सफ़ेद पानी का रामबाण इलाज – लिकोरिया की टेबलेट, दवा syrup.

Likoria ka gharelu ilaaj.
Likoria ka gharelu ilaaj.

सफ़ेद पानी का रामबाण इलाज । महिलाओं में होने वाली आम समस्या है ल्यूकोरिया। आँकड़ों में देखें तो हर तीन में से एक महिला अपने जीवन में कभी ना कभी इससे ग्रस्त होती है। न केवल महिलाएं बल्कि अविवाहित लड़कियां भी श्वेत प्रदर यानी सफेद पानी की शिकार हो रही है । इनका मुख्य कारण खानपान एवं जीवनशैली है । जैसे अधिक चटपटा एवं मसालेदार भोजन करना या मीठा खाना आदि अनेक कारण हो सकते है ।

कुछ महिलाओं / लड़कियों में अपने पार्टनर से फोन पर बात करते करते योनि द्वार से सफेद पानी आने लगता है । लेकिन इसे लिकोरिया नहीं कहा जा सकता । यह एक अतिकामोत्तजना का परिणाम है । इसी प्रकार कभी कभी गर्भावस्था के दौरान भी सफेद पानी की प्रॉब्लम होती है । कुछ महिलाएं पीरियड में आने से सफेद पानी की शिकायत होती है । तो चलिए जानते है – likoria ka ghrelu ilaaj.

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लिकोरिया क्या है ? What is Leucorrhea in hindi.

लिकोरिया एक ऐसी प्रॉब्लम हैं जिसमे योनि से सफेद पानी आता है । कभी कभी गाढा एवं बदबूदार पानी निकलता है । इस प्रॉब्लम में पानी दिनभर रुक रुक कर टपकता रहता है । इसे लिकोरिया, ल्यूकोरिया, श्वेत प्रदर या सफेद पानी आना आदि नामों से जाना जाता है । इसे White discharge भी कहा जाता है ।
हालांकि यह महिलाओं में आम प्रॉब्लम है। सामान्यतः ल्यूकोरिया पतला, पारदर्शी, गंध रहित, तरल होता है। किंतु संक्रमण की स्थिति में इसके स्वरूप में परिवर्तन हो जाता है। और बदबू देने लगता है । लगातार कई दिनों तक रिसाव होने पर शारिरिक रूप से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है । फलस्वरूप कमजोरी व थकान महसूस होती है ।

सफ़ेद पानी का रामबाण इलाज व घरेलू उपाय ।

दादी नानी के आजमाए कुछ घरेलू नुस्खे जो ल्यूकोरिया में राहत दे सकते हैं –
● आंवले के चूर्ण का पानी के साथ सेवन करना ल्यूकोरिया में फायदा देता है।
● केले का चीनी के साथ सेवन करना।
● जामुन की छाल के पाउडर का सेवन करना।
● पके केले को घी या मक्खन के साथ सुबह-शाम खाना ।
● सुबह शाम गुलाब के पत्तों का चूर्ण बनाकर दूध के साथ खाना ।
● टमाटर का नियमित सेवन भी लिकोरिया में फायदा देता हैं ।

home remedies for Leucorrhea disease.

जामुन से सफ़ेद पानी का रामबाण इलाज –

जामुन की छाल को छाया में सुखाकर उसको पीसकर बारीक चूर्ण बना लेना चाहिए। इस चूर्ण की दो से तीन ग्राम मात्रा का सुबह शाम पानी के साथ सेवन करना चाहिए।

अंजीर से सफ़ेद पानी का रामबाण इलाज –

दो से तीन अंजीर को रातभर भीगो कर सुबह पीसकर खाली पेट सेवन करने से ल्यूकोरिया से निजात पाने में मदद मिलती है।

त्रिफला से सफ़ेद पानी का रामबाण इलाज –

चार चम्मच त्रिफला को दो से तीन गिलास पानी में रात भर के लिए भिगो दें। सुबह छान कर इसके पानी से जननांग धोने से ल्यूकोरिया में राहत मिलती है। ऐसा एक हफ्ते तक करना लाभ देता है।

अमरूद से सफ़ेद पानी का रामबाण इलाज –

5-6 अमरूद के पत्तों को आधे घंटे तक उबालकर, छानकर उस पानी से जननांगों को धोना चाहिए।

नीम से सफ़ेद पानी का रामबाण इलाज –

नीम के पेड़ की छाल को पीसकर पाउडर बना लें। उस पाउडर को शहद के साथ दिन में तीन बार लेने से ल्यूकोरिया में राहत मिलती है।

मेथी से लिकोरिया का घरेलू इलाज –

250 ग्राम हरी मेथी को पानी में उबालकर उस पानी से जननांगों को धोना। यदि हरी मेथी उपलब्ध ना हो तो सूखी मेथी के पाँच चम्मच एक लीटर पानी में रातभर भीगोकर, सुबह उबालकर, छानकर इसके पानी से जननांगों को धोना चाहिए।

इसके अलावा रात को मेथी दाना को भींगो कर सुबह खाली पेट पानी पीने से सफेद पानी जैसे प्रॉब्लम के लिए उपयोगी है । वही एक चम्मच गुड़ व मेथी सेवन करने से सफेद पानी ( white discharge ) से निजात मिलती है । प्रेग्नेंसी के बाद मेथी के लड्डू खाने से लिकोरिया से मुक्ति मिलती है । मेथी के बारे में पूरा पढ़े – मेथी खाने के फायदे नुकसान । Methi ke fayde nuksan.

सफेद पानी की आयुर्वेदिक दवा –

लिकोरिया में कुछ आयुर्वेदिक औषधियां फायदा दिला सकती है ।
1. शकरकंद, जीमिकंद को बराबर मात्रा में लेकर छाया में सुखाकर पाउडर बना लेना। 5 ग्राम मात्रा को पानी या बकरी के दूध के साथ सुबह – शाम सेवन करना।

2. दारूहल्दी, बबूल का गोंद, शुद्ध रसायन 10-10 ग्राम नागरमोथा और सोना गेरू 5- 5 ग्राम मिश्री 20 ग्राम सभी को मिलाकर पाउडर बनाकर 2 से 3 ग्राम मात्रा पानी के साथ सुबह-शाम लेने से लाभ मिलता है।
3. मोतीसरा, अनार की कली, पठानी लोध और समुद्र शोष 40-40 ग्राम और मिश्री 50 ग्राम का पाउडर बनाकर 6 से 12 ग्राम मात्रा गर्म दूध के साथ सुबह – शाम लेने से फायदा होता है ।

ल्यूकोरिया में योगासन । likoria ke liye yoga.

ल्यूकोरिया से मुक्ति दिलाने में एवं स्वस्थ बने रहने में योगासन बहुत लाभदायक होते हैं । लिकोरिया में शीर्षासन, ब्रम्हचर्यसन, सुप्त वज्रासन का नियमित अभ्यास करने से स्वस्थ होने में मदद मिलती है । इसके साथ ही भ्रस्त्रिका, बाहृप्राणायाम, अनुलोम विलोम और भ्रामरी प्राणायाम भी अनुकूल परिणाम देते हैं ।

होम्योपैथी में सफ़ेद पानी की दवा –

ल्यूकोरिया का होम्योपैथी में भी इलाज संभव है । जिसके लिए आम प्रचलन में निम्न दवाइयां है-
एंटीमोनियम क्रूडूम – इसे ब्लैक सल्फाइड ऑफ एंटीमनी भी कहते हैं ।

एल्युमीना – ऑक्साइड ऑफ एल्युमीनियम अर्गिला।
कैल्केरिया कार्बनिका- कार्बोनेट ऑफ लाइम,
बोरेक्स – बोरेट ऑफ सोडियम
कैंथारिस वेसिकेटोरिया – स्पेनिश फ्लाई ।
ग्रेफाइट – ब्लैक लैड

काली बाईक्रोमियम – बाइक्रोमेट ऑफ पोटाश ।
नेट्रम क्यूरियेटिकम – कामन साल्ट प्लैटिना आदि दवाइयां होम्योपैथी में है । इनका सेवन और इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह के साथ ही किया जाना चाहिए।

सफेद पानी की दवा syrup –

उज्ज्वला आयुर्वेदा आश्रम ( Ujwala Ayurveda Aashram Whitocon syrup 200 ml )
दिव्यसखी ( Divyasakhi )आल इन वन गर्भाशय एवं स्वास्थ्य टानिक।
● A&A आयुर्वेदिक Wivlikor ( 120 ग्राम )
ल्यूकोल सिरप ( Lukol )

एलोपैथी के ल्यूकोरिया के प्रकार । Types of leucorrhea.

एलोपैथी में ल्यूकोरिया को 5 तरह का माना जाता है –
● पहला साधारण जो मासिक धर्म के साथ आता है और चला जाता है ।
● दूसरा संसर्ग के कारण इंफेक्शन होने से होता है।
● तीसरा बच्चेदानी में दाना होने के कारण होता है।
● चौथा बच्चेदानी में कैंसर के कारण हो सकता है।
● पांचवा बच्चेदानी निकालने पर इसके मुंह पर होने वाली लाली के कारण होता है। इसे ग्रैनीलूसन टिश्यू भी कहते हैं ।

ल्यूकोरिया में जाँच | Leucorrhea test in hindi.

30 वर्ष या उससे अधिक की महिलाओं को 5 वर्ष में एक बार पैपस्मीयर की जांच करवानी चाहिए। जिससे स्वास्थ्य का पता लग सके और होने वाले इन्फेक्शन का पता लगाकर जल्दी इसका समाधान किया जा सके ।

ल्यूकोरिया के लक्षण –

ल्यूकोरिया रोग के लक्षण | Leucorrhea symptoms in hindi.
● गाढ़ा सफेद पीला या हरा स्त्राव होना ।
● दुर्गंध युक्त स्त्राव होना ।
● जननांगों में खुजली रेशेज होना ।
● हाथ पैरों में जलन, सर दर्द, चक्कर आना ।
● पेशाब में जलन होना ।
● दो मासिक चक्र के बीच में भी रक्त स्त्राव होना ।
● सामान्य से अधिक कमजोरी, सुस्ती और थकान होना ।

पढ़े – अश्वशक्ति पाउडर के फायदे व नुकसान । Ashwashakti ke fayde.

लिकोरिया के कारण –

स्त्री शरीर में समय-समय पर होने वाले बदलाव जैसे प्यूबर्टी, मासिक चक्र, गर्भधारण, रजोनिवृत्ति आदि के दौरान होने वाले हारमोंस में परिवर्तन के कारण ल्यूकोरिया हो सकता है।
● केमिकल युक्त प्रसाधनों के प्रयोग से ।
● गर्भाशय ग्रीवा या जननांगों में चोट से।
● स्वच्छता के अभाव के कारण।
● लंबे समय तक सेनेटरी पैड को न बदलने के कारण।
● कापर -टी लगा होने से।
● बार बार गर्भपात होना।
● असुरक्षित यौन आचरण।
● पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करना।
● अत्यधिक तेज मसालेदार चटपटी भोजन का करने से।
● मांस मदिरा का सेवन करने से।
● एचआईवी संक्रमण से।
● कम रोग प्रतिरोधक क्षमता होने से।
● डायबिटीज जैसी बीमारियों के कारण भी लिकोरिया हो सकता है।

सफेद पानी क्यों आता है लड़कियों को –

महिला या लड़की सफेद पानी की प्रॉब्लम किसी भी उम्र में हो सकती है । हालांकि इनके कारणों में ज्यादा कोई भिन्नता नहीं है । लेकिन खानपान एवं जीवनशैली एक मुख्य कारण है जैसे –
● तीखा या अधिक मसालेदार भोजन करना ।
● प्राइवेट पार्ट की समय पर सफाई न करना ।
● अविवाहित लड़कियों में पोषण की, खून की कमी से ।
● अधिक तंग और सिंथेटिक अंतर्वस्त्रों के प्रयोग करने से ।

बात करते करते सफेद पानी आना –

आजकल बदलती जीवनशैली में लड़के लड़कियों के बीच व्हाट्सएप या फोन पर लम्बी लम्बी बातें होती हैं । इन प्यार भरी बातो के दौरान सफेद पानी गिरना एक आम प्रॉब्लम हैं । यदि केवल बात करते समय आ रहा है तो इसे लिकोरिया की श्रेणी में रखना जल्दबाजी होगी । क्योंकि रतिक्रिया के दौरान आने वाले पानी की तुलना की जा सकती है जो वंजाइना को गीला करता है । पार्टनर के प्रति गहरे लगाव या आकर्षण के कारण बात करते समय निकल आता है ।

बात करते करते योनि में से सफेद पानी आने का कारण अधिक कामोउत्तेजना हो सकता है । यानी इनका कारण भावात्मक हो सकता था । जिनका इलाज भी आपके पास ही है । कोई भी दवाई कारगर नहीं हो सकती हैं । मन से कामेच्छा निकाल लीजिए । या इस तीव्र कामेच्छा को समय के अनुसार काम में लीजिए ।

लिकोरिया होने पर क्या करें-

कुछ उपायों से ल्यूकोरिया से बचा जा सकता है।
● जननांगों को गीला ना रखें, सूखा और साफ रखें ।
● दबाव से बचें।
● मसालेदार भोजन ना करें।
● मीठी चीजों का सेवन कम करें।
● बासी भोजन ना करें।
● फल रेशेदार सब्जियां अधिक खाएं ।
● सुबह शाम अंतः वस्त्र बदलें।
● मूत्र और शौच को ना रोकें।
● डायबिटीज में रक्त शर्करा को नियंत्रण में रखें।
● मासिक धर्म में साफ सफाई रखें ।
● स्वच्छता रखें एवं हर 5-6 घंटे में पेड बदलें ।

ल्यूकोरिया में डॉक्टर से कब संपर्क करें ।

● लंबे समय खुजली और जलन होने पर।
● स्त्राव का रंग हल्का पीला, हल्का लाल, हल्का नीला होने पर ।
● स्त्राव का दुर्गन्धयुक्त होने पर बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए । हमारी थोड़ी जागरूकता, थोड़ी सजगता और स्वच्छता हमें अनेक बीमारियों के जटिल होने से बचा सकती है ।

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