एक आदमी को कितनी बार वीर्य स्खलन करना चाहिए ? जाने वीर्यपात का सच

adami ko kitni baar virya skhlan karna chahiye.

एक सवाल सबसे अहम है कि एक आदमी को कितनी बार वीर्य स्खलन करना चाहिए ? लेकिन इनका परफेक्ट जबाब किसी के पास नहीं है । क्योंकि वीय स्खलन के कई तरीके होते हैं जैसे हस्तमैथुन दूसरा प्राकृतिक रूप से स्वप्नदोष, यह कभी कभी बीमारी का कारण बन सकता हैं । तीसरा तरीका जो कि सबसे अहम है । इसे नेचुरल विधि भी कह सकते हैं । जो कि महिला पुरुष के संगम से वीर्य सखलन होता हैं । जिसे हिंदी मे रतिक्रीड़ा भी कहते हैं ।

शारीरिक अंतरंगता दो लोगों के बीच के संबंध को मजबूत बने रहते है । इस रिश्ते में कपल को यौन रोमांटिक होना जरूरी नहीं है, मगर प्यार की पकड़ मजबूत होनी चाहिए । वासना अवस्थी तृप्ति को शांत करने को फिज़िकल रिलेशन नहीं कहा जाता है जबकि दोनों की सहमति विश्वास से बनाए गए संबंध ही शारीरिक संबंध कहलाते हैं ।

शारीरिक संबंध बनाने से हमारे शरीर में ऑक्सीटॉसिन हारमोंस को बनाता है जो कपल्स के बीच प्यार की मजबूरी को बढ़ाता है । फिजिकल रिलेशन भावनाओं के साथ शारीरिक स्वास्थ्य से भी जुडा हुआ है । इस दौरान कितना वीय स्खलन सही है कितना गलत आइये जानते हैं –

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वीर्य क्या है ?

वीर्य पुरुष जननागो से निकलने वाला एक जैविक तरल पदार्थ है । यह Spram या सीमेन या धातु के नाम से जाना जाता हैं । इसमे शुक्राणु कोशिकाए होती है जो स्त्री के अंडो को निषेचित करती है । वीर्य एक तरल गाढ़ा पदार्थ होता हैं जो प्लाजा बनाते है और यही प्लाजा शुक्राणु कोशिकाओं को जिंदा रखती है । यह इतना शक्तिशाली होता हैं कि नया शरीर बना सकता हैं । यह सुंदरता, एनर्जी, पॉवर के बहुत ही उपयोगी है ।

यह पुरुषों के गुप्तांग अंडकोष मे उपस्थित प्रोस्टेट से निर्मित होता है । इसी प्रकार वृषण शुक्राणुओ का निर्माण करते है । प्रोस्टेट एव वीर्य ग्रंथिया मिलकर वीर्य का निर्माण करती हैं । इसमे पोषक तत्व भी उपस्थित होते हैं । एक्सपर्ट के अनुसार आदमी के एक बर स्खलन में करीब 200,000,000 से 300,000,000 शुक्राणु निकल सकते हैं ।

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एक आदमी को कितनी बार वीर्य स्खलन करना चाहिए ?

एक आदमी को वीर्य स्खलन की संख्या पर बात करते हुए यह कहना मुश्किल है क्योंकि यह शरीर के व्यक्तिगत स्वास्थ्य और तनाव के स्तर पर निर्भर करता है। ऐसा माना जाता है कि वीर्य स्खलन करने का सही समय व्यक्ति के आयु, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और मानसिक स्तर पर निर्भर करता है।

सामान्य रूप से, एक युवा पुरुष को हर 7-10 दिन में एक बार से ज्यादा वीर्य स्खलन करना चाहिए। यह उनके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि समय-समय पर स्खलन करने से वीर्य में नए यौन शक्ति पर निर्भर करती है। इसके अलावा, यह वीर्य में मौजूद नकारात्मकता से छुटकारा पाने का भी एक तरीका होता है।

फिर भी, यह भी अत्यंत महत्वपूर्ण है कि यह संतोषप्रद हो बिना शरीर को नुकसान पहुंचाने के। अत्यधिक वीर्य स्खलन करने से शरीर की ऊर्जा की कमी हो सकती है और यौन क्षमता पर भी असर पड़ सकता है। इसलिए, सही संतोषप्रद मात्रा में वीर्य स्खलन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

हम कह सकते हैं कि एक आदमी को वीर्य स्खलन की संख्या पर निर्भर करता है। हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है और उसकी स्थिति भी अलग होती है। इसलिए, यह सबसे बेहतर है कि व्यक्ति अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखे और सही मात्रा में वीर्य स्खलन करे।

1 दिन मे एक आदमी को कितनी बार वीर्य स्खलन करना चाहिए ?

वीर्यावस्था व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य और मनोबल का एक महत्वपूर्ण पहलू है, और इस पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय प्राप्त करना बेहद महत्वपूर्ण है। व्यक्ति का शरीर और स्वास्थ्य परिस्थितियों के आधार पर हर व्यक्ति की स्थिति अलग हो सकती हैं । एक्सपर्ट का कहना है कि किसी भी व्यक्ति को वीर्य सखलन की लत न लगे तब तक सही है ।

एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए प्रात:काल या रात को एक से दो सप्ताह में एक बार वीर्य का निकलना सामान्य होता है। यह जानना जरूरी है कि यह संख्या व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर अधिक या कम हो सकती है।

इस प्रश्न के भावनात्मक और दार्शनिक पहलू भी हो सकते हैं, जैसे कि वैदिक दार्शनिक सिद्धान्तों के अनुसार, वीर्य की रक्षा करनी चाहिए और इसे प्रशांति के साथ जीवन का हिस्सा माना जाता है। इस दृष्टिकोण से, यह स्पष्ट है कि यह संख्या भी सामाजिक, धार्मिक और शैली संबंधित हो सकती है।

संक्षेप में, वीर्य के निकलने की संख्या जो किसी भी व्यक्ति के लिए सही है, वह उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के आधार पर निर्भर करती है।

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एक पुरुष को कितनी बार वीर्यपात करना चाहिए ?

वीर्य हमारे शरीर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं । हमारे ऋषि मुनियो ने वीर्य का सरक्षण करने की सलाह दी । लेकिन एक्सपर्ट का मानना है कि एक निश्चित आयु के बाद वीर्य को रोकना नही चाहिए । हलाकि रोकने एव सखलित करने से कोई नुकसान नहीं है ।

वीर्यपात या वीर्य स्खलन तब तक उचित है जब इनका प्राकृतिक रूप से हो । संतोषपद हो । विज्ञान के अनुसार वीर्यपात की कोई निश्चित मात्रा निर्धारित नहीं है । व्यक्ति की शारीरिक व मानसिक स्थिति के अनुसार सख्या भिन्न भिन्न हो सकती हैं । यदि वीर्य स्खलन सतोष जनक हो तो प्रोस्टेट कैंसर, हार्ट अटैक जैसे रोगो से भी बचा जा सकता हैं ।

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रोजाना वीर्यपात करने से क्या होता हैं ?

डॉक्टर्स के अनुसार वीर्य स्खलन शरीर के लिए सुरक्षित है । लेकिन अनावश्यक रूप से स्खलन हो या वीर्य पात को नुकसान दायक हो सकता है । एक बार वीर्यपात करने से 4 से 5 करोड़ शुक्राणुओ को विसर्जित करता है । ऐसे भी बार बार वीर्यपात हो तो कुछ नुकसान हो सकता हैं जैसे – कमजोरी, थकान, बांझपन आदि ।

जब बात डेली स्पर्म निकालने की हो तो नुकसान की सम्भवना कम है । यदि आप पूर्ण स्वस्थ, पूर्ण आयु, स्वस्थ जीवन शैली हैं तो नुकसान के बजाय फायदेमंद होगा । क्योंकि वीर्यपात करने अच्छी नींद आती हैं जिससे तनाव से निजात मिल जाती हैं । वीर्य सखलन से हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर, प्रोस्टेट कैंसर जैसे रोगो की सम्भवना 70% तक कम हो जाती हैं ।

अंतिम शब्द – तो आज के लेख मे एक आदमी को कितनी बार वीर्य स्खलन करना चाहिए ? इस विषय पर चर्चा की गई । ताज़ा रिसर्च के अनुसार एक परिपक्व नौजवान एक साल मे करीब 115 बार वीर्य सखलन करता है । वही 40 की उम्र बाद करीब 100 बार वीर्यपात करता है । अगर औसतन की बात करे 3 – 4 दिनों मे एक बार वीर्य सखलन उचित रहता हैं । यदि आप प्रकार की परेशानी का सामना कर रहे हैं तो योग्य डॉक्टर से परामर्श करें ।

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