हाथ पैर सुन्न होने के कारण, लक्षण व निदान । paresthesia meaning in hindi

paresthesia meaning in hindi.

Paresthesia meaning in hindi. शरीर में महसूस होने वाली असामान्य संवेदनाएं जैसे अंगों का सुन हो जाना, झुनझुनी अथवा जलन महसूस होने की स्थिति को paresthesia विकार के नाIम से जाना जाता है । हाथ पैरों की उंगलियों या हाथ पैर के अन्य हिस्से में इस तरह की संवेदना महसूस हो सकती है ।


समस्या के आधार पर यह संवेदनाएं अस्थाई हो सकती हैं और अपने आप भी ठीक हो सकती हैं। जैसे यदि paresthesia की स्थिति हाइपरटेंशन एंजायटी अटैक या फिर सोते समय सिर के नीचे हाथों को रखने के कारण हो रही है तो आमतौर पर यह संवेदनाएं अपने आप कुछ समय बाद ठीक हो जाती हैं ।


आमतौर पर लोगों में स्थाई रूप से संवेदनाएं हो सकती हैं । हालांकि कुछ लोगों में यह क्रॉनिक यानि कि लंबे समय तक बनी रहने वाली स्थिति हो सकती है । सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करने वाले विकारों जैसे कि स्ट्रोक और transic iscamic attack, multiple sclerosis, transverse mylitis, और Insefelites जैसी स्थितियों के कारण कुछ लोगों में paresthesia विकार होने का खतरा रहता है ।

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परेस्थेसिया क्या है ? paresthesia meaning in hindi.


परेस्थेसिया का हिन्दी असवेदन से लिया जाता है । जिनका मतलब है कि तंत्रिका तंत्र पर दबाव की वजह से हाथ, पैर या तलवी सुन्न हो जाता है । जिसे सरल भाषा में हाथ पैर सोना या नींद आना भी कहते है । दूसरे शब्दों में जब किसी प्रकार के दबाव के कारण हाथों पैरो को नींद आना ।


सामान्य रूप से हर किसी को कभी ना कभी paresthesia अनुभव होता है । अनजाने में तंत्रिका पर दबाव पड़ने के कारण यह दिक्कत आती है । हालांकि यदि अंगों में संवेदनाएं लंबे समय तक बनी रहे तो इस बारे में डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए । यदि paresthesia समस्या किसी अंतर्निहित कारणों अथवा तंत्रिकाओं पर पड़ रहे अनावश्यक दबाव के कारण हो रही हो तो इलाज की आवश्यकता होती है ।

हाथ पैर सुन्न होने के लक्षण । Symptoms of paresthesia –

Paresthesia को ही शरीर में होने वाली कई समस्याओं का कारण माना जाता है paresthesia के कारण होने वाली संवेदना ओं का असर अस्थाई क्रॉनिक यानी कि दीर्घकालिक हो सकता है l यदि paresthesia विशेष स्थिति के कारण होता है तो व्यक्ति में सामान्य से कई अतिरिक्त लक्षण महसूस हो सकते हैं ।


लक्षणों से पहले यह जानना आवश्यक है कि आखिर paresthesia प्रभाव किन अंगों पर सबसे ज्यादा देखने को मिलता है l paresthesia प्रभाव सबसे ज्यादा हाथ पैर, तलवे, हाथ या पैर की उंगलियों आदि में सबसे ज्यादा देखने को मिलता है l paresthesia कारण उत्पन्न होने वाले विकार अस्थाई या क्रॉनिक हो सकते हैं । paresthesia निम्न लक्षण दिखाई देते हैं ।


लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने लेटने या खड़े होने के कारण अंग सुन्न हो जाते हैं l paresthesia के कारण अंगों में कमजोरी महसूस होने लगती है l इस स्थिति में शरीर में झुनझुनी महसूस होती है एक ही स्थिति में लगातार बैठे रहने या खड़े रहने के कारण झुनझुनी की स्थिति उत्पन्न हो जाती है l

Paresthesia के लक्षणों में हाथ पैर के तलवे बहुत गर्म महसूस होते हैं या फिर बहुत अधिक ठंडे हो जाते हैं। paresthesia लक्षणों में 1 लक्षण अंगों का कठोर होना भी है तात्पर्य यह है कि किसी भी व्यक्ति मे झुनझुनी, अंगों का सुन्न होना, जलन महसूस होना आदि लक्षण paresthesia के हो सकते हैंl

हाथ पैर सुन्न होने के कारण । Causes of paresthesia –

Paresthesia का मुख्य कारण नसों का दबना होता है ना तो की दबने की समस्या आम तौर पर तब होती है । जब आसपास के ऊतक उस पर बहुत अधिक दबाव डाल देते हैं । इस कारण से paresthesia में होने वाली संवेदनाओं की अनुभूति हो सकती है l नसों के इस तरह से दबने की समस्या शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है जैसे चेहरा, गर्दन, कलाई, पीठ या पैरे आदि इसके अलावा रीढ़ निचले हिस्से में हर्नियाटेड डिस्क के कारण भी पीठ के प्रभावित हिस्से पैर या तलवे में दर्द या सनसनाहट की दिक्कत हो जाती है ।


इसी तरह कार्पल टनल सिंड्रोम भी कलाई में नसों के डरने की स्थिति है, जो उंगलियों में सुन और झुनझुनी का कारण बन सकती है । उपरोक्त कारणों के अलावा क्रॉनिक paresthesia कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं । इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं जैसे स्ट्रोक मल्टीपल स्क्लेरोसिस, रीढ़ हड्डी में ट्यूमर या मस्तिष्क में ट्यूमर, विटामिन डी या अन्य विटामिन का स्तर बहुत अधिक बढ़ जाना, मधुमेह, फाइब्रॉम्याल्जिया हाई बीपी, संक्रमण, तंत्रिका में चोट, तंत्रिका में संकुचन अथवा दबाव, इत्यादि कारण हो सकते है ।

हाथ पैर सुन्न होने के जोखिम । Complications of Paresthesia –

लिंग आधारित- तंत्रिका नलिका ओं के सक्रिय होने के कारण महिलाओं में कार्पल टनल सिंड्रोम होने की आशंका अधिक होती है ।
मोटापा – वजन अधिक होने पर भी नसों पर दबाव अधिक पड़ता है ।
गर्भावस्था – गर्भावस्था के कारण वजन का पानी बढ़ने के कारण भी नसों में सूजन व दबाव अधिक हो सकता है ।
थायराइड रोग – ऐसी स्थिति में भी कार्पल टनल सिंड्रोम का जोखिम बढ़ जाता है ।
मधुमेह – मधुमेह के कारण तंत्रिकाओं व ऊतकों को नुकसान हो सकता है ।
रूमेटाइड अर्थराइटिस – यह सूजन का कारण बन सकता है जिससे जोड़ों और नसों में संकुचन हो सकता है ।

paresthesia treatment in hindi.

हाथ पैर सुन्न होने का घरेलू इलाज । Diagnosis of Paresthesia –

● सुबह खाली पेट सौठ छोटे-छोटे टुकड़ों को चबाकर खाएं ।
● सुबह उठकर खाली पेट दो लहसुन की कच्ची कलियों को चबाकर खाने से परिस्थितियों के लक्षणों में आराम मिलता है । लहसुन व सौठ के सेवन से ब्लड सरकुलेशन बेहतर होता है ।


● पीपल की पत्तियों में कई तरह के एंटी ऑक्सीडेंट वह मिनरल्स होते हैं । यदि शरीर में अधिकतर सुन्न पन की शिकायत हो, तो 3-4 पीपल की पत्तियों को पीसकर उसे सरसों के तेल के साथ गर्म कर उस जगह पर लगाएं राहत मिलती है ।
● देसी घी से मालिश करने पर पैरों या हाथों के तलवों में होने वाले परिस्थितियों के लक्षणों में राहत मिलती है ।
● 30ml नारियल तेल के साथ 10 जून लैवंडर ऑयल की मिलाकर इसे हाथ पैर की मालिश करने से Paresthesia लक्षणों में आराम मिलता है ।


● एप्सम साल्ट का उपयोग भी परिस्थितियों की समस्या को कम करता है । एप्सम सॉल्ट में मैग्नीशियम की मात्रा बहुत अधिक होती है । यह इनफॉरमेशन को कम करता है और सूजन व नसों की मरम्मत करने में मदद करता है । एप्सम साल्ट को एक कप पानी में एक कप एप्सम साल्ट डालकर 30 मिनट तक अपने हाथ व पैरों को उस पानी में डूबा कर रखें लाभ मिलता है ।


● रोजाना एक कटोरी दही का सेवन भी फायदेमंद होता है । दही में कई पोषक तत्व और मैं मैग्नीज होता है जो ब्लड सरकुलेशन बेहतर करता है ।
● दालचीनी का उपयोग भी परिस्थितियों के लिए फायदेमंद होता है । दालचीनी एक औषधीय बूटी है । दालचीनी में पोटेशियम मैग्नीज जैसे तत्व होते हैं, एक चम्मच दालचीनी को गर्म पानी में डालकर सेवन करने से लाभ मिलता है । इन उपायों के अतिरिक्त व्यायाम व फिजियोथैरेपी paresthesia उपचार में बहुत लाभदायक होती है ।

हाथ पैर सुन्न होने की जांच । paresthesia test –

परिस्थितियां का निदान करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले रोगी की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानने की कोशिश करते हैं इसके अलावा इस बीमारी में लोगों को अलग-अलग लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर उन लक्षणों के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं जिसका पीड़ित को अनुभव हो रहा होता है इस प्रकार की सुविधाओं के वास्तविक कारणों को जाने के लिए डॉक्टर आवश्यकता अनुसार कुछ परीक्षणों को कराने की सलाह देते हैं ।


नव कंडक्टिंग टेस्ट ( Nerve conducting test) – इस परीक्षण के माध्यम से तंत्रिकाओं के आवे का पता लगाया जाता है ।
इलेक्ट्रो मो ग्राफी (EMG) – तंत्रिका और मांसपेशियों की विद्युत गतिविधि को देखने के लिए यह परीक्षण कराया जाता है ।
मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (MRI) – शरीर के विभिन्न हिस्सों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए यह परीक्षण कराया जाता है ।
● अल्ट्रा साउंड शरीर के अंगों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए अल्ट्रासाउंड कराया जाता है शरीर के छोटे से छोटे हिस्से में तंत्रिकाओं के संकुचन या दबाव का पता लगाने के लिए यह परीक्षण काफी लाभदायक होता है ।

हाथ पैर सुन्न होने का इलाज । Treatment of paresthesia –

Paresthesia के लक्षणों व कारणों के आधार पर उसका इलाज किया जाता है । यदि किसी अंतर्निहित कारणों के चलते परिस्थितियों की स्थिति उत्पन्न होती है तो इलाज के लिए निम्न उपायों को अमल में लाया जाता है ।


फिजिकल थेरेपी – प्रभावित तंत्रिकाओं के आसपास की मांसपेशियों में ताकत लाने के लिए फिजिकल थेरेपी की जाती है । मांसपेशियों के मजबूत होने की स्थिति में ऊतक मैं होने वाले संकुचन और उन्हें स्वस्थ रखने में सहायक होती है । मांसपेशियों के फिट होने से अंगों मैं लचीलापन और गतिशीलता में भी सुधार होता है ।


दवाएं – मांसपेशियों में दर्द व सूजन को कम करने के लिए कुछ दवाइयों और स्टेरॉइड इंजेक्शन को प्रयोग में लाया जा सकता है । Fibromylgiya के कारण लंबे समय तक रहने वाली पहले स्टेटस के लिए डॉक्टर दर्द को कम करने वाली कुछ अन्य दवाई भी दे सकते हैं l


सर्जरी – यदि उपरोक्त उपायों से paresthesia के लक्षणों में राहत नहीं मिलती है तो नसो के दबाव को कम करने के लिए डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं । डॉक्टर द्वारा सर्जरी करके आवश्यकतानुसार carpal ligament हड्डियों या पीठ में हर्नियाटेड डिस्क के एक हिस्से को निकाला जा सकता है । सर्जरी व्यक्ति के विशिष्ट लक्षणों के आधार पर निर्भर करती है । अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए उम्मीद है आपको यह लेख पसंद आएगा ।| Neerja Dave, Raipur (c.G.)

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