बच्चों को कोरोना वायरस से कैसे बचाएं । Covid in children.

Covid in children.

Covid in children. पिछले कुछ वर्षों से कोरोना वायरस सभी उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है । लेकिन जब बच्चे इस वायरस के चपेट में आते है तो बड़ो की तरह लक्षण नहीं नजर आते है । कभी कभी तो बहुत ही हल्के लक्षण नजर आते है । जैसे कि बुखार, खासी, उल्टी – दस्त आदि ।

आज दुनिया भर में corona cases न केवल बड़ो बल्कि छोटे बच्चों में Covid in children के मामले सामने आ चुके है । कोरोना के second wave के दौरान काफी मामले बढ़ चुके है | अमेरिकन शोध के मुताबिक किशोर बच्चों की तुलना में वयस्क एवं उनसे अधिक आयु वाले में कोरोना वायरस का प्रभाव कम देखा गया है । हालांकि कुछ बच्चे बहुत ज्यादा गम्भीर बीमार हो जाते है । रोग नियंत्रण केंद्र के अनुसार उन्हें चिकित्सकीय उपचार की आवश्यकता होती है । जैसे हॉस्पिटल, वेंटिलेटर एवं ऑक्सीजन आदि ।

गम्भीर बीमारियों से ग्रसित जैसे मधुमेह, मोटापा एवं अस्थमा आदि बच्चों जल्दी संक्रमणित हो सकते है । जो जन्मजात ह्रदय रोग, अनुवांशिक रोगों से, कमजोर इम्मयून सिस्टम के कारण बच्चों में अधिक खतरा ( Covid in children ) हो सकता है ।

बच्चों में कोरोना का संक्रमण । Covid in children in hindi.

हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस से उतनी गम्भीर रूप से संक्रमणित नहीं हो सकते है क्योंकि अन्य कोरोनविर्यूज़ जो फैलते है और वो सर्दी – खासी जैसी बीमारियों का कारण बन जाते है । और बच्चों में सर्दी खासी आम प्रॉब्लम है । इसलिए इम्मयून सिस्टम को मजबूत करके सुरक्षा की जा सकती है । बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली बड़ो की तुलना में अलग है । कुछ वयस्क भी संक्रमणित हो जाते है वजह उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली अधिक प्रतिक्रिया देती है जिसे उनकी बॉडी को नुकसान होता है । लेकिन बच्चों में covid in children ऐसी संभावना कम हो सकती है ।

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कोरोना से बच्चे कैसे संक्रमणित होते है –

विशेषज्ञों के अनुसार 0 से 1 वर्ष के शिशुओं की तुलना में बड़े बच्चों में कोरोना का खतरा ( Covid in kids ) अधिक है । क्योंकि इन बच्चों में अपरिपक्व प्रतिरक्षा प्रणाली एवं छोटे वायुमार्ग के कारण वायरस के संक्रमण से सास लेने में तकलीफ की संभावना अधिक होती है ।

कोरोना से बच्चे कैसे प्रभावित होते है ?

1 वर्ष से कम उम्र के शिशुओं में बड़े बच्चों की तुलना में covid in children के साथ गंभीर बीमारी का खतरा अधिक हो सकता है। यह उनकी अपरिपक्व प्रतिरक्षा प्रणाली और छोटे वायुमार्ग के कारण होने की संभावना है, जिससे उन्हें श्वसन वायरस के संक्रमण के साथ सांस लेने में समस्या होने की अधिक संभावना होती है।

नवजात शिशुओं में संक्रमणित होने के चांसेस रहते है क्योंकि प्रसव के दौरान देखभाल करने वालो के सम्पर्क के कारण खतरा रहता है । लेकिन कोरोना की गाइडलाइंस की पालना करके बचा जा सकता है । जैसे मास्क पहने, हाथों को धोते रहे एवं शिशु से उचित दूरी बनाए रखे आदि इन उपायों से कोरोना के जोखिम को कम किया जा सकता है ।

जिन नवजात शिशु का टेस्ट नहीं किया जा सकता या उनमे कोई लक्षण नहीं है उन्हें डिस्चार्ज भी किया जा सकता है । इस स्थिति में फेस मास्क का इस्तेमाल करते हुए शिशु की देखभाल करें । और लगातार डॉक्टर के सम्पर्क रहे ।

क्या बच्चों के लिए कोई कोरोना वैक्सीन है ? Covid Vaccine for children

बच्चों में वैक्सीन को लगातार प्रयास जारी है । हालांकि कुछ कंपनियों ने ट्रायल शुरू किए हैं जो जल्दी ही सकारात्मक परिणाम के साथ आपके साथ हो सकता है । जिसे Covid in children से बचा सकते है जो इस प्रकार है –

फाइजर – बायोएनटेक – अमेरिकन निर्माता कंपनी द्वारा निर्मित यह वैक्सीन 12 साल या उनसे ऊपर की आयू के बच्चों के उपलब्ध है । FDA के अनुसार इस इस टीके के लिए 21 दिनों के अंतराल में 2 डोज लगाई जाती है । परिस्थितियों के अनुसार दूसरी डोज 6 सप्ताह के अंतराल में भी लगाई जा सकती है ।

शोध के अनुसार यह वैक्सीन 12 से 15 वर्ष तक के बच्चों covid in children के वायरस के प्रभाव को रोकने के लिए 100% असरकारी है । शोध के दौरान यह भी तथ्य सामने आया है कि कोरोना के लक्षणों के दौरान भी 95% तक असरकारी है । यह गम्भीर वायरस के दौरान भी 90 से 96% तक प्रभावी हो सकती है । लेकिन नवजात शिशुओं के लिए अभी शोध कार्य जारी है ।

मॉडर्ना – यूरोपीय कंपनी द्वारा निर्मित इस टीके के लिए 12 से 17 वर्ष के बच्चों के लिए वैक्सीन के रूप मंजूरी मिल गई है । EMA ( यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी ) ने कहा है कि यह वैक्सीन 12 से 17 वर्ष की उम्र तक के बच्चों के लिए असरकारी है । जिनका उपयोग वयस्क बच्चों की तरह किया जा सकता है ।

जाइडस कैडिला – यह वैक्सीन 12 से 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए DNA आधारित इस टीके ZyCoV-D का ट्रायल भी सफलता पूरक पूर्ण कर लिया है । फिलहाल DNA वैक्सीन स्टैचुअरी परमिशन के पश्चात भारत में उपलब्ध हो जाएगी ।

कोवैक्सीन – इस वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है । एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि 6 से 12 वर्ष एवं 2 से 6 वर्ष तक के बच्चों पर ट्रायल चल रहा है जिनके सकारात्मक परिणाम जल्द ही आने की सम्भावना है ।

बच्चों में कोरोना के लक्षण – Symptoms of covid in children.

बच्चों व बड़ो में कोरोना के लक्षण लगभग एक जैसे होते है लेकिन बच्चों में लक्षण हल्के एवं ठंड जैसे हो सकते है जो दो सप्ताह तक नजर आते है । बच्चों में सम्भावित कोरोना के लक्षण ( Covid in children ) इस प्रकार है –
● ठंड लगना या बुखार आना ।
● नाक से पानी गिरना या बंद नाक ।
● गले मे खरास एवं खांसी ।
● सांस लेने में तकलीफ ।
● थकान एवं सिरदर्द
● बॉडी पैन या मांसपेशियों में दर्द ।
● उल्टी – दस्त या मितली ।
● पेट दर्द एवं भूख नहीं लगना ।
● मुह का स्वाद बदलना ।

यदि इस प्रकार के लक्षण नजर आ रहे है तो तुरंत चिकित्सा से सम्पर्क करें एवं WHO की गाइडलाइन की पालना करें । कोरोना की जांच करना या न करना डॉक्टर पर निर्भर करता है । यदि आपके बच्चे में गम्भीर रूप से लक्षण नजर आ रहे है तो टेस्ट किए जा सकते है । कोरोना जांच के लिए चिकित्सक नाक के पीछे (नासोफेरींजल स्वैब) से एक नमूना लेने के लिए एक लंबे स्वाब का उपयोग करके सैंपल को जांच के लिए लैब में भेजा जाता है। यदि आपका बच्चा कफ (थूक) खांस रहा है, तो उसे टेस्ट के लिए भेज सकता है।

Symptoms of covid in children.

बच्चों को कोरोना से कैसे बचाए | how to protect covid in children.

जैसा कि आप जानते है कि कोरोना एक प्रकार का घातक वायरस है जिनका बचाव ही उपचार है । इसी प्रकार छोटे बच्चों को कोरोना से बचाने एवं दुसरो में फैलने से रोकने सावधानी बरतने की आवश्यकता है । एवं WHO एवं सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन की पालना करे । कोरोना से बचाने covid in children के कुछ उपाय इस प्रकार है –

◆ हाथों को हमेशा साफ रखें । समय समय पर साबुन से कम से कम 30 सेंकेड तक धोएं । या सेनेटाइजर का इस्तेमाल कर सकते है ।

◆ छीकने एवं खांसने के दौरान अपने मुह एवं नाक को ढके । फेस मास्क का उपयोग करें एवं नाक, कान एवं मुँह को बार बार छूने से बचे ।

◆ यदि आप बाहर से आ रहे है तो घर मे छोटे बच्चों को न छुए ।

◆ बच्चे घर आने के बाद उन्हें तुरंत हाथ धोने की आदत डालें ।

◆ अनजान लोगों से कम से 2 मीटर की दूरी बनाए रखे ।

◆ घर को साफ सुथरा रखें । घर की खिड़कियों को समय समय खोलते रहे जिसे हवा का आना जाना लगा रहे ।

◆ बच्चों के खिलौने को समय समय धोते रहे । सम्भव हो तो धोने के बाद कुछ समय तक धूप में सुखाने के बाद बच्चे को खेलने के लिए दे ।

◆ बच्चों के लिए कपड़े के मास्क लगाए रखें ताकि ऑक्सीजन भी मिलते रहे ।

◆ बच्चों को खेल एवं वीडियो गेम में व्यस्त रखें । ताकि बार बार बाहर न निकले ।

◆ बच्चों के खट्टा मीठा खिलाने के बजाय हेल्थी फ़ूड खिलाए ।

◆ यदि आपका बच्चा किसी अन्य बीमारियों से ग्रसित है तो समय समय पर उचित देखभाल करें ।

◆ बच्चों को हल्के फुल्के व्यायाम के लिए प्रेरित करें ।

◆ किसी प्रकार के लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें ।

How to boost immunity power covid in children.

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बच्चों में इम्मयून सिस्टम को मजबूत बनाऐं रखें । उन्हें हेल्थी खाना देते रहे है । इम्युनिटी पॉवर बढ़ाने के लिए कुछ उपाय इस प्रकार है –

◆ रोग प्रतिरोधक शक्ति बढाने के रामबाण चूर्ण – गिलोय को गुडुची और अमृता से भी जाना जाता हैं| इस मे Antioxidents प्रचुरता में होता हैं जोकि free Radicals से लडने में मदद हैं और कोशिकाओं को स्वस्थ एवं बीमारियों से दूर रखते हैं|

जरुरी पोषक तत्त्व – जैसा कि हमने उपर बताया कि, बच्चों में कुपोषण, रोगप्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने का सबसे बडा कारण है । इसलिये अपने बच्चों को पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थो का सेवन करायें| चाहे तो इस विषय में डाँक्टरी सलाह भी ले सकते है ।

माँ का दूध – 1 साल तक के बच्चे को माँ का दूध से वंचित ना रखे क्योंकि मा का दूध बच्चो covid in children को संक्रमित होने से बचाता हैं| यही दूध उसकी रोगप्रतिरोधक शक्ती बढाने का कार्य करता है । किसी कारणवश कोई महिला स्तनपान कराने में असमर्थ हैं तो डाँक्टर से इस बारे में अवश्य बात करें ।

टिकाकरण – New Born Baby का टिकाकरण करवाये ताकि इसके अभाव में बच्चा जल्द संक्रमण की चपेट में आ सकता हैं । साफ- सफाई से जुडी आदते साफ- सफाई से जुडी बाते जरुर बताये जैसे खाने से पहले हाथ धोना, बाहर से आने के बाद हाथ पैर धोना और बिना ढके भोजन का सेवन न करना यह अच्छी आदते बच्चे को संक्रमित होने से बचाएंगी ।

पर्याप्त नींद – बच्चे के लिये पर्याप्त नींद भी बहुत जरुरी है । यह जरुर सुनिश्चित करें कि बच्चा पर्याप्त नींद ले रह हैं की नहीं ? इसके अभाव में रोग प्रतिकारक क्षमता कम हो सकती है ।

Best Home Remedy For cough and Cold In Kids

Covid in children. हर वक्त सर्दीयों में उसे खासी जुकाम, कफ, कोल्ड बहोत ज्यादा रहता है । कभी कभी कोरोना एवं सर्दी के लक्षण काफी मिलते जुलते है जिसे गहराई से पहचान कर अलग कर सकते है । आज में बैठे बैठे बच्चे को सर्दी – जुकाम लग जाता है । तो आज में आपको बताने वाले है जो कुछ ऐसे food items जो अगर आप अपने बच्चे को regular खिलाते होना तो उसका immunity system better हो जायेगा ।

लहसून -अदरक – सबसे पहले अपने खाने में Add करना है लहसून और अदरक कभी आपने notice किया हैं हम सर्दी यो में अदरक की चाय पिते है और हमारा गला बिल्कुल clean हो जाता हैं । अंदर से जो खिच खिचवाली समस्या होती हैं वो बिल्कुल खत्म हो जाती है । आप क्या कर सकते हो अदरक का रस निकाल सकते हों । यदि आप specially बच्चे को देना चाहते हों और अगर आपका बच्चा नहीं खाता पिता हैं तो आप क्या कर सकते हैं अदरक का रस निकाल सकते हों उसे शहद में मिला सकते हों और बच्चों को दे सकते हों ।

इनके बाद Diet में लहसून को Include करें । अगर आपको खांसी हो गई तो तवे पर लहसून को सेक कर उसका सेवन करें । सुबह तक Overnight अगर आप ये काम करते हों अदरक तो आपकी खांसी जुकाम सुबह तक आपको difference दिख जायेगा ।

vitamin – C – विटामिन सी इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करने के सहायक है । लगातार विटामिन सी का प्रयोग करने से कफ खासी से राहत मिलती है । विटामिन सी के मुख्य फलो में संतरा, नींबू एवं सेब है । इसके अलावा केला भी बहुत लाभदायक फल है ।

Dryfruits – छोटे बच्चो को खिलाने के लिए Dryfruits भी उपयोगी है । गरमी में बच्चो को भिगो कर dryfruits खिलायें । overnight उसे Soak करें । morning में आप बादाम का छिलका निकालेंगे या आक्रोड का छिलका निकाल कर बच्चो को खिलाये जिसे उसकी गर्मास बिल्कुल खत्म हो जाती हैं ।

हरी सब्जिया – बच्चों में इम्युनिटी पॉवर को बढ़ाने के लिए हरी सब्जीया का सेवन करना बहुत जरूरी है । green vegetables में पालक, ब्रोकली बच्चों के लिए बहुत ही लाभदायक है । आप green vegetables Over cook नहीं करने के बजाय green vegetables Paratha बनाकर खिला सकते है ।

अस्वीकरण – covid in children टॉपिक में दी गई समस्त जानकारी केवल शिक्षा योग्य है । हमारा उद्देश्य केवल Health के प्रति जागरूकता पैदा करना है । अतः किसी जानकारी का उपयोग करने से पहले स्थिति को जांच ले एवं डॉक्टरी सलाह एवं उपचार लेना हितकारी समझे ।

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