डिप्रेशन के लक्षण एवं उपाय । symptoms of depression in hindi.

Symptoms of depression.

symptoms of depression in hindi. डिप्रेशन या मानसिक तनाव या अवसाद की बीमारी जब होती है, जब व्यक्ति विशेष की आंतरिक और भारी विचारों में संतुलन नहीं होता है। पौष्टिक आहार नहीं लेता है। तब वह व्यक्ति डिप्रेशन या अवसाद में आ जाता है। उसकी मानसिक स्थिति तनावपूर्ण बनती जाती है । उसका मन विचलित रहता है। किसी भी कार्य को करने में वह उचित निर्णय नहीं कर पाता है। काम को करने में स्वयं को असहाय महसूस करता है।


डॉक्टर्स के अनुसार हमारे मस्तिष्क में उपस्थित Neurotransmitters जो मुख्य रूप से Serotonin एवं Dopamine या Norepinephrine जो हमारी खुशी और आनंद की भावनाओं को प्रभावित करते हैं जो अवसाद की स्थिति में यह असंतुलित हो सकते हैं। इनके असंतुलित होने से व्यक्ति में अवसाद हो सकता है परन्तु यह क्यों संतुलन से बाहर निकल जाते हैं इसका अभी तक पता नहीं चला है।

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डिप्रेशन क्या है । What is Depression –


अवसाद एक साधारण बीमारी है । भारत में अधिकांश लोगों में पाई जाती है। इलाज तो कई हैं । उपचार महंगा होने साथ ही उन दवाइयों के लंबे समय तक चलने पर स्वास्थ्य को हानि भी पहुंचाते हैं। क्योंकि डिप्रेशन या अवसाद की जो दवाइयां है, अधिकांशतः हृदय पर असर देती है ।


डिप्रेशन एक ऐसा विकार है जिसमें मरीज़ उदासीन रहता है । गहरी सोच में डूबा रहता है । कोई गहरी चिंता उसे हर बार सताती रहती है । यह टेंशन किसी दिल से लगाव वाली चीज़, किसी व्यक्ति या वस्तु को लेकर हो सकती है या फिर किसी बात को लेकर भी हो सकती है । डिप्रेशन से मानसिक संतुलन बिगड़ सकता है ।


WHO के अनुसार आधुनिक युग में लगभग 40 करोड़ व्यक्ति डिप्रेशन या अवसाद से ग्रस्त है । वही प्रतिवर्ष आठ लाख से अधिक लोग डिप्रेशन के कारण आत्म हत्या कर लेते है । डिप्रेशन से बचने के लिए आदमी को स्वयं व्यस्त रखना चाहिए और अपने मन मस्तिष्क पर ज्यादा दबाव नहीं डालना चाहिए।

डिप्रेशन किन कारणों से होता है । Causes of depression –


डिप्रेशन के कई कारण होते है जैसेमहिलाओं में महावारी के बंद होने, मासिक माहवारी के दौरान, असंतुलित हार्मोन के कारण, थाॅयराइड होने, आर्थिक स्थिति का खराब होना, पति/पत्नी का एक दूसरे के प्रति अच्छा व्यवहार नहीं होने, आंतरिक कलह, समाज में परिवार की स्थिति खराब होना, बेटे या बेटी की व्यवहार कुशल नहीं होना, इसी प्रकार अन्य और भी छोटे बड़े कारण हैं जिससे आदमी तनाव में आ जाता है । मन जब तनावग्रस्त स्थिति में होता है उसी को डिप्रेशन या स्टट्रेस या अवसाद कहा गया है।


● मौसम के परिवर्तन भी डिप्रेशन का कारण बनता है ।
● अपने जीवन में परिवर्तन होना जैसे किसी दुर्घटना से ग्रसित होना ।
● या किसी नए परिवार से जुड़ना और परिवारों में विचार में परिवर्तन होना। कार्य का बहुत अधिक होना ।
● यह साधारण शब्दों में यह कहा जाए कि अपनी उम्मीद के परे किसी काम का न होना भी तनावया अवसाद का एक कारण बनता है ।

डिप्रेशन के लक्षण – symptoms of depression –


डिप्रेशन की पहचान करने के लिए सबसे पहले उनके लक्षणों ( Symptoms of depression ) पर बारीकी से अध्ययन करना चाहिए और कई symptoms of depression को पहचाने बिना किसी फिजिशियन डॉक्टर के पास चले जाते है लेकिन यदि आप अवसादग्रस्त है तो मनोचिकित्सक से संपर्क करें ।

Symptoms of depression के लक्षणों में डिप्रेशन का शिकार व्यक्ति या तो बहुत ज्यादा बोलता या फिर बहुत कम है । कभी कभी रोने की स्थिति में होता है क्योंकि उसे आगे कोई रास्ता नजर नहीं आता है । यानी वह भ्रामकता में जी रहा है । डर उनकी जिंदगी का हिस्सा बन चुका है । गुस्सेल स्वभाव या चिड़चिड़ापन तो उनकी नाक पर ही रहता है तो जानते है Depression ke lakshan के बारे में –


● तनावग्रस्त व्यक्ति बोलता बहुत है।
● आत्मविश्वास की कमी रहती है ।
● स्वयं में उलझा हुआ रहता है।
● स्वभाव से चिड़चिड़ा होता है।
● अवसाद ग्रसत मरीज का मानसिक संतुलन खोया रहता है।
● स्वयं को हारा हुआ समझता है।
● एकांत में रहना ज्यादा अच्छा लगता है।
● आत्म हत्या के लिए प्रयास करना ।
● शारीरिक एवं मानसिक रूप से थकान एवं कमजोरी ।
● नींद की कमी ।
● सरदर्द, घबराहट एवं बैचेनी ।

डिप्रेशन कितने प्रकार के होते है । Type of depression –


अवसाद एक ऐसी अवस्था है जिनमें मरीज़ की मनोदशा को असन्तुलित कर देती है । कभी कभी तो मरीज़ मानसिक संतुलन भी खो देता है । वही होर्मोन का संतुलन बिगड़ने से अनेको बीमारियों के जोखिम को बढ़ा देता है जैसे हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर, थायराइड आदि । डिप्रेशन की स्थिति एवं अवस्था के अनुसार डिप्रेशन को 6 प्रकारों में बाटा गया है जो इस प्रकार से है –


मेजर डिप्रेसिव डिसऑर्डर | Major Depressive Disorder –


मेजर डिप्रेसिव डिसऑर्डर लम्बे समय से उदास रहने वाले लोगों में पाया जाता है । यानी कॉमन डिप्रेशन है ये अवसाद आधे से ज्यादा लोगों में किसी न किसी कारण होता है। जैसे शादी, आपसी मनमुटाव आदि । इस प्रकार के अवसाद में लगातार दो या दो अधिक सप्ताह तक लक्षण ( Symptoms of depression ) दिखाई देते है और स्वत् ठीक हो जाते है ।


मेजर डिप्रेशन के लक्षण । symptoms of Major depression –


● उदासी ।
● किसी कार्य की रट लगाए रखना ।
● समय पर दिनचर्या न अपनाना ।
● ज्यादा बोलना आदि ।

परसिस्टेंट डिप्रेसिव डिसऑर्डर | Persistent depressive disorder –


परसिस्टेंट डिप्रेसिव डिसऑर्डर एक अवसाद के दूसरे प्रकार का विकार है । इसे डिस्टीमिया भी कहा जाता है । इस प्रकार के डिप्रेशन में मरीज़ 2 महीने से अधिक समय तक अवसादग्रस्त ( Symptoms of depression ) रहता है । यानी कि कोई भी बात मन ही मन खाए जाती है जिसे वह बहुत ज्यादा तनाव महसूस करता है । अगर इस समस्या पर ध्यान न दे तो ये अगले पड़ाव में पहुंच सकती है ।


परसिस्टेंट डिप्रेसिव डिसऑर्डर के लक्षण । Persistent depression symptoms


● हद ज्यादा तनाव या उदासी ।
● एकांतवास होना ।
● मन की टीस खाए जाती है ।
● कम बोलना या कोई भ्रामकता आदि ।

मैनिक डिप्रेशन | Bipolar disorder depression –


डिप्रेशन की यह तीसरी अवस्था है जो कि शारीरिक दशा बिगाड़ने के साथ साथ मानसिक दशा को नुकसान पहुँचाती है । यहां तक आत्म हत्या जैसे विकार भी उत्प्रेरित हो सकते है । कोई गहरी चिंता मरीज़ को खाए जाती है जिनका समाधान उसे दूर दूर तक नजर नहीं आता है । यही कारण है कि उनकी मानसिकता में भारी उतार चढ़ाव होता है । इस स्थिति में मनोचिकित्सक से संपर्क करना आवश्यक समझे ।


बाइपोलर डिप्रेशन के लक्षण । Bipolar disorder depression symptoms.


● ऊर्जा की कमी या थकान महसूस करना
● गहरी चिंता में डूबना
● अनिंद्रा
● उदासीनता
● ह्रदय की धड़कन तेज होना।
● हाथों पैरो में मामूली कंपन आदि ।

पोस्टपार्टम डिप्रेशन | Postpartum Depression –


इस प्रकार अवसाद महिलाओं में पाया जाता है । एक शोध के अनुसार हर 7वी महिला इस डिप्रेशन का शिकार होती है । असल में इस डिप्रेशन की जड़े गर्भावस्था से शुरू होती है । साधारण शब्दों जब फर्स्ट डिलीवरी होती है तब उनके मन में टेंशन घर कर जाता है । जिनका प्रभाव होने वाले बच्चे पर भी दिखाई देता है जैसे बच्चों का ज्यादा रोना आदि । यह ड्रामेटिक हार्मोनल के बदलाव के कारण होता है ।

पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षण । Postpartum depression symptoms.


● मन में भय रहना ।
● ज्यादा सोचना ।
● दुःखी होना आदि ।

मौसमी डिप्रेशन । Seasonal Affective Disorder –


मौसमी अवसाद यानी सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) जो बदलते मौसम के कारण होता है । जो कि साल में 2 बार ज्यादा प्रभावित करता है जैसे गर्मी के मौसम के बाद सर्दी का आना या सर्दी के बाद गर्मी का आना । इनके बीच के कुछ दिन परेशान कर जाते है । इन समय बीमारियां तो बढ़ती ही है मगर साथ ही साथ अवसादग्रस्त ( symptoms of depression ) भी हो जाते है । यह डिप्रेशन धीरे धीरे स्वत् ठीक हो जाता है ।

मौसमी डिप्रेशन के लक्षण । seasonal affective depression symptoms


● निराशा
● थकान
● किसी कार्य मे रुचि न लेना
● चिड़चिड़ापन आदि ।

एटिपिकल डिप्रेशन | Atypical Depression –


अवसाद एक ऐसा विकार है जिसे होश में होते हुए भी बेहोशी की हालात में रहता है यानी उसे पता ही नहीं है कि वह कब सोता है और कब खाता है । जी हां एटिपिकल डिप्रेशन भी कुछ ऐसा ही होता है । जिसमे मरीज़ जब खाता है तो खाए जाता है और नींद लेता है तो उठने का नाम ही नहीं लेता है । यानी वह अपनी दिनचर्या पर से नियंत्रण खो लेता है । इस स्थिति को तुरंत किसी मनोचिकित्सक से संपर्क करें ।
लक्षण –
● अधिक नींद लेना
● हर चीज़ की अधिकता ।

Treatment of depression.

डिप्रेशन के घरेलू उपाय | Treatment of depression –

● डिप्रेशन या अवसाद या तनाव ग्रस्त मरीज को प्रातः काल बिना ब्रश किए हुए सेब खाना चाहिए इससे स्वास्थ्य पर अच्छा असर पड़ता है लाभदायक होता है।
● चुकंदर हमें सलाद में खाना चाहिए । उसमें विटामिंस बहुत होते हैं क्योंकि हमारे मस्तिष्क के लिए लाभदायक होते हैं । और तनाव से हमें दूर करते हैं।


● ब्रह्मी और अश्वगंधा का एक-एक चम्मच पाउडर मिलाकर के पानी में पीना चाहिए।
● हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए ।
● जंक फूड (पीजा, बर्गर, मैगी, चाऊमीन आदि) बिल्कुल नहीं खाने चाहिए ।
● चाय कॉफी का त्याग करना चाहिए।


● नींबू, शहद और हल्दी तीनों को पानी में घोलकर के जस्ट लाइक शरबत बनाकर के हमें अवसाद ग्रसत मलीज को दो तीन बार दिन में पिलाना चाहिए ।
● बेर को खाना चाहिए । बेर की गुठलियों को पीसकर के उस का चूर्ण बनाकर के भी पानी में मिलाकर पीने से डिप्रेशन या अवसाद वाले रोगी को फायदा मिलता है।


● मेडीटेशन या प्राणायाम प्रातःकाल में अवश्य करना चाहिए।
● अपने अजीज मित्रों के पास बैठकर के समय व्यतीत करना चाहिए ।

● जो कार्य में हमें रुचि है वह कार्य हमें करना चाहिए ।
● भगवान के भजन कीर्तन में अपना मन लगाना चाहिए।
● पौष्टिक आहार लेना चाहिए ।


● फल मेवा आदि का सेवन करना चाहिए। 2/4 काजू भिगोकर के और पीस करके हमें पानी में मिलाकर पीनि चाहिए।
● काजू हमारे डिप्रेशन या अवसाद की बीमारी में बहुत फायदेमंद साबित हुआ है।

डिप्रेशन और स्ट्रीट को कम कैसे करें । How to reduce depression and street –


कभी-कभी किसी व्यक्ति में घरेलू परेशानियों के कारण या किसी दुर्घटना से भयानक ग्रसित होने के कारण मन मस्तिष्क की स्थिति तनावपूर्ण हो जाती है ऐसी स्थिति में वह व्यक्ति डिप्रेशन या अवसाद का शिकार (Symptoms of depression ) हो जाता है।

हल्का-फुल्का अवसाद होता है तो पौष्टिक आहार लेने से समय पर ठीक हो जाता है। कुछ समय में ठीक हो जाता है, लेकिन यह प्रक्रिया अगर बार-बार होती है तो वह भारी अवसाद बन जाता है । मरीज में चिड़चिड़ापन बढ़ता जाता है। अपना आपा खो बैठता है। आत्महत्या जैसे विचार मरीज के मन में आने लगतेहै। इसके लिए हमें symptoms of depression को पहचान कर मनोवैज्ञानिक चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।

डिप्रेशन के लिए योग । Yoga Poses For Depression –


कहा जाता है कि योग भगाए रोग । यह कहावत डिप्रेशन जैसे मनोरोग को भगाने के लिए काफी कारगर साबित होती है । यदि कोई मरीज़ नियमित रूप से योगासन करता है तो यकीनन उनकी प्रॉब्लम हल हो सकती है । क्योंकि योग करने से पैरासिम्पैथेटिक नर्व्स सिस्टम एक्टिव हो जाता है । जिससे हमारा शरीर और मन आराम महसूस करता है। तो चलिए जानते है योग के बारे में –


बालासन | Balasana –

इसे चाइल्ड पोज़ भी कहा जाता है । जिस स्थिति में एक बच्चा अपनी के गर्भ में रहता है उसी प्रकार बलासन किया जाता हैं । इस अभ्यास में गुरुत्व बल के बिल्कुल विपरीत बॉडी से जोर लगाते हुए करे जिसे आप मानसिक एवं शारिरिक रिलीफ महसूस कर सकते है ।


यह एक आसान आसन है इसे कोई भी कर सकता है । इनके लिए सबसे पहले घुटनों के बल बैठकर अपनी एड़ियों को आपस मे टच कराए । फिर धीरे धीरे घुटनों को बाहर की तरफ फैला दी । अब गहरी सांस के साथ आगे की तरफ झुककर पेट के दोनों जान्धो के बीच ले जाकर सांस को छोड़ दें ।


अब अपने कूल्हों को सिकोड़ते हुए नाभि की ओर ले जाए । सर को पीछे उठाते हुए दोनों हाथों को एक सीध में लाए । अब आपके हाथ एवं घुटने एक ही सीध में होंगे । आप अपने कंधों से फर्श से टच करे । इस स्थिति में आधा मिनट तक रहे एवं बार बार 3 से 5 मिनट तक दोहराए ।


भुजंगासन | Bhujangasana –

इसे कोबरा पोज़ भी कहा जाता है । इस आसन को करने से आपकी रीढ़ की हड्डी में खिंचाव आता है जिससे आपके शरीर को रिलीफ महसूस होता है । यही नहीं नियमित रूप से भुजंगासन करने से आपको डिप्रेशन जैसे विकार से राहत मिलती है ।


भुजंगासन करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट कर दोनो हाथों को जांघो के पास इस तरह से रखे कि आपस में स्पर्श न हो । अपने बॉडी का वजन हाथ पर डालते हुए सांसों को खिंचकर सिर को पीठ की तरफ उठाए ।
इस आपकी कुहनी मुड़ी हुई अवस्था मे होगी अपने सिर को पीछे खिंचते हुए सांप के फन की भांति उठाए ।

कान कंधे से दूर रखकर हिप्स, पैर एवं जांघ से जमीन की तरफ दबाव डाले । इस स्थिति में करीब आधा मिनट तक बने रहे है । इस प्रक्रिया को 2 से 3 मिनट तक दोहराए । इसी प्रकार सुखासन, बंधासन भी डिप्रेशन ( Symptoms of depression ) के लिए बहुत उपयोगी योगासन है ।। आभा मिश्रा ।।

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