पतंजलि तिल के तेल के फायदे व नुकसान । Patanjali til ka tel.

Patanjali til ke tel ke fayde

पतंजलि तिल के तेल के फायदे । रोजमर्रा की जिंदगी में हम अनेक तेलों का उपयोग करते हैं जैसे सरसों, मूंगफली, सोयाबीन इत्यादि सभी का अपना अलग-अलग प्रभाव होता हैं । किसी से कुछ फायदा मिलते हैं तो किसी से कुछ फायदे मिलते हैं लेकिन मेरा मानना है कि हमें अपने जीवन में हर बार  तेल को बदल करके खाना चाहिए, ताकि हमारे शरीर में हर प्रकार के पोष्टिक गुण पहुंचते रहे । किसी भी एक तरीके के आयल का उपयोग हमें नहीं करना चाहिए । यह आयल कई ब्रांडो मे उपलब्ध है जैसे पतंजलि तिल का तेल

आधुनिकता के चलते हुए हम सभी लोग जिन चीजों का टेलीविजन कहां विज्ञापन देखते हैं । यह सिटी मॉल वगैरह में जो भी नहीं प्रोडक्ट हमको दिखाई देते हैं उन्हें खरीदने के लिए लालायित रहते हैं लेकिन पुरातन काल से Til के तेल की महत्ता बहुत ही बताई गई है । इस तेल में इतनी चिकनाहट होती है जो कि हमारे शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी होती है । कुछ किसान इसकी फ़सल लेने के बाद तुरंत घाणी निकलवाते है । जो शुद्ध तिल का Tel होता है । तो चलिए जानते हैं –  तिल के तेल का उपयोग, फायदे और नुक्सान – Patanjali til ke tel ke fayde.

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तिल क्या हैं ?

तिल में उपस्थित लेसिथिन नामक रसायन कोलेस्ट्रोल के बहाव को रक्त नलिकाओं में बनाए रखने में मददगार होता है। एक सामान्य सा उदाहरण मेरे सम्मुख आया अगर हम पर्वत के पत्थर को ले और उसमें हम गोल कटोरी जैसा रूप दे दें और उसमें हम तिल का तेल भरें तो हम क्या देखेंगे कि तिल का तेल पूरा उस पत्थर के अंदर रम जाएगा दूसरी तरफ हम अगर यह देखे कि उसे पर्वत के पत्थर के अंदर हम तेल या और किसी तरह का उसमें पदार्थ डालें दूध पानी तो वह जैसा की तैसा बना रहेगा ।

वह उसके अंदर समाहित नहीं होगा इससे हमें यह पता चलता है कि अगर तिल के तेल से हमारे शरीर पर मालिश करें तो वह हमारे हड्डियों के अंदर तक हो जाएगा और हड्डियों के अंदर तक पहुंच करके हमारे शरीर को लाभ प्रदान करेगा हड्डियों को मजबूत करेगा।

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पतंजलि तिल के तेल के फायदे –

तिल एक प्राकृतिक औषधि हैं । जो तिलहन के नाम से जानी जाती हैं । यह 2 प्रकार की होती हैं – सफ़ेद व काली । तिल के तेल के अन्दर फास्फोरस होता है जो कि हड्डियों की मजबूती काटने की भूमिका अदा करता है और तिल का तेल ऐसी वस्तु है जो अगर कोई भी भारतीय चाहे तो थोड़ी सी मेहनत के बाद आसानी से प्राप्त कर सकता और तब उसे किसी भी कंपनी का तेल खरीदने की आवश्यकता ही नही होगी ।

100 ग्राम सफेद तिल के अंदर 1000 मिलीग्राम कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है जो कि हमारी हड्डियों को मजबूती देने में सहायक होती है और मेरा मानना है कि बादाम से ज्यादा भी दिल के अंदर कैल्शियम होता है ।

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पतंजलि तिल के तेल के फायदे कॉलेस्ट्रोल को कम करने मे –

तिल में उपस्थित लेसिथिन नामक रसायन कोलेस्ट्रोल के बहाव को रक्त नलिकाओं में बनाए रखने में मददगार होता है। तिल के तेल में प्राकृतिक रूप में उपस्थित सिस्मोल एक ऐसा एंटी-ऑक्सीडेंट है जो इसे ऊँचे तापमान पर भी बहुत जल्दी खराब नहीं होने देता। लकड़ी की घाणी में इसे पकाने के लिए सबसे अच्छा तेल माना गया है। तिल के तेल में विटामिन बी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।

पतंजलि तिल के तेल के फायदे लिवर को मजबूत करने में

फैटी एसिड से भरपूर होता है इसमें मियां तो नाइस नामक पौष्टिक तत्व पाया जाता है जो लीवर को मजबूत करता है और कोलेस्ट्रॉल पर कंट्रोल करता है ट्राइप्टोफैन नामक एक पदार्थ होता है जो शांति प्रदान करता है और गहरी नींद को लाने में भी सहायक होता है त्वचा पर शांति लाता है।

बहुत ही महत्वपूर्ण एमिनो एसिड होते हैं जो कि हमें चना मूंगफली राजमा जैसे अधिकांश खाद्य पदार्थों से नहीं प्राप्त होते हैं तेल में कैल्शियम आयरन बहुत अधिक मात्रा में होता है जो कि त्वचा को लालिमा प्रदान करता है और कब्ज दूर करता है हृदय रोग को भी आराम मिलता है धमनियों में 28 होते हैं उन्हें भी यह दूर करने में आसानी भरता है साथ ही खराब कोलेस्ट्रोल को कम करता है अच्छे दोस्तों की मात्रा को बढ़ाता है ।

गर्भवती महिला के लिए

तिल के तेल में फोलिक एसिड पाया जाता है जो कि गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे शिशु को मजबूती प्रदान करता है। इसी प्रकार विभिन्न प्रकार के खनीजो से भरपुर होने के कारण धात्री महिलाओ के लिए बहुत ही उपयोगी है । साथ ही साथ शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पुरा करने मे सहायक है ।

मधुमेह रोगियों के लिए

शरीर में उत्पन्न होने वाले ग्लूकोज को लगभग 30%से 40% कम करने की क्षमता रखता है। इनका रोजाना सेवन करने से शुगर के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है।

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तिल का तेल बच्चों की मालिश के फायदे –

पतंजलि तिल के तेल से रोजाना मालिश करना शिशुओ के लिए फायदेमंद हैं । इसमे डायटरी प्रोटीन और एन्टी एसिड होता है जो हड्डियों को मजबूत बनाये रखने मे उपयोगी है । साथ ही साथ ब्लड सरकुलेशन भी बना रहता हैं ।

तिल का तेल केंसर रोग की रोकथाम में उपयोगी –

तिल का तेल शुद्ध प्राकृतिक होता हैं । इसमे सेसमीन नामक एटी ऑक्साइड  होता है। जो कि केंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकते है। साथ ही पव प्रस्तावित कोशिकाओं को बढने से रोकता है।

तिल में न्यूनतम सैचुरेटेड फैट होते हैं इसलिए इससे बने खाद्य पदार्थ उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद करता  है। सीधा अर्थ यह है की यदि आप नियमित रूप से स्वयं के द्वारा निकलवाए हुए शुद्ध तिल के तेल का सेवन करते हैं तो आप के बीमार होने की संभावना बहुत कम हो जाएगी ।

तिल के तेल से नुकसान –

तिल का तेल जितना फायदेमंद है उतना अधिक मात्रा में सेवन करने से नुकसान दायक भी हो सकता है । तिल का तेल अधिक मात्रा में सेवन करने से मोटापा बढ़ सकता हैं । इसमे वसा की मात्रा अधिक होने के कारण बॉडी मे अतिरिक्त फैट जमा हो सकता हैं ।

जब शरीर बीमार ही नही होगा तो उपचार की भी आवश्यकता नहीं होगी । हम दैनिक जीवन में किसी न किसी खाद्यान का उपयोग करते हैं। हमारी राय के अनुसार तेल के तेल का उपयोग अधिक मात्रा में करें । लेकिन फिर भी चिकित्सक से परामर्श  अवश्य करे ।। आभा मिश्रा कोटा राजस्थान ।।

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मै जी.बालाजी Global Health Tricks का संस्थापक हुँ । हम एक भावुक स्वतंत्र लेखक और ब्लॉगर है । जो हमेशा पाठकों को प्रेरित करने वाले शब्दों को बुनने के लिए समर्पित हूं। लेखन के प्रति मेरा प्रेम विभिन्न विषयों तक फैला हुआ है, जिसमें स्वास्थ्य से जुड़ी रोचक व बहुमूल्य जानकारी पर ध्यान केंद्रित किया गया है। एक शब्दकार के रूप में, आकर्षक और जानकारीपूर्ण ब्लॉग पोस्ट लिखने का उद्देश्य ज्ञानवर्धन और मनोरंजन करना है। जटिल अवधारणाओं को सुलभ सामग्री में अनुवाद करने की क्षमता के साथ, हम ब्लॉगिंग की दुनिया में रचनात्मकता और विशेषज्ञता का एक अनूठा मिश्रण लाने का प्रयास कर रहे है।

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