बलगम का घरेलू उपचार । How to get rid of mucus in Hindi

How to get rid of mucus
How to get rid of mucus.

How to get rid of mucus in Hindi. बदलते हुए मौसम, प्रदूषण या कमजोर इम्युनिटी के कारण संक्रमण का अधिक खतरा रहता है । जैसे गले में इंफेक्शन, फेफड़ों में इंफेक्शन या यूं कहें कि बलगम का बनना आदि । हालांकि बलगम बनने के अन्य कारण भी होते है ।

ब्रोकस के जरिए हवा शरीर के अंदर और बाहर होती है । वही अस्थमा के मरीजों की ब्रोकस कि वॉल्स मोटी होने लगती हैं। जिसके अंदर गॉब्लेट सेल्स के मात्रा बढ़ने लगती है। यही बलगम/ कफ बनातीं है।

बलगम एक ऐसा चिपचिपा पदार्थ होता है जो नाक, गले या मल के रास्ते शरीर से बाहर निकलता है । इसमें प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है । बलगम से छुटकारा पाने के लिए घरेलू उपाय एक अच्छा तरीका है वही मेडिसिन से निजात पाई जा सकती है ।

बलगम के कारण गले में खराश, सर्दी जैसी खांसी, सूखी खांसी, बंद नाक, कभी कभी बलगम के साथ साथ नाक में खून आना, मल में बलगम आना आदि परेशानी आती है तो चलिए जानते है बलगम क्या है और कैसे बनता है – How to get rid of mucus in Hindi.

Also read

कब्ज के लक्षण व उपचार । What is constipation in hindi.

अंडरआर्म कालापन कैसे हटाए । Dark Underarms remedies.

Table of Contents

बलगम क्या है । Balgam kya hai ?

बलगम एक प्रकार चिपचिपा सा तरल पदार्थ है जो मुह, नाक या मल के माध्यम से बाहर निकलता है । थूक मिश्रित श्लेष्मा एवं अन्य पदार्थ जो श्वास नली के मुंह के रास्ते निकाले जाते हैं, वह बलगम या कफ कहलाते हैं। बलगम फेफड़ों के काफी अंदर से निकाले जाने वाला एक गाढ़ा पदार्थ होता है न कि मुंह या गले के अंदर का पतला थूक। बलगम का संबंध रोग ग्रस्त फेफड़े, श्वास नली और ऊपर की श्वसन नली में हवा के आगमन से है।

बलगम को कफ भी कहा जाता है । यह शरीर की स्थिति के अनुसार अलग अलग रंग का होता है जैसे सफेद बलगम, पीला बलगम एवं हरा बलगम । इनमें से पीला रंग का बलगम को बीमारियों का संकेत माना जाता है । जबकि हरे रंग का बलगम सर्दी जुकाम का संकेत हैं ।

बलगम के कारण । Causes of mucus.

जब खांसी के साथ बलगम की शिकायत होती है । तब यह बलगम की मात्रा, सर्दी में सुबह के समय ज्यादा होती है यह सब लक्षण फेफड़े की बॉर्नक्रियकेटेसिस नामक बीमारी के हैं। ब्रोनकियकेटेसिस फेफड़ों के अंदर बसी श्वास नली की सूजनरोधी बैक्टीरिया वायरस की कोशिकाएं बनती है ये संक्रमण मियादी इंफेक्शन होता है।

◆ मौसमी संक्रमण के कारण बलगम जमा हो सकता है ।
◆ सर्दी के कारण बलगम जमा हो सकता है ।
◆ अधिक कोल्ड ड्रिंक पीने से कफ जमा हो सकता है ।
◆ दिन में शारीरिक परिश्रम नहीं करते और सोना भी बलगम का कारण है।
◆ सर्दियों में ठंडे पदार्थ जैसे दही, लस्सी आदि का सेवन करने कफ की शिकायत हो सकती है ।
◆ अधिक धूम्रपान करने से भी बलगम पैदा होता है।
◆ अधिक शराब पीने से भी इंसान इस संक्रमण का शिकार होता है।
◆ जलन, रसायन, सुगंधित और प्रदूषण से बचें यह नाक कि झिल्ली को परेशान कर शरीर में बलगम पैदा करने का प्रयास करते है।

किन बीमारियो के कारण बलगम आता है ?

● ऐलर्जी,
● एसिड रिफ्लेक्स,
● अस्थमा,
● सिस्टिक फाईब्रोसिस,
● क्रोनिक ब्रोकीइटिस व अन्य फेफड़े से संबंधित रोग है ।

बलगम के लक्षण व संकेत । mucus symptoms/sings.

साधारण कफ मनुष्य के सफेद रंग का होता है, और वह ज्यादा गाढ़ा नहीं होता है। जो कफ हल्के पीले या हरे रंग का दिखाई देने लगे तो कफ असाधारण रूप से अधिक गाढ़ा होता है जो बैक्टीरियल संक्रमण का संकेत बताता है।

जब कफ बनने लगता है तो हमारी नाक बंद हो जाती है। सांस लेने की दिक्कत हो जाती है, बुखार आने लगती है और नाक में भी दर्द होता है तथा कमजोरी महसूस होती है। दिक्कत ज्यादा आने से हमारा गला और फेफड़े जाम हो जाते हैं।

● गले में जमा कफ से सांसों में दुर्गंध आने लगती है । क्योंकि बलगम में प्रोटीन होती है जो बैक्टीरिया पैदा करती है।
● गले में बलगम बनने पर यह वायरस लक्षण महसूस होते है – चिकने पॉक्स, खसरा, काली खांसी, मोनोन्यूेक्लिओसिस यह सब गले में बलगम बनाने का कारण बनते हैं।
● गले में बलगम होने पर गले मे खराश एवं हल्का दर्द महसूस होता है एवं आवाज भी बदल जाती है ।

mucus symptoms in lungs.

फेफड़ों में बलगम के लक्षण । mucus symptoms in lungs.

जब फेफड़ों में कफ (बलगम ) बनने लगता है तब अधिक कफ आपके नाक से वायु मार्गो में रूकावट पैदा कर सकता है जिससे सांस लेने में हमें कठिनाई महसूस होने लगती है ।
छाती में कफ जमा होने से खांसी की शिकायत होती है ।

बलगम क्या खाने से बनता है ?

1. दूध से बने उत्पाद जैसे मिठाई दही, छाछ वसायुक्त पदार्थ कोल्ड्रिंक नमकीन तथा ज्यादा खट्टा, ज्यादा मीठ फल और मिठाइयां इनके सेवन से बलगम बढ़ता है।
2. आवश्यकता से अधिक खाना फुल मूवी पोस्टिक आहार ना होने के कारण बलगम होता है।
डॉक्टरों का कहना है कि चावल के खाने से भी बलगम बनता है क्योंकि चावल ठंडा होता है जो हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाता है।

3. गले और नाक की ग्रंथियां पूरे दिन में 1 से 2 लीटर बलगम बनाती है इस अधिकता के कारण हमें बेचैनी होना बार-बार गले में खुश्की होना, खांसी आना बार-बार थूक आना, नाक में सूजन आ जाना आदि जो कई लोगों में पाई जाती है।

4. अधिक तेल पदार्थ और बाजार का अधिकतर खाने से भी बलगम बनता है

5. कफ बनने में म्यूकस, मेंब्रेन सांस की नली की रक्षा करते हैं। और उसे सहारा देने के लिए कफ बनाते हैं, यह मेंब्रेन निम्न अंग में होता हैु। जैसे – मुंह, नाक, गला, साइंस, फेफड़े इन सभी के पिछले हिस्से में बलगम बनता है इसके मात्रा बढ़ने के बाद ही हमें परेशानियां होती है। इस संक्रमण से बचने के लिए हमें धूल और प्रदूषण से खुद को बचाना है और दवा का सही समय पर प्रयोग करना है।

बलगम की प्रॉब्लम होने पर डॉक्टर की सलाह कब ले

जब कफ अधिक बनने लग जाए, तब हमें किसी प्रकार की सुविधा महसूस नहीं हो रही है । तो हमें डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। समय-समय पर बलगम की मात्रा का ज्यादा गाढ़ा होना भी चिंता का विषय है। आमतौर पर इससे सांस लेने में दिक्कत होती है, और मनुष्य की मृत्यु तक भी हो सकती है, इसलिए हमें लापरवाही नहीं करनी चाहिए।

बलगम का घरेलू उपचार । How to get rid of mucus in Hindi.

हल्दी – हल्दी बहुत ही गुणकारी है हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो हमारे बलगम में मौजूद बैक्टीरिया को खत्म करते हैं। एक चौथाई चम्मच हल्दी हम गर्म दूध में मिलाकर भी पी सकते हैं। गर्म दूध में हल्दी हमें रात को सोते समय पीनी है। आप चाहे तो दिन में दो बार पानी से भी हल्दी को ले सकते। एक गिलास गर्म पानी में आप चाहे तो एक चौथाई चम्मच हल्दी और चुटकी भर नमक मिलाकर भी ले सकते हैं।

चिकन सूप से बलगम का घरेलू उपाय । How to get rid of mucus with Chicken or vegetable soup.

गरम-गरम चिकन सूप या वेजिटेबल सूप भी बलगम को बाहर निकालने में सहाoयक होते हैं । यह गरम सूप नाक की नली को नमी प्रदान करता है । और बलगम को पतला करता है, साथ ही सूप से इरिटेटेड गले को आराम भी मिलता है। कम से कम सूप को पूरे दिन में दो से तीन बार जरूर ले। जिससे कफ एकदम पतला हो जाएगा और उसे शरीर से बाहर निकालने में आसानी होगी । और चाहे तो सूप में अदरक और लहसुन भी मिला सकता है । बाजार के शुभ से आप घर का सूप बनाकर पीने से लाभ होगा ।

गाजर – गाजर में विटामिन सी और एंटी ऑक्सीडेंट होता है जो प्रतिरोधक क्षमता को उत्तेजित करता है जो कफ की समस्या को दूर करता है ।

गाजर का प्रयोग कैसे करें –
हम चार-पांच गाजर को लेंगे और इसका जूस निकाल लेंगे, फिर उसमें पानी मिलाकर अब दो से तीन चम्मच शहद को भी मिलाकर मिश्रण बना लें। अब हम इस जुस को दिन में तीन चार बार पीए ।

◆ गुड एवं अदरक – अगर ज्यादा खांसी है और ज्यादा कब है तो अब रोजाना अदरक और गुड़ खा सकते हैं कैसे खाएं अदरक को कद्दूकस करके और गुड़ में मिलाकर गोली बनाकर भी खा सकते हैं या अदरक का टुकड़ा चबाने के बाद आप गुड खा ले तो खांसी एवं बलगम से राहत मिलेगी ।

गले में खराश एवं बलगम के घरेलू उपचार । How to get rid of mucus in throat.

गरारे करना – गर्म गुनगुने पानी में हम एक चम्मच नमक डालकर और गरारे करेंगे । तब भी हमारा गला साफ हो जाएगा और सांस लेने में आसानी होगी।

लाल व सफेद मिर्च के मिश्रण को एक चम्मच शहद में मिलाकर लेने से गले के संक्रमण का इलाज होता है। शहद से बलगम को राहत मिलती है कुछ दिन तक इस मिश्रण का प्रयोग करें।

अदरक और शहद से कफ का घरेलू उपचार । How to get rid of mucus with Ginger and honey.

अदरक एक प्रकृति डिंकजेस्टेन्ट है, जो गले के संक्रमण और श्वास इंफेक्शन से लड़ने में लंबे समय तक हमारी सहायता करती हैं। साथ ही अदरक में पाए जाने वाले एंटीवायरल, एंटीबैटीरियल और एक्सबैक्टोटेन्ट, के गुण गले में जमे कफ को कम करते हैं। वह सीने से सांस लेने व बाहर निकालने में आसानी होती है।

अदरक की चाय – अदरक की चाय बनाकर भी ले सकते हैं चाय बनाने के लिए आपको एक छोटी चम्मच अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े करके उन्हें आधा कप पानी में उबालें । उसके बाद उसे ठंडा कर उसमें दो चम्मच शहद मिला दे और पीले, इस प्रकार आप दिन में दो-तीन बार करेंगे तो आपको बलगम से छुटकारा अति शीघ्र मिल जाएगा।

◆ गले के ऊतकों ( टिशु ) को मॉस्चराइज और शांत करने के लिए गले में लोंग को चुसना चाहिए ।
◆ अपनी खासी को रुकने के लिए ओटीसी कफ सप्रेसेंट्स, जैसे – डेक्सटोमेथॉर्फन ( रोबिटसिन) लेना चाहिए।

◆ गले में लग रही जलन के कम करने के लिए गर्म पानी में शहद मिला कर दिन में दो बार जरूर पियें ।

काली मिर्ची – काली मिर्ची छाती में जमा कफ को दूर करने में बहुत लाभकारी होती है इसलिए हमें खाने में भी लाल मिर्च की जगह काली मिर्च का प्रयोग करना चाहिए और वैसे भी हम सुपारी के जगह काली मिर्ची को मुंह में रखकर उसका कश लेते रहें तो भी यह हमारे बलगम को दूर करने में सहायक होती है।

प्याज का रस और नींबू  से बलगाम का घरेलु उपाय-

अगर यदि आपकी छाती में कफ जमा हुआ है । और सांस लेने में तकलीफ हो रही है, तो आप प्याज और नींबू का रस का इस्तेमाल कर सकते हैं ।

कैसे करें – आप दो चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच प्याज का रस मिलाकर एक जैसा कर ले और फिर उसे आप चाहे तो प्याज के रस की मात्रा धीरे – धीरे थोड़ी – थोड़ी बढ़ा सकते हैं जिससे आपका बलगम एकदम खत्म हो जाएगा।

प्याज को अच्छे से धोकर और फिर उसके छोटे-छोटे टुकड़े काटकर एक प्लेट में थोड़ी-सी चीनी लेंगे और उसमें यह सब प्याज को अच्छी तरह मिला देंगे जिससे दोनों तरफ चीनी लग जाए और आधे घंटे तक उन्हें रख देंगे । इस प्रकार इस मिश्रण से तरल पदार्थ निकलने लगेगा। इस रस को दिन में से 3 से 4 बार पीना है ।

बचे हुए प्याज के टॉनिक को हम 2 दिन तक फ्रिज में भी रख सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि आपके कफ का रंग बदल रहा है जैसे हरा बलगम या पीला बलगम आ रहा है तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें ।

स्टिंम करना अर्थात भाप लेना – एक बर्तन में गर्म पानी लेंगे और उसमें थोड़ा सा वक्त डालकर सर पर तो लिया लेकर हम भाप लेंगे इस प्रकार हम दिन में दो-तीन बार करेंगे तो जल्दी ही हम ठीक हो सकता है।

एक्युप्रेसर – यदि आपकी नाक बंद हो गई है जिसका दबाव साइनस पर पड़ता है । तो यह प्रतिरक्षा प्रणाली पर तनाव डालता है, जिससे साइनस को खाली करने के लिए एक्युप्रेशर का इस्तेमाल किया जाता है।

नीलगिरी – हम नीलगिरी का प्रयोग गर्म पानी में थोड़ा सा डालकर, भाग ले सकते हैं । या फिर हमारे पास नीलगिरी से संबंधित बाम है तो हम उसका भी प्रयोग कर सकते हैं। जिससे हमारा बलगम पतला होकर बाहर आसानी से निकल जाता है।

कफ के लिए ओवर द काउंटर, उपचार लेना | mucus treatment in Hindi.

दोस्तों जो दवा हमें डॉक्टर की पर्ची के बिना मेडिकल स्टोर से मिल जाती है उसे हम over-the-counter मेडिसिन कहते हैं। कुछ ओटीसी दवाएं हैं जिनका बलगम के उपचार में इस्तेमाल किया जाता है। डीकन्जेस्टेंट दवा की मदद से जमा हुआ बलगम पतला होने लगता है और नाक के द्वारा बाहर निकलने लगता है । डीकन्जेस्टेंट वायु मार्गों की सूजन को भी कम करता है और नाक को खोलने में मदद करता है।

बलगम से बचाव के उपाय | How to get rid of mucus in hindi.

1. तरल पदार्थ, गर्म पीए जिससे वायु मार्गो को नमी मिलती हैं। जिससे बलगम को दूर करने में सहायता मिलती है।
2. विटामिन सी – सर्दी जुखाम कि शुरुआत में विटामिन सी की खुराक लेने से कफ के लक्षण की अवधि को हम कम कर सकते हैं।
3. जिक – जिक कफ की रोकथाम के लिए फायदेमंद हे सकता है। लेकिन इसे लेने से पहले इसके नुकसान का भी ध्यान रखना होगा जैसे – जिक की गोलियां लेने के बाद जी मिचलाना, मुँह का स्वाद बदल जाना, जिक वाले नेजल स्प्रे की गंध को कुछ समय के लिए बंद कर देता है।

4. ताज़ा एवं संतुलित आहार सेवन करें ।

बलगम वाली खांसी के लिए सिरप | Syrup For Mucus Cough In Hindi.

कफ जमा होने पर खांसी आना आम प्रॉब्लम है क्योंकि जब फेफड़ों में जब कफ जमा हो जाता है तो सांस लेने में परेशानी होती है । और बार बार खांसना पड़ता है । खांसी के साथ बलगम भी बाहर आता है । बलगम वाली खांसी के लिए कुछ सिरप ऐसे हैं जो बहुत ही उपयोगी हैं तो चलिए जानते है इन cough syrup के बारे में –

कफ जीटीबी सिरप ( cough GBT syrup )

यह बाइंडलिश बायोटेक लिमिटेड द्वारा निर्मित बलगम वाली खांसी के लिए बहुत उपयोगी हैं । इसमे गुआइफेनसिन (100मि.ग्रा), टर्बूटालाइन (1.5मि.ग्रा) व ब्रोमहेक्सिन (4 मि.ग्रा) मिश्रण किया गया है जो फेफड़ों, नाक एवं श्वसन नली में जमे बलगम को पतला करके बाहर निकलता है । यह छीके, बहती नाक एवं खांसी के लिए कारगर दवाई हैं ।

बेनाड्राई कफ सिरप । Benadryl Cough Syrup.

बलगम वाली खांसी के लिए यह एक सबसे अच्छी दवाई है । हालांकि इनका उपयोग सूखी खांसी के लिए भी किया जाता है । मगर बलगम वाली खांसी में यह राहतकारी सिरप है |

तो मित्रो उम्मीद करते हैं आज की जानकारी ( How to get rid of mucus in Hindi ) आपके लिए उपयोगी साबित हुई होगी । यदि बलगम की प्रॉब्लम ज्यादा है या लम्बे समय से है तो एक बार डॉक्टर की सलाह लेना अनिवार्य समझे ।

Share

Leave a Comment