डेंगू बुखार के लक्षण व घरेलू इलाज । Dengue symptoms in hindi.

Dengue symptoms in hindi.

Dengue symptoms in hindi. बारिश आने से चारों तरफ हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है । इसी बारिश में कई सारी बीमारियां पनपने लगती है । सर्दी खांसी जुकाम तो आम है । सामान्य बुखार भी आम बात हो जाती है । इस बरसात के मौसम में सबसे खतरनाक बीमारी डेंगू और मलेरिया की होती है । डेंगू और मलेरिया मच्छर काटने से होता है । डेंगू में अगर सही इलाज न किया जाए तो की मौत भी हो सकती है । इसलिए इस बीमारी से बचने के लिए सामान्य जानकारी मालूम होना जरूरी है ।

एक शोध के अनुसार भारत समेत दुनिया भर के 100 से अधिक देशों में ड़ेंगू के मामले सामने आते है । भारत में प्रतिवर्ष हजारों लोग ड़ेंगू से पीड़ित होते है । यह एक खतरनाक संक्रामक बीमारी है । जिनका टीका भी लगाया जाता है लेकिन WHO के अनुसार टीका अंतिम ट्रीटमेंट नहीं है बल्कि मच्छरों के प्रजनन की रोकथाम ही इलाज है ।

ड़ेंगू के शुरुआती लक्षणों ( Dengue symptoms in hindi. ) को पहचान कर बीमारी को आगे बढ़ने से रोका जा सकता है । आज हम आपको डेंगू के मच्छर और उसके उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं । लेकिन समय रहते योग्य डॉक्टर से इलाज करवाना जरूरी है । चलिए जानते हैं Dengue symptoms के बारे में –

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Table of Contents

डेंगू बुखार क्या है । What is dengue ?

ड़ेंगू बुखार एक आम संचारी बुखार है । जो वायरस ( विषाणु ) द्वारा होता है । इसमें तीव्र बुखार, शरीर दर्द, आंखें लाल होती है, इसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है । क्योंकि इस बीमारी के कारण शरीर व जोड़ों में बहुत दर्द होता है । 7 दिन से अधिक बुखार होने पर तुरंत ड़ेंगू की जाँच करवाए । डेंगू के शुरूआती लक्षणों Dengue symptoms पर नजर रखें ।

डेंगू मच्छर की पहचान कैसे करें | How to know dengue symptoms in hindi.

डेंगू मच्छर ज्यादा ऊपर तक नहीं उड़ पाता । जिसकी वजह से यह व्यक्ति के घुटने के नीचे ही काटते हैं । यह साधारण मच्छर से अलग दिखाई देता है । इसके शरीर पर चीते जैसी धारीयां दिखाई देती हैं । इस मच्छर के पैर पर भी सफेद रंग की धारियां होती हैं । यह ऐडिस मच्छर नाम की जाति का होता है । इस जाति का मच्छर काटने से डेंगू हो जाता है ।

डेंगू बुखार फैलता कैसे हैं ? Dengue viral fever in hindi.

डेंगू एडीज मच्छर के काटने से फैलता है । इन मच्छरों को एडिज मच्छर कहते हैं । यह मच्छर दिन में भी काटते हैं । भारत में यह रोग बरसात के मौसम में अर्थात जुलाई से अक्टूबर के बीच में सबसे अधिक होता है । डेंगू बुखार से पीड़ित रोगी के रक्त में डेंगू वायरस काफी मात्रा में होता है। जब डेंगू का मच्छर किसी डेंगू पीड़ित मरीज को काट लेता है । तो वह उसका खून चूसता है । खून के साथ डेंगू वायरस भी उस मच्छर के शरीर में प्रवेश करता है । वहां उसका कुछ दिन विकास होता है ।

जब ऐसा डेंगू वायरस मच्छर किसी अन्य स्वस्थ व्यक्ति को काट लेता है, तो डेंगू का वायरस उस व्यक्ति के शरीर में पहुंच जाता है । इस प्रकार वह स्वस्थ व्यक्ति डेंगू वायरस से संक्रमित हो जाता है । कुछ दिनों बाद यानि 3 या 5 दिनों के बाद उस व्यक्ति में डेंगू के लक्षण प्रकट हो जाते हैं । यह संक्रामक साल 3 से 10 दिनों का भी हो सकता है । ऐसा डेंगू संक्रमित मच्छर अगर अन्य लोगों को भी काट लेता है तो डेंगू का फैल जाता है।

डेंगू बुखार के कारण । dengue fever cause in Hindi.

डेंगू वायरल वाले मच्छर के काटने से होता है । एडीज प्रजाति के कई मच्छरों से डेंगू होता है । विशेष रुप से एडीज ( aides Egypt ) प्रजाति डेंगू संचरण का प्रमुख कारण है । यह प्रजाति स्थिर जल में पनपती है । दिन में भी यह मच्छर काटते हैं ।

एक व्यक्ति को डेंगू का मच्छर काटता है । तो वह मच्छर भी संक्रमित हो जाता है । और वह दूसरों को काटकर संक्रमित कर देता है । एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के संपर्क आने से नहीं फैलता है डेंगू । बल्कि संक्रमित व्यक्ति को एडीज मच्छर काटता हैं, वही मच्छर कुछ दिनों बाद दूसरे व्यक्ति काटता हैं तो डेंगू होता है । डेंगू होने के लिए एडिस मच्छर की जरूरत होती है । ये बरसात में अधिक फैलते जिसे डेंगू वायरल होता हैं ।

डेंगू बुखार से पीड़ित रोगी के रक्त में डेंगू वायरस काफी मात्रा में होता है। जब डेंगू का मच्छर किसी डेंगू पीड़ित मरीज को काट लेता है । तो वह उसका खून चूसता है । खून के साथ डेंगू वायरस भी उस मच्छर के शरीर में प्रवेश करता है । वहां उसका कुछ दिन विकास होता है । जब ऐसा डेंगू वायरस मच्छर किसी अन्य स्वस्थ व्यक्ति को काट लेता है तो डेंगू का वायरस उस व्यक्ति के शरीर में पहुंच जाता है ।

इस प्रकार वह स्वस्थ व्यक्ति डेंगू वायरस से संक्रमित हो जाता है । कुछ दिनों बाद यानि 3 या 5 दिनों के बाद उस व्यक्ति में डेंगू के लक्षण ( Dengue symptoms ) प्रकट हो जाते हैं । यह संक्रामक काल 3 से 10 दिनों का भी हो सकता है । यदि डेंगू संक्रमित मच्छर अगर अन्य लोगों को भी काट लेता है तो डेंगू बुखार वायरल हो जाता हैं ।

डेंगू बुखार के लक्षण । Dengue symptoms in hindi. –

डेंगू बुखार के लक्षण ( Dengue symptoms ) अलग अलग होते है क्योंकि डेंगू के 3 स्तर होते है । या यूँ कहे कि डेंगू बुखार तीन प्रकार से होता है। ये तीनो स्तर एक के बाद एक शुरू होते है और इनके लक्षण ( Dengue symptoms ) थोड़े अलग होते है । Dengue symptoms इस प्रकार है –

  1. क्लासिकल यानी साधारण डेंगू बुखार ।
  2. डेंगू हेमोरेजिक बुखार ।
  3. डेंगू शॉक सिंड्रोम बुखार ।

क्लासिकल साधारण डेंगू बुखार । Normal dengue symptoms in hindi.

● साधारण डेंगू बुखार में ठंड लगती है और अचानक तेज बुखार आता है ।
● सिर में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द होता है ।
● आंखें लाल होना, आंखों में दर्द या जलन होना ।

● कमजोरी लगना, भूख न लगना, उल्टी या मितली आना।
● मुंह का स्वाद खराब होना, गले में दर्द होना ।
● शरीर में लाल दाने आना, चेहरे गर्दन पीठ पर लाल-लाल दाने का फैलना।
साधारण डेंगू बुखार का अवधि 5 से 7 दिनों का होता है । इसके बाद मरीज स्वस्थ होने लगता है ।

डेंगू हेमोरेजिक बुखार : ( DHF )

इस बुखार में ऊपर लिखे हुए साधारण क्लासिकल डेंगू के लक्षण ( Dengue symptoms ) होते हैं । पर इससे भी कुछ अलग अन्य लक्षण भी दिखाई देते हैं । जैसे
● नाक से, मसूड़ों से खून आना ।
● सोच या उल्टी में खून आना ।
● त्वचा पर गहरे नीले काले रंग के चकत्ते पड़ जाना ।

● सफेद प्लेटलेट्स चढ़ाने की नौबत आ जाना । यह रक्तस्राव यानी हेमरेज के लक्षण ( Dengue symptoms ) होते हैं ।
साधारण क्लासिक डेंगू में मरीज को दवा नहीं मिली या उसका उपचार नहीं हुआ तो डेंगू हेमरेजिक लक्षण बढ़ जाते हैं । और मरीज को हेमरेज डेंगू हो जाता है ।

डेंगू शॉक सिंड्रोम ( DSS )

डेंगू शॉक सिंड्रोम में भी पहले मरीज को डेंगू साधारण यानी क्लासिकल डेंगू के लक्षण दिखाई देते हैं । मरीज ने इसके ऊपर उपचार नहीं किया जाए तो मरीज में हैमरेज डेंगू बुखार के लक्षण ( Dengue symptoms ) दिखाई देते हैं । और साथ ही साथ कभी-कभी शॉक अवस्था का भी लक्षण दिखाई देता है । इस शॉक सिंड्रोम डेंगू के लक्षण ( Dengue symptoms ) मरीज अत्यधिक बेचैन हो जाता है ।

● बुखार होने पर भी उसकी त्वचा पर हाथ लगाने पर वह ठंडी महसूस होती हैं ।
● मरीज धीरे-धीरे होश होने लगता है ।
● मरीज की नाडी तेज चलती है ।
● वह कमजोर दिखाई देता है । मरीज का रक्तचाप यानी ब्लड प्रेशर कम होने लगता है ।
● प्लेटलेट्स यानि सफेद रक्त कोशिकाओं को चढ़ाने की नौबत आ जाती है ।

इसके बाद कि चौथे चरण में मरीज़ अत्याधिक हो जाता हैं। व्यक्ति के परिसंचरण के झटके गंभीर होते है। उसका रक्तचाप ( ब्लड प्रेशर) और हृदय की धड़कन ( heart Rate ) महसूस नही होती । मरीज़ कि हालत गंभीर हो जाती है । Dengue symptoms नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें ।

डेंगू, मलेरिया के लक्षण – Malaria and Dengue symptoms in hindi.  –

डेंगू बुखार – बरसात का मौसम में मच्छर काटने के कारण होने वाली वायरल बीमारी है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार एडिज मच्छर के काटने के बाद व्यक्ति को पता नहीं चल पाता है । और 3 से 5 दिनों में इनके लक्षण ( Dengue symptoms ) दिखाई देते है जैसे तेज बुखार, सरदर्द, जॉइंट पैन, ठंड लगना, ज्यादा पसीना, मसूड़ो में खून आना, उल्टी या जी मितलाना आदि ।

कुछ गम्भीर मामलों में डेंगू के Dengue symptoms in hindi. खतरनाक होते है जैसे ब्लड वेसल्स डैमेज होना, प्लेटलेट्स की कमी होना आदि । ऐसी स्थिति में यूरिन ब्लेडिंग, सांस लेने में दिक्कत एवं पेट दर्द जैसी प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है ।

मलेरिया बुखार – मलेरिया भी पानी के भराव वाले क्षेत्रों में होने वाली बीमारी है । यह मादा एनिफिलीज मच्छर के काटने के कारण होता है । इसे संक्रामक रोग भी कहा जाता है। डॉक्टर्स के अनुसार मलेरिया के आम लक्षणों ( Malaria symptoms ) में ठंड लगकर बुखार आना, कंपकपी होना, तेज बुखार, बदन दर्द आदि । कुछ मामलों में लिवर का बढ़ना, चक्कर आना, उल्टी दस्त होना, खून की कमी होना आदि ।

एडीज मच्छरों की रोकथाम या प्रजनन को रोकने के लिए उपाय । Dengue symptoms in hindi.

डेंगू के मच्छर ज्यादातर पानी के भराव वाले क्षेत्रों या स्थानों में अधिक पनपता है । इन मच्छरों के प्रजजन को रोकने के लिए निम्न उपाय किए जा सकते है ।

  • मच्छर केवल पानी जमा होने पर फैलते हैं। इसलिए नालियों, गड्ढों, रूम कुलर, टूटी फूटी बोतल, पुराने टायर जैसी वस्तु में अगर पानी भरा हो तो उसे खाली कर दे ।
  •  घर में पुराने सामान जैसे टायर, डिब्बों, टूटी फूटी बोतलों के अंदर अगर पानी भरा हो, तो उसे तुरंत खाली कर दे।
  • घरों के आसपास अगर पानी से भरे गड्ढे हो तो उसे मिट्टी से भर दो एवं घरों के आसपास सभी जगह में सफाई रखिए ।
  • अगर गड्ढों में पानी ज्यादा भरा हुआ है, तो वहां पानी के अंदर कुछ मछलियां डाल दीजिए ।
  • मछलियां मच्छर के अंडों को खा जाती है जिससे बीमारी फैलने से रोक लगती हैं ।
  • शाम को खिड़कियां दरवाजे बंद रखें या खिड़कियां दरवाजे को हो सके तो जालिया लगा ले । जिससे मच्छर घर के अंदर प्रवेश ना कर सके ।
  • डेंगू के मच्छर दिन में भी काटते हैं । इसलिए दिन में भी सावधानी बरतें । ऐसे कपड़े पहने जिससे शरीर का अधिक से अधिक भाग ढका रहे ।
  • स्वास्थ्य कर्मचारी अगर मच्छर नाशक दवाई छिड़कने आए, तो उन्हें उनका कार्य करने दीजिए । दवाई के छिड़काव से फायदा आपको होगा ।
  • रात को सोते समय हो सके तो मच्छरदानी का उपयोग कीजिए ।
  • घर में मच्छर को भगाने वाले मच्छर नाशक क्रीम स्प्रे, मैट्स आदि का इस्तेमाल कर मच्छर को अपने घर से दूर रखिए ।
  • गूगल का धुआं कर मच्छर को भगाना एक अच्छा देशी उपाय हैं।
Dengue treatment in hindi

बच्चों में डेंगू का खतरा अधिक |bachchon me Dengue symptoms in hindi. –

Dengue symptoms in hindi. बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है । बच्चों पर अधिक ध्यान रखना है । उन्हें बिना कपड़ों का बाहर ना छोड़े अगर वह बाहर जाएं तो उन्हें पूरे कपड़े पहनाए । बच्चे अपनी बीमारी खुलकर बता नहीं पाते इसलिए अगर वह ज्यादा रोए या ज्यादा सोए या ज्यादा चिड़चिड़ापन करें या उन्हें तेज बुखार हो, शरीर पर रैशेज हो, उल्टी होना जैसे Dengue symptoms दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए ।

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अगर बच्चों को डेंगू हो तो उनका इलाज अस्पताल में ही करना उचित है । बच्चों के प्लेटलेट जल्दी गिरते हैं । उन्हें डिहाइड्रेशन यानी पानी की कमी भी जल्दी होती है । तो बच्चे पर माता-पिता को अधिक ध्यान रखना है । बच्चे ऐसी जगह ना खेले जहां पानी गंदा हो । गंदी जगह जहां कचरा हो उस जगह खेलने न दे।

बच्चों को साफ सुथरी जगह पर ही खेलने देना है । बच्चों के साथ माता पिता को हमेशा रहना चाहिए । बाहर से खेल कर पाने पर बच्चों की सफाई की और भी माता-पिता को अधिक ध्यान देना चाहिए।

डेंगू का इलाज | Dengue treatment in hindi –

साधारण व्यक्ति को बुखार है तो हम घर पर ही उसका इलाज करते हैं । अगर बुखार दो – तीन दिन में ना उतरे तो डॉक्टर से सम्पर्क करें । इसलिए हमें कुछ खास बातों पर ध्यान देना चाहिए । बुखार आने पर डॉक्टर की सलाह से कोई पेरासिटामोल को क्रोसिन आदि दे सकते हैं । साथ ही शुरूआती लक्षणों Dengue symptoms in hindi. पर ध्यान दे ।

● बुखार में एस्प्रिन डिस्प्रिन बिल्कुल ना दें इससे प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं । बुखार 102 डिग्री फॉरेनहाइट से ज्यादा है तो मरीज के शरीर पर पानी की पट्टियां रखें ।

● डाक्टर से सलाह मशवरा कर दवा दिजिए या अस्पताल में भर्ती करवा दीजिए । घर पर कोई प्रयोग न करें। सामान्य रूप से मरीज़ को साधारण खाना देना जरूरी है ।

● मरीज को आराम की जरूरत होती है । अगर मरीज में डेंगू के लक्षण है तो उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती करवा दीजिए। डेंगू में मरीज के शरीर में पानी की कमी होती है इसलिए उन्हें खूब पानी पिलाएं ।

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● नींबू पानी, नारियल पानी आदि । उन्हें विटामिन डी कि जरूरत होती है इसलिए संतरा, मौसंबी आदि फल खिलाना चाहिए । उन्हें अधिक आराम देना जरूरी है । विटामिन से भरपूर चीजों का सेवन करें जैसे आंवला संतरा मौसंबी आदी ।

डेंगू का घरेलू इलाज । Home remedies for dengue in hindi –

आयुर्वेद में कोई विशेष डेंगू पर दवा नहीं है । पर घरेलू नुस्खा अपना कर इससे राहत पा सकते हैं । इन नुस्खो का उपयोग आप घर ही कर सकते है । 

मगर इस बात का ध्यान रखे कि इन घरेलु उपाय को सावधानी से करे । यदि कुछ प्रॉब्लम होती हैं तो तुरंत इन औषधियों का सेवन करना बंद करें एव योग्य डॉक्टर से परामर्श करें ।

गिलोय से डेंगू का इलाज । Giloy se dengue ka gharelu ilaaj.

गिलोय का रस या आपको गिलोय की डंडी मिलती है तो गिलोय की दंडी लीजिए। दो काली मिर्च , तुलसी के 5 पत्ते और थोड़ा सा अदरक मिलाकर 5 मिनट तक उबालिए । यह काढ़ा सुबह शाम दिन में दो बार लिजिए। सुबह नाश्ते के बाद और रात में डिनर के पहले यह काढ़ा पीना उचित है।

गिलोय कड़वा होता है अगर आप कड़वा काढ़ा नहीं पी पाते । तो उसमें थोड़ा सा नमक और चीनी मिलाकर या शहद मिलाकर भी पी सकते हैं । गिलोय का आयुर्वेद में बहुत अधिक महत्व है । गिलोय मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में , प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में, बॉडी को इंफेक्शन से बचाने में मदद करता है ।

हल्दी से डेंगू का इलाज । Haldi se dengue ka gharelu ilaaj.

आधा चम्मच हल्दी और एक गिलास पानी लीजिए । हल्दी को पानी में मिक्स करके पानी को उबलिए । उबालकर पानी जब ठंडा हो जाए, तो उसे पी लीजिए । यह हल्दी का पानी सुबह या शाम आप कभी भी पी सकते हैं।

तुलसी के पत्ते और काली मिर्च से डेंगू का इलाज । Tulsi se dengue ka gharelu ilaaj.

10 तुलसी के पत्तों को अच्छे से धो कर एक गिलास पानी में डालिए । तुलसी के पत्तों के साथ 2 ग्राम कालीमिर्च और एक चम्मच शहद मिक्स कीजिए । यह पानी कटोरे में लेकर उबालने को रख दीजिए ।

जब यह पानी एक गिलास से आधा गिलास हो जाए, तो उसे थोड़ा थोड़ा करके मरीज को पीने दीजिए। इससे डेंगू में आराम मिलेगा । यह पानी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है । एंटी बैक्टीरियल के रूप में यह पानी काम करता है।

मेथी के पत्ते से डेंगू का घरेलू उपाय । Methi se dengue ka gharelu ilaaj.

मेथी के पत्ते पानी में भिगोकर उसका पानी पी ले । मेथी पाउडर को पानी में मिलाकर भी पी सकते हैं । यह पत्तियां बुखार कम करते हैं। दर्द को दूर कर अच्छी नींद सोने में मदद करते हैं ।

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पपीते के पत्ते से डेंगू का इलाज । Papite se dengue ka ilaaj.

पपीते के पत्तों से प्लेटलेट्स बढ़ते हैं । बॉडी में दर्द, कमजोरी, थकान, बुखार जैसे लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं । पपीते के पत्ते का रस निकालकर जूस की तरह पी सकते हैं । या आप पपीते के पत्ते को खा भी सकते हैं । पपीते के पत्ते बॉडी के टॉक्सिंस को बाहर निकलने में मदद करते हैं । पपीते के जूस को या पत्तों को दिन में दो से तीन बार लेना चाहिए ।

डेंगू में बकरी का दूध का उपयोग कैसे करें । Bakari ke dudh se dengue ka ilaaj.

डेंगू एक ऐसा रोग है जिसका समय पर उपचार करना जरूरी है । अगर समय पर इलाज न किया जाए तो जान पर भी आ सकता है । डेंगू में बकरी का दूध फायदेमंद होता है । इससे डेंगू को खत्म करने की काफी मदद मिलती है । बकरी के दूध में मौजूद प्रोटीन गाय भैंस की तरह जटिल नहीं होती इसी वजह से इसे पचाना आसान होता है ।
साथ ही यह रक्त कोशिकाओं की संख्या बढ़ाने में भी मदद करते हैं । इसलिए डेंगू होने पर बकरी का दूध पीना फायदेमंद साबित होता है ।

निष्कर्ष – डेंगू संक्रमण जरूर है । पर यह एडीज जाति के मच्छर के काटने से ही फैलता है । इंसान के एक दूसरे को छूने से या बात करने से नहीं फैलता । डेंगू के लक्षण ( Dengue symptoms ) दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाकर दवा लेनी चाहिए । इसका घर पर इलाज करना घातक साबित हो सकता है । डॉक्टर की दवा के साथ साथ हम घरेलू इलाज कर सकते हैं । लेकिन किसी भी प्रकार से मरीज को घर पर रखकर इलाज करना जानलेवा साबित हो सकता है । आपको अगर डेंगू के लक्षण ( Dengue symptoms in hindi. ) दिखाई देते हैं, तो तुरंत उस मरीज को स्वस्थ रखने के लिए डॉक्टर से सम्पर्क करें

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