पुलिस में लड़कियों का मेडिकल टेस्ट कैसे होता हैं ?

police me ladkiyon ka medical test kaise hota 

पुलिस में लड़कियों का मेडिकल टेस्ट कैसे होता हैं । किसी भी नौकरी के लिए शारीरिक रूप से फिट होना सबसे जरूरी है क्योंकि शरीर की फिटनेस ही बताती है कि वह अपने काम में कितना सक्सेसफुल होगा। जिसमें पुलिस की नौकरी में Medical test बहुत ही निगरानी पूर्वक की जाती है शरीर के प्रत्येक भाग के परफेक्ट जांच आवश्यक है। शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंग आंख जिसकी रोशनी का चिकित्सा प्रमाण बहुत ही अनिवार्य है । आर्मी व पुलिस लाइन मे आंखों की रोशनी की टेस्ट की प्राथमिकता सबसे पहले हैं । इसके अलावा कानों की भी जांच होती है ताकि उनके सुनने की क्षमता का आकलन कर सकें । इसके अलावा शरीर के प्रत्येक भाग में फिट होते हुए छाती का भी टेस्ट होता है।

इसी प्रकार पुलिस में मेडिकल टेस्ट होने के पूर्व उम्मीदवार को लिखित रूप में परीक्षा पास करनी पड़ती है और शरीर की क्षमता का निरीक्षण भी होता है। निश्चित समयावधि के अंतराल में उम्मीदवार को दौड़ने की परीक्षा देनी पड़ती है । इसके अलावा लॉन्ग जंप हाई जंप की भी परीक्षा देनी पड़ती है क्योंकि शरीर की शारीरिक रूप से फिट होना पुलिस मेडिकल टेस्ट में होना अनिवार्य है ।

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पुलिस मेडिकल टेस्ट क्या है ? इसकी तैयारी कैसे की जाती हैं –

पुलिस फोर्स में भर्ती होने के लिए मेडिकल टेस्ट देना अनिवार्य है । चाहे उसमें कोई भी फोर्स क्यों ना हो अर्ध सैनिक बल या सैन्य बल में भर्ती होने के लिए उम्मीदवार को सारिक मेडिकल परीक्षा देना आवश्यक होता है । लेकिन मेडिकल टेस्ट की परीक्षा तभी होती है जब वह उम्मीदवार लिखित परीक्षा और फिजिकल टेस्ट में सफल होता है। पुलिस मे मेडिकल टेस्ट की तैयारी के रूप मे निम्न बिन्दुओ पर गैर करे –

  • बेहतर हेयर केयर करें,
  • अपने नाखुनो को कटिंग करे,
  • गुप्तांगो की साफ सफाई करें,
  • अपने दांतो की सफाई करे । ध्यान दे कि कही भी कोई
  • काला दाग़, कोचर वगैरह न हो ।
  • आपके शरीर से कोई पसीने की बुंदे या बदबू न आती हो साथ ही साथ कपड़े भी साफ सुथरे हो ।
  • आपकी बोलचाल की भाषा साफ सुथरी रखे । हकलाने या तुतलाने से बचे ।

मेडिकल टेस्ट वह प्रक्रिया है जिसे विभाग को आपकी स्वास्थ्यता का प्रमाण मिलता है कि आप न केवल पढ़ाई मे योग्य है बल्कि शारीरिक रूप से भी फिट है । यह प्रमाण पत्र योग्य डॉक्टर के द्वारा सम्पूर्ण टेस्ट के उपरांत दिया जाता हैं । यह प्रक्रिया लिखित परीक्षा में मेरिट मे आने के बाद लिया जाता हैं ।

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पुलिस में लड़कियों का मेडिकल टेस्ट कैसे होता हैं । –

पुलिस मे चयनित होने के उपरांत न केवल लड़को का बल्कि लड़कियों का मेडिकल टेस्ट लिया जाता है । यह प्रक्रिया कई चरणों से होकर गुजरती है जो इस प्रकार है –

  • किसी भी पुलिस विभाग के परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए लिखित परीक्षा के उपरांत हेयर कटिंग पर ध्यान दिया जाता है अर्थात बालों का परीक्षण होता है इसके उपरांत कान के पर्दे एवं कान की भी मेल की जांच होती है।
  • आंखों की जांच की प्राथमिकता है । इसके अलावा प्राइवेट बॉडी पार्ट की भी जांच की जाती हैं । हाथ पैर अंगुलियों के नाखून दांतो की सफाई होना आवश्यक है।
    लड़कियों के मेडिकल टेस्ट में प्राइवेट पार्ट्स में वैजिनल टेस्ट होता है जिसे योनि परीक्षण कहते हैं, एनल टेस्ट, डिलीवरी या गर्भपात संबंधी जांच की भी परीक्षा ली जाती है।
  • लड़कियों की मेडिकल टेस्ट की जांच में यह ध्यान दी जाती है कि उनकी जांच महिला कर्मचारी की उपस्थिति में हो।
  • मेडिकल टेस्ट के दौरान उम्मीदवार यह खुद जानकारी देती है कि वह महिला गर्भवती है या नहीं इसका भी परीक्षण किया जाता है।
  • इनकी अंता परीक्षण के लिए अल्ट्रासाउंड किया जाता है जिसमें पेट की आंतरिक विभाग की जांच होती हैं ।
    पैरो की समतलता के अलावा दौड़ते या चलते समय घुटनो का आपस में टकराने का टेस्ट होता हैं ।
  • छाती का उभार या कम विकसित होने के कारण बीमारी की जाँच की जाती है ।
  • त्वचा रोग के बारे जानने के लिए स्किन टेस्ट करवाना आवश्यक है । इसी प्रकार लड़को मे भी आँख, कान, नाक, दांत, हार्ट बीट, हाथ – पैर की अंगुलियों की कसावट के अलावा गुप्तांगो की भी जाँच की जाती है । यह प्रक्रिया जिला अस्पताल या सरकारी अस्पताल मे योग्य डॉक्टर द्वारा की जाती है ।

दिल्ली पुलिस में लड़कियों का मेडिकल टेस्ट कैसे होता हैं । –

Delhi Police Constable के उम्मीदवारों की शैक्षिक योग्यता ट्वेल्थ पास होना अनिवार्य है । चाहे वह किसी भी माध्यम से क्यों ना पास किया हो । इस प्रतियोगिता में महिलाओं की न्यूनतम ऊंचाई 157 सेंटीमीटर और अनुसूचित जाति और जनजाति उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम 155 सेंटीमीटर तय की गई है। महिलाओं की छाती की जांच की आवश्यकता नहीं होती।

लिखित रूप की परीक्षा में 100 अंकों के प्रश्न पूछे जाते हैं जिसमें से परीक्षार्थी को 90 मिनट का समय दिया जाता है सामान्य ज्ञान में 50 प्रश्न पूछे जाते हैं और अन्य विषय के 50 अंक होते हैं। 30 वर्ष तक की महिला उम्मीदवार को 8 मिनट का समय दिया जाता है 10 फीट लंबा और 3 फीट ऊंचा छलांग मारना होता है इसके अलावा 40 वर्ष की ऊपर की महिलाओं को 10 मिनट का समय दिया जाता है 8 फीट लंबा और 2 फीट 6 इंच ऊंचा छलांग मारने का मौका दिया जाता है।

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राजस्थान पुलिस में लड़कियों का मेडिकल टेस्ट कैसे होता हैं ।

राजस्थान पुलिस भर्ती परीक्षा तीन चरणों में सम्पन्न होती है । प्रथम लिखित दूसरी शारीरिक मेडिकल परीक्षण के दौरान फिट होना आवश्यक है। राजस्थान पुलिस में महिला के लिए दौर में 800 मीटर को 3 मिनट में 30 सेकंड में पूरा करना होता है। महिला उम्मीदवार के लिए ऊंचाई 157 पॉइंट 5 सेंटीमीटर और वजन 47 किलोग्राम होना चाहिए ।

Rajasthan Police constable मे योग्य उम्मीदवारो को मेडिकल टेस्ट लिया जाता है । चाहे वो लड़का हो या लड़की कोई फर्क नही पड़ता है । इस टेस्ट के रूप मे ब्लड टेस्ट के साथ साथ आँख, कान, नाक, दांत के अलावा गुप्तांगो की जांच की जाती है । साथ ही साथ पाइल्स सहित अन्य रोगो की जाँच की जाती है । अस्वस्था साबित होने पर अयोग्य माना जाता हैं ।

UP Police Test – उप पुलिस मेडिकल टेस्ट डिटेल्स

यूपी पुलिस लगभग पुलिस विभाग की सभी परीक्षाएं सामान्य रूप में ही होती है अर्थात सभी परीक्षाओं की समानता होती है उत्तर प्रदेश पुलिस में इसकी तैयारी के लिए युवाओं को लिखित परीक्षा की तैयारी में समय देना पड़ता है क्योंकि इसमें सफल होना आवश्यक है तभी मेडिकल की शारीरिक परीक्षण दे पाएंगे।

  • नाक की जांच परीक्षण के दौरान देखा जाता है कि नाक की हड्डी टेढ़ी ना हुई हो इस दौरान डीएनए जैसी समस्या में कोई बीमारी नहीं होनी चाहिए।
  • सिर में किसी तरह की चोट नहीं लगी रहनी चाहिए।
  • आंख की जांच के दौरान आंखों में भेंगापन टेढ़ापन जैसी प्रॉब्लम या बिना चश्मे की आंखें की दृष्टि सामान्य होनी चाहिए।
  • उम्मीदवार की सुनने की क्षमता सामान्य होनी चाहिए जो कान के परीक्षण से पता चलता है।

मध्य प्रदेश पुलिस मे मेडिकल टेस्ट कैसे होता हैं –

MP Police constable. ( मध्य प्रदेश पुलिस ) में महिलाओं की परीक्षण के दौरान ऊंचाई 155 सेमी होना चाहिए। महिलाओं की छाती की कोई जांच नहीं होती।
शारीरिक परीक्षण के दौरान 3 विद्याओं में 800 मीटर दौड़ गोला फेंक और लंबी कूद में सफल होना जरूरी है इसी के आधार पर अंक दिए जाते हैं।

पुलिस मेडिकल टेस्ट में आंखों की रोशनी की जांच सर्वप्रथम होती है इसके अलावे कानों की जांच होती है। महिलाओं की छाती के टेस्ट नहीं होती।

उतरप्रदेश पुलिस, छतीसगढ़ पुलिस, दिल्ली पुलिस, मध्य्प्रदेश पुलिस व उत्तराखंड पुलिस कांस्टेबल के आँखों की रौशनी 6/12 होनी चाहिये । जबकि अन्य राज्यों की पुलिस व केंद्रीय पुलिस के लिए आँखों की दृष्टि बिना चश्मे से 6/6 व 6/9 होनी आवश्यक है ।

किस नौकरी में मेडिकल नहीं होता हैं –

Govt. job में चयनितों को मेडिकल टेस्ट अनिवार्य रूप से होता है। क्योंकि सरकार उम्मीदवार को परमानेंट नौकरी दे रही है इसके लिए उसको फिट होना शारीरिक रूप से आवश्यक है। यानी कि सरकारी नौकरी में चाहे वह कोई भी पद के लिए हो डॉक्टर के मेडिकल सर्टिफिकेट में फिटनेस का होना आवश्यक है।

हां प्राइवेट जॉब में ऐसी कोई बाध्यता नहीं रहती है क्योंकि यहां नौकरी की पूर्णता की गारंटी नहीं रहती है । प्राइवेट नौकरियों में कंपनी अपनी नफा नुकसान के आधार पर व्यक्ति को रखती है ना कि उसके फिटनेस को देखते हुए किसी भी कर्मचारी से उस कंपनी में फायदा हो रहा हो तो वह उसे स्थाई रूप में भी रख सकता है ।

लेकिन अगर किसी तरह से नुकसान हो रहा तो उसे तत्काल हटा भी सकता है। इसके अलावा सेल्फ एंप्लॉयड और फ्रीलांसर इत्यादि में किसी तरह की मेडिकल टेस्ट की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

निष्कर्ष – किसी भी परीक्षा को सफलतापूर्वक हासिल करने के लिए सबसे पहले मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होना आवश्यक है । मानसिक परीक्षण यह बताती है कि आप लिखित रूप में कितने कुशल हैं और शारीरिक परीक्षण यह बताती है कि आप शारीरिक रूप से किसी भी काम के लिए कितने परफेक्ट हैं। और पुलिस विभाग के उम्मीदवारों को और भी परफेक्ट होना आवश्यक है क्योंकि उस पर देश की सुरक्षा निर्भर रहती हैं । कल्पना झा ।।

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