ब्रैस्ट कैंसर के लक्षण और उपाय । breast cancer in hindi

What is breast cancer in hind.


BreaBreast cancer in hindi. मनुष्य का शरीर कोशिकाओं से बना होता है। इन कोशिकाओं का हमेशा विभाजन होता रहता है। जिस पर शरीर का नियंत्रण रहता है। जब शरीर के अंदर सामान्य रूप से कोशिकाएं बढ़ने लगती है, जिससे शरीर के विकास प्रणाली में बाधा उत्पन्न होती है उसे कैंसर कहते हैं। इससे सी (C) शब्द से परिभाषित किया गया है।

स्तन कैंसर ( Breast cancer ) महिलाओं में अधिक देखा जाता है। स्तन में कोशिकाओं के अनियंत्रण से गांठ बन जाती हैं। जो धीरे धीरे समयानुसार बढ़ने लगती है । इसके बचाव के लिए नियमित रूप से स्तन की जांच करना जरूरी है। महिलाओं में स्तन कैंसर एक बड़ी चिंता का विषय है । बहुत बड़ी समस्या है। Breast cancer का पता न चलने से मृत्यु दर बढ़ रहा है। विकसित और विकासनशील देशों में अभी जागरूकता फैलाना जरूरी है। इसी कारण ब्रेस्ट कैंसर पर आज हम जानकारी लेने वाले हैं। तो चलिए जानते है – स्तन कैंसर के कारण, लक्षण एवं बचाव । What is breast cancer in hindi. –

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स्तन कैंसर क्या हैं ? What is breast cancer in hindi ?


कैंसर स्तन के अंदर जो कोशिकाएं होती है, उन कोशिकाओं में बनता है। यह महिलाओं में अधिक और पुरुषों में कम दिखाई देता है । महिलाओं में स्तन का महत्वपूर्ण कार्य होता है। यह शरीर का एक अहम अंग है । स्तन द्वारा महिलाएं अपने बच्चों को दूध पिलाती है । उन्हें कार्यक्षम बनाती है। बालक मां के स्तन से 6 महीने या उससे ज्यादा दिन दूध पिता है।

स्तन का कार्य अपने टिशु से दूध बनाना और निप्पल से जुड़े हुए सूक्ष्म वाहिनी द्वारा बालों के चूसने पर उसे पिलाना होता है । जब बालक माता का दूध नहीं पीता, तो उसमें धीरे-धीरे दूध की गांठ बनना शुरू हो जाती हैं। स्तन के अंदर छोटे-छोटे सख्त कण जमने लगते हैं। या स्तन के टिश्यू सुक्ष्म वाहिनियों में छोटी छोटी गांठ बनाना शुरू कर देते हैं। जिसने धीरे धीरे कैंसर गांठ बनने में शुरुआत होती है।

ब्रेस्ट कैंसर के कारण | Causes of Breast cancer in hindi. –

Breast cancer के बहुत कारण हो सकते है । जैसे खान पान, आधुनिक जीवन शैली, कृषि कार्य में उपयोग में ली जाने वाली दवाओं के डिब्बों में घरेलू चीज़ों में इस्तेमाल करना आदि । तो चलिए Breast cancer के प्रमुख कारणों पर नजर डालते है –


पारिवारिक इतिहास –
पारिवारिक इतिहास बड़ा महत्वपूर्ण कार्य करता है । यह कैंसर की अहम कड़ी हैं। यह रोग पीढ़ियों से पीढ़ियों तक चला जाता है । अगर किसी सगे संबंधी का ब्रेस्ट कैंसर ( Breast cancer ) से या किसी दूसरे कैंसर से भी मृत्यु हो जाती है, तो उस परिवार में किसी ना किसी सदस्य को कैंसर होने की संभावना अधिक होती है । महिलाओं का ब्रेस्ट कैंसर अगर किसी को हुआ है तो जरूर कोई ना कोई महिला इसकी शिकार हो जाती है। यह सारा कोशिकाओं का खेल है। जो हमें हेरिडिटी से अनुवांशिक तौर पर मिल जाता है।


मासिक धर्म में बदल –
महिलाओं को इस बात का अधिक ध्यान रखना होता है । यह महिलाओं के अंग की महत्वपूर्ण कड़ी है। अगर किसी को 12 साल की उम्र से पहले मासिक धर्म शुरू हो जाए या अगर किसी महिलाओं को रजोनिवृत्ति के बाद भी मासिक धर्म शुरू हो जाए, तो गंभीर बात बन जाती हैं। तुरंत हमें डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।


नशीले पदार्थो का सेवन –
आज के आधुनिकरण में पुरुषों के साथ महिलाएं भी अधिक नशे का सेवन करती है। शराब पीना ,सिगरेट पीना ड्रग लेना। गर्भावस्था में भी शराब सिगरेट के आदी होना जिसके कारण महिलाओं में Breast cancer का प्रमाण अधिक बढ़ गया है।

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण | Breast cancer symptoms –


Breast cancer स्तन से शुरू होता है । जब स्तन की कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर होने लगती है, ऐसे में स्तन में वह ट्यूमर बनाते हैं। जिसे गांठ के रूप में हम महसूस किया जा सकता है। स्तन कैंसर होने के लक्षण :


◆ स्तन या बाहों के नीचे गांठ आना ।
◆ स्तन के आकार में बदल होना।
◆ स्तन या स्तन के निप्पल का रंग लाल हो जाना। स्तन के निप्पल से खून आना।
◆ स्तन में कठोरता या ठोस पन या जड़त्व का महसूस होना।

◆ स्तन के निप्पल में जलन या सिकुड़न होना।
◆ स्तन का एक भाग दूसरे भाग से अलग होना ।
◆ निप्पल में बदलाव आना, दर्द होना, निप्पल अंदर की और दबना।
◆ गर्भनिरोधक गोलियां अधिक रूप में लेना।
◆ रजो निवृति के बाद अगर किसी महिला का वजन बढ़ता है या उसे रजोनिवृत्ति के बाद भी मासिक धर्म शुरू हो जाता है तो स्तन के कैंसर के होने के चांस ज्यादा होते है।

क्या ब्रेस्ट कैंसर फैलता है ? Breast cancer in hindi.


यहां हम बताना चाहते हैं कि शरीर में दूध की गांठ होती है इसका मतलब यह नहीं कि हमें कैंसर हो जाता है। जब शरीर में असामान्य रूप से कोशिकाओं का और अनियंत्रण हो जाता है तब वहां कैंसर हो जाता है । जो ट्यूमर के रूप में गांठ बन जाती है। दूध की गांठ भी होती है लेकिन वह अगर वह बढ़ती नहीं एक सीमित रूप में रहती है। कैंसर की गांठ एक से अधिक बढ़ जाती है तब कैंसर पर हम नियंत्रण नहीं कर पाते ।

40 साल की उम्र के बाद हमें हर साल अपने स्तन की जांच करनी जरूरी है। हम डॉक्टर के पास जाकर भी स्तन की जांच कर सकते हैं। या घर में स्तन की जांच कर सकते हैं । अगर हमें Breast cancer के लक्षण दिखाई देते हैं या हमें महसूस होने लगता है । तो हमें तुरंत डॉक्टर के पास जाकर इलाज करना जरूरी है।

वैसे स्तन का कैंसर ( Breast cancer ) संसर्ग जन्य नहीं है । अनुवांशिकता के रूप में किसी को कैंसर हो जाता है । या अगर किसी को पता नहीं चला और कैंसर तीसरी चौथी स्टेज पर आ गया तो वह फैल जाता है ।तो बचने के चांस कम हो जाते हैं।

यहां महिलाओं को घबराने की जरूरत नहीं है सभी को कैंसर की नहीं होता । हमें डॉक्टर से संपर्क कर अपनी सेहत का ध्यान रखना जरूरी है । 40 साल की उम्र के बाद हर साल महिलाओं को जांच करना जरूरी है। अगर हम संतुलित आहार एवं व्यायाम करते रहे तो कैंसर होने से बच सकते हैं। ब्रेस्ट कैंसर ( Breast cancer ) हो या अन्य कोई भी कैंसर हो कैंसर छूने से नहीं फैलता।


ब्रेस्ट कैंसर से बचने के उपाय | Prevention of breast cancer in hindi.  


कैंसर शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है। उससे बचने के लिए हमें कुछ उपाय करना जरूरी है। अगर हम उम्र के अनुसार अपने जीवन शैली में कुछ बदलाव लाए तो स्तन कैंसर ही नहीं अन्य बीमारियों को भी रोक सकते हैं।


नियमित व्यायाम करना जरुरी है
आपको अपनी उम्र के अनुसार शारीरिक व्यायाम करना जरूरी है । कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करना जरूरी है । जिससे आप एक्टिव रहेंगे । आपका वजन बढने से भी रोक सकते हैं । खास तौर पर रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं का वजन बढ़ जाता है । मोटापा और वजन दोनों ही सेहत के लिए नुकसानदायक है । क्योंकि जो फैक्ट कोशिकाएं होती है, वह कैंसर संबंधित ट्यूमर या गांठ बढ़ाने में जिम्मेदार हो जाती है । इसलिए नियमित व्यायाम करना जरूरी है।


धूम्रप्रान या शराब का सेवन न करें
आज के आधुनिक जीवन शैली में महिलाएं भी पुरुषों के साथ शराब, धूम्रपान, ड्रग्स का सेवन करती हैं। जिससे शराब सिगरेट सेवन करने वाली महिलाओं में कैंसर होने का चांस ज्यादा बढ़ा रहता है । सिगरेट ज्यादा पीने से महिलाओं को स्तन का कैंसर और पुरुष वर्ग को फेफड़ों का कैंसर होने का चांस बढ़ जाता है।


गर्भ निरोधक गोलियों के अधिकमात्रा से बचे

गर्भनिरोधक गोलियां खाकर महिला गर्भवती होने से बच जाती हैं। लेकिन लगातार गर्भनिरोधक गोलियां कई सालों तक सेवन करने से Breast cancer का खतरा बढ़ जाता है। एक उम्र के बाद गर्भनिरोधक गोली खानी बंद करनी चाहिए ।

गर्भनिरोधक गोली से कैंसर का ही नहीं दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है । इसलिए गर्भनिरोधक गोली गर्भनिरोधक के लिए अच्छी है। परंतु उतनी ही वह खतरनाक है । डॉक्टर से सलाह मशवरा करके ही उसे खानी चाहिए । अपनी मर्जी से या किसी से सुनकर कर नहीं लेनी है। वरना कैंसर का खतरा बढ़ जाता है ।


स्तनपान का महत्त्व समझो

स्तन कैंसर ( Breast cancer ) से बचने का सबसे महत्वपूर्ण इलाज है स्तनपान करना । आप जितना अधिक अपने बच्चों को स्तनपान करेंगी । उतने ही स्तन के कैंसर से बच जाएगी । कुछ महिला अपने कामकाज के दौरान बच्चों को स्तनपान नहीं करवाती या अपने शरीर को सुडौल रखने के लिए स्तनपान नहीं करवाती ।

जो गलत है। जितना अधिक महिलाएं स्तनपान अपने बच्चों को करेंगी उतना ही इस खतरे को वह रोक पाएगी । इसलिए महिलाओं को 6 महीने तक स्तनपान करना करवाना अनिवार्य है। अपने लिए अपनी सेहत के लिए कैंसर से बचने के लिए और महत्वपूर्ण ना बच्चों को पोषक तत्व के लिए स्तनपान करना जरूरी है |


संतुलित आहार
पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए। ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए आपको आहार पर ध्यान देना भी जरूरी है ।आपका आहार संतुलित होना चाहिए । जंक फूड, फास्टफुड, पेय पदार्थ, आदि। कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को कम करना चाहिए। फल, जूस, हरी सब्जियों का सेवन रोजाना के आहार में होना जरूरी है। संतुलित आहार करने से हमारा शरीर स्वस्थ और सुंदर रहता है।


पारिवारिक इतिहास –
जिन महिलाओं के घर में किसी की मृत्यु अगर कैंसर से हो गई है, उन घर के महिलाओं को अपने घर के इतिहास को जानना जरूरी है। उन्हें सजग रहना जरूरी है । कैंसर का कारण जानकर अपनी सेहत का ध्यान रखना है। शारीरिक जांच पड़ताल नियमित रूप से एक उम्र के बाद करना जरूरी है ।शारीरिक व्यायाम कर संतुलित आहार पर विशेष ध्यान देकर अपने आप को निरोगी रहकर कैंसर होने से बचना चाहिए।

Symptoms of breast cancer.

ब्रेस्ट कैंसर की जांच घर पर कैसे करें | how to check breast cancer at home.


दुनिया भर में तेजी से ब्रेस्ट कैंसर फैल रहा है। जिसमें महिलाओं को अधिक सतर्क होकर स्तन कैंसर से बचना चाहिए। हम घर पर ही इसकी जांच नियमित रूप से कर सकते हैं ।


आईने के सामने खड़े होकर स्तन कैंसर की जांच घर पर कर सकते है ।

घर पर महिलाएं अपने ब्रेस्ट की जांच कर सकते हैं। उन्हें आईने के सामने खड़ा होना है और धीरे-धीरे अपने आमपिट यानी खांक की जांच करनी है ।इसके लिए पहले उसे दाएं हाथ से बाएं हाथ के खाक के नीचे धीरे धीरे उंगली घुमा कर चेक करना हैं कही गांठ तो नहीं। ऐसे ही बाएं से दाएं हाथ के हाथ के नीचे धीरे-धीरे हाथ घुमा कर देखना है गांठ जैसा कुछ महसूस हो रहा है या नहीं अगर आपको कुछ गांठ जैसा महसूस होने लगा तो तुरंत डॉक्टर के पास जाकर सलाह लेनी चाहिए।


निपल्स की जांच करें :

जब महिला ब्रेस्ट की जांच आईने के सामने कर रही होती है, तभी उन्हें अपने निपल्स को भी देखना है कहीं निपल्स का रंग लाल तो नहीं हो रहा है । या निप्पल्स अंदर की ओर मूड तो नहीं रहे हैं या निपल्स के आसपास लाल लाल दाने जैसे गठिया तो नहीं दिखती है । अगर इनमें से कुछ देखने का भ्रम हो जाता है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखा कर इसके ऊपर इलाज करना जरूरी है।


पीरियड्स के 5/10 दिन के बाद जांच करे सी को अपने पीरियड्स के 5 या 10 दिन के बाद ब्रेस्ट की जांच करनी चाहिए । जिनका मासिक धर्म बंद हुआ है, वह महिला कोई एक दिन तय कर अपने Breast cancer की जांच कर सकती हैं। दाहिने हाथ से बाया स्तन और बाएं हाथ से दाहिना स्तन को गोल गोल घुमा कर जांच करते समय कोई मसलन दर्द या असामान्य बात नजर आती है या निप्पल से किसी प्रकार का स्त्राव होता है तो डॉक्टर के पास जाकर उन्हें जांच करना जरूरी है।


40 साल के बाद :
40 साल की उम्र के बाद महिलाओं को साल में एक बार मैमोग्राफी करना चाहिए या डॉक्टर के पास जाकर जांच करनी चाहिए। मैमोग्राफी थोड़ी खर्चिक होती है । मगर साल में एक बार करने से हम कैंसर जैसे महा भयानक बीमारी से बच जाते हैं।

अगर यह बीमारी किसी को हो जाती है, तो जल्दी से इसका इलाज कर बच सकते हैं ।हमने अगर कैंसर हुआ है यह छुपा दिया और घर में किसी को बताया नहीं और इलाज भी नहीं किया, तो हम कैंसर जैसे महा भयंकर बीमारी से बच नहीं पाएंगे। इसलिए 40 साल की उम्र के बाद महिलाओं को हर साल मैमोग्राफी करना जरूरी है ताकि वे अपनी सेहत और शरीर को बचा पाए ।

ब्रेस्ट कैंसर का इलाज | Treatment of breast cancer


ब्रेस्ट कैंसर ( Breast cancer ) का इलाज उसके स्टेज पर निर्भर होता है। इसमें कीमोथेरेपी, विकिरण, हार्मोन थेरेपी और सर्जरी शामिल है। साथ ही स्टेज के ऊपर आयुर्वेदिक उपचार भी लागू होते हैं। पहले स्टेज के शुरुआत में हम अगर डाक्टर से इलाज कर समय समय पर लक्षणों की जांच करे जिससे कैंसर की श्रेणी का जल्द से जल्द पता चल जाता जिस पर इलाज कर ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारी से बच सकते हैं।

Stages of breast cancer in hindi | स्तन कैंसर के कितने स्टेज होते है –


कैंसर अनुवांशिक रूप में परिवार के किसी ना किसी सदस्य को होता है । गर्भनिरोधक गोली अधिक समय तक लेने वाले । ओबेसिटी, शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन की अधिकता जिसमें होती है, उन्हीं को कैंसर होने के चांस ज्यादा होते हैं । इसकी अवस्था चार भागों में बांटी गई है । इसकी चार श्रेणियां होती है।


शून्य श्रेणी : इस श्रेणी में दूध कोशिकाओं में बना कैंसर वहीं तक सीमित रहता है। वह आगे किसी दूसरे हिस्से में नहीं फैलता । परंतु कोशिकाओं में अनियंत्रित हुआ कैंसर फैल जाता है।


कैंसर की पहली श्रेणी : में कैंसर डिजीज आसपास के कोशिकाओं को प्रभावित करता है । जो ब्रेस्ट के फैटी टिश्यूज और लिंफ नोड तक पहुंच जाता है।


दूसरी श्रेणी : दूसरी स्टेज में कैंसर फैलने की गति तेज हो जाती हैं। कैंसर कोशिका , सभी कोशिकाओं को अपनी चपेट में लेता है ।


तीसरी श्रेणी : थर्ड स्टेज में कैंसर कोशिकाओं में गांठ का आकार बढ़ता शुरू हो जाता है । वह 5 सेंटीमीटर से बड़ा हो जाता है । जो आर्मपिट के आसपास लिफं नोड तक फैल जाता है।


चौथी श्रेणी : में यानी चौथे स्टेज में ब्रेस्ट कैंसर, लीवर , लंग्स, और हड्डियों तक पहुंच जाता है । जिसमें बचने के चांस कम हो जाते हैं । ब्रेस्ट कैंसर शून्य से शुरु होकर आगे की स्टेज पर पहुंच जाता है । हर स्टेज के साथ वह गंभीरता का रूप धारण कर लेता हैं।


ब्रेस्ट कैंसर की दवा – Medicine of Breast cancer in hindi.


ब्रेस्ट कैंसर में दवा यही है कि हर साल अपनी जांच करवाओ । अगर स्तन कैंसर ( Breast cancer in hindi ) हुआ है तो समय-समय पर केमोथेरपी लेनी जरूरी है । या सर्जरी करना जरूरी है । जिससे जान बच जाए । कैंसर है तो कोई चाहे तो आयुर्वेदिक उपाय करके भी अपनी जान बचा सकता है।

यह उस व्यक्ति की श्रेणी के ऊपर ही अवलंबित होता है। हालांकि नए अध्ययन में स्तन कैंसर पीड़ित महिलाओं के बीच नई आशा की उम्मीद जगाई है । हाल ही में हार्मोन थेरेपी में दी जाने वाली ‘ कैमोक्सगन ‘ स्तन कैंसर को जड़ से खत्म कर सकती है ।

ऐसा वैज्ञानिकों का दावा है। दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के सर्जिकल ऑंकोलॉजी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ रमेश सरीन ने आईएएस के साथ की गई विशेष बातचीत में यह कहा है कि इस नए टेस्ट को हार्मोनल थेरेपी कहते हैं । जिसमें पॉजिटिविटी व्यक्ति को कैमोक्सगन ‘नामक गोली दी जाती है । जिससे 90 से 95 फीसदी लोग बिल्कुल ठीक हो जाते हैं।

ब्रैस्ट कैंसर में कितने खर्च होते है ?

लेकिन इसके बाद पता चलता है कि यह ट्यूमर हार्मोन के संपर्क में आएगा या नहीं । डाक्टर रमेश सरीनने कहा है, हर गोली का खर्चा 1100 रुपए हैं। जबकि कीमोथेरेपी हर दूसरे सप्ताह में कम से कम 20 से ₹30000 में होती है । कैमोक्सगन यह गोली लंबे समय तक लेनी पड़ती है।

एक साल में इसका फायदा दिखाई देने लगता है। यह गोली पहली ओर दूसरी श्रेणी के पीड़ित को लागू होती है। अमेरिका में इसका इलाज होता है । भारत में अब तक यह आया नहीं । लेकिन हम कैंसर के टिश्यू वहां भिजवा कर यहां के मरीज़ का इलाज कर सकते हैं। जिससे कीमोथेरेपी से छुटकारा मिल सकता है । यह गोली भारत में आने को अभी समय है। यह गोली पहली श्रेणी और दूसरी श्रेणी में पीड़ित कैंसर ग्रस्त लोगों को अमृत साबित हो सकती है।

अंतिम बात । Breast cancer in hindi.

आज के भागदौड़ भरी जिंदगी में यह रोग तेजी से बढ़ता जा रहा है । महिलाएं अपने शरीर को सुडौल रखने के लिए बच्चों को स्तनपान नहीं करवाती । तथा फास्ट फूड, धूम्रपान, शराब की लत से जीवन में मोटापा बढ़ता जा रहा है। पारिवारिक अनुवांशिकता के कारण भी यह तेजी से हमारे बीच फैलता जा रहा है।

Breast cancer in hindi. सावधानी से ताला जा सकता है । अपनी खुद की शारीरिक जांच करना, लक्षणों को पहचानना, संतुलित आहार, व्यायाम तथा डॉक्टरों से सलाह मशवरा कर हम इस से रोक को रोक सकते हैं। इससे हमें घबराने की जरूरत नही, ना ही किसी से छुपाने की जरूरत है । तुरंत इलाज करना बहुत जरूरी है। जिससे हम अपनी जान बचा सकते हैं। परिवार में महिला का महत्वपूर्ण अंग होता है। उन्हें बचाना हम सबकी जिम्मेदारी हैं ।
धन्यवाद। अल्पिता बासा ।

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