टांसिल्स का लक्षण व घरेलू उपचार । Tonsils Ka gharelu upay.

What is tonsillitis in hindi.

Tonsils Ka gharelu upay. टॉन्सिल्स जैसी बीमारी से आप सभी परिचित होंगे। क्योंकि टॉन्सिल्स एक ऐसी प्रॉब्लम है जो हर वर्ग के महिला / पुरूष / बच्चे को जाने अनजाने में अपनी चपेट में ले सकता है। इससे गले में खराश, सूजन आ जाती है जिसे काफी तकलीफ होती है।
कुछ लोग Tonsil जैसी बीमारी को नॉर्मल प्रॉब्लम समझकर कर समय पर योग्य डॉक्टर से treatment नही करवाते हैं । यही वजह है कि कभी कभी टॉन्सिल्स उग्र रूप धारण कर सकते हैं और सर्जरी तक की स्थिति बन सकती है। तो आइए जानते हैं Tonsils Ka gharelu upay.

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टॉन्सिल्स क्या है ? What is tonsillitis in hindi.

टॉन्सिल की बीमारी गले में होती हैं । यानी मनुष्य के गले में तालु मूल ग्रंथियां होती है जो मुँह में दाएं एवं बाएं तरफ होती है। जिसे आप मुँह खोलने पर आसानी से देख सकते है । इन ग्रंथियों में विकार होने के कारण बहुत कष्ट होता है। इन ग्रंथियों में सूजन, लाली, भयंकर दर्द, खाने- पीने निगलने में बहुत परेशानी होती है। यह कभी कभी फूलकर सुपारी की तरह भी हो जाते हैं।

Tonsils Pain गले से कान तक फैल सकता है। इस दर्द के कारण 104° तेज बुखार भी आ सकता है । इसके कारण मुंह खोलने में जबड़े तक दर्द होने लगता है, अगर तुरंत इलाज नहीं किया जाए तो ये पक भी जाते हैं, कभी फट भी जाते हैं।

टॉन्सिल्स के लक्षण ? Tonsils ke lakshan in hindi.

टॉन्सिल्स के प्रमुख लक्षण इस प्रकार से जैसे
● गले में अचानक से बहुत दर्द होना।
● खाना निगलने में परेशानी होने लगना।
● गले में खराश होना।
● बात करने या बोलने में परेशानी हो सकती हैं ।
● कान के निचले हिस्से में दर्द होना ।
● दर्द के कारण चिड़चिड़ापन होना।
● जबड़ो के नीचे भी दर्द रहना। इत्यादि।

टॉन्सिल्स के कारण ? Causes of tonsillitis in hindi.

● सर्दी जुकाम होने के कारण।
● बुखार होने के कारण।
● ठंड लगने के कारण।
● बारिश में भीगने के कारण।
● अत्यधिक ठंडी चीजे खाने के कारण।
● गले में कुछ फंस जाने के कारण।
● गले की किसी रोग के कारण।

टॉन्सिल्स कितने दिन में ठीक हो सकती हैं ?

टॉन्सिल्स आमतौर पर दस बारह दिन में ठीक हो जाते हैं, लेकिन यदि टॉन्सिल्स पकने या यूँ कहे कि ज्यादा पुराना हो तो इसे ठीक होने में समय लग सकता है।

 

टॉन्सिल्स में खानपान । Tonsils se bachav.

टॉन्सिल्स होने पर ऐसे पदार्थो का सेवन उत्तम होता है, जिससे गले को पूर्णतः आराम प्राप्त हो। जैसे–
● अदरक के रस को तुलसी के रस के साथ मिलाकर इसे शहद के साथ लेने से गले को आराम मिलता है।
● गर्म पेय पदार्थों के सेवन से भी काफी आराम मिलता है।
● पिपली, सोंठ व काली मिर्ची को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर चूर्ण बनाकर इस चूर्ण को शहद के साथ सेवन करने से फायदा राहत मिलती है ।
● आयुर्वेदिक औषधियों से बना काढ़ा पीने से भी राहत मिलती है।

टॉन्सिल्स से परहेज ? Tonsils ke Parhej.

● तला भुना व मसालेदार भोजन से दूर रहे ।
● मसालेदार भोजन से गले में जलन हो सकती है, इसलिए इसे भी नही खाना चाहिए।
● समोसे, पकोड़े जैसे ज्यादा तेल वाली चीजें नही खानी चाहिए।
● ठंडे पदार्थों का सेवन करने बचना चाहिए।
● खाँसी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए, क्योंकि खाँसी से टॉन्सिल्स और भी घातक हो जाते हैं।

 

टॉन्सिल्स का होम्योपैथिक उपचार | tonsils ka homiyopaithi ilaaj.

टॉन्सिल इलाज के लिए अनेकों चिकित्सा पद्धति है उनमे से होम्योपैथिक भी एक है । होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति में टॉन्सिल का इलाज इस प्रकार से है –

बेलाडोना 200

बेलाडोना 200 शक्ति में लिया जा सकता है। इसके खास लक्षण जैसे बहुत ज्यादा लाली, सूजन, दर्द आदि । विशेषकर मुँह के दाहिनी तरफ का अगर दर्द हो तो यह दवा बहुत ही कारगर सिद्ध हो सकती है । इस दवा की 200 शक्ति की खुराक 4-4 गोली 3-3 घंटे से दिन में 3-4 बार लेना चाहिए।

मर्क्युरियस आयोड 200

गले में सूजन, दर्द, निगलने में बहुत कष्ट, गले में ऐसा लगे मानो कोई चीज अड़ गई हो या कोई चीज फंस गई हो तो यह दवाई उपयोगी हैं ।

बेराइटा कार्ब 30

यदि सर्दी जुकाम होने पर परेशानी होती हैं जैसे खराश होना, सूजन हो, गले में घाव हो गया हो तो दवाई बेराइटा कार्ब 30 ली जा सकती है। दिन में तीन चार बार । लेने का तरीका वही है जो पहले बताया है।

हिपर सल्फ्युरिकम

टांसिल्स पक गए हों, पीव ( पस) आता हो, बीमारी पुरानी हो । हिपर सल्फ 200 ले सकते है । इसी प्रकार एपीस मेलिफिका “200 भी उपयोगी हैं । गले में सूजन, भारीपन, निगलने में दर्द, मुँह के भीतर सूखापन, गले के अंदर हरदम कांटा चुभने जैसा अनुभव हो या सांस लेने में दिक्कत हो तो यह दवा बहुत ही फायदा करती है।

होम्योपैथिक दवाइयों के सेवन में क्या सावधानी रखनी चाहिए ?

होम्योपैथिक दवाइयां लेने में कुछ सावधानियां भी रखना पड़ती हैं। जैसे-
● इन टेबलेट को हाथ से छूने के बजाय सफेद कागज या किसी अच्छे साफ-सुथरे ढक्कन में या चम्मच में ले कर ली जा सकती है।
● इसके आधे घंटे पहले और आधे घंटे बाद तक कुछ मुंह में डालना नहीं चाहिए।
● टॉन्सिल्स के कष्ट वाले रोगियों को ठंड से बचना चाहिए और खटाई से या खट्टी चीजें खाने से भी बचना चाहिए।
● टॉन्सिल्स के लिए लक्षणानुसार बेराइटा कार्ब 30 नाम की दवा ली जा सकती है।
● यदि सर्दी लग कर कष्ट बढ़ जाते हों, सूजन बहुत हो, गले में घाव हो गया हो दवाई बेराइटा कार्ब 30 ली जा सकती है ।

Tonsils Ka gharelu upay.

टॉन्सिल्स के घरेलू उपचार । Tonsils ka ghrelu upay.

यहाँ हम आपको कुछ घरेलू उपचार बता रहे हैं, जिसके उपयोग से आप टॉन्सिल्स से छुटकारा पा सकते हैं।

कच्चे पपीते से टॉन्सिल्स का इलाज | Papite se tonsils ka ghrelu upay.

गले की प्रॉब्लम के लिए ताजा व कच्चा पपीते को धोकर काट कर उसे दूध में अच्छे से उबाल लें । फिर इस पपीते व दूध के मिश्रण से गरारा करने से बहुत आराम मिलता हैऔर टॉन्सिल्स खत्म हो जाते हैं। दूध हल्का गुनगुना होना चाहिए और इसका उपयोग दिन में दो या तीन बार करें।

अदरक से टॉन्सिल्स का इलाज । Adrak se tonsils ka gharelu upay.

अदरक और नींबू के रस को गर्म पानी में डालकर इसे पीने से टॉन्सिल्स की प्रॉब्लम से काफी आराम मिलता है। यह पानी गले की प्रॉब्लम के लिए भी औषधि की तरह का काम करती है। इस पानी का उपयोग दिन में करीब तीन से चार बार करना चाहिए।

सेंधा नमक से टॉन्सिल्स का इलाज । sendha namak se tonsils ka gharelu upay.

सेंधा नमक को स्वास्थ्य के लिए बेहद अच्छा माना जाता है। चुटकी भर सेंधा नमक डालकर गर्म पानी पीने एवं गरारा करने से टॉन्सिल्स खत्म हो जाते हैं। इस पानी का उपयोग आप अपनी सुविधानुसार 5 या 6 बार कर सकते हैं।

सिरका से टॉन्सिल्स का इलाज । sirka se tonsils ka gharelu upay.

सिरका में एसिटिक अम्ल होता है जो टॉन्सिल्स के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसका उपयोग दिन में दो बार कर सकते है ।

काढ़ा से टॉन्सिल्स का इलाज । kadha se tonsils ka gharelu upay.

टॉन्सिल के लिए काढ़ा बहुत ही सरल एवं सुविधाजनक औषधि है। वैसे चाय तो आप सभी पीते ही होंगे । आप उसी चाय में चीनी ना डालने के बजाय गुड़ डाले । फिर अदरक, काली मिर्च, इलायची व तुलसी के मिश्रण को अच्छे से पकाकर काढ़ा बनाया जाता हैं। इसमें दूध नही डाला जाता है। यह काढ़ा गले और टॉन्सिल्स के लिए बेहद अच्छा होता है। इस दिन में दो बार जरूर पीना चाहिए।

नींबू से टॉन्सिल्स का इलाज । Nimbu se tonsils ka gharelu upay.

नींबू टॉन्सिल्स के लिए सबसे बेहतरीन उपाय माना जाता है। ताजे नींबू के रस को गर्म पानी में डालें, उसमें थोड़ा सेंधा नमक और शहद मिला दें। अब इस पानी को धीरे धीरे पियें। ऐसा दिन में तीन से चार बार करेंगे तो काफी फायदा होगा।

गले की सर्जरी की जरूरत कब होती है ? Tonsils ka operation kab hota hai.

जब टॉन्सिल्स पक जाए या गले गांठ बन जाये तब गले की सर्जरी की जाती है।

टॉन्सिल की सर्जरी में कितना खर्च होता है ?

निजी अस्पताल में 20 से 35 हजार तक लग सकते हैं सर्जरी में, जबकि सरकारी अस्पताल में इससे कम लग सकते हैं।
यदि आपको टॉन्सिल्स के लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह ले एवं सावधानी का पालन करे ताकि टॉन्सिल्स बढ़ने ना पाये।। शिखा गोस्वामी ‘निहारिका’ छत्तीसगढ़

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