गर्भावस्था में एलोवेरा के फायदे । Aloe vara in pregnancy in hindi

Aloe vara in pregnancy in hindi.

Aloe vera in Pregnancy in Hindi. एलोवेरा का उपयोग आमतौर पर स्किन क्रीम और अन्य ब्यूटी प्रोडक्ट्स के लिए किया जाता है क्योंकि इसमें बहुत सारे स्वास्थ्य संबंधी गुण मौजूद हैं। हजारों सालों से लोग एलोवेरा के पौधे का जेल दवाई के रूप में, त्वचा को मुलायम करने के लिए और अन्य समस्याओं का उपचार करने के लिए उपयोग करते हैं, जैसे कब्ज। इसकी पत्तियों के अंदर और बाहर जेल के साथ-साथ इसकी छाल के अंदर एक चिपचिपा पदार्थ भी होता है जिसे ‘लैटेक्स’ कहते हैं।

एलोवेरा को घर में भी आसानी से उगाया जा सकता है और इसके अंदर के जेल का समिश्रण करके जूस के रूप में भी पिया जा सकता है। गर्भवती महिलाएं डॉक्टर के परामर्श से अल्प मात्रा में इसका सेवन कर सकती हैं। तो चलिए जानते है – Aloe vara in pregnancy in hindi.

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गर्भावस्था में एलोवेरा के फायदे । Aloe vera in Pregnancy in Hindi.

एलोवेरा एक ऐसी औषधि है जिसमें विटामिन्स एवं मिनरल्स से भरपूर मात्रा में पाया जाता है और आहार में आवश्यक न्यूट्रिएंट्स के सप्लीमेंट्स के रूप में कभी-कभी इसका उपयोग किया जाता है ।
एलोवेरा के जूस के अंदर भरपूर मात्रा में पानी, उर्जा, कार्बोहाइड्रेट, शुगर, कैल्शियम, आयरन, सोडियम, विटामिन सी आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं।

ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि एलोवेरा का सेवन गर्भावस्था के दौरान किन-किन समस्याओं को दूर रखने में महिलाओं के काम आ सकता है।
गर्भावस्था के दौरान एलोवेरा के जूस का सेवन डॉक्टर के परामर्श से ही करना चाहिए। लेकिन इसका उपयोग बाहरी तौर पर किया जा सकता है।

बाहरी तौर पर एलोवेरा के का प्रयोग करने के लाभ । Aloe vera benefits in Pregnancy.

गर्भावस्था के समय मुहांसों की समस्या को दूर करें – यदि महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान मुहांसों की समस्या का सामना कर रही है तो एलोवेरा जेल या एलोवेरा के पानी के अंदर पाए जाने वाला एंटी एक्ने गुण मुहांसों की प्रॉब्लम को दूर करने में महिलाओं के लिए उपयोगी साबित हो सकता है।

गर्भावस्था के समय रूखी त्वचा और खुजली की समस्या से राहत – त्वचा की कई समस्याओं को दूर करने के लिए एलोवेरा जेल या उसके पानी का प्रयोग मुख्यतौर पर किया जाता है। लेकिन गर्भवती महिलाएं तीसरी तिमाही में त्वचा की दरारों का सामना करती हैं। इन दरारों से छुटकारा पाने के लिए एलोवेरा जेल महिलाओं के बेहद उपयोगी साबित हो सकता है।

क्योंकि एलेवोरा के अंदर बैक्टेरिसाइडियल गुम (बैक्टीरिया से बचाव करने वाले गुण) मौजूद होते हैं जो खुजली से महिलाओं को राहत दिलाने में कारगर उपाय है।  Aloe vera in Pregnancy के दौरान रूखी त्वचा या त्वचा में खुजली पर एलोवेरा का जेल प्राकृतिक मॉइस्चराइजर का काम करता है। एलोवेरा के नियमित उपयोग से त्वचा सौम्य और कोमल रहती है।

गर्भावस्था के समय बालों के झड़ने की समस्या से राहत – गर्भावस्था के दौरान बालों की समस्या को दूर करने में भी एलोवेरा जेल बेहद उपयोगी काम आ सकता है। गर्भावस्था में महिलाओं को बाल झड़ने की समस्या काफी रहती है। ऐसे में यदि बालों की जड़ों पर ‘एलोवेरा जेल’ का प्रयोग किया जाए तो यह बालों के झड़ने की समस्या को रोक सकता है। एलोवेरा जेल के पानी से अगर बाल धोने पर भी महिलाओं को हेयर फॉल से राहत मिल सकती है।

गर्भावस्था के समय स्ट्रेच मार्क्स की समस्या से राहत – स्ट्रेच मार्क्स को दूर करने के लिए भी एलोवेरा जेल महिलाओं की बेहद काम आता है। ऐसे में महिलाएं गर्भावस्था के दौरान एलोवेरा जेल का प्रयोग करें। इसके अलावा एलोवेरा जेल के पानी से प्रभावित स्थान को धोया जाए तो ऐसा करने से भी स्ट्रेच मार्क से राहत मिल सकती है। ध्यान दें, एलोवेरा जेल स्ट्रेच मार्क्स को पूरी तरह से दूर नहीं कर सकता। पर हां, उनके निशान को हल्का कर सकता है।

गर्भावस्था में सूजन की समस्या को दूर करने में सहायक – गर्भवती महिलाएं गर्भावस्था के समय सूजन की समस्या का सामना भी करती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि गर्भाशय की नसों पर दबाव बढ़ना शुरू हो जाता है, जिसके कारण गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को सूजन जैसी समस्या हो जाती है।
यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में टिश्यू की सूजन को ठीक कर सकता है और प्राकृतिक लैक्सेटिव के रूप में बॉवेल मूवमेंट्स को सरल बनाता है। इस सूजन को दूर करने में एलोवेरा जेल या इसका पानी काम आ सकता है।

गर्भावस्था के समय पेट व आंतों के लिए लाभदायक – यह मॉर्निंग सिकनेस को कम करने में सहायक होता है। जिसे पेट व आंतो को राहत मिलती है ।

गर्भावस्था में रक्त केशिकाओं को पतला करने में और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने में सहायक – एलोवेरा का जूस रक्त कोशिकाओं को पतला करता है और रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है या उसमें सुधार करने में सहायक होता है। सही रक्त परिसंचरण (ब्लड सर्कुलेशन) से गर्भ में पल रहे शिशु तक पर्याप्त न्यूट्रिशन पहुँचता है और माँ में टिश्यू ठीक होते हैं व इनकी वृद्धि भी होती है।

प्रेग्नेंसी में एलोवेरा का जूस पीना कितना सुरक्षित है ?

बिल्कुल नहीं, गर्भवती महिलाओं के लिए एलोवेरा जूस पीना सुरक्षित नहीं माना गया है। इस बात की जानकारी एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध पत्र से मिलती है। इस शोध में साफतौर से यह बताया गया है कि गर्भावस्था के दौरान ( Aloe vera in Pregnancy ) मौखिक रूप से एलोवेरा जूस के सेवन की सलाह नहीं दी जाती है । वजह एलोवेरा से गर्भाशय में संकुचन पैदा हो सकता है।

मेडिकल साइंस के अनुसार गर्भावस्था के दौरान एलोवेरा का जूस पीने से पहले महिलाओं को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। यदि इसे सही प्रकार से नहीं लिया गया तो इसमें मौजूद कुछ कंपाउंड्स ‘माँ’ और ‘बच्चे’ को हानि पहुँचा सकते हैं। एलोवेरा गर्भाशय में संकुचन के खतरे को बढ़ाने के लिए जाना जाता है जो गर्भावस्था के लिए खतरनाक है। एलोवेरा जूस खून में ग्लूकोज के स्तर को कम करता है। यह महिलाओं में सिर चकराने या असंतुलित होने के संभावना को बढ़ाता है।

Side effects of aloe vara juice in pregnancy

गर्भावस्था में एलोवेरा से नुकसान । side effects of Aloe vera in Pregnancy in Hindi.

गर्भावस्था के समय एलोवेरा जूस के सेवन से मतली की समस्या बढ़ने की संभावना – गर्भावस्था के समय महिलाओं को मतली आने की समस्या का सामना करना पड़ता है। लेकिन आपको बता दें कि यदि महिलाएं एलोवेरा जूस का सेवन करती हैं तो यह समस्या और बढ़ सकती है।

गर्भावस्था के समय एलोवेरा जूस के सेवन से भ्रूण के विकास में भी रुकावट – गर्भावस्था के दौरान महिलाएं एलोवेरा जूस का सेवन करती हैं तो इससे भ्रूण के विकास में भी रुकावट आ सकती है। एलोवेरा पर हुए एक अनुसंधान में बताया गया है कि गर्भावस्था के दौरान एलोवेरा का उपयोग करने भ्रूण के विकास को बाधित कर सकता है ।

गर्भावस्था के समय एलोवेरा जूस के सेवन से समय से पहले प्रसव होने की समस्या – गर्भावस्था के दौरान एलोवेरा जूस का सेवन पहले प्रसव होने की समस्या का सामना भी करा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक एलोवेरा में उपस्थित एंथ्राक्विनोन नामक कंपाउंड आपके गर्भाशय में संकुचन का कारण बन सकता है, जिसे समय से पहले प्रसव होने की प्रॉब्लम हो सकती है।

गर्भावस्था के समय एलोवेरा जूस के सेवन से गर्भाशय के सिकुड़ने की समस्या – गर्भावस्था में एलोवेरा जूस के सेवन से गर्भाशय सिकुड़ सकता है। जो गर्भावस्था के लिए बेहद खतरनाक है।

गर्भावस्था के समय एलोवेरा जूस के सेवन से गर्भ में पल रहे शिशु को भविष्य में पाचन की समस्या – गर्भावस्था में एलोवेरा के सेवन से गर्भ में पल रहे शिशु को भविष्य में पाचन (डायजेशन) संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

गर्भावस्था के समय एलोवेरा जूस के सेवन से महिलाओं में सिर दर्द की समस्या – गर्भावस्था में एलोवेरा जूस के सेवन से महिलाओं को सिरदर्द की समस्या हो सकती है।

गर्भावस्था के समय एलोवेरा जूस के सेवन से महिलाओं के शरीर का संतुलन बिगड़ने की समस्या – गर्भावस्था के समय में एलोवेरा जूस के सेवन से गर्भवती महिलाओं के शरीर का संतुलन बिगड़ सकता है।

गर्भावस्था के समय एलोवेरा जूस के सेवन से पेट दर्द और डायरिया की समस्या – एलोवेरा में उपस्थित लैटेक्स जो कि एक शक्तिशाली लैक्सेटिव होता है । यदि एक गिलास के बजाय इसकी पूरी पत्ती का जूस पी लेते हैं तो इससे पेट में दर्द के साथ साथ डायरिया जैसी प्रॉब्लम हो सकती है।

गर्भावस्था के समय एलोवेरा जूस के सेवन से किडनी की समस्या – लैक्सेटिव से किडनी की क्षति हो सकती है या डायरिया में खून भी आ सकता है और यह इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।

एलोवेरा जूस के सेवन से दिल के रोगों में वृद्धि – Aloe vera in Pregnancy के समय एलोवेरा जूस के सेवन से दिल की धड़कनें असामान्य हो सकती हैं, मांसपेशियां कमजोर पड़ सकती हैं और गर्भाशय में संकुचन हो सकता है जो एक गर्भवती महिला के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक है।

एलोवेरा के अधिक सेवन से कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा और लिवर में सूजन की समस्या – यदि कोई भी महिला एक वर्ष से अधिक समय तक एलोवेरा का उपयोग करती हैं तो उस महिला में ‘कोलोरेक्टल कैंसर’ का खतरा बढ़ने की संभावना हो सकती है। अन्य रिपोर्ट के अनुसार अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से लिवर में सूजन हो सकती है।

◆  एलोवेरा से एलर्जी की समस्या – जिन लोगों को ‘लिलिएसिया’ या लिली से संबंधित पौधों से एलर्जी होती है। रोजाना 15 मिलीग्राम एलोवेरा का जूस ले सकते हैं। लिली से संबंधित पौधों से एलर्जी होती है उन्हें एलोवेरा से एलर्जी भी हो सकती है। इससे संबंधित पौधों में प्याज, लहसुन, लिली, ट्यूलिप और हाईसिन्ट्स भी शामिल हैं। इसमें सांस लेने में समस्या, त्वचा में सूजन, त्वचा में खुजली के साथ रैशेज, छाती में कसाव और गले में खराश जैसे एलर्जिक रिएक्शन हो सकते हैं। यदि आपको एलोवेरा से ‘एलर्जिक रिएक्शन’ हुआ है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना उचित समझे ।

नियमित रूप से एलोवेरा का सेवन करके बंद करने से कब्ज़ की समस्या को न्योता – यदि आप नियमित रूप स एलोवेरा का सेवन करती हैं तो शरीर में लैक्सेटिव के प्रति निर्भरता बढ़ती है जिसके कारण यदि आप इसका सेवन करना बंद कर दें तो आपको कब्ज की प्रॉब्लम हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान जब तक डॉक्टर एलोवेरा खाने की सलाह न दें तब तक गर्भवती महिलाओं को इससे दूर ही रहना चाहिए।

गर्भवती महिलाओं को कितनी मात्रा में एलोवेरा लेना चाहिए ?

गर्भावस्था में या सामान्य महिला अगर एलोवेरा जेल का उपयोग कॉस्मेटिक या दवा के तौर पर रही हैं तो यह सुरक्षित हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार गर्भावस्था में एलोवेरा ( Aloe vara in pregnancy )  का सेवन कम समय के लिए सुरक्षित हो सकता है। आप चाहें तो रोजाना 15 मिलीग्राम एलोवेरा का जूस ले सकते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, इसका सेवन रोजाना नहीं करना चाहिए। साथ ही, 50% एलोवेरा जेल युक्त घोल को 4 सप्ताह तक दिन में दो बार लिया जा सकता है।

एक खास जेल कॉम्प्लेक्स (एलो क्यूडीएम कॉम्प्लेक्स यूनीवेरा इंक) को 8 सप्ताह तक रोजाना लगभग 600 मिलीग्राम की लेना सुरक्षित माना गया है। एलोवेरा लैटेक्स को किसी भी मात्रा में लेना असुरक्षित माना गया है। इसके साथ ही अगर आप एलोवेरा लैटेक्स की ज्यादा मात्रा लेते हैं तो भी यह आपके लिए असुरक्षित हो सकता है लेकिन प्रेग्नेंसी में एलोवेरा जूस के सेवन करने से बचना चाहिए।

पेट से संबंधित समस्याओं के लिए एलोवेरा की मात्रा –

पेट से संबंधित समस्याओं को ठीक करने के लिए लगभग 0.04 – 0.07 ग्राम ड्राई एलोवेरा को प्राकृतिक लैक्सेटिव के रूप में लिया जा सकता है। किसी भी खाद्य पदार्थ को संयमित मात्रा में खाना चाहिए क्योंकि स्वास्थ्यप्रद खाद्य पदार्थों को भी ज्यादा खाने से अनेक हानियां हो सकती हैं।

प्रेग्नेंसी में एलोवेरा खाने से क्या होता है ?

एलोवेरा जूस गर्भावस्था ( Aloe vara in pregnancy ) के समय लेना सही नहीं है। ऐसे में किसी के कहने पर अपने रोज़ाना के आहार में एलोवेरा जूस को न जोड़ें। इससे अलग यदि अपने आहार में आप एलोवेरा का जूस पी रहे हैं तो सबसे पहले किसी विशेषज्ञ का परामर्श अवश्य लें।

नहीं तो इसके कारण आपकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। लेकिन हां, एलोवेरा के जेल से बने जूस का प्रयोग बाहरी त्वचा पर कर सकते हैं। ऐसा करने से त्वचा की समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। लेकिन अगर एलेवोरा के उपयोग से त्वचा में किसी भी तरह की एलर्जी महसूस हो तो तुरंत इसका उपयोग बंद कर दे।

क्या एलोवेरा को स्तनपान के दौरान उपयोग किया जा सकता है ?

बिल्कुल नहीं, स्तनपान के दौरान एलोवेरा का उपयोग नहीं किया जा सकता है। इससे जुड़े एक शोध से जानकारी मिलती है कि स्तनपान कराने वाली माताओं को एलोवेरा के सेवन की सलाह नहीं दी जाती है, क्योंकि यह कभी-कभी शिशु में ‘गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल’ समस्या का कारण बन सकता है।

जो महिलाएं बच्चे को दूध पिलाती हैं उन्हें भी एलोवेरा का सेवन करने से सावधान रहना चाहिए क्योंकि इसके कुछ ‘कंपाउंड’ बच्चे के शरीर में भी जा सकते हैं। इसमें मौजूद ‘लैटेक्स’ बच्चों में डायरिया और उल्टी का कारण बनता है। एलोवेरा बच्चों के लिए सुरक्षित है या नहीं इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है इसलिए जो महिलाएं अपने बच्चे को स्तन पान (ब्रेस्टफीडिंग) कराती हैं उन्हें एलोवेरा से दूर रहना चाहिए।

एलोवेरा जूस प्रसव पीड़ा शुरू करने में कितना सहायक है ?

हां, एलोवेरा जूस प्रसव पीड़ा को शुरू करने में मदद कर सकता है। जैसा कि हमने लेख ( Aloe vara in pregnancy ) में बताया कि एलोवेरा में ‘एंथ्राक्विनोन’ नामक कंपाउंड मौजूद होता है। यह कंपाउंड गर्भाशय में संकुचन का कारण बन सकता है, जिस वजह से समय से पहले प्रसव शुरू होने की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि एलोवेरा का जूस प्रसव पीड़ा को शुरू करने में मदद कर सकता है।

हालांकि, गर्भवती महिलाएं इसका सेवन बिलकुल न करें क्योंकि यह गर्भपात का कारण भी बन सकता है।
एलोवेरा का उपयोग गर्भवती महिलाओं को वैसे तो गर्भावस्था में नहीं करना चाहिए। अगर करना भी पड़े तो डॉक्टर के परामर्श से ही एलोवेरा का उपयोग करना चाहिए और वो भी सीमित मात्रा में ताकि कोई शरीरिक हानि न हो ।। लोकेश कुमार जोशी ।।

About Gudala Balaji

मै जी.बालाजी Global Health Tricks का संस्थापक हुँ । हम एक भावुक स्वतंत्र लेखक और ब्लॉगर है । जो हमेशा पाठकों को प्रेरित करने वाले शब्दों को बुनने के लिए समर्पित हूं। लेखन के प्रति मेरा प्रेम विभिन्न विषयों तक फैला हुआ है, जिसमें स्वास्थ्य से जुड़ी रोचक व बहुमूल्य जानकारी पर ध्यान केंद्रित किया गया है। एक शब्दकार के रूप में, आकर्षक और जानकारीपूर्ण ब्लॉग पोस्ट लिखने का उद्देश्य ज्ञानवर्धन और मनोरंजन करना है। जटिल अवधारणाओं को सुलभ सामग्री में अनुवाद करने की क्षमता के साथ, हम ब्लॉगिंग की दुनिया में रचनात्मकता और विशेषज्ञता का एक अनूठा मिश्रण लाने का प्रयास कर रहे है।

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