Hichki kaise roke ? हिचकी आने के कारण व उपाय

Hichki kaise roke in hindi.
Hichki kaise roke.

Hichki kaise roke in hindi. हिचकी आना कोई गंभीर समस्या नही होती है। यह बहुत ही आम समस्या है, जिसका सामना सभी करते हैं। आमतौर पर माना जाता है कि जब कोई याद करे, तब हिचकी आने लगती है।

एक तरह से देखा जाये तो यह धारणा सही भी है कि जब हमारा कोई करीबी हमे याद करता है, तब एक अहसास होता हैं, जिसमें हिचकी आना या पैरों में खुजलाहट होना आदि शामिल हैं। किन्तु हिचकी आने के और भी कारण होते हैं और कई हिचकिया गंभीर बीमारी का संकेत भी देती है। तो आइये जानते हैं हिचकी कैसे रोके । Hichki kaise roke in hindi –

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हिचकी क्या है ? Meaning of hiccups in hindi.

हिचकी एक ऐसी समस्या है, जो पेट सम्बन्धी खराबी के कारण उत्पन्न होती है। इस समस्या में पेट और सीने में कुछ दबाव सा महसूस होता है, और मुँह से हिचकी आने लगती है। बार-बार हिचकी आने से हम काफी परेशान भी हो जाते हैं।

हिचकी मुख्य रूप से 4 प्रकार की होती हैं मगर जो अचानक शुरू होती है और हल्के अंदाज में हिचकती है । उनका इलाज तो पानी पीने मात्र से ठीक हो जाती हैं । शेष अल्प समय के लिए नहीं होती है ।

हिचकी के क्या लक्षण होते हैं ? hiccups symptoms in hindi.

हिचकी आने पर गले में अचानक से कंपन के साथ पेट और सीने में दबाव होने लगता है । हिचकी आने के कारण बात करने में भी परेशानी होती है और लगातार हिचकी आने की स्थिति में इंसान काफी परेशान भी हो जाता है।

वैसे तो हिचकी बहुत आम होती है, और कुछ ही मिनटों में बन्द हो जाती है, किन्तु यदि दो घंटे या उससे अधिक समय तक हिचकियाँ आ रही है, तो इसे नजरअंदाज ना करें और तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
कई बार लगातार आने वाली हिचकियाँ किसी बीमारी का संकेत देती है, इसलिए देरी न करते हुए चिकित्सक के पास जाने में ही समझदारी है।

हिचकी क्यो आती है बार बार । Causes of hiccups in hindi.

हिचकी आने का मुख्य कारण पेट सम्बन्धी परेशानी होता है। कुछ अन्य कारणों से भी हिचकियाँ आती है, जैसे –
■ हड़बड़ी या जल्दबाजी में खाना खाने के कारण हमें हिचकियाँ आने लगती है।
■ ज्यादा मिर्च मसालेदार खाने से भी हिचकियाँ आती है।
■ अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन करने से भी हिचकियाँ आने लगती है।
■ बहुत ज्यादा तनाव लेना या क्रोध में भर जाने से भी हिचकियाँ आती है।
■ पानी कम पीने से भी हिचकियाँ आती है।
■ जब हमारा कोई करीबी या नाते रिश्तेदार याद करते हैं, तब हिचकियाँ आती है।

हिचकी आने के जोखिम कारण | Risk of hiccups in hindi.

■ यदि आपकी गर्दन में खराश या दर्द हो, तब आपको लगातार हिचकियाँ आती है और ऐसे में डॉक्टऱ को दिखाना चाहिए।
■ यदि गर्दन में ट्यूमर या गाँठ बन जाये, तब भी लगातार हिचकियाँ आती है।
■ शरीर की तंत्रिका तंत्र में कुछ खराबी आने पर भी लगातार हिचकियाँ आती है।
■ मस्तिस्क या मेरुरज्जु पर आघात होने से भी बहुत ज्यादा हिचकियाँ आती है।

■ यदि आपकी कोई सर्जरी हुयी है, तो दवाइयों के कारण भी हिचकियाँ आने की समस्या होती है।
बार बार और लगातार हिचकियाँ आने पर तुरंत चिकित्सक के पास जाना चाहिए या कोई घरेलू नुस्खे अपनाने चाहिए, जैसे की बाबा रामदेव के पतंजलि में हिचकियाँ दूर करने के बहुत से उपाय उपलब्ध है।

हिचकी का परीक्षण कैसे करते हैं ? hiccups test in hindi.

जब भी हम डॉक्टर के पास जाते हैं, तब वे हमारा परीक्षण कई तरह से करते हैं। जैसे कि पहले शारीरिक परीक्षण करते हैं।

शारीरिक परीक्षण
इसमें डॉक्टर आपकी गर्दन की मूवमेंट, मांसपेशियों की क्षमता और कार्य करने की क्षमता का अवलोकन करते हैं।

प्रयोगशाला परीक्षण
इसमें आपका ब्लड सैंपल लिया जाता है, फिर इनके आधार पर हिचकी आने के कारणों का पता लगाया जाता है।

फोटोग्राफिक परीक्षण
इसमें आपके गर्दन और सीने का एक्स रे लिया जाता है, ताकि किन्ही कारण का पता लगाया जा सके। यह जाँच कम खर्चीली होती है।

एंडोस्कोपिक परीक्षण
इसमें आपके गर्दन या श्वास नली में, पतली सी लचीली नलिका में कैमरा लगाकर जाँच किया जाता है।यह जाँच थोड़ी खर्चीली होती है।

हिचकी के क्या इलाज है ? Hichki kaise roke in hindi.

आमतौर पर हिचकी पानी पीने से ठीक हो जाती है, लेकिन यदि हिचकी किन्ही चिकित्सीय वजह से हो तो इसके लिए डॉक्टर के पास जाना ही बेहतर होता है।

डॉक्टर पहले आपकी सारी परेशानियों का परीक्षण करते हैं, फिर इस आधार पर आपको हिचकियाँ बन्द करने वाली दवाइयां देते हैं। यदि फिर भी हिचकी बन्द ना हो तो डॉक्टर इसके लिए इंजेक्शन भी लगाते हैं।

Hichki se nuksan.

हिचकी से नुकसान । Hichki se nuksan.

बार बार या लगातार हिचकी आने से हमे निम्न परेशानियां या नुकसान होते है –

● खाते हुए यदि अचानक हिचकी आने लगे तो भोजन करने में परेशानी होती है।
● बोलने या बात करने में परेशानी होती है।
● सोते सोते यदि हिचकियाँ आने लगे, तो परेशानी खड़ी हो जाती है, जिससे नींद खराब हो जाती है।
● सर्जरी वाले मरीजों को यदि बार बार हिचकियाँ आये, तो उनके घाव भरने में बहुत परेशानी होती है।
● हिचकी आने से पेट, गले और सीने में काफी दर्द होता है और यदि यह हिचकी लगातार हो, तो गर्दन अकड़ने का खतरा भी होता है।

पतंजलि में हिचकी का क्या इलाज है ? Hichki kaise roke patnjali.

बाबा रामदेव द्वारा संचालित पतंजलि में भी हिचकी के बहुत सरल घरेलू उपाय बताएं गये है, जिसको यदि अपनाया जाये तो हिचकी से छुटकारा पाया जा सकता है। ये उपाय निम्न है –

● जब भी आपको हिचकी आये तो आप अपनी सांसों को लंबा खींचकर 25 -30 सेकंड रोक लें, फिर सामान्य अवस्था में आ जाये। ऐसा करने से हिचकी में तुरंत लाभ मिलता है।

● हिचकी में शक्कर खाने से भी फायदा होता है।
● मिश्री के साथ दो या तीन काली मिर्च चबाकर खाने से भी हिचकी ठीक होती है।

● पीपलामूल, चित्य, सौंफ, सव्य और पीपल को 400 ग्राम पानी में उबाल लें और जब यह 50 ग्राम बचें यानि उबलकर काढ़ा बन जाये तो इसे छानकर पी लें।यह काढ़ा हिचकी दूर करने के साथ ही पाचन तंत्र की समस्या भी दूर करता है।

● छोटी पिप्पली नामक औषधि का आधा ग्राम चूर्ण चाटने से भी हिचकी में राहत मिलती है।
● पीपल की छाल को शहद के साथ मिलाकर खाने से भी हिचकी ठीक होती है।

● मोर की पंख के पिछले हिस्से की भस्म को शहद के साथ मिला कर खाने से भी हिचकी ठीक होती है।
● सेंधा नमक का थोड़ा सा चूर्ण चाटने से भी हिचकी ठीक होती है।

● नन्हे बच्चों को हिचकिया आने पर माताएं अपने आँचल का धागा बच्चे के सर पर डाल देती है, जिनसे उसकी हिचकी ठीक हो जाती है।
● सबसे कारगर और लोकप्रिय नुस्खा जो हम अपनाते हैं, वो है- हिचकी आने पर सात घूंट पानी पीना। इससे हिचकी बन्द हो जाती है। यकीन ना आये तो आजमा कर देख लीजियेगा।

हिचकी का घरेलू व तुरंत उपचार कैसे करें ? Turnt hichki kaise roke.

हिचकी आने पर तुरंत घरेलू उपाय अपनाएं जा सकते हैं, जो निम्न है–
● तत्काल पानी पियें।
● चीनी खा लें।
● नींबू चाट लें।
● टमाटर खा लें।
● चॉकलेट पावडर खा लें।
● लगातार हिचकी आये तब आप सीधे बैठ जाइए, फिर अपने दोनों घुटनों को, छाती तक लें आइये, इससे हिचकी रुक जाएगी।

हिचकी की क्या दवाईयां है ? hiccups medicine.

जी हाँ, हिचकी की दवाईयां भी मिलती है। कभी-कभी हिचकी नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं, तब ऐसे हालात में दवाइयों का सेवन किया जाता है।

● हिचकी के लिए होम्योपैथी में काजूपुटम, मेगाफास 30, नवस वोमिका 30 जैसी दवाईयां दी जाती हैं।इनका सेवन दिन में 3-4 बार किया जाता है और इन्हें खाने के दौरान मिर्च मसालेदार खाने से परहेज किया जाता है।

● जिन्सेंग Q की दवा 5-5 बूंद हर आधे घण्टे में लेनी चाहिए। यह दवा हर प्रकार की हिचकी में असरदार होती है।
● यदि खाने के बाद हिचकी आती हैं तो इसके लिए साइक्लेमन 30 नामक दवा दी जाती हैं।

● कुछ भी खाने-पीने या तम्बाखू की खुशबु से हिचकी आये, तो इसके लिए इग्रेसिया 30 नामक दवा दी जाती हैं। इसे दिन में 3-4 बार लेना चाहिए।
कुछ हालातों में कभी कभी हिचकियों के लिए इंजेक्शन भी लगाया जाता हैं।

हिचकी कोई गंभीर समस्या नही होती है, लेकिन अगर यह लगातार और बार बार होने लगे तब इंसान के लिए परेशानी खड़ी कर देती है। इसलिए यदि आपको हिचकी बार बार आ रही हो तो उपरोक्त लेख ( Hichki kaise roke ki in hindi. ) को अवश्य पढ़ें एवं समाधान प्राप्त करें ।। शिखा गोस्वामी ‘निहारिका’ छत्तीसगढ़ ।।

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