फोबिया का आयुर्वेदिक इलाज – जाने कारण, लक्षण व उपाय

Phobic Disorder

फोबिया का आयुर्वेदिक इलाज । जिंदगी मे हर किसी के साथ कुछ ना कुछ घटनाए होती रहती है। व्यक्ति जब जिंदगी को जीना शुरू करता है तब या तो बचपन मे या बडे होने पर उसके दिलो दिमाग मे कुछ ना कुछ ऐसा भय या डर बैठ जाता है कि वह फिर डरने लगता है। आजकल इस तरह के कितने ही लोग है जो फोबिया (Phobia) नामक बिमारियों से ग्रस्त है। पर यह लोग समाज के डर से ही अपना इलाज नही करवाते है । और सारी उम्र फिर यह डर मे ही गुजारते रहते है ।

कही कही कोई बचपन मे घटी घटना भी बहुत ही दर्द दे जाती है जो जिंदगी भर फोबिया के रूप मे रहती है । इसमे किसी व्यक्ति विशेष प्रकार की चीज़ों एवं क्रियाओ से डरने लगता है। जिससे खतरनाक दौरे जैसा भी पड जाता है। एक्सपर्ट के अनुसार आज दुनिया का हर चौथा व्यक्ति किसी नहीं किसी रूप में फोबिया के विकारो से ग्रसित है । इलाज के रूप चीज़ से भय है उनसे दूरी बना लेना एक अच्छा उपाय हो सकता हैं । हालांकि कुछ आयुर्वेदिक उपाय है तो आइए जानते हैं – Phobic Disorder के बारे में –

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फ़ोबिया बीमारी क्या है ?

फोबिया (Phobia ) मनोविकार है। इसलिए यदि कोई व्यक्ति फोबिया पीडित व्यक्ति के साथ हर पल ऐसे समय रहता है जिससे वह डर रहा है तब भी बिना चिकित्सक के भी बहुत हद तक ठीक हो जाता है। फोबिया मे

व्यक्ति के जीवन ही नही आसपास की किसी घटना का भी असर हो सकता है। या छोटेपन मे कोई आंखो देखी किसी घटना को हटा नही सकने के कारण भी होता है।

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फोबिया का आयुर्वेदिक इलाज

फोबिया एक ऐसी बीमारी हैं जिससे जातक को किसी न किसी चीज़ का भय रहता हैं । यह एक ऐसा मनोविकार है जिसमे मरीज़ को काल्पनिक डर सताता हैं । उदाहरण के लिए किसी को पानी मे जाने से डर लगता हैं तो किसी को पुल पार करने में, किसी को इंजेक्शन से डर लगता हैं तो किसी को दवा लेने से, इसी प्रकार किसी सोशल मिडिया से डर लगता हैं तो किसी अनजाने लोगो से बात करने से भयभीत होते है ।

कहने का अर्थ फोबिया एक भय है, एक डर है । यह काल्पनिक भी हो सकता है और रियल में भी । इनके इलाज के रूप में मनोवैज्ञानिक थारेपी एक अच्छा विकल्प है । आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में कुछ जड़ी बुटियो का सेवन करने की सलाह दी जाती हैं जैसे अश्वगंधा, ब्राम्ही, भ्रुगराज आदि । इनके अलावा पंचकर्म पद्धति से भी इनका इलाज किया जाता है। तो चलिए जानते हैं – फोबिया का आयुर्वेदिक इलाज –

शिरोधारा से फोबिया का आयुर्वेदिक इलाज –

आयुर्वेद के अनुसार शिरोधारा एक ऐसी पद्धति है जिसमे जड़ी बुटियों द्वारा निर्मित तेल को थोड़ा गर्म करके मस्तिष्क पर धीरे धीरे डाला जाता हैं । जो नर्वस सिस्टम को मजबूत करता है । इसे आयुर्वेदिक थरेपी भी कहा जाता हैं । यह एक ऐसा उपाय हैं जिससे न केवल दिमाग़ को बल्कि पूरे शरीर को शांति एव सुकून देता हैं । इतना ही नहीं सर से लेकर पैरो तक तमाम दर्द एव परेशानी से राहत देता है।

आयुर्वेद का मानना है कि लगातार शिरोधारा से रक्त संचार बढ़ने के साथ साथ, पिट्यूटरी ग्रंथि को हेल्दी बनाये रखने में मदद मिलती हैं । जिसे माइग्रेन, चिंता, डिप्रेशन, इंसोम्निया और दूसरे नर्वस सिस्टम से जुड़े रोगो से निजात मिलती हैं ।

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हर्बल तेल मालिश से फोबिया का आयुर्वेदिक इलाज

आयुर्वेद के अनुसार वात दोषों को दूर करने के लिए हर्बल आयल मसाज एक प्रभावी विकल्प है । इन तेलो मे से तिल का तेल एक बेहतरीन तेल है । इनकी मालिश सुबह नहाने के पहले या बाद एव रात को सोने से पहले हल्के हाथो से पूरे शरीर पर मालिश करे । जिससे ब्लड सरकुलेशन बढ़ेगा । तन मन को शांति व सुकून मिलेगा ।

हर्बल तेल की मालिश करने के लिए सबसे पहले तेल को हलका गर्म करे उसके बाद इस्तेमाल करे । इस बात का भी ध्यान रखे की पैरो के तलवो पर भी मालिश अवश्य करे । इससे आपको फायदा होगा और फोबिया से निजात मिलेगी ।

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अदरक और बेकिंग सोडा से फोबिया का घरेलू उपाय –

इसी प्रकार तेलो के अलावा कुछ जड़ी बुटियो का सेवन करने से फोबिया से राहत मिलती हैं । आयुर्वेद के अनुसार ये जड़ी बुटिया तन मन को शांत करने के साथ साथ तंत्रिका तंत्र को दुरस्त करने मे लाभकारी हैं । ये जड़ी बुटिया आपकी रशोई मे भी आसानी से उपलब्ध हो जाती है।

इनके लिए सबसे अदरक की जड़ एव एक तिहाई कप बेकिंग सोडा मिलाकर नहाने के पानी मे मिलाकर स्नान कर सकते हैं । इसी प्रकार अदरक रस का सेवन करना फायदेमंद है । जिससे नसों को शांति मिल सकती हैं और फोबिया, चिंता, डिप्रेशन आदि से राहत मिलेगी ।

वेलेरियन और नटग्रास से फोबिया का इलाज –

फोबिया, मन मे डर, चिंता या दुर्भीति जैसे विकारो को दूर करने के लिए वेलेरियन एव नटग्रास जैसी आयुर्वेदिक औषधि काफी उपयोगी साबित हो सकती हैं । आमतौर पर इनका उपयोग चाय बनाकर किया जाता हैं । इनके लिए उबलते हुए पानी मे 1/2 चम्मच अखरोट एव वेलेरियन मिश्रण को डालकर कुछ समय के लिए रख दे । थोड़ा ठंडा होने उपरांत इस चाय का सेवन करें ।

ऐसा कुछ दिनों तक सेवन करने से फोबिया, भय, चिंता जैसे रोगो से मुक्ति मिल सकती हैं । वही इन दवाओं का कोई दुष्प्रभाव नहीं है लेकिम इनका उपयोग योग्य वैध के सानिध्य मे करे तो बेहतर परिणाम मिल सकता हैं ।

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फ़ोबिया का इलाज – मन का डर भगाने का तरीका

डॉक्टर्स इसे साइकोथैरिपिस्ट की सहायता से भी मन मे बैठे डर को मिटाने की कोशिश कर सकते है। और इससे मरीज के अंदर फिर जीने की ललक पैदा की जा सकती है। जब कभी हमे ऐसा लगता है। तब हमे शांत चित होकर आंखे बंद करके जोरो से सांस को अंदर बाहर करते हुए, प्राणायाम करना चाहिए और फिर एसे विचारो को दिमाग मे लाना चाहिए  जो उन्नति या डर भगाते हो।

यदि एसे विचार ना आए तो सबसे आसान तरीका होता है किसी भी ईश्वर की तस्वीर को देखते रहना। उनको देखते नये नये विचार आने लगेगे और व्यक्ति जिससे डर रहा था उससे उसका ध्यान हट जाता है। वह ईश्वरीय बातो को देखने समझने लगता है और यही पर हम इस भंयकर परिणाम देने वाले रोग से मुक्ति पा लेते है।

फोबिया के कारण –

फोबिया एक प्रकार से हर किसी मे होता है। यह बात भी सत प्रतिशत सही है । यह चौकाने वाली बात होती है । कारण यह हैं कि बढती जनसंख्या और आज के इस आधुनिक युग की दौड मे हर कोई जब दौड रहा है और तरह तरह की घटनाए वह रोज पढ और देख रहा है तो आज का मानव यह डर पालकर बैठ गया है कि कुछ मत किसी से कहो अपने मे रहो । वह सत्य को सत्य कहने पर डरता है। सुनी हुई बात नही कहता गवाह देने पर डरता है। केवल अपने परिवार तक सीमट गया है। और हर व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से भय रखता है ,भले वह कितना भी पढा लिखा क्यो न हो।

आज के इस युग मे शांति भाईचारे की भावना का भी खत्म होना मानव के अंदर फोबिया बताता है। जरा जरा सी बात पर किशोरावस्था तक के बच्चे चिल्लाने गाने लगते है तथा मौत तक को गले लगाते देखे जा रहे है। यही सबसे बड़ा फोबिया कारण (causes of phobia ) है जो यह सब मानसिक फोबिया यानी अंदर के डर को दर्शाता है।

फोबिया और पैनिक अटैक के लक्षण –

जैसा हम सभी जानते हैं कि फोबिया एक प्रकार का भय है जो कभी कभी अज्ञात भी हो सकता है । यानी केवल सोचने पर आपको डर सताने लगता हैं । जिनका असर हमारी बॉडी पर भी पड़ता हैं । फोबिया जैसे मनोविकार से पीड़ित लोगो मे कुछ लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं –
फोबिया से जुड़ी मनोवैज्ञानिक समस्याओं का सीधा असर शरीर पर पड़ता है। फ़ोबिया से पीड़ित लोगों में व्यापक रूप से पाए जाने वाले कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

  • ह्रदय की धड़कन तेज होना,
  • सांस फूलना,
  • मुँह सूखा सूखा सा रहना,
  • बॉडी की मशपेशियों मे दर्द होना,
  • नींद की प्रॉब्लम,
  • पसीना होना आदि ।

कभी कभी पीड़ित व्यक्ति इतना भयभीत होता हैं कि उसे पैनिक अटेक भी हो सकता है। यदि उपरोक्त लक्षण दिखाई देने पर तुरंत योग्य चिकित्स्क से सम्पर्क करना आवश्यक समझे ।

सोशल फ़ोबिया कैसे दूर करें –

सोशल फोबिया भी इसी तरह का एक फोबिया होता है इसमे व्यक्ति समाज मे जाने आने और किसी से बात करने तक मे घबराता है । यह घबराहट इतनी तेज मात्रा मे होती है कि व्यक्ति का दिल जोर जोर से धडकने लगता है। और कभी कही जान तक पर बन आती है।
वर्तमान में भाग दौड़ भरी लाइफ स्टाइल मे कभी कही कोई बात का असर ऐसा दिलो दिमाग के अंदर के आत्मविश्वास को हटाकर एक भय बैठ चुका होता है। इसमे बहुत से लोगो का उपचार तो अच्छे वातावरण से ही हमे मिल जाता है ।

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