायती विकल्प है । इन दवाओं के सेवन से पेनिस की नसों की कमजोरी, ढीलापन दूर होता है । यह दवाए विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक व प्राकृतिक जड़ी बुटियों द्वारा निर्मित होता है । तो चलिए जानते हैं – इन दवाओं के बारे में –

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दिव्य गोक्षुरादि गुग्गुल – ढीलापन की पतंजलि  दवा –

प्रजनन एव मूत्र से जुड़ी समस्त प्रॉब्लम के लिए Gokshuradi guggul नामक दवा अच्छी दवा है । इस दवा का नियमित रूप से सेवन करने से शीघ्रपतन, शुक्राणुओ की कमी एव मूत्रमार्ग से जुड़ी समस्याओ से निजात मिलती हैं । इस दवा मे उपस्थित प्राकृतिक जड़ी बुटी जैसे – काली मिर्च, पीपली, आमलकी, गोक्षुरा की जड़, हरितकी, मुश्ता की जड़, गुग्गुलु की राल व विभीतकी का फल जो प्रजनन तंत्र को मजबूत करती है । वही किडनी स्टोन, पेशाब की कमी के लिए भी लाभकारी है ।

इस दवा का सेवन करने पेनिस सख्त व कड़क होता हैं । इस दवा की एक – एक गोली सुबह – शाम दूध या पानी के साथ सेवन करें । इनकी खुराक 3g से अधिक न हो । इनके साइड इफ़ेक्ट्स से बचने के लिए अनुशासित मात्रा में सेवन करे । साथ ही साथ योग्य डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें ।

दिव्य अश्वशिला कैप्सूल – ढीलापन की दवा पतंजलि –

यह कैप्सूल इंद्री वर्धक के लिए बहुत उपयोगी है । इसमे अश्वगंधा व शिलाजीत नामक दो शक्तिशाली औषधियों से निर्मित होता हैं । यह दोनो ही औषधियां मर्दो के लिए रामबाण औषधि मानी जाती है । जो विभिन्न प्रकार के लैंगिंग विकारो को दूर करने मे सहायक मानी जाती है ।

इनका सेवन करने से इंद्री की रक्तवाहिनियों मे रक्त प्रवाह बढ़ता है । वही माशपेशिया मजबूत होती है ।
टेस्टो स्टोन का लेवल बढ़ता है । इनका सेवन करने से शारीरिक थकान व कमजोरी दूर होती हैं । इनका सेवन भोजन के पश्चात 1 – 1 कैप्सूल दूध या पानी के साथ सेवन किया जा सकता है । इनके दुष्प्रभाव से बचने के लिए योग्य वैध की सलाह से सेवन करें ।

पतंजलि सफेद मुसली – ling की नसों की कमजोरी की दवा –

सफ़ेद मुसली एक ऐसी प्राकृतिक औषधि है जो विभिन्न प्रकार के प्रजनन विकारो के उपचार के लिए रामबाण मानी जाती है । यह औषधि महिला – पुरुषो के लिए उपयोगी होती है । पतंजलि द्वारा इनका उपयोग विभिन्न प्रकार की लैंगिंग प्रॉब्लम के लिए किया जाता हैं । इसे हर्बल वियाग्रा भी कहा जाता हैं । इनका सेवन करने लैंगिंग क्षमता बढ़ती है । लिंग में ढीलापन की समस्या दूर होती हैं । लिंग मोटा व ताकतवर बनता है ।

विशेषज्ञ के अनुसार इनका सेवन 1 – 1 चमच्च दूध के साथ सेवन करे । इस औषधि का कोई दुष्प्रभाव नहीं है लेकिन इनका सेवन अनुशासित खुराक के रूप मे सेवन करें ।

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पतंजलि अश्वगंधा कैप्सूल – ling ढीलेपन की दवा –

आयुर्वेद के अनुसार अश्वगंधा न केवल मर्दो के लिए बल्कि औरतों के लिए भी खास औषधि मानी जाती है । मगर पुरुषो के लिए खास तब होती हैं जब उनकी मर्दानगी को बढ़ाती है । यह घोड़े जैसी महक और शक्ति को बढ़ाती है । यह वीर्य वर्धक, शक्ति वर्धक व इंद्री वर्धक मानी जाती हैं । यह औषधि वाजीकरण समूह की मानी जाती है । इनका उपयोग विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक, होम्योपेथी दवाओं मे किया जाता है ।

इनका सेवन करने से शारीरिक व प्रजनन दुर्बलता दूर होती है । स्पर्म काउंट, टाइमिंग, लिंग का कठोरता बढ़ती है । यह शरीर की थकान व तनाव को दूर करने मे सहायक होता है । इस कैप्सूल का सेवन सुबह शाम 1 – 1 किया जा सकता है । वही यदि की बात करें तो उनकी अधिकतम खुराक 5 g तक हो सकती है । इनका सेवन अधिक मात्रा मे या अधिक समय तक करने से साइड इफ़ेक्ट्स नजर आ सकते है ।

इसी प्रकार शतावरी से निर्मित कैप्सूल, चूर्ण व टेबलेट विभिन्न प्रकार के गुप्तांग विकार को दूर करने के लिए बहुत ही उपयोगी माने जाते हैं ।

झंडू शिलाजीत कैप्सूल – ling ढीलेपन दूर करने की आयुर्वेदिक दवा –

आयुर्वेद मे शिलाजीत को एक शक्तिशाली औषधि माना जाता है । इनका सेवन करने से गुप्तांग विकार व शारीरिक कमजोरी दूर होती हैं । यह कैप्सूल शिलाजीत के अर्क से निर्मित होता है । इनका सेवन करने से लिंग मे रक्त प्रवाह बढ़ता है जिसे माशपेशिया सख्त व कठोर होती है । यह काम शक्ति बढ़ाने के साथ साथ पेट की प्रॉब्लम व मानसिक तनाव दूर करने के लिए उपयोगी है ।

इस कैप्सूल का सेवन सुबह शाम या योग्य वैध की सलाह से किया जा सकता है । चुंकि इस कैप्सूल का कोई साइड इफ़ेक्ट्स नहीं है लेकिन अधिक मात्रा मे या अधिक समय तक सेवन करने से कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं ।

मन्मथ रस – इंद्री ढीलापन की दवा बैद्यनाथ –

यह दवा प्रजनन तंत्र को मजबूत बनाने वाली मानी जाती है । जो सभी प्रकार के गुप्त रोग जैसे शीघ्र पतन, नपुंसकता, खड़ा न होना, इंद्री मे ढीलापन, शुक्राणुओ की कमी, वीर्य का पतलापन आदि के लिए बहुत ही उपयोगी है । इसमे उपस्थित आयुर्वेदिक घटक जैसे – कपुर, बंग भस्म, लौह भस्म, गंधक, ताम्र भस्म, कौच के बीज, शतावर, तालम खाना, विदारिकद, जायफल, भांग के बिज, अजवाइन, जावित्री आदि जो काम शक्ति को बढ़ाकर हेल्दी वैवाहिक जीवन देता है ।

यह दवा शुक्र विकार, वीर्य विकार व इंद्री शिथिलनता के उपचार के लिए उपयोगी है । इस दवा के साइड इफ़ेक्ट्स से बचने के लिए अनुशासित मात्रा में खुराक सेवन करें एव योग्य वैध से परामर्श करे ।

कामसुधा योग – ढीलापन दूर करने की आयुर्वेदिक दवा –

जैसे की इस दवा के नाम से ही ज्ञात हो जाता है कि यह दवा काम शक्ति को बढ़ाने का कार्य करती है । यह आयुर्वेद की सबसे पुरानी व शक्तिशाली दवा है । जो विभिन्न प्रकार गुप्त विकार जैसे – नपुसकता, नामर्दी, लिंग का खड़ा न होता, जल्दी झड़ना, गुप्तांग कमजोरी आदि के लिए रामबाण दवा है । इसमे उपस्थित विभिन्न के आयुर्वेदिक घटक जैसे – सफ़ेद मुसली, कौच के बीज, विदारिकद, गोक्षुर, शिलाजीत, अश्वगंधा, शतावर, प्रवाल पिष्टी, तालमखाना, दालचीनी, जावित्री, मकरधवज, वंग भस्म, शोभ चीनी सहित 21 जड़ी बुटियों से निर्मित होता है ।

इनका सेवन करने से वीर्य पुष्ट व बलशाली होता है । यह गुप्तांग की रक्तवाहिनियों मे ब्लड फ्लो को बढ़ाकर उतको का निर्माण करता है । यह स्पर्म काउंट की प्रॉब्लम दूर करता है । इसी प्रकार लिंग का ढीलापन दूर करके सख्त व कड़कपन देता है । कुल मिलाकर देखा जाए तो यह दवा विभिन्न प्रकार के प्रजनन विकारो के लिए लाभकारी है ।

ling ढीलापन दूर करने के घरेलू उपाय –

लिंग का ढीलापन दूर करने के लिए आयुर्वेदिक पतंजलि दवाओं का सेवन करने के अलावा कुछ घरेलू उपाय का सहारा लिया जा सकता है । यह उपाय भी दवाओं की तरह प्रभावशाली व किफायती होते है । वैसे भी यह सब हमारी हेल्दी लाइफ स्टाइल का हिस्सा होते हैं तो चलिए जानते हैं –

  • हेल्दी डाइट प्लान करे ।
  • धूम्रपान व नशीले पदार्थो से दूर रहे ।
  • मानसिक गंदे विचारों से दूर रहे ।
  • तनाव या अवसाद से बचे ।
  • शारीरिक श्रम जैसे योगा, एक्सरसाइज़ या व्यायाम करे ।

अंतिम शब्द – इंद्री शिथिलतन दूर करने के लिए हेल्दी लाइफ स्टाइल मेंटेन करने से शायद दवाओ की आवश्यकता नही पड़ेगी । और यदि आप किसी प्रकार की दवाओं का सेवन करना चाहते है तो योग्य वैध या डॉक्टर से परामर्श के उपरांत करे । अन्यथा नुकसान उठाना पड़ सकता है ।

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