Nakseer ka ilaaj. नाक में खून आने के कारण व उपाय

Nakseer ka ilaaj.
Nakseer ka ilaaj.

Nakseer ka ilaaj. नाक हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह केवल दो छेदों वाला साधारण अंग ही नहीं है । यह हमारे शरीर के लिए अंग रक्षक की तरह काम करता है। नाक में पाए जाने वाले रोम हमारे शरीर में हानिकारक कीटाणुओं के अंदर जाने से रक्षा करती है। धूल मिट्टी आदि को फेफड़ों में सीधा जाने से रोकते हैं। नाक में यदि किसी प्रकार का विकार या रोग उत्पन्न हो जाए तो वह हमारे शरीर को बहुत परेशान कर सकता है। इसलिए हमें नाक की हर प्रकार सुरक्षा करनी है ।

आज हम ऐसे ही नाक से संबंधित एक रोग के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं। वह है नकसीरअर्थात नाक से खून बहना। यदि नाक से कभी कबार खून बहता है तो यह सामान्य नकसीर का लक्षण है । लेकिन यदि बार-बार यही प्रक्रिया होती है तो यह किसी गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकता है। इसलिए हमें इसे समान्य न समझ कर के गंभीरता से लेते हुए डॉक्टर से जांच करानी चाहिए। क्योंकि शरीर को स्वस्थ रखना यह हमारी पहली प्राथमिकता है। Nakseer ka ilaaj.

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अव्यवस्थित जीवन शैली और बदलते खान-पान के कारण कई बीमारियां व्यक्ति को जकड़े हुए हैं । आज हम एक ऐसी ही सामान्य बीमारी के बारे में चर्चा करेंगे । जो अक्सर गर्मी के दिनों में देखने मिलती है। वैसे तो यह बीमारी किसी भी ऋतु में हो सकती है। किसी भी उम्र में हो सकती है । लेकिन यह ज्यादातर 8 से 12 साल तक के बच्चों में ज्यादातर गर्मी के दिनों में देखने को मिलती है । वह है नकसीर फूटना ।

आपने देखा होगा कई लोगों को अचानक नाक से खून बहने लगता है । जिसे देख कर के वे घबराने लगते हैं । ऐसे अवसर पर घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है । तुरंत आवश्यक उपाय करने चाहिए । जिससे इस समस्या से राहत मिल सके। वैसे यह एक सामान समस्या है, जो उपचार करने से ठीक हो जाती है। यदि बार-बार नकसीर फूटने की समस्या हो तो यह किसी अन्य बीमारी का संकेत भी हो सकता है। जैसे कैंसर, मधुमेह, रक्तचाप, हार्ड अटैक आदि का। नकसीर की समस्या को नोज ब्लेडिंग के नाम से जानते हैं।

नकशीर फूटने के कारण | Nak me khoon kyo aata hai.

नाक का सूखना – शुष्क वातावरण व गर्म जलवायु में रहने के कारण अथवा गरम लू में काम करने कारण कई बार हमारी नाक सूख जाती है । नाक सूखने के कारण कई बार नाक से खून बहने लगता है। जिसे नकशीर कहा जाता है। यह समस्या शुष्क हवा के कारण उत्पन्न होती है।

नाक में सूजन आना – कई बार नाक में सर्दी जुकाम आदि के करण सूजन आ जाती है । उस सूजन के कारण नाक की झिल्लियों में तनाव उत्पन्न हो जाता है । जिसके कारण रक्त वाहिनियां फट जाती हैं । उसी के कारण नाक से खून बहने लगता है।

नाक पर चोट लगने के कारण – खेती-बाड़ी या घर का काम करते समय नाक पर चोट लग जाती है। उस चोट के कारण नाक के अंदर की झिल्लियों में दबाव आ सकता है । नाक में सूजन उत्पन्न हो सकती है । नाक की हड्डी पर चोट लगने के कारण भी नसीर फुट सकती है।

नाक में उंगली डालने से – कई लोगों को नाक में उंगली डालने की गंदी आदत होती है। वे हमेशा अपने नाक की गंदगी को उंगली से साफ करते रहते हैं । नाक में उंगली डालने के कारण नाक की मांसपेशियों में चोट आ सकती है। जिसके कारण भी नकसीर आने की संभावना बन जाती है।

एलर्जी के कारण – मिट्टी, धूल, गंदगी, किसी भी प्रकार की दुर्गंध आदि के कारण कई लोगों की नाक में एलर्जी उत्पन्न हो जाती है। उस एलर्जी के कारण भी नाक से खून बह सकता है।

दवाओं का साइड इफेक्ट – आजकल लोग मधुमेह, मोटापा, केंसर, रक्तचाप आदि बीमारियों से ग्रस्त हैं । उन्हें कम करने के लिए जो तरह-तरह की खून पतला करने वाली दवाओं का इस्तेमाल करते हैं। खून पतला करने वाली दवाओं के साइड इफेक्ट के कारण भी कई बार नाक से खून बहने लगता है। जिसे नकसीर कहते हैं।

अत्यधिक गर्म मसालों का प्रयोग – फास्ट फूड आदि के बढ़ते प्रचलन के कारण लोग अत्यधिक गर्म मसालों का सेवन करने लगे हैं। जिस कारण लोगों के खून में गर्मी उत्पन्न हो जाती है। उस गर्मी के कारण भी नकसीर फूटने की संभावना बनी रहती है। अतः हमें ऐसे भोज्य पदार्थ जिन की तासीर गर्म होती है उनका सेवन कम करना चाहिए। गरम मसालों का परहेज करना चाहिए।

बुखार आदि के संक्रमण से – मलेरिया, डेंगू, टाइफाइड, बुखार आदि के संक्रमण होने पर भी नाक से खून का स्राव हो सकता है। सामान्य उपचारों से यदि नकसीर की समस्या समाप्त न हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। थोड़ी सी लापरवाही किसी बड़ी बीमारी को जन्म दे सकती है।

कठिन परिश्रम और धूप में काम करने से – तेज धूप में काम करने तथा उच्च ताप वाले क्षेत्रों में काम करने पर यह समस्या पैदा हो सकती है । कई बार भारी काम करने से भी नकसीर फूट जाती है। इसलिए नकसीर की समस्या पैदा होने पर ज्यादा धूप में काम नहीं करना चाहिए।

 Nakseer ka ilaaj Ayurvedic.

नाक में खून आने के आयुर्वेदिक उपाय | Nakseer ka ilaaj Ayurvedic.

सेव के सिरके का प्रयोग –
सेव बहुत सारे पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसलिए रोगियों को सेव का सेवन करना लाभदायक होता है। सेव के सिरके को ठंडे पानी में मिलाकर पिलाने से नकसीर में लाभ होता है।

सरसो के तेल का प्रयोग –
सरसों का तेल खाद्य पदार्थों में तथा बालों में लगाने काम आता है। सरसो के तेल की एक दो बूंदे नाक में डालने से नकशीर में राहत मिलती है। इससे नाक में आई सूजन भी कम होती है।

◆ गुलकन्द व शिकंजी का प्रयोग –
नकशीर की बीमारी खून की गर्मी से होती है। यदि बार बार नाक से खून बहता हो तो गुलकन्द का शर्बत, खसखस का शर्बत, नीबू की शिकंजी, गन्ने का रस, पोदीने की शिकंजी का सेवन फायदेमंद रहता है।

पीपल के पत्तों का प्रयोग –
पीपल के पत्तों का रस निकालकर एक दो बूंद की मात्रा में नाक में टपकाने से नकसीर फूटने की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। यह अजमाया हुआ प्रयोग है।

शीशम के पत्तों का रस –
आयुर्वेद में शीशम के पत्तों के बहुत सारे गुण बताए गए हैं। शीशम के पत्तो का रस पिलाने से किसी भी प्रकार का बहता हुआ रक्त बंद हो जाता है। नकसीर में भी रोगी को ठंडे पानी में शीशम के पत्ते पीसकर उसमें संभाग मिश्री मिलाकर पिलाया जाए तो इससे जल्दी ही राहत मिलती है।

नाक में खून आने के घरेलू उपाय । Nakseer ka ilaaj ghrelu.

दही का प्रयोग –
नाक से खून बहने की समस्या को रोकने में रई मारा दही बहुत काम का है। सुबह रोज खाली पेट रई से चलाया हुआ दही थोड़ा पानी मिलाकर पीने से नकशीर में बहुत फायदा होता है।

नाक में खून आने पर ठंडे पानी से इलाज | Thande pani se Nakseer ka ilaaj.

नकसीर की समस्या ज्यादातर गर्मी के दिनों में होती है । जिस व्यक्ति को नकसीर फूट रही हो, उसे आगे की ओर मुंह करके उसके सिर पर धार बांधकर पानी डालना चाहिए । ठंडे पानी के डालने से उसके नाक का बहता हुआ खून जल्द ही रुक जाएगा । रोगी को नकसीर से राहत मिलेगी । नकसीर में ठंडे पानी का इस्तेमाल बहुत ही लाभदायक होता है।

नकसीर वाले रोगी के सिर पर पानी में भिगोकर गीला कपड़ा भी रखा जाता है । नाक पर गीला कपड़ा भिगोकर रखा जा सकता है। ऐसा करने से नकशीर से तुरंत आराम मिलता है।

बर्फ का प्रयोग –
बर्फ ठंडी होने के कारण बहते हुए रक्त को रोकने में लाभदायक होती है । नाक के आसपास के भाग पर बर्फ को कपड़े में लपेटकर सिकाई करनी चाहिए । जिससे थोड़ी देर बाद नकशीर का खून रुक जाएगा।

नाक में खून आने पर प्याज से इलाज | Pyaj se nakseer ka ilaaj.

प्याज की तासीर ठंडी होती है। प्याज का रस निकालकर नकसीर के रोगी को पिलाया जाता है। प्याज के रस को रुई में भिगोकर रोगी के नथुनों के आस पास रुई को लगाया जाता है उसे सुंघाया जाता है ।जिससे खून का बहना जल्दी ही रुक जाता है।

नाक में खून आने पर बेलपत्र से इलाज | Belapatr se Nakeer ka ilaaj.

बेलपत्र एक फलदार पेड़ होता है। इस की तासीर ठंडी होती है। यह औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसका जूस निकालकर नकसीर के रोगी को पिलाया जाता है । इसे रोगी को 1 सप्ताह तक पिलाने से नकशीर की समस्या खत्म हो जाती है। बेलपत्र के ज्यूस को दूध और मिश्री मिलाकर पिलाना चाहिए।

नाक में खून आने से मुल्तानी मिट्टी से इलाज | Multani mitti se nakseer ka ilaaj.

जिस व्यक्ति को बार-बार नकशीर फूटती हो उसके नाभि से नीचे के पेट पर मुल्तानी मिट्टी का लेप करना चाहिए। एक कपड़े को मुल्तानी मिट्टी से भिगो कर उसे नाक पर रखना चाहिए । इससे भी नकसीर से राहत मिलती है।

नकशीर फूटने पर तुरंत क्या करना चाहिए ? Nakseer aane par kya kare.

नकसीर आने के तुरंत बाद रुई से नाक को हल्का सा रोककर लेट जाना चाहिए है और मुँह थोड़ा ऊपर कर देना चाहिए ताकि नाक से अधिक खून न बहे ।
• रोगी को आगे की ओर मुंह कर के बैठ जाना चाहिए।
• नाक की बजाय मुँह से सांस लेना चाहिए।

• खून को निगलना नहीं चाहिए।
• यदि खून मुँह व नथुनों दोनों से बह रहा हो तो रक्त को अमाशय में जाने से रोकना चाहिए।
• एक गीला कपड़ा नाक पर रखना चाहिए।
• नाक को ज्यादा दबाकर नहीं रोकना चाहिए।
• उपलब्ध हो सके तो नाक की बर्फ से सिकाई करनी चाहिए।

• नाक व सिर को ठंडे जल से धोना चाहिए।
• यदि खून बार-बार रोकने पर भी नहीं रुके तो तुरंत डॉक्टर की मदद चाहिए । यदि लगातार आधा घंटा या अधिक समय तक नाक में खून ( Nose bleeding ) में आ रहा है । या बॉडी टेम्परेचर बढ़ रहा है । तो तुरंत योग्य चिकित्सक की सलाह लेना आवश्यक समझे ।। रामकुमार प्रजापति, अलवर, राजस्थान ।।

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