Y गुणसूत्र बढ़ाने के उपाय – शुक्राणु बढ़ाने वाले 5 सबसे बेस्ट नुस्खे

Y गुणसूत्र बढ़ाने के उपाय । शादी के बाद बेटा की चाह रहती हैं मगर ज्यादातर लड़कियां पैदा होने पर पिता के चेहरे चिंता की लकीरें बढ़ जाती हैं । हालांकि लड़का लड़की मे कोई फर्क नहीं है । फिर भी लड़के लड़की का संतुलन बनाये रखने के लिए लड़का पैदा करना चाहते है । विज्ञान के अनुसार लड़का होने के लिए Y गुणसूत्र होना चाहिए । जी हा शुक्राणुओ मे Y गुणसूत्र का होना आवश्यक है । क्योंकि लिंग का निर्धारण गुणसूत्रों द्वारा निर्धारित होता हैं ।

एक्सपर्ट के अनुसार Y गुणसूत्र आसमान्यता पुरुष बांझपन के गुण दोषों से जुड़ा हुआ है । यही कारण है कि शुक्राणुओ मे Y गुणसूत्र के जोखिम कारको की पहचान करने मे सहायता मिलती हैं । शुक्राणुओ मे Y गुणसूत्र की निगरानी करना अति महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपकी संतानो का लिंग निर्धारण करता हैं तो चलिए जानते हैं – पुत्र प्राप्ति के लिए Y गुणसूत्र के बारे में जानकारी –

पढ़े – धातु गाढ़ा करने की आयुर्वेदिक दवा पतंजलि – वीर्य पतलेपन की दवा

Y गुणसूत्र क्या होता हैं –

पुरुष के वीर्य मे उपस्थित Y गुणसूत्र एक प्रकार का जीन है । गुणसूत्र 2 प्रकार के होते हैं जो X व Y के नाम से जाना जाते हैं । वही अगर महिला गुणसूत्र की बात करें तो अंडो मे केवल X गुणसूत्र होता हैं । चुंकि यह प्रक्रिया निषेचन के दौरान सम्पन्न होती है । इस दौरान यदि Y गुणसूत्र निषेचित करता है तो XY का जोड़ा बन जाता हैं जिनके परिणाम स्वरूप होने वाली संतान नर ही होगी । इनके विपरीत यदि X वाला शुक्राणु निषेचित करता है तो XX गुणसूत्र का निर्माण होता है जो मादा का निर्माण करता है ।

ऐसी स्थिति मे Y गुणसूत्र लिंग निर्धारण की प्रक्रिया मे सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है । यही कारण है कि इनकी गिनती करना आवश्यक है । यहां यह सवाल सबसे अहम है कि रतिक्रीड़ा के दौरान सबसे पहले कौनसा शुक्राणु अंडे को निषेचित करेगा ? लेकिन इनका जबाब अभी तक विज्ञान के पास भी नहीं है ।

विज्ञान के अनुसार यह गुणसूत्र तेजी से विकसित होता हैं । इसमे SRY नामक जीन होता हैं । यह जीन प्रोटीन का निर्माण करने मे सहायक होता हैं । जो भ्रूण मे नर की विशेषता जैसे वृषण व अन्य नर गुप्तांगो को विकसित करने का कारण बनता हैं । Y गुण सूत्र मे करीब 70 से 200 जीन मौजूद होते हैं । जो कि प्रोटीन उत्पादन का कार्य करते है । यदि SRY जीन प्रोटीन का निर्माण नहीं करता है तो भ्रूण मे वृषण का निर्माण मे बाधा हो सकती हैं ।

Y गुणसूत्र बढ़ाने के उपाय –

जैसा कि Y Chromosome है जो पुरुष लिंग निर्धारित करता है । शुक्राणुओ मे इस गुणसूत्र की उपस्थिति होना उन कपल्स के लिए परम आवश्यक है । जो लिंग विशेष यानी लड़का पैदा करना चाहते है । यदि ऐसा है तो इनकी गिनती की निगरानी करना भी जरूती है । समय समय पर टेस्ट या जाँच करना भी आवश्यक है । इनकी जाँच शुक्राणु नमूना किट का उपयोग किया जाता है । जो आप घर भी कर सकते हैं ।

कुलमिलाकर देखा जाये तो शुक्राणु सबसे अहम है । यदि स्पर्म काउंट सही है तो हो सकता हैं Y गुणसूत्र की संख्या बढ़ सकती हैं । यहां कुछ दूसरे फैक्ट भी काम कर सकते है । रतिक्रीड़ा का समय, कब व कैसे आदि । तो चलिए आगे बढ़ते है – वाई क्रोमोसोम बढ़ाने के उपाय की ओर –

पढ़े – शुक्राणु बढ़ाने की अंग्रेजी दवा कैप्सूल – स्पर्म बढ़ाने की बेस्ट मेडिसिन

संतुलित आहार – Y गुणसूत्र बढ़ाने के उपाय –

हमारा खानपान हमारे स्वस्थता का प्रतिक है । या यूँ कहे कि निरोगी काया का मूल आधार है । हमारी देह खानपान पर ही टिकी हैं । इसी प्रकार Y गुणसूत्र बढ़ाने मे संतुलित भोजन मददगार होता हैं । क्योकि यह हमारी बॉडी मे पोषक तत्वों की पूर्ति करता है ।

यही कारण है कि डाइट में प्राकृतिक रूप से पौष्टिक तत्वों से भरपुर भोज्य पदार्थ शामिल करना बहुत महत्वपूर्ण है। इन खाद्य पदार्थ में कुछ खास तत्व शामिल करने चाहिए, जैसे कि प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स । इनके अलावा खाद्य पदार्थों में सीलेनियम, जिंक, मैग्नीशियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स शामिल करने का प्रयास करें ।

वही डार्क चॉकलेट, लहसुन, कद्दू के बीज, दाल, दलिया, केले (ए, बी 1, सी और ब्रोमेलैन में उच्च ), टमाटर, हरी पत्तेदार सब्जियां, अंडे, अखरोट, अनार, संतरे, सैल्मन, सार्डिन, ब्राजील नट्स, ऑयस्टर, ब्लू बेरी एवं शेलफिश । ये सभी फल Y शुक्राणु बढ़ाने मे कारगर है ।
न केवल पुरुषों को बल्कि महिलाओ को भी पुत्र प्राप्ति की चाह मे अपनी सेहत का ख्याल रखने के साथ साथ पोष्टिक तत्वों से भरपुर खाद्य पदार्थो का सेवन करना चाहिए ।

व्यायाम से Y गुणसूत्र बढ़ाने के उपाय –

गुणसूत्र को बढ़ाने के लिए कई प्रकार के उपाय हो सकते हैं, जिनमें आहार, व्यायाम, औषधि और योगसाधनाएं शामिल हो सकती हैं। क्योकि व्यायाम या ध्यान एक ऐसी साधना है जो आपकी बॉडी और माइंड को संतुष्टि प्रदान करते हैं । यह आपको मानसिक रूप से तनाव से मुक्ति प्रदान करते है ।

व्यायाम भी गुणसूत्र को बढ़ाने में मददगार हो सकता है। नियमित रूप से व्यायाम करना आपकी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। व्यायाम करते समय ध्यान दें कि आपने अपने शारीर की सीमा के अनुसार ही किया जा रहा हो ।

पढ़े – शुक्राणु बढ़ाने की दवा Himalaya. पुरुष बांझपन की दवा tablet

शुक्राणु बढ़ाने वाला अचूक नुस्खा –

Y गुणसूत्र को बढ़ाने के लिए कई तरह के प्रयास हो सकते हैं। व्यक्ति को योग्य बनाने के लिए निम्नलिखित चीजें सहायक हो सकती हैं।

  1. ध्यान – एक ध्यान से भरी और शांत मन की स्थिति में, आप अपने गुणसूत्रों को पहचानने और सुधारने की क्षमता को विकसित कर सकते हैं। ध्यान करने के लिए रोजाना ध्यान या प्राणायाम का अभ्यास कर सकते हैं।
  2. स्वाध्याय – स्वाध्याय या स्वयं की अध्ययन करने के माध्यम से आप अपने गुणसूत्रों को समझ सकते हैं और उन्हें सुधारने के लिए कार्यशील योजना बना सकते हैं।
  3. संस्कृति – सही संस्कृति आपके गुणसूत्रों को सुधारने में मदद कर सकती है। सच्चे मित्रों और परिवार के साथ समय बिताना, संतुलित और साथीपूर्ण आदतों को अपनाना और प्रत्येक परिस्थिति में सभ्य रहना, आपके गुणसूत्रों को सुधारने में मदद कर सकता है।
  4. प्रेरणा – आपके पास अपने गुणसूत्रों को सुधारने के लिए प्रेरणा की आवश्यकता होती है। आप मंत्र जाप कर सकते हैं, सकारात्मक विचारों की पढ़ाई कर सकते हैं, या दैनिक चिन्तन के माध्यम से अपने गुणसूत्रों को सुधारने की प्रेरणा पा सकते हैं।
  5. कर्तव्य – आपके कर्तव्य पूरी तरह से पालन करने के माध्यम से और अपने नैतिकता के प्रत्येक सिद्धांत का अनुसरण करके आप अपने गुणसूत्रों को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।

इसके अलावा, शुक्राणु बढ़ाने के लिए स्वस्थ और संतुलित आहार और नियमित व्यायाम भी बहुत महत्वपूर्ण होता है।  ध्यान और स्वयं की अध्ययन के माध्यम से, आप अपने आप पर नियंत्रण पा सकते हैं और अपने गुणसूत्रों को विकसित कर सकते हैं। इसे अपने आप के साथ निरंतर अभ्यास करने के माध्यम से आप अपने गुणसूत्रों को सुधार सकते हैं।

शुक्राणु बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा व जड़ी बूटी –

शुक्राणु बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा में कई प्रकार की दवाइयाँ होती हैं। यह दवाइयाँ बीज, जड़े, पत्ते, फूल और अन्य प्राकृतिक सामग्री से बनाई जाती हैं और शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करती हैं।

कुछ आयुर्वेदिक दवाइयाँ शुक्राणु उत्पादन को बढ़ाने, शुक्राणु के गुणवत्ता को सुधारने और शुक्राणु की संख्या को बढ़ाने में मदद करती हैं। ये दवाइयाँ मस्तिष्क और प्रजनन तंत्र के लिए भी लाभकारी होती हैं। कुछ प्रमुख आयुर्वेदिक दवाइयाँ शुक्राणु बढ़ाने के लिए मान्य हैं –

  1. अश्वगंधा – यह शुक्राणु की संख्या बढ़ाने में मदद कर सकती है और शारीरिक और मानसिक तनाव को कम करने में सहायक होती है।
  2. शतावरी – यह शुक्राणु की संख्या और क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकती है और प्रजनन तंत्र के लिए भी उपयुक्त होती है।
  3. गोक्षुर – यह प्रोस्टेट ग्लैंड के स्वस्थ्य फायदे के साथ-साथ शुक्राणु की संख्या को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
  4. कौंच बीज – यह औषधि शुक्राणु की संख्या को बढ़ाने में मदद कर सकता है और मर्दाना क्षमता को बढ़ाने में भी सहायक होता है।

वहाँ कई अन्य जड़ी-बूटियाँ और दवाएं हैं जो शुक्राणु बढ़ाने में मदद कर सकती हैं। हालांकि, हर किसी के शारीर की प्रकृति और शुक्राणु की स्थिति अलग-अलग होती है, इसलिए सबसे अच्छा यह होगा कि एक वैद्य की सलाह लेकर ही किसी भी दवा का सेवन किया जाए ।

पढ़े – गर्भ ठहरने की अंग्रेजी दवा – प्रेग्नेंट होने की 7 एलोपेथीक दवा

Y शुक्राणु कब बहुत ज्यादा एक्टिव होता है ?

अब बात करते हैं कि शुक्राणु मे Y गुणसूत्र कब सक्रिय रहता हैं । इनके जबाब मे हम कुछ सामाजिक एव धार्मिक मान्यताओं के संदर्भ मे बात करेंगे । हलाकि कुछ तक विज्ञान भी समर्थन करती हैं ।
एक मान्यता के अनुसार मासिक धर्म की समाप्ति के बाद 4, 6, 8, 10, 12,14 व 16 वे दिन तक Y गुणसूत्र ज्यादा सक्रिय रहते हैं । यदि इन 2 के पहाड़े से शुरु होने वाले दिनों मे स्त्री सहवास किया जाये तो लड़का पैदा हो सकता हैं ।

एक अन्य मान्यता के अनुसार स्त्री मिलन के दौरान यदि स्त्री का बाया एव पुरुष का दाया सुर चलता हैं तो Y शुक्राणु की सम्भवना बढ़ सकती हैं ।

वही अगर डॉक्टर की सुने तो पीरियड्स के बाद से पहले 15 दिन के टाइम को ओवुलेशन पीरियड के नाम से जाना जाता है । इस अवधि मे बच्चा ठहरने की संभावना सबसे अधिक रहती हैं ।

अंतिम शब्द – इस विषय पर चिकित्सक से परामर्श करें ताकि वे आपकी व्यक्तिगत स्थिति को ध्यान में रखते हुए आपके लिए सही उपचार योजना तैयार कर सकें। आपके चिकित्सक व्यक्तिगत संदेहों का समाधान करने में सहायक हो सकते हैं और आपको सही दिशा में देखने में मदद कर सकते हैं।

Share

Gudala Balaji

मै जी.बालाजी Global Health Tricks का संस्थापक हुँ । हम एक भावुक स्वतंत्र लेखक और ब्लॉगर है । जो हमेशा पाठकों को प्रेरित करने वाले शब्दों को बुनने के लिए समर्पित हूं। लेखन के प्रति मेरा प्रेम विभिन्न विषयों तक फैला हुआ है, जिसमें स्वास्थ्य से जुड़ी रोचक व बहुमूल्य जानकारी पर ध्यान केंद्रित किया गया है। एक शब्दकार के रूप में, आकर्षक और जानकारीपूर्ण ब्लॉग पोस्ट लिखने का उद्देश्य ज्ञानवर्धन और मनोरंजन करना है। जटिल अवधारणाओं को सुलभ सामग्री में अनुवाद करने की क्षमता के साथ, हम ब्लॉगिंग की दुनिया में रचनात्मकता और विशेषज्ञता का एक अनूठा मिश्रण लाने का प्रयास कर रहे है।

You may also like...