सूखी खाँसी के घरेलू उपचार । Sukhi khansi ke ghrelu ilaaj.

 

Dry cough causes in hindi.
Dry cough.

Sukhi khansi ke ghrelu ilaaj. खाँसी का कारण वात, पित्त और कफ के असंतुलन को माना जाता है. खाँसी मुख्यतः दो तरह से परेशान कर सकती है । पहली बलगम युक्त खाँसी, जिसमें बलगम बहुत आता है ।

दूसरी है सूखी खाँसी ( Dry cough ), जिसमें बलगम तो नहीं आता किन्तु गले में दर्द और खराश होने से जलन तक होने लगती है । अनेक बार खाँसते- खाँसते पीड़ित की पसलियाँ भी दुखने लग जाती हैं । सूखी खाँसी बहुत कष्ट कारी होती है । इसमें व्यक्ति को काफी परेशानी हो जाती है । Sukhi khansi ke ghrelu ilaaj.

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सूखी खांसी के कारण । Causes of dry cough.

नाक और गले में किसी बाहरी पदार्थ के कारण हुई एलर्जी के कारण भी सूखी खाँसी हो सकती है । इसके अतिरिक्त प्रदूषणयुक्त वातावरण, धूल या मिट्टी के कण, टी.बी., अस्थमा, फेफड़ों में संक्रमण आदि इसके सामान्य कारण होते हैं । कभी- कभी फेफड़ों का कैंसर होने की स्थिति में भी सूखी खाँसी जकड़ लेती है ।

सूखी खाँसी के अन्य कारण –
सूखी खाँसी में कफ नहीं बनता। बार – बार खाँसने से गले में दर्द औऱ परेशानी होने लगती है । सर्दी मौसमी एलर्जी का ही एक प्रकार है । अतः जब मौसम बदलने लगता है तो सूखी खाँसी की समस्या होने लगती है । इसके अतिरिक्त, बीड़ी- सिगरेट पीने, ठंड लगने, लंग्स या दिल से जुड़ी किसी समस्या की वजह से भी सूखी खाँसी की हो जाती है । कोई भी खाँसी स्थायी नहीं होती है और गले में साँस लेने का रास्ता इससे साफ हो जाता है । बाहरी कण खत्म हो जाने पर खाँसी भी चली जाती है ।

गले में खरांश और सूखी खांसी का घरेलू उपाय । Gale me khransh our Sukhi khansi.

सूखी खाँसी शरीर को कमजोर कर देती है । वहीं गर्मियों के मौसम में सर्दी- खाँसी या जुकाम होना शरीर को और बहुत दर्द देता है । गले में साँस लेने का रास्ता इससे साफ हो जाता है । बाहरी कण खत्म हो जाने पर खाँसी भी चली जाती है ।

कई बार यह स्थायी रूप से रह जाती है, उस स्थिति में इलाज की जरूरत होती है । इसके पीछे, धूल, मिट्टी, प्रदूषण आदि कई कारण हो सकते हैं । सूखी खाँसी और गले में जलन से राहत पाने के लिए कुछ कुछ घरेलू टिप्स के प्रयोग खाँसी होने पर कर सकते हैं –

शहद से सूखी खांसी का इलाज । Shahad se sukhi khansi ke ghrelu ilaaj.

हर्बल चाय या निम्बू पानी में दो चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो बार इसे पीने से बहुत आराम मिलता है । खाँसी में शहद को घरेलू उपाय के रूप में अच्छी औषधि माना जाता है । इसके एंटीऑक्सीडेंट रोगाणु से लड़ने में सहायक होते हैं । इसके अलावा गले में खराश खत्म करने में भी शहद लाभदायक होता है ।

नमक के पानी से गरारे –
हल्के गुनगुने पानी में नमक मिलाने के बाद इससे दिन में कई बार गरारे करने चाहिए । गले में होने वाले टोंसिल में भी इससे फायदा होता है ।

अदरक से सूखी खांसी का इलाज । Adrak se Sukhi khansi ke ghrelu ilaaj.

अदरक से खाँसी की समस्या समाप्त हो सकती है । सर्दियों में कालीमिर्च, तुलसी और अदरक की चाय पीने से खाँसी में लाभ होता है । शहद के साथ भी अदरक की चाय पी जा सकती है । किन्तु अदरक की अधिक चाय पीने से पेट खराब हो सकता है, अतः इसका बहुत अधिक सेवन नहीं करना चाहिए ।

अदरक की एक गाँठ को कूटकर उसमें एक चुटकी नमक मिला लें और दाढ़ के नीचे दबा लें । उसका रस धीरे-धीरे मुँह में चूसने से बहुत राहत मिलती है ।
अदरक में मौजूद फलेगम एंटीमाक्रोबायल गुणों से भरपूर होता है । शहद में डेम्यूलसेंट गुण मौजूद होने से ये गले को राहत पहुँचाता है । इनके अलावा मुलैठी खाँसी को ठीक करने में बहुत लाभदायक होती है । 

सूखी खाँसी से राहत पाने के लिए एक चम्मच शहद में जरा सा अदरक का रस मिलाकर सेवन करने और मुँह में मुलैठी का छोटा सा टुकड़ा रख कट उसे चूसते रहने से सूखी खाँसी और खराश से बहुत आराम मिलता है ।

पिपरमेंट से गले में खराश का इलाज । Pimperment se sukhi khansi ka ghrelu ilaaj.

पिपरमेंट का मेंथोल कम्पाउंड खाँसी को नष्ट कर सकता है । गले की जलन और दर्द से राहत प्रदान करने में भी पिपरमेंट लाभदायक होता है । दिन में दो से तीन बार पिपरमेंट की चाय पीने से गले में खाँसी की तकलीफ से आराम मिलता है । अरोमाथेरेपी के रूप में भी पिपरमेंट तेल का प्रयोग कर सकते हैं । सर्दियों में पिपरमेंट का इस्तेमाल फायदेमंद होता है ।

नीलगिरी का तेल –
नीलगिरी के तेल के प्रयोग से साँस लेने की नली की सफाई होती है । नारियल तेल या जैतून के तेल में नीलगिरी के तेल की बूंदें मिलाकर छाती पर मालिश करने के अतिरिक्त गर्म पानी की कटोरी में नीलगिरी के तेल की बूंदें मिलाकर उसकी भाप लेने से भी लाभ होता है । नीलगिरी के तेल से छाती हल्की हो जाती है और साँस लेने में राहत होती है ।

सूखी खाँसी के बढ़िया घरेलू उपचार । Sukhi khansi ke ghrelu ilaaj.

सूखी खाँसी बहुत हानिकारक होती है । खाँसते – खाँसते पूरे पेट में और पसलियों में दर्द होने लगता है । व्यक्ति अत्यंत ही असहज महसूस करता है । आमतौर पर जुकाम और फ्लू के साइड इफेक्ट से खाँसी होती है, किन्तु बहुत से लोग मौसम बदलने की वजह से भी खाँसी की चपेट में आ जाते हैं ।

1. पीपल की गाँठ –
पीपल की गाँठ को भी सूखी खाँसी में लाभकारी माना गया है । यह एक प्रामाणिक औषधि है, जिससे सूखी खाँसी को ठीक करने में सहयोग मिलता है । इसके लिए एक पीपल की गाँठ को पीस कर उसे एक चम्मच शहद में मिलाकर कुछ दिन सेवन करने से सूखी खाँसी ठीक हो जाती है ।

2. हल्दी वाला दूध –
हल्दी वाला दूध पीने से भी सूखी खाँसी में बहुत आराम मिलता है । एक गिलास दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर सोने से पहले पीने से और पानी की भाप लेने से भी बहुत लाभ होता है । इसके लिए बाल्टी में गरम पानी लें और अपने सिर पर एक तौलिया डालकर गरम पानी के ऊपर मुँह ले जाकर भाप लें ।

3. काली मिर्च और शहद –
काली मिर्च और शहद के मिश्रण से भी सूखी खाँसी दूर होती है । 5 – 7 काली मिर्च के दाने पीसकर शहद में मिलाकर खाने से कुछ दिन में ही लाभ प्राप्त हो जाएगा ।

सूखी खांसी में काढ़ा कैसे बनाए ?

तुलसी का काढ़ा –
खाँसी में तुलसी का काढ़ा अत्यंत लाभदायक होता है । तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट गुण काफी होते हैं । खाँसी होने पर तुलसी की 5 – 7 पत्तियों को पानी में उबाल लें और छान कर पीने से आराम मिलता है । काली पत्ती वाली श्यामा तुलसी अधिक लाभदायक होती है । दिन में दो-तीन बार तुलसी का काढ़ा पीने से खाँसी में शीघ्र ही आराम मिलता है ।

मुलेठी का काढ़ा –
खाँसी में मुलेठी बहुत लाभदायक होती है । मुलेठी की जड़़ को एक गिलास पानी में डाल कर उबालें । इसके बाद उसे ठंडा होने पर उसे छान कर पी लें । दिन में दो से तीन बार इसे पीने से कैसी भी खाँसी हो, दूर हो जाती है । मुलेठी गले से जुड़ी सभी तरह की बीमारियों में बहुत लाभदायक होती है । इसके पाउडर को भी शहद के साथ मिला कर खाने से खाँसी में लाभ होता है ।

Sukhi khansi ke ghrelu ilaaj
Sukhi khansi ke ghrelu ilaaj

एलर्जी खांसी के लक्षण और उपचार | Allergy Sukhi khansi ke ghrelu ilaaj.

झुलसा देने वाली गर्मियों के मौसम में एलर्जी बहुत होती है । कुछ सावधानी रखकर एलर्जी से बच सकते हैं । गर्मियों में त्वचा संबंधी समस्याएँ प्रारंभ हो जाती हैं । आँखों से पानी आने, जलन होने और छींकने वाली एलर्जी जनित समस्याएँ होने लगती हैं । एलर्जी कारक तत्व नाक बंद करने के अलावा नाक व गले में कफ भी पैदा कर देते हैं ।

एलर्जी खांसी के कारण । Allergy cough causes.

गर्मियों के मौसम में हमारे शरीर का वास्ता अनेक प्रकार के एलर्जी कारक तत्वों से पड़ता है, और इनके जवाब में तंत्रिका तंत्र एलर्जी विरोधी एंटीबॉडीज का निर्माण करने लगता है, जिन्हें इम्यूनोग्लोबिन्स कहते हैं. ये आँखों, नाक, फेफड़ों और त्वचा में उपस्थित रहते हैं । जब कोई भी व्यक्ति इन एलर्जेन्स के सम्पर्क में आता है, तब शरीर हिस्टामाइन्स नामक रसायन उत्पन्न करता है, जिसके कारण एलर्जी की समस्या उत्पन्न होती है ।

एलर्जी वाली खांसी का इलाज । Allergy wali Sukhi khansi ke ghrelu ilaaj.

अमरूद के पत्तों में एंटी बैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबियल्स होते हैं. ये गैस्ट्रिक अल्सर से बचाव में लाभदायक होते हैं । साथ ही इससे पाचन क्रिया भी आ अच्छी रहती है । अमरूद के पत्तों के अंदर एंटी एलर्जिक गुण पाए जाते हैं, जो न केवल एलर्जी से छुटकारा दिला सकते हैं वरन एलर्जी के कारण होने वाले लक्षण जैसे खाँसी, छींक, खुजली आदि को दूर करने में भी अमरूद के पत्ते बहुत लाभदायक सिद्ध होते हैं ।

खाली पेट अमरूद के पत्तों का सेवन करने से इस प्रकार की दिक्कतों से बचा जा सकता है । सूखी खाँसी से राहत पाने के लिए कच्चे अमरूद को अंगारों की राख के नीचे भून कर उसका सेवन करने से आशातीत लाभ प्राप्त होता है ।

सूखी खांसी का देशी इलाज । Dry cough home remedies.

1. सूखी खाँसी में शहद बहुत लाभदायक होता है, अतः जब भी सूखी खाँसी हो, दिन में दो से तीन बार शहद का सेवन करें । रात को सोते समय गुनगुने दूध में शुद्ध शहद डालकर पीना भी लाभ देता है ।

2. शुद्ध देसी घी में बूरा और काली मिर्च पाउडर को मिलाकर थोड़ी- थोड़ी देर में चाटने से भी सूखी खाँसी में आराम मिलता है ।

3. तुलसी की पत्तियों का रस और अदरक के रस को शहद में मिलाकर दिन में 4 से 5 बार सेवन करने से भी बहुत लाभ मिलता है ।

4. एक चम्मच अदरक के रस को शहद के साथ मिलाकर चाटने से सूखी खाँसी में लाभ मिलता है । अदरक को पानी में उबालकर, उसे छानकर उसमें शहद मिलाकर पी सकते हैं ।

5. सुबह – शाम सेंधा नमक पानी में डालकर पानी को गुनगुना कर इससे गरारे करने से भी काफी आराम मिल जाता है । ऐसा करने से नलिकाओं में आई सूजन और संक्रमण भी दूर होता है ।

6. दो बड़ी चम्मच मुलेठी के चूर्ण को 3 गिलास पानी में डालकर उबाल कर 10 -15 मिनट तक इसका भाप लेने से भी सूखी खाँसी में बहुत चैन मिलता है । मुलेठी भी साँस की नली की सूजन को कम करने लाभदायक होती है ।

7. गिलोय, तुलसी का काढ़ा बनाकर सुबह शाम पीने से सिर्फ सूखी खाँसी ही नहीं, वरन पुरानी खाँसी भी दूर हो जाती है ।

8. अनार के छिलकों को छाया में सुखा कर उसका एक – एक टुकड़ा मुँह में रखकर चूसते रहने से सूखी खाँसी में बहुत आराम मिलता है । यदि खाँसी सामान्य कारणों से है तो प्रारंभिक अवस्था में ये घरेलू उपाय करने से ही आराम मिल जाता है. इसके साथ खान पान का परहेज अत्यंत आवश्यक है, अन्यथा इस उपचार का कोई लाभ नहीं होगा ।

सूखी खांसी कितने दिन में ठीक हो जाती हैं ?

खाँसी आमतौर पर 8-10 दिन के घरेलू उपचार और परहेज करने से ठीक हो जाती है, किन्तु यदि इसके बाद भी लाभ नहीं हो रहा हो तो इसे गंभीर समस्या का संकेत मानकर शीघ्र ही डॉक्टर के परामर्श के अनुसार दवा लेनी चाहिए ।

● चीनी युक्त पेय व डिब्बाबंद जूस का प्रयोग करने से ये शरीर में तरल पदार्थो के अवशोषण की प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं ।

● गहरे रंग के और तंग वस्त्र न पहननें से ये त्वचा पर मौजूद छिद्रों को बंद करके शरीर का तापमान बढ़ा देते हैं । हल्के रंगों वाले ढीले- ढाले और सूती वस्त्रों का प्रयोग करना चाहिए ।

सूखी खांसी में क्या खाना चाहिए

● मौसमी फलों व सब्जियों का भरपूर सेवन करें मुख्य रूप से तरबूज, खरबूज, ककड़ी जैसे फलों का सेवन करने से जल व लवणों की आवश्यक मात्रा शरीर को प्राप्त हो जाती है, जो बीमारियों से रक्षा करती है ।

● छायादार स्थान में रहना लाभदायक रहता है, किन्तु यदि यात्रा करना जरूरी हो तो अपने शरीर को ठंडा और आरामदायक रखने का पूर्ण प्रयास करें । सिर पर टोपी पहनना लाभदायक होता है ।

● अपने मूत्र के रंग पर अवश्य ध्यान देते रहें । गहरे पीले रंग के मूत्र का अर्थ है शरीर में द्रव्य की कमी है और पानी अधिक पीने की अत्यंत जरूरत है । तेज गर्मी में लू से बचने के लिए कच्चा प्याज रामबाण औषधि माना जाता है ।। डॉ. राजेश कुमार जैन, श्रीनगर गढ़वाल, उत्तराखंड ।।

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