बदलती जीवनशैली एवं लगातार वर्किंग के चलते अनेको बीमारियां घेर लेती है उनमें से हर्निया भी एक है । हर्निया ( Hernia in hindi. ) एक ऐसी स्थिति है जो किसी भी उम्र के महिला, पुरूष या बच्चे को हो सकती है । इस स्थिति में दर्द भी अधिक होता है ।
पेट में हर्निया जैसे रोग का होना एक आम बात है । यह जांघ के ऊपरी हिस्से बीच पेट में और पेट और जांघ के बीच के भाग में हो जाता है। कभी-कभी इसका दर्द अधिक होता है और कभी सामान्य होता है । इसी दर्द से हमें हानियां जैसे रोग की समस्या का पता चलता है।
हर्निया ( Hernia in hindi ) एक पेट की बीमारी है । जो खानपान एवं भारी भरकम वजन उठाने पर होती है । जिसे पेट के आस पास गांठ बन जाती है और दर्द करने लगती है । अपनी जीवनशैली में बदलाव करके हर्निया से बचा जा सकता तो चलिए जानते है हर्निया के बारे में – Hernia in hindi.
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हर्निया क्या है ? what is hernia in hindi.
किसी भी व्यक्ति के शरीर में हर्निया जैसा रोग और पेट दर्द जैसी समस्या हो जाती है यह समस्या तब पैदा होती है जब हमारे पेट में से कोई अंग या मांसपेशी या उत्तक पेट की कमजोर दीवारों से छेद की सहायता से बाहर आने लगता है अर्थात कई बार ऐसा होता है ।
हमारे पेट की आंत की दीवारें कमजोर हो जाती है और आंत छेद करके बाहर आ जाती हैं । मांसपेशियों का कमजोर होना हार्निया जैसे रोग को जन्म देता है। यह समस्या स्त्री /पुरुष किसी को भी हो सकती है । कई बार यह समस्या बहुत बढ़ जाती है ।
व्यक्ति खड़े होने में तकलीफ महसूस करता है, खांसने में दिक्कत आती हैं और अन्य कार्य करने में भी उसे परेशानी होने लगती है। वह केवल लेट जाना और आराम करना ज्यादा अच्छा मानता है । क्योंकि उसे तब आराम मिलता है ।
हर्निया के कुछ प्रकार | Type of Hermia in hindi.
हर्निया के कुछ प्रकार हो सकते हैं – स्त्री और पुरुष दोनों में यह अलग-अलग प्रकार का होता है । उसी के आधार पर इसे वर्गीकृत किया गया है । हर्निया को इसके किसी अंग से निकलने के आधार पर ही बांटा गया है।
◆ वेक्षण हर्निया – यह हर्निया का सबसे आम प्रकार है । ब्रिटिश हर्निया सेंटर (BHC) के अनुसार हर्निया के सभी प्रकारों में कुल 70% मामलों में इस प्रकार का हर्निया रोग पाया जाता है । यह हर्निया तब होती है जब आंत पेट में किसी कमजोर जगह या पेट की निचली दीवार को फाड़ कर बाहर निकल आ जाती है ।
अक्सर वेक्षण केनाल में यह होता है। इस तरह का हर्निया महिलाओं की तुलना में पुरुषों में होना अधिक पाया जाता है । ऐसा इसलिए है क्योंकि जन्म के कुछ ही समय बाद मनुष्य के अंडकोष इंगवाइनल केनाल से बाहर निकल आते हैं और केनाल को लगभग पूरी तरह से बंद करना होता है । कभी-कभी केनाल ठीक से बंद नहीं होता है और हर्निया होने के लिए एक कमजोर क्षेत्र बन जाता है जो इसका कारण बन जाता है।
◆ नाभि हर्निया – नाभि हर्निया जैसा रोग बच्चों में और 6 महीने से कम उम्र के बच्चों में हो सकता है । ऐसा तब होता है जब उनकी आंतें नाभि के पास बाली पेट की दीवार के माध्यम से बाहर निकलने लगती है। इसका पता तब चलता है जब बच्चा रो रहा होता है और बच्चे की नाभि में या उसके आसपास एक उभार सा देखने को मिलता है।
जब बच्चा लगभग 1 वर्ष का हो जाता है और पेट की दीवार की मांसपेशियां भी मजबूत हो जाती है तो इस प्रकार की हर्निया का रोग अक्सर खत्म हो जाता है । यदि इस प्रकार की हर्निया खत्म ना हो तो इसे ठीक करने के लिए सर्जरी का उपयोग किया जा सकता है ।
◆ जघनास्थित हर्निया – इस प्रकार का हर्निया रोग पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक होता है ।और यह भी देखा गया है कि 20% लोगों को ही होता है । यह एक असामान्य प्रकार का हर्निया रोग है ।
यह कभी-कभी जांघों या ग्रो इन के भीतरी ऊपरी हिस्से में दिखाई देता है । जब लेटते हैं तो यह उभर कर वापस चला जाता है लेकिन खांसी आने पर और किसी तरह के दर्द के कारण यह वापस आ सकता है।
◆ इंसीज़नल हर्निया – इंसीजनल हर्निया पेट की सर्जरी होने के बाद हो सकती हैं । मनुष्य की आंतें चीरे के निशान या आसपास के कमजोर उत्तक के माध्यम से बाहर की ओर निकल जाती है। तब यह इंसीजनल हर्निया की समस्या आ जाती है।
हर्निया के लक्षण । Symptoms of hernia in hindi.
हर्निया किसी भी उम्र या महिला, पुरूष या बच्चे को हो सकता है । इनकी पहचान लक्षणों के आधार पर की जा सकती है जो इस प्रकार से है –
◆ लगातार खड़े रहने एवं झुकने में दर्द होना ।
◆ गांठ सा उभार महसूस होना एवं दर्द होना ।
◆ उभार वाले हिस्से के साथ साथ कभी कभी छाती में भी दर्द रहता है ।
◆ हर्निया होने पर पेट में भारीपन एवं ऐंठन की स्थिति बनी रहती है ।
◆ प्रभाव वाले हिस्से पर जलन भी होती है ।
◆ इसी प्रकार छोटे बच्चों को हर्निया होने पर बच्चा दर्द अधिक के कारण अधिक रोता है । बॉडी के किसी भी हिस्से में विशेष रूप से पेट के आसपास गांठ होने के साथ साथ दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें ।
महिलाओं में हर्निया के लक्षण | symptoms of hernia in women’s.
पुरुषों की तरह महिलाओं में भी हर्निया के लक्षण ( Hernia in hindi.) हो सकते है । डॉक्टर्स के अनुसार इन लक्षणों में मुख्य रूप से इस प्रकार है –
● महिला के उभार में भारीपन होने के साथ साथ दर्द होना ।
● महिलाओं के पेट मोटा होना ।
● पेट की आंतो या चर्बी का बाहर निकलना ।
● लम्बे समय से तनाव, उल्टी होना ।
◆ मल मूत्र त्यागने में परेशानी होना ।
◆ लगातार खड़े रहने में परेशानी होना एवं खांसी होना ।
◆ स्किन के नीचे एक प्रकार का उभार जैसे लगना आदि ।
हर्निया रोग के कारण । causes of Hernia in Hindi.
हर्निया मांसपेशियों की कमजोरी और तनाव के सहयोग के कारण होते हैं। हर्निया तेजी से या लंबे समय तक के लिए विकसित हो जाती है। इसके बहुत से कारण है – कुछ मांसपेशियों की कमजोरी के सामान्य कारण है जैसे
◆ गर्भ में पेट की दीवार सही तरीके बंद होने में असफल यह एक जन्मजात दोष है ।
◆ आयु बढ़ने के साथ यह समस्या कई बार हो जाती है ।
◆ यदि किसी व्यक्ति को बड़े दिनों से खांसी की शिकायत चल रही है तब भी यह समस्या हो जाती है ।
◆ कई बार पेट में कोई चोट लग जाती है या सर्जरी के बाद किसी प्रकार की तकलीफ वह भी हर्निया का कारण बन जाता है ।
◆ कुछ ऐसे भी कारण है जो शरीर पर दबाव डालते हैं और हर्निया जैसा रोग जन्म ले लेता है ।यह तभी संभव हो पाता है जब मांसपेशियां कमजोर हो जाती है । जैसे – कब्ज या कॉन्स्टिपेशन होने पर व्रोवेल मूवमेंट के समय तनाव बढ़ जाता है ।
◆ भारी वजन उठाने पर। अचानक किसी का वजन बढ़ जाने के कारण ।
◆ गर्भवती महिला जिसके पेट पर दबाव पड़ता है ।
◆ लगातार खांसी या छींकने की समस्या के कारण ।
◆ बढ़े हुए प्रोस्टेट के कारण ।
◆ भारी वस्तुओं को उठाना।
◆ खराब पोषण ।
◆ बीड़ी सिगरेट धूम्रपान करना |
◆ कुछ काम करने के बाद शारीरिक थकावट हो जाना।
◆ किसी अंग की सर्जरी के कारण सिस्टिक फाइब्रोसिस और हर समय तनाव में रहना डिप्रेशन में आना भी हानियां जैसे रोग का कारण बन जाता है।

हर्निया से होने वाले नुकसान । Hernia Complications in Hindi.
हर्निया से नुकसान तब होता है जब चर्बी का कण हर्निया की थैली में फंसकर रुकावट पैदा करता है । जिसे ऊतक में खून की आपूर्ति बाधित होती है । औऱ सूजन होती है । ऐसी स्थिति में ऊतक मृत होने लगते है । स्ट्रैंगुलेटेड हर्निया की यह स्थिति बहुत ही खतरनाक होती हैं ।
जैसा कि आप जानते हैं कि हर्निया एक पेट की बीमारी है । अगर हर्निया का आकार ज्यादा बड़ा है तो आहार नली को विस्थापित करने में सीने तक पहुंच सकती है । ऐसी स्थिति भी आपातकालीन हो सकती है । अब यहां एक बात गौर करने योग्य है यह स्थिति आपकी बॉडी की सरचना पर निर्भर करती है ।
हर्निया का इलाज | Treatment of hernia in hindi.
हर्निया का इलाज हर्निया के आकार और लक्षणों पर निर्भर करता है यदि समस्या ज्यादा है तो हर्निया के इलाज की जरूरत है यदि कम है तो इलाज की जरूरत नहीं भी हो सकती है डॉक्टर लक्षणों के जटिलता के आधार पर हर्निया की जांच करते हैं ।हर्निया के इलाज के लिए कुछ विकल्प है ।
जैसे – जीवन शैली में परिवर्तन, सर्वप्रथम हमें अपने जीवन शैली में बदलाव लाना होगा । बहुत ज्यादा और भारी खाना खाने से बचना है । खाना खाने के तुरंत बाद लेटना या सोना नहीं चाहिए । शरीर का वजन ना बड़े इसका ध्यान रखना चाहिए ।कुछ ऐसे योग अथवा व्यायाम भी है जो हर्निया की जगह की आस पास की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करते हैं और हर्निया के कुछ लक्षणों को कम भी करते हैं ।
व्यायाम भी सही तरीके से होना चाहिए । गलत तरीके से किया गया व्यायाम दबाव बढ़ा सकता है ।इसके लिए डॉक्टर की सलाह बहुत जरूरी है । खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए । ऐसे खाद्य पदार्थ जिन से एसिडिटी हो या सीने में जलन हो उससे बचना चाहिए । धूम्रपान बीड़ी सिगरेट के प्रयोग से बचना चाहिए।
दवाइयों की सहायता से –
दवाइयों की सहायता से हर्निया की समस्या से भी कुछ हद तक बचा जा सकता है । डॉ ऐसी दवाइयां रोगी को खाने की सलाह देते हैं जो पेट में एसिड को कम करती हैं डॉक्टर की सलाह रोगी के लिए बहुत जरूरी है ।यदि लगातार खांसी हो रही है तब भी तुरंत डॉक्टर को दिखाएं दवाई के सेवन से खांसी से राहत मिलेगी । कब्ज या कॉन्स्टिपेशन की समस्या भी दवाइयों के द्वारा खत्म हो सकती है।
हर्निया की सर्जरी । Surgery of hernia in hindi.
यदि हर्निया लगातार बढ़ रही है या उसमें दर्द बढ़ता जा रहा है तो केवल डॉक्टर ही यह है कह सकते हैं कि इसे सही करने के लिए सबसे अच्छा तरीका क्या है । हर्निया को सही करने के लिए सर्जरी सबसे अच्छा तरीका है । जिसमें डॉक्टर पेट की दीवार में हुए छेद को सिल सकता है । आमतौर पर यह सर्जिकल जाल के साथ छेद को पैच करके किया जाता है । हर्निया को ओपन या लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के साथ सही किया जाता है ।
लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के लिए केवल एक छोटे से कैमरे और कुछ छोटे-छोटे सर्जरी कल यंत्रों का उपयोग होता है ओपन सर सर्जरी से यदि हर्निया का इलाज किया जाता है, तो सही होने में काफी समय लगता है ऑपरेशन के बाद 6 सप्ताह तक सामान्य रूप से घूमने फिरने में असमर्थता हो सकती है।
हर्निया से बचाव के लिए कुछ घरेलू उपाय | Home remedies of Hernia in hindi.
हर्निया से बचाव के लिए कुछ ऐसे उपाय हैं जो हमारे हाथ में होते हैं । हमारे प्रयास करने पर इन समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं । हमारी मांसपेशियां कमजोर होती जाती है, इन्हें हम आसानी से रोक नहीं सकते । हम अपने तनाव को कम कर सकते हैं, इससे हर्निया से बचने में मदद मिलती है । इसकी रोकथाम के लिए प्रयास जारी रखनी चाहिए ।
◆ जिन लोगों को धूम्रपान करने की आदत है उन्हें इस आदत को छोड़ना पड़ेगा।
◆ बार बार खांसी आना छींक आना भी इन रोगों को बढ़ाती है अतः हमें घरेलू तौर पर या डॉक्टर की सलाह दवाइयों का सेवन अवश्य करना चाहिए ।
◆ एक अच्छी जीवनशैली को अपनाकर अपने शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए ज्यादा वजन से बचना चाहिए।
◆ बहुत भारी वजन ना उठाएं ।
◆ भारी भोजन ना करें।
◆ कब्ज ना होने दें ।
◆ अपने घुटनों पर ज्यादा जोर ना डालें किसी प्रकार का वजन घुटनों पर ना देकर पीठ पर दें ।संतुलित आहार लें इस प्रकार इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखते हुए हम हर्निया जैसी समस्याओं से बचे रह सकते हैं।
नोट – Hernia in hindi. में दी गई जानकारी के लिए का उद्देश्य केवल शैक्षणिक हैं । अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से सम्पर्क करना अनिवार्य समझे ।। शीला सिंह बिलासपुर हिमाचल प्रदेश ।।