कैंसर के लक्षण और बचाव । cancer ke lakshan in hindi

Cancer ke lakshan in hindi.


Cancer ke lakshan in hindi. आज की आधुनिक जीवन शैली में कैंसर इस रोग से सभी परिचित हैं । कैंसर कोशिकाएं असाधारण रूप में बढ़ने लगती है । यह कोशिकाएं बढ़कर टयूमर का रूप लेती है । जो साधारण रूप से बढ़ी हुई चर्बी की गांठ होती है । किसी ना किसी को कैंसर हुआ है । या कैंसर से पीड़ित व्यक्ति को अपने आसपास या पहचान में रिश्तेदारों में हुआ है ऐसा सुन लेते हैं । कैंसर एक घातक बीमारी है जिनका कोई इलाज नहीं है मगर कुछ खानपान का परहेज रखकर सामान्य जीवन जिया जा सकता है । WHO के मुताबिक दुनिया भर में प्रतिवर्ष दस मिलियन कैंसर के मरीज सामने आते है ।


भारत में दस में से एक व्यक्ति कैंसर का शिकार होने की तरफ जा रहा होता है । कैंसर होने के कई कारण हो सकते है । विटामिन 17 की कमी का एक कारण माना जा रहा है । मगर वैज्ञानिकों ने अभी तक इनकी पुष्टि नहीं की है इस शोध जारी है । कैंसर एक असाधारण रोग है जिनका कोई इलाज न होने के कारण इनके शुरुआती लक्षणों ( Cancer ke lakshan ) को पहचान कर बचा जा सकता है तो चलिए जानते है कैंसर के लक्षण और उपाय ( cancer ke lakshan our upay ) के बारे में –

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कैंसर क्या हैं | What is cancer ? –


मानव शरीर कोशिकाओं का जाल से बना हुआ है । यह कोशिकाए नियंत्रित रूप से शरीर में बढ़ती है और विभाजित होती है । जब पुरानी कोशिकाएं मर जाती है । तब उनकी जगह नई कोशिकाएं लेती है । जो स्वस्थ होती है । जो तंत्र प्रणाली के अनुसार चलती है । सामान्य कोशिका का स्वरूप जो हमारे शरीर में चलता है । शरीर में कैंसर कोशिकाओं का निर्माण होता है । वह असामान्य रूप से बढ़ने लगता है । तब वह कोशिकाओं के तंत्रप्रणाली या नियमों का पालन नहीं करती । तब कोशिकाओं में तैयार होता है कैंसर । और फिर धीरे धीरे cancer ke lakshan नजर आते है ।

Cancer kya hota hai.

यह कही से आता नहीं वह अपनी ही किसी कोशिका के भीतर तैयार होता है । और वही से कैंसर की शुरुआत होती है । यह कभी अनुवांशिक जीन से यानी माता-पिता से भी आता है । मानव शरीर की कोशिकाओं के अंदर होनेवाले बदलाव या हेर फेर से होता है । जिससे कोशिकाओं के विकास को नियंत्रित करने में अड़चन पैदा होती है । कोशिका के अंदर अनायास बदलाव पैदा होता हैं, जिससे कोशिकाएं अलग-अलग हो जाती है और कैंसर कोशिकाओं का ढेर या बन जाता है । जिससे कैंसर की गांठ बन जाती है । जैसे ही कैंसर की गांठ बन जाती है ।


वह कोशिकाएं शरीर के दूसरे हिस्सों में चली जाती है । कैंसर शरीर में फैल जाता है । यह कैंसर कोशिकाओं सामान्य कोशिकाओं से भी ज्यादा तेजी से शरीर में फैल जाता है । ऐसी कोशिकाओं से बनी गांठ आसपास के खून और नसों, तंत्रिकाओं पर दबाव डालती है । जिससे शरीर के उन अंगों पर इसका प्रभाव पड़ता है और उन्हें सही रूप से काम करने में अड़चन निर्माण होती है । इसी तरह धीरे-धीरे शरीर में कैंसर फैलने लगता है । कैंसर यानी अनियंत्रित कोशिकाओं का जाल। जिसमें गांठ बनकर कैंसर पूरे शरीर में फैल जाता है।

कैंसर के प्रकार । types of cancer in Hindi –


कैंसर जहां-जहां जिस जगह फैलता है । उसके अनुसार उसका नाम रखा गया है । उदाहरण कैंसर फेफड़ों से शुरू होकर यकृत तक फैल जाता है । तो उसे फेफड़ों का कैंसर कहते हैं । इसी प्रकार जिस अंग को प्रभावित करता है उन्ही के लक्षणों ( Cancer ke lakshan ) को पहचान एवं जांच के बाद इलाज शुरू होता है । कैंसर के प्रकार इस प्रकार हैं।

कार्सिनोमा कैंसर ( carcinoma) – यह त्वचा या उतकों में शुरू होता है और अन्य शरीर की जगह को प्रभावित करता है । यह त्वचा, होंठ, मुंह, घेघा, प्रोस्टेट, मूत्राशय, गर्भाशय ग्रीवा, फेफड़ों एवं योनि सहित कई अलग विभिन्न अंगों में होता है ।

इविंग सारकोमा : ( sarcoma )

सार्कोमा हड्डियों में मांसपेशियों रक्तवाहिकाओं जैसी संयोजी ऊतकों में होता है । हड्डियों के आसपास के कोमल ऊतकों में यह विकसित होता है । यह टांग, पेडू, पसलियों या बाजू में होता है । यह बहूत दुर्लभ होता है । यह टिश्यू , नसों, हड्डियों, वसा, रक्त वाहिकाओं, मांसपेशियों में होता है । इसके दो प्रकार होते हैं । टिश्यू सार्कोमा और बोन सार्कोमा

ल्यूकेमिया – ल्यूकेमिया अस्थि मज्जा में होता है । जो रक्त कोशिकाओं में फैलता है । रक्त कैंसर को ल्यूकेमिया के नाम से भी जाना जाता है ।

लिम्फोमा – लिम्फोमा प्रतिरक्षा प्रणाली यांनी इम्यून सिस्टम का कॅन्सर है । जो इम्यून सिस्टम के लिंफोसाइड सेल्स में फैलता हैं । यह सेल्स यांनी कोशिकाए इनफेक्शन से लड़ता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है । यह लिम्फ नोड्स, बोन नैरो, स्प्लिन, ओर थायमस में उपस्थित होता है । लिंफोमा कैंसर शरीर के अलग अलग अंगों को प्राभावित करता हैं ।

माइलोमा – मायलोमा ब्लड कैंसर का एक रूप है एक दुर्लभ बीमारी है शरीर में प्लाज्मा कोशिकाओं को प्रभावित करती है ।

कैंसर के कारण क्या है । Causes of cancer in Hindi –


कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं तो कैंसर का कारण निर्माण होता है । इसके अलावा कुछ रसायन, किरणे, आहार, स्वास्थ्य स्थिति के कारण, परिस्थियों के अनुसार कैंसर हो सकता है । कैंसर के जोखिम कारण इस प्रकार है :
● तमाखू व सिगरेट का अति सेवन से मुंह व फेफड़े का कैंसर हो सकता है ।
● तनाव के कारण प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है । तनाव स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित करता है ।
● लंबे समय से शराब पीने से लीवर का कैंसर हो सकता है । और अस्वास्थ्य कारक आहार जिनमें फाइबर का कम होना सेहत के लिए हानिकारक होता है ।


● लगातार घाव बनने से त्वचा, जिह्वा, होठ, पित्ताशय, मूत्राशय का कैंसर बन सकता है ।
● अधिक दवाइयों के सेवन व रसायन से पेट, लीवर का कैंसर होता है ।
● कम उम्र में यौन संबंध बनाने से या अधिक पुरुष के साथ संबंध बनाने से बच्चेदानी के मुंह का कैंसर हो सकता है ।
● मोटापा कैंसर के खतरे को बढ़ाता है ।
● शारीरिक गतिविधियां कम होना अधिक वसायुक्त आहार लेना कैंसर का बुलावा हो सकता है ।
● दूध की गांठ बनने से स्तन का कैंसर होने का चांस होता है । अनुवांशिक दोष , पारिवारिक में पहले किसी को कैंसर होने से कैंसर हो सकता है ।

कैंसर के लक्षण क्या हैं । cancer ke lakshan in Hindi –


जिस अंग में कैंसर होता है वहां लक्षण ( cancer ke lakshan ) विकसित होते हैं । कैंसर के चरण व प्रकार, लक्षण अलग -अलग नजर आ सकते हैं कैंसर के लक्षण निम्नलिखित है । जैसे –
● थकान महसूस करना ।
● निगलने में कठिनाई होना ।
● कमजोरी का अनुभव होना ।
● भूख में कमी होना ।
● त्वचा के किसी भाग में नीला निशान पड़ना ।
● लगातार खांसी आना एवं बार-बार बुखार होना ।
● मांसपेशियों में दर्द होना या जोड़ो में दर्द होना
● बार बार संक्रमण होना ।
● त्वचा में गांठ बनना ।
● घाव का न भरना । यदि किसी व्यक्ति को cancer ke lakshan का अनुभव होता है । तो बिना देरी डाक्टर से सलाह करना जरूरी है ।

कैंसर के शुरुआती लक्षण । early cancer symptoms in hindi.


● शरीर में किसी भी अंग में घाव या नासूर होना जो जल्दी से ना भरे ।
● लंबे समय से शरीर के किसी भी अंग में दर्द रहेगा या सूजन आना ।
● स्तनों में गांठ होना या रिझाव होना ।
● मलमूत्र, उल्टी या थूक में खून आना ।
● आवाज में बदलाव, निगलने में दिक्कत होना ।
● मल मूत्र की सामान्य आदत में परिवर्तन आना ।
● लंबे समय तक लगातार खांसी रहना आदि कैंसर के प्रारंभिक लक्षण ( cancer ke lakshan ) होते हैं ।

कुछ आम तौर पर पाए जाने वाले पुरूष और महिलाओं के कैंसर :

  1. पुरूष – मुंह, गला, फेफड़े, भोजन नली, पेट और पुरूष ग्रंथी ( प्रॉस्टेट )
  2. महिला – स्तन कैंसर, बच्चेदानी के मुह का कैंसर, मुंह का कैंसर, गला का कैंसर, ओवरी का कैंसर ।
cancer prevention in Hindi.

कैंसर के उपाय । cancer prevention in Hindi –


Cancer ke lakshan को पहचान कर इस घातक बीमारी से बचा जा सकता है । इनके अलावा कुछ आवश्यक सावधानी रख कर इस रोग से बचा जा सकता है तो चलिए जानते है – cancer se bachav in hindi –
● धूम्रपान, तम्बाकू, सुपारी, चना, पान मसाला, गुटखा, शराब आदी का सेवन ना करें ।
● विटामिन युक्त ओर रेशेवाले, हरी सब्जियां, फल, अनाज, डालें, पोष्टिक भोजन खाएं ।
● कीटकनाशक एवं खाद्य रसायनों से युक्त भोजन धोकर खाए ।


● कीटनाशक दवाओं के खाली डिब्बों का उपयोग घरेलू सामग्री डालने में न करे उसे जलाकर नष्ट करे ।
● अधिक तले – भुने खाद्य पदार्थ खाने से परहेज़ करे । तेल में बने, अधिक नमक में बने भोजन न खाएं ।
● अपना वजन सामान्य रखें मोटापा होने ना दें ।
● नियमित व्यायाम करें ।
● साफ-सुथरे प्रदूषण रहित वातावरण की रचना करें ।
● फाइबर युक्त आहार लें ।
● अपना बीएमआई बॉडी यानि बॉडी मास इंडेक्स को चेक करें ।

प्रारंभिक अवस्था में कैंसर के निदान के लिए निम्नलिखित बातों की और विशेष ध्यान दीजिए ।

● मुंह में सफेद दाग या गया बार-बार होने वाले घाव की और ध्यान दीजिए ।
● शरीर में किसी भी अंग या हिस्से में गांठ होने पर उसकी तुरंत जांच करवाएं ।
● महिलाएं मासिक धर्म के बाद हर महीने स्तनों की जांच करें । स्तन की जान स्वयं करने का तरीका चिकित्सक यानि डॉक्टर से सीखे ।


● दो महावारी के बीच या मासिक धर्म बंद होने के बाद रक्तस्राव होना खतरे की निशानी होती है इसलिए डॉक्टर को दिखाइए ।
● शरीर में या स्वास्थ्य में किसी भी असामान्य परिवर्तन को अधिक समय तक पनपने न दे। नियमित रूप से अपनी जांच करवाते रहें ।
● प्रारंभिक अवस्था में कैंसर का निदान होने पर संपूर्ण उपचार संभव होता है ।
● तनाव को कम करने के तरीके सीखें । अपने आप को तनाव से दूर रखने के लिए शौक अपनाइए । कैंसर को दूर रखने के लिए अपने दोस्त, परिवारजनों के साथ समय व्यतीत कीजिए । मस्तिष्क को शांत रखने वाली गतिविधियां करें ।

कैंसर का इलाज । cancer treatment in Hindi –


कैंसर के इलाज के लिए सर्जरी, रेडिएशन या केमोथेरेपी की जाती है । इसके अतिरिक्त हार्मोन थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी की जाती है । इसके अलावा मरीजों के ( Cancer ke lakshan ) को ध्यान में रखकर दवा या अन्य उपचार भी किए जाते हैं ।


सर्जिकल ट्रीटमेंट – सर्जिकल ट्रीटमेंट में सर्जरी कर कोशिकाओं की असामान्य रूप से बनने वाले हिस्से को निकाला जाता है । इसे बायोस्पी तकनीक द्वारा किया जाता है ।


नॉन सर्जिकल ट्रीटमेंट – इसमें किमोथेरेपी दी जाती है । कीमो थेरेपी में विशेष प्रकार की दवाओं की मदद से सामान्य रूप से बढ़ रही है कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है ।


रेडियोथैरेपी में भी गामा रेडिएशन की मदद से ट्यूमर या असामान्य रूप से बढ़ रही चर्बी को नष्ट किया जाता है। कई कैंसर के इलाज में सर्जिकल व नॉन सर्जिकल दोनों इलाज प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता है । सबसे पहले कीमो थेरेपी या रेडियोथैरेपी का इस्तेमाल किया जाता है । जिसकी मदद से ट्यूमर के आकार को कम कर दिया जाता है । फिर उसके बाद सर्जरी की मदद से उसे निकाला जाता है ।

Cancer ka ilaaj in hindi.

सर्जरी के बाद फिर से कीमोथेरेपी रेडियोथेरेपी की दी जाती है । ताकि कैंसर आसपास के किसी हिस्से में ना फैल जाए। कैंसर का इलाज करने के लिए कुछ अन्य इलाज प्रक्रिया भी है । हार्मोन थेरेपी, इम्यूनोलॉजिकल ट्रिटमेंट, बिसफॉस्फोनेट्स थैरेपी आदि । इन इलाज प्रक्रिया का इस्तमाल विशेष स्थितियों में ही किया जाता है । इसके अलावा दवाएं भी दी जाती है ।

नित्कर्ष – कैंसर पीड़ित के साथ प्रेम पूर्ण व्यवहार करना जरूरी है । कैंसर छूने से नहीं फैलता इसके लिए उनके साथ प्रेम पूर्वक व्यवहार करना चाहिए । उनकी इच्छा शक्ति बढ़ाने में प्रोत्साहन देना है । कैंसर लाइलाज बीमारी है । अगर कैंसर के प्रथम चरण में हमें पता चले तो यह बीमारी ठीक हो सकती है । शुरुआती दौर में Cancer ke lakshan को पहचान कर बचा जा सकता है । कोई भी इलाज मुमकिन नहीं है ऐसा नहीं लाइलाज बीमारी इलाज के साथ हो सकती हैं । लेकिन मरीज का आत्म मनोबल बढ़ाना उसके परिवारजनक का कर्तव्य या जिम्मेदारी है ।


बीमारी में वे मरीज विजय हासिल कर सकते हैं, जिनकी इच्छा शक्ति प्रबल है । वह बीमारी से बाहर आ सकते हैं । कभी-कभी इस बीमारी में कुछ लोगों की मृत्यु हो जाती है । पर बीमारी का पता चलने पर उसे छुपाए नहीं, घबराएं नहीं डॉक्टर से मिलना जरूरी है । कैंसर के शुरुआती लक्षणों ( cancer ke lakshan ) को पहचान कर डॉक्टर के बताए गए मार्ग पर चलकर दवा लेने से हम जल्दी से ठीक हो सकते हैं ।। अल्पिता बासा ।।

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मै जी.बालाजी Global Health Tricks का संस्थापक हुँ । हम एक भावुक स्वतंत्र लेखक और ब्लॉगर है । जो हमेशा पाठकों को प्रेरित करने वाले शब्दों को बुनने के लिए समर्पित हूं। लेखन के प्रति मेरा प्रेम विभिन्न विषयों तक फैला हुआ है, जिसमें स्वास्थ्य से जुड़ी रोचक व बहुमूल्य जानकारी पर ध्यान केंद्रित किया गया है। एक शब्दकार के रूप में, आकर्षक और जानकारीपूर्ण ब्लॉग पोस्ट लिखने का उद्देश्य ज्ञानवर्धन और मनोरंजन करना है। जटिल अवधारणाओं को सुलभ सामग्री में अनुवाद करने की क्षमता के साथ, हम ब्लॉगिंग की दुनिया में रचनात्मकता और विशेषज्ञता का एक अनूठा मिश्रण लाने का प्रयास कर रहे है।

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