पेट की गर्मी के लक्षण और उपचार । Pet ki garmi ka ilaaj.

Pet ki garmi ka ilaaj.
Pet ki garmi ka ilaaj.

Pet ki garmi ka ilaaj. अक्सर आपने अनुभव किया होगा कि गर्मी के दिनों में आपका खाना अपने आप कम हो जाता है । भूख नहीं लगती है। उल्टी दस्त और मुंह सूखने की समस्या सामने आती है। शरीर में कमजोर कमजोरी महसूस होती है । ऐसा क्यों होता है ? ऐसा होता है पेट की गर्मी कारण। पेट सभी रोगों की जड़ होता है। यदि पेट सही है तो हम निरोगी हैं। यदि पेट खराब है, तो हमें अनेक बीमारियां चारों ओर से घेर लेंगी।

पेट की गर्मी के कई कारण हो सकते है पर मुख्य कारण हमारा खानपान ही है । जैसे अधिक देर तक भूखा रहना, तेज धूप में घूमना फिरना, फ़ास्ट फूड / जंक फूड का सेवन करना, पानी कम पीना आदि अनेक कारणों से पेट की गर्मी बढ़ जाती है । जो परेशानी का कारण बनता है । पेट को सही कैसे रखा जाए ? इसके बारे में आज हम विस्तार चर्चा करेंगे । पेट की गर्मी के लक्षण, कारण और इलाज ( Pet ki garmi ka ilaaj ) के बारे में जानते है –

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Table of Contents

पेट की गर्मी के सामान्य लक्षण । Pet ki garmi ke lakshan.

1. पेट में जलन महसूस होना
2. पेट का फूलना
3. खट्टी- खट्टी डकार आना
4. पेट में कब्ज और गैस की शिकायत रहना
5. उल्टी, दस्त होना
6. कमजोरी महसूस होना
7. घबराहट रहना
8. जीभ में बार-बार छाले होना
9. सिर में दर्द रहना
10. पेट में एसिड का बढ़ जाना
11. पाचन क्रिया खराब हो जाना
12. आंतों में इन्फेक्शन बढ़ जाना
13. मुँह का स्वाद खराब होना

पेट की गर्मी के कारण | Pet ki garmi ke karan.

1. पाचन क्रिया के खराब हो जाने के कारण ।
2. अधिक गर्मी के वातावरण में काम करने के कारण ।
3. गर्म मसलो का अधिक प्रयोग करने के कारण ।
4. गोली, दवाओं का अधिक सेवन करने के कारण ।
5. समय पर भोजन न करने के कारण ।
6. मास, मछली व अंडो का अधिक सेवन करने के कारण।

पेट की गर्मी का रामबाण इलाज । Pet ki garmi ka Ramban ilaaj.

पेट की गर्मी को कम करने के लिए हमे अपने खानपान पर ध्यान देने की आवश्यकता है । विशेष रूप से ठंडी तासीर वाली चीजों का सेवन करना चाहिए जैसे दही, बादाम, नारियल पानी, तरबूज आदि । गर्मी से बचकर रहे यानी धूप में ज्यादा देर तक न रहे और पर्याप्त मात्रा में जलपान करे ।

दही और जीरे से पेट की गर्मी का इलाज । Dahi our jire se pet ki garmi ka ilaaj.

दही स्वादिष्ट और पौष्टिक होने के साथ-साथ एक अच्छी औषधि भी है। यदि पेट में बार-बार जलन होती है । तो सुबह खाली पेट दही को थोड़ा मथ कर (रई मारा दही) के उसमें भुना हुआ जीरा और काला नमक मिलाकर पीने से पेट की गर्मी से राहत मिल जाती है।

बादाम से पेट की गर्मी का इलाज । Badam se pet ki garmi ka ilaaj.

बादाम की तासीर ठंडी होती है। यदि उसे सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो । बादाम प्रोटीन और विटामिन से भरा हुआ एक सूखा फल है । गर्मी के दिनों में बादाम का सेवन सुबह खाली पेट करना चाहिए । शाम को एक मिट्टी के बर्तन में 5 से 7 बादाम भिगो दें। उन्हें सुबह पानी के साथ पीस लें और फिर उसमें मिश्री मिलाकर ठंडाई की तरह पीये । इससे गर्मी में बहुत लाभ होता है।

गोंद कतीरे से पेट की गर्मी का इलाज । Gond se pet ki garmi ka ilaaj.

गोंद बबूल, खैरी आदि के पेड़ों से उपलब्ध होने वाला पदार्थ है। यह पंसारी के आसानी से मिल जाता है। इसकी तासीर ठंडी होती है। पेट की गर्मी को दूर करने में कतीरा बहुत ही लाभप्रद होता है । कतीरे को शाम को एक मिट्टी के बर्तन में भिगो दें । सुबह उसमें मिश्री मिलाकर पीने से बहुत ही लाभ होता है यह पेट के अन्य विकारो के लिए भी लाभप्रद होता है । शरीर को स्फूर्ति, ताजगी और ताकत देता है।

बेल पत्र से पेट की गर्मी का इलाज । Bel patra se pet ki garmi ka ilaaj.

बेलपत्र एक वानस्पतिक पेड़ है । इसमें लगने वाले फल बहुत ही ठंडी तासीर के होते हैं। जिनका जूस निकालकर पिया जाता है । बेलपत्र का जूस पीने में तो स्वादिष्ट होता ही है साथ ही औषधीय गुणों से भरपूर भी होता है । बेलपत्र के रस में दूध मिलाकर पीने से पेट की गर्मी दूर होती है।

नारियल का पानी से पेट की गर्मी का इलाज । Nariyal pani se pet ki garmi ka ilaaj.

नारियल का पानी भी पेट की गर्मी को शांत करता है । उसमें मौजूद तत्व पेट संबंधी विकारों को दूर करते हैं। शरीर में आई पानी की कमी को नारियल पानी पूरा करता है। जिससे डिहाइड्रेशन की समस्या दूर होती है।

सोंफ से पेट की गर्मी का इलाज । Sonf se pet ki garmi ka ilaaj.

सोंफ की प्रकृति शीतल होती है । सौंफ का सेवन हम मिश्री के साथ खाना खाने के बाद भी कर सकते हैं। लेकिन पेट की गर्मी को दूर करने के लिए सोंफ को शाम के समय मिट्टी के बर्तन में पानी में भिगो देना चाहिए । सुबह उसे पीसकर मिश्री मिलाकर के पी लेना चाहिए। इससे पेट की गर्मी से राहत मिलती है।

बबूल की छाल से पेट की गर्मी का इलाज । Babul ki chhal se pet ki garmi ka ilaaj.

बबूल की छाल को बारीक पीसकर उसे मिश्री के साथ पानी में पीना चाहिए। सुबह खाली पेट इसका सेवन करने से गर्मी से बहुत राहत मिलती है। यह आजमाया हुआ नुस्खा है जो गर्मी में रामबाण सिद्ध होता है ।

Pet ko thanda kaise rakhe.

पेट को ठंडा रखने के लिए क्या खाएं/पिए | Pet ko thanda kaise rakhe.

1. केला का सेवन फायदेमंद होता है ।
2. छाछ का सेवन पेट की गर्मी दूर करता है।
3. पोदीने की शिकंजी लाभदायक होती है।
4. गन्ने का रस पीना अच्छा होता है ।
5. काला नमक, नीबूऔर काली मिर्च की शिकंजी लाभ दायक।
6. जौ, चने का सत्तू पीना लाभ दायक होता है।
7. इलायची व गाय का घी लाभदायक होता है।
8. रूह हबजा से बनी ठंडाई बहुत फायदेमंद होती है।
9. आंवले का सेवन करना फायदेमंद होता है।

पेट की गर्मी से होने वाली बीमारियाँ | Pet ki garmi se nuksan.

1. डिहाइड्रेशन की समस्या
पेट की गर्मी के कारण व्यक्ति के शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या उत्पन्न हो जाती है। जिसके कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है। होठ सूखने लगते हैं । चमड़ी रूखी हो जाती है । मल कठोर हो जाता है । जिसके कारण और भी समस्याएं हैं जन्म लेने लगती हैं । इससे निपटने के लिए ज्यादा ज्यादा पानी पिए। ग्लूकोज, शिकंजी अन्य पेय पदार्थों का सेवन करते रहें।

2. आँतो का इंफेक्शन –
शरीर में गर्मी बढ़ने के कारण पाचन क्रिया खराब हो जाती है । जिसके कारण अक्सर कब्ज बनी रहती है। इसके कारण पेट अच्छी तरह साफ नहीं हो पाता है। और पेट में हानिकारक बैक्टीरिया जन्म लेते हैं। जिसके कारण आंतों में इन्फेक्शन की समस्या हो सकती है। जो कि आगे चलकर आंतों के गम्भीर रोगों को जन्म दे सकता है।

3. पेट में छाले होना –
पेट में गर्मी बढ़ने के कारण व्यक्ति का मल अच्छे से साफ नहीं हो पाता है। जिसके कारण व्यक्ति के मुंह में, गले में, पेट में छाले पड़ जाते हैं । पेट की गर्मी के कारण आँतो में छाले बनते हैं। यह छाले बहुत ही गंभीर अवस्था तक जा सकते हैं। इसलिए छालो की समस्या को नजरअंदाज न करें । तुरंत कोई कारगर उपाय करें या डॉक्टर को दिखाएं।

4. पिम्पल्स की समस्या-
पेट की गर्मी के कारण पेट खराब रहता है । जिसके कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है । मल ढंग से साफ नहीं हो पाता है। कब्ज और गैस बनी रहती है। इस वजह से चेहरे पर कील मुंहासे पिंपल्स निकल आते हैं । जो हमारी कोमल त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। पिंपलस की समस्या से निपटने के लिए पेट का साफ़ रहना बहुत जरूरी है ।

पेट की गर्मी से बचने के उपाय। Pet ki garmi se kaise bache.

1. गर्मी के दिनों में अधिक भागदौड़ न करें।
2. तेज गर्मी में यदि घर से बाहर जाना पड़े तो पानी पीकर जाएं।
3. पेट को भूखा न रखें कुछ न कुछ खाते पीते रहें।
4. खाने की अपेक्षा पेय पदार्थों को अधिक महत्व देवे।
5 नींबू पानी, शिकंजी, ज्यूस आदि का सेवन करते रहें।
6. खाने में प्याज, खीरा, ककड़ी, छाछ, दही आदि का अधिक प्रयोग करें।
7. गर्म मसालों का कम प्रयोग करें।
8. तली भुनी चीजें कम खाएं।
9. बाजार के भोजन को छोड़कर घर पर ताजा बनाकर खाएं।
10. गंभीर लक्षण दिखने पर डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

निष्कर्ष – आजकल ज्यादातर लोग पेट की बीमारी से ग्रस्त हैं। और पेट की बीमारी का मुख्य कारण है । पेट में उत्पन्न होने वाली गर्मी। यह गर्मी अव्यवस्थित जीवन शैली, समय पर खान-पान न करने, अत्यधिक गर्मी की दवाओं का सेवन करने या फिर तेज धूप में काम करने से उत्पन्न होती हैं। यह गर्मी ही कई गंभीर रोगों को जन्म दे सकती है । जो हमें बेकार बना सकते हैं । अतः अपने स्वास्थ्य की देखभाल करें । कहा भी गया है – पहला सुख निरोगी काया, दूजी घर में होवे माया ।। रामकुमार प्रजापति (कुंवर) अलवर, राजस्थान ।।

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